प्रकाशितवाक्य अध्याय 5, भाग 1 (Revelation, Chapter Five #1)

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प्रकाशितवाक्य अध्याय 5, भाग 1

जैफरसनविले, इन्डियाना यू. एस. ए.

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1भाई नेविल, आपका बहुत बहुत धन्यवाद; मेरे भाई, प्रभु आपको आशीष दे।और सुप्रभात, मित्रों! इस सुबह यह एक खुशी की बात है, कि हमें सौभाग्य मिला है, या मैं कहूँगा, कि हमें एक महान सौभाग्य मिला है, कि हम यहाँ इस टेबरनिकल में फिर वापस आने पाये हैं, और हमें समय मिला है…..हम सुबह की अपनी आराधना के लिए और वचन के चौगिर्द संगति करने के लिए अलग ठहर सके। मैं विश्वास करता हूँ, कि एक बार यह कहा गया था, “मैं बहुत खुश हुआ जब उन्होंने कहा, कि आओ हम यहोवा के भवन को चले।” अपने प्यारे और मूल्यवान मित्र, भाई नेविल के साथ होना ….. 3. और…मेरा अन्द्राज़ा है, कि वहाँ पीछे कुछ थोड़ा सा ठंड़ा है, या कुछ गर्म है।2मैं सोचता हूँ, कि हमारे पास कुछ वे पंखें हैं, जिनका आप अपने हाथों से इस प्रकार से उपयोग कर सकते हैं। यह है…यदि….हमारे पास पंखे हैं, अगर आपके पास मोटर है, ताकि आप इसे चलते रहें। या यहाँ चारों ओर उनका एक गट्ठर है; मैं सोचता हूँ, कि उनके पास वे अभी भी हैं। मैं सोचता हूँ, कि कुछ लोग तो गीत की किताबों का ही, या इससे ज्यादा जो कुछ भी है, उसका इस्तेमाल कर रहे हैं। और यह है…हम सभाओं के लिए एक काम करने का प्रयास कर रहे हैं, वह यह है, कि हम इन जगहों से जो भविष्य में गर्म हो जानी हैं, कतराकर बच जायें। अतः हम….यही कारण है, कि इस सुबह हम यहाँ पर हैं, कि उन जगहों से बच कर आगे निकल जायें। और केवल एक ही चीज है जो ऐसा कर सकती है, वह है हमारे प्रभु यीशु का लोहू जो ऐसा करता है।3और मैं कलीसिया की अच्छी रिपोर्ट सुनकर बहुत खुश हुआ, कि वह किस प्रकार उन्नति कर रही है; प्रभु के संग संग आगे बढ़ रही है; और प्रभु आप से आत्मिक वरदानों के ज़रिये किस प्रकार व्यवहार कर रहा है। और मैं निश्चित रूप से परमेश्वर का आपके सत्यनिष्ठ हृदयों के लिए जिनसे वह व्यवहार कर सकता है, बड़ा ही धन्यवादित हूँ और मैं यह भरोसा कर रहा हूँ, कि वह आपको उस सीधे और सकरे मार्ग के बिलकुल बीचो-बीच रखेगा, ताकि आप उससे ना तो दांये मुड़े और ना ही बांये।4और मैं भाई कोलविन और उनकी बेटी का धन्यवाद करना चाहता हूँ; मेरा यकीन है, कि ऐसा था; कि कुछ देर पहले ही उन्होंने यहाँ पर यह गीत गाया था, ‘स्वर्ग में कोई आँसू न होंगे। वह सुन्दर गीत है। मैं यकीनन उसकी प्रशंसा करता हूँ।और जैसा कि भाई नेविल ने वर्षों पहले की बात मेरे और उनके विषय में कही थी; और मैं ठीक वही बात भाई कोलविन के बारे में कह सकता हूँ; हम एक दूसरे को सालों से जानते थे। और उन्हें सुसमाचार के उन पुराने गीतों को गाते हुए और जिस प्रकार से उन्होंने अपने बच्चों का पालन-पोषण प्रभु की राह में किया है; उसे देखकर मेरा ह्रदय उल्लास से भर जाता है। मैं यह जानकर अति आनन्दित हो उठता हूँ, कि परमेश्वर के पास अभी भी ऐसे लोग हैं जो उससे प्रेम करते हैं और उसका ख्याल रखते हैं। और हम इसके लिए आभारी हैं।5अब जब से मैं वापस आया हूँ, मैं सुनता हूँ, कि कई लोगों ने विश्वास में बपतिस्मा ले लिया है; और हमें इसके लिए बड़ी खुशी है। मैं अपने अच्छे मित्र, भाई एल्मर गेबर्सेट को वहाँ पीछे देखता हूँ। मैं समझता हूँ, कि उन्होंने अभी हाल-फिलहाल में विश्वास में बपतिस्मा लिया है; और मैं निश्चित रूप से इसके लिए आभारी हूँ। यह तो हम सब के साथ ऐसा कर देता है, कि हम जो शिकार के पुराने दीवाने है, कैन्टकी में जाकर अब एक शिकार का दौरा कर डालें; क्या यह ऐसा नहीं करता है?मुझे याद है (और मैं जानता हूँ, पिछले कक्ष में रोडनी मुझे सुन रहा है, यदि वह अभी भी वहाँ पीछे है; और चार्ली मेरे सामने बैठा हुआ है)…जब हम वहाँ नीचे जाया करते थे……

लड़कों को यह कहना अच्छा लगता था, “अच्छा, वह तो गिलहरियाँ थीं।” वे कुछ फालतू ले लिया करते थे; अगर वे उन्हें मिल सकती होती थीं। परन्तु मैं उन से कहा करता था, कि ऐसा करना ठीक नहीं है। अतः अब वह लगभग सारा का सारा दल ही परिवर्तित हो गया है; अतः मेरा अन्दाजा है, कि हमें बस किसी दूसरे प्रान्त में जाना होगा और उन्हें वहाँ पर सुधारना होगा। यह एक बहुत अच्छी बात होगी।6अतः कभी कभी मैं दृष्टि डालकर देखता हूँ जैसा कि हर एक सेवक देखता है….जिस पथ पर आप चलते हैं, आप उस पर दृष्टि डालकर देखते हैं और कामों के बारे में हैरत करते हैं, कि क्या-क्या तुम ने बीज बो दिया है।आप में से बहुतेरे अमेरिका के जोनी एप्पलसीड से चिर-परिचित हैं। क्योंकि स्वीडन में भी एक..एक ऐसा ही व्यक्ति था जिसने ऐसी ही किसी बात का ध्यान रखा था; उसने फूल के बीज बोये थे। और लोग कहते हैं, कि यही कारण है, कि इस समय उनके पास स्वीडन में बहुतेरे सुन्दर फूल हैं; और ऐसा इसीलिए हुआ, क्योंकि उन्होंने फूलों के बीज बोये थे….उसने उन सारी जगहों पर जहाँ उसे भूमि का टुकड़ा मिल गया जिसमें बीज उग सकते थे, बीज उगा दिये। उसे फूलों से प्रेम था, इसलिए उसने चारों ओर बीज छितराकर बो दिये। वह तो जा चुका है, पर उसके पुष्प अभी भी जिन्दा है।समय के रेत पर बनते जा रहे हैं।हमारे कदमों के निशां शायद देखे कोई औरइन कदमों के निशां जिन्दगी की राहों मेंजब कोई होगा असहाय-निराश औरतबाह देखकर इन कदमों के निशां होगी उसकी हिम्मत और भी जवांऔर ठीक ऐसा ही हम सब देखना चाहते हैं, कि कोई काम जो हमने किया है। वह और दूसरों के लिए लाभ का कारण हो….जो हमने किया है उससे दूसरों को लाभ हो।7कुछ दिन पहले ही मैं यहाँ शहर में बैठा हुआ अपने एक वफादार परम मित्र, मेडिकल डॉक्टर, सेम अदिय्यर से बातें कर रहा था।और उन्होंने कहा था, “बिल, तुम कैसा कर रहे हो?”और मैंने कहा, “डॉक्टर, मैं सोचता हूँ, बहुत अच्छा!” मैंने कहा, “आपके बारे में क्या है?और वो बोले, “ओह, बहुत मरीज़ होते हैं। बोले, ”इस दोपहर मैंने पन्द्रह मरीज़ों की जाँच की।“ 15. मैंने कहा, ”ठीक है, जब तक जाँच करने की बात है, और कुछ गड़बड़ नहीं पायी जाती है, बहुत अच्छा है। मैंने कहा, “आप जानते हैं…..” और हम उन बीते दिनों के बारे में बातें करने लगे जब हम लड़के से ही थे। और मैंने कहा, “ठीक है, डॉक्टर, मैं नहीं जानता हूँ, कि मैं कब तक चारों ओर जाता रहूँगा। हम दोनों ही अपनी अपनी पच्चास वर्षीय आयु में हैं।”और वो बोले, “बिल, यह बिलकुल सही बात है।”और मैंने कहा, “परन्तु इन सभी वर्षों में…सेवकाई के अब तक के इक्कतीस वर्षों में मैंने अपने ह्रदय को उस घड़ी के लिए तैयार रखा है जब वह आता है। अतः इससे कोई मतलब नहीं है, कि वह कब आता है।”अतः वो बोले, “यह सच है।”मैंने कहा, “मेरे लिए सबसे ज्यादा उमंग की बात यह है, कि मैं दूसरों के लिए जी रहा हूँ।”8और उन्होंने कहा, “यही तो जिन्दगी है….इससे ही तो असली जिन्दगी बनती है….जब आप स्वयं अपने लिए हासिल करने के लिए कुछ नहीं कर सकते हैं, वरन आप तो और दूसरों के लिए ही काम कर सकते होते हैं।”देखिए, यही है जब आप सचमुच में जी रहे होते हैं।

और यदि हमारे में कोई ऐसा है जिसने कभी ऐसा नहीं किया है-जिसने कभी किसी दूसरे के लिए जीने की कोशिश नहीं की है-तो आप ज़रा ऐसा करने की कोशिश तो करें, और बस देखिएगा, जिन्दगी आपके लिए कितना कुछ समेट कर रखती है जब आप उसके लिए जिन्दगी नहीं जी रहे होते हैं जो आप स्वयं अपने लिए जिन्दगी में हासिल कर सकते हैं, वरन उसके लिए जी रहे होते हैं जो आप किसी दूसरे के लिए जिन्दगी में दे सकते होते हैं। और आप पायेंगे, कि यह उन सारी धन-दौलत या किसी भी उस चीज से ज्यादा मुबारक है जिसके बारे में सोचा जा सकता है….कि आप जिन्दगी के बोझों को….करने के लिए….किसी दूसरे के लिए कुछ कर सकते हैं….जिन्दगी खुद अपने में एक बोझ है। और आप इसे किसी दूसरे के लिए थोड़ा सा हल्का बना देंगे। आप इसकी खुशी तब तक नहीं जानते है जब तक कि आप ने एक बार ऐसा करने की कोशिश न की हो, कि आप किसी दूसरे के लिए कुछ करें।9और इसके बाद वह मेरे ज़हन में प्रभु के लिए की गई सेवकाई के इक्कतीस वर्षों को (जो कि जल्द ही हो जायेंगे) लेकर आती है। और मेरा अन्दाज़ा है, कि हर एक इंसान किसी समय उस समय के बारे में सोचता है जब उसे अपनी अन्तिम सभा पर आना होता है, और उसे अपनी अन्तिम घड़ी पर आना होता है, और वह पथ पर पीछे मुड़कर देखता है और देखता है, कि क्या क्या पूरा हो चुका है; देखता है क्या क्या गुज़र चुका है; सोचता है, “क्या तू ने कुछ किया है?” और जैसाकि मैंने अभी हाल ही में कहा था, यह तो वह होता है जो आप दूसरों के लिए करते हैं, गिना जातामैंने अक्सर हैरत की है, कि जब मैं अपने पथ के अंत पर होऊँगा, तो क्या होगा..हम नहीं जानते हैं…..हम में से कोई नहीं जानता है, कि, वह कौन सा समय होगा। अतः मैं उस पथ पर दृष्टि डालने के विषय में सोच रहा था जिस पर से होकर मैं जीवन के माध्यम से आया हूँ; और मैं ने विभिन्न पहाड़, और भूखंड़ और चट्टानें और कठोर स्थान और समतल-सपाट स्थान देखे हैं; और मैंने उस प्रकार के समयों में क्या क्या किया था। यह सब कुछ इन दिनों में से किसी एक दिन मेरे जाने की घड़ी पर दिखाया जाएगा। और यह ऐसा ही हम में से हर एक के साथ ही करेगा। हम सब इस बात में सुनिश्चित हो जाएं, कि जब वह समय आता है, तो यह—यह हम में से हर एक को दिखाया जाएगा।10और यह मुझे ऐसी स्थिति पर लेकर आती है, या मेरी किसी ऐसी बात को कहने के लिए अगुवाई करती है, जिसे मैं कहने के बजाये भाग ही जाऊँगा। यह मेरी किसी उस बात को कहने के लिए अगुवाई करती है जिसे मैं…यह उसे कहने के लिए मेरे हृदय को नीचे तक छेद डालती है; परन्तु जो मैं कहता हूँ उस के लिए मुझ पर ज़ोर दिया गया है; और मुझे इस बात का आभास है, कि यह टेप हो रहा है और जगत इसे सुनेगा; परन्तु मैंने एक..एक कारण के लिए सेवकाई छोड़ दी है जिसके लिए मुझे अफसोस है, कि मुझे उस कारण छोड़कर जाना है। और शायद आप में से बहुतेरे इसे सुन चुके हैं; मैं अपना कार्यालय तथा ऐसी ही दूसरी जगह बंद कर रहा हूँ और प्रचार कार्य के क्षेत्र को छोड़कर जा रहा हूँ।मैं नहीं जानता हूँ, कि हमारा प्रभु कहाँ मेरी अगुवाई करेगा; और इस पर मेरा बस नहीं है, या जो कुछ भी उसके पास मुझ से करवाने के लिए होगा, मैं नहीं जानता हूँ। परन्तु मैं पथ के अंत पर सोच रहा हूँ जहाँ मुझे अवश्य आ जाना चाहिए। और मैंने जीवन के सफ़र में बहुत सी गलतियाँ की हैं जिनके लिए मुझे अपने ह्रदय से बड़ा ही अफसोस है…ऐसा इसलिए है…मेरा मानना है, चूंकि हम इंसान हैं और दुर्बलता में हैं, तथा ऐसी ही और दूसरी बातों में हैं जो एक इंसान से उन कामों को करवा डालती है, या उन बातों को कहलवा डालती है, या ऐसा आचार-व्यवहार करा डालती है। जैसा कि वे करना भी नहीं चाहते हैं। परन्तु चूंकि यह इंसान की कमजोरी होती है, अतः हम उन समयों से गुज़रते हैं।11यदि मेरे हृदय में करने के लिए कोई बात रही है, तो वह यह थी, कि मैं इस सफ़र के अंत पर अपने प्रभु के उन शब्दों को सुनूं जो कहते हैं, “मेरे अच्छे और वफादार दास; यह अच्छा किया गया था।” और बहुत सी बार मैंने कहा है, कि मैं वहीं पर खड़ा रहना चाहूँगा जब वह कहता है, “मेरे पास आ”; परन्तु मैंने तो उसे यह कहते हुए सुनने की अभिलाषा की है, “अच्छा किया।” पूर्वकाल में बाइबिल लिखे जाने के समयों में …मूल में मैंने उस आवाज़ को यह कहते हुए नहीं सुना, “मेरे पास आ”; परन्तु मेरी अभिलाषा तो उसे यह कहते हुए सुनना है, “अच्छा किया।”और अगर मैंने हमेशा ही कुछ होना चाहा है, और मेरी ह्रदय की अभिलाषाएं रही है, कि मैं होऊँ; तो वह थी, कि मैं अपने प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह का एक सच्चा सेवक रहूँ। मैं चाहता हूँ, कि इस पर मेरी गवाही बिलकुल स्पष्ट, साफ-सुथरी रहे, कि मैं खड़ा रहा हूँ….मैं चाहे अपनी गलतियों में खड़ा रहा; तौभी मैंने उसे अपने सम्पूर्ण ह्रदय से प्रेम किया। और ठीक ऐसा ही मैं इस सुबह अपने सम्पूर्ण हृदय से करता हूँ।और उसके कारण ही यह मुझे ये कहने के लिए विवश करती है, कि मैं इस सेवकाई को छोड़ रहा हूँ….इसकी वज़ह यह है, कि लोगों के मध्य में कोई बात उभर कर आयी है जिसने मुझे ऐसा करने के लिए विवश किया है; वह यह है: मुझे मेरे सेवक वाले औहदे से या भाई वाले पद से बाहर निकाल दिया गया है, और मुझे यीशु मसीह कहा जा रहा है; और ऐसा कहा जाता है….यह तो मुझ पर एक मसीह विरोधी के रूप में ही छाप लगा देगा। बजाये इसके कि मैं परमेश्वर से एक मसीह विरोधी के रूप में मुलाकात करूं, कि मुझे उससे दूर कर दिया जाये; मैं परमेश्वर से एक कमज़ोरकायर के रूप में मिलना चाहूँगा।12मैंने इसे कुछ सालों पहले सुना था, और मैंने सोचा था, कि यह एक मज़ाक था। और मैंने कुछ भाइयों से…(मैं उन में से किसी एक को भी इस सुबह इस सभा में नहीं देखता हूँ) उन में से दो या तीन से एक बार मछली के शिकार के दौरे पर मुलाकात की थी; और वे मेरे पास उस विषय को लेकर आये थे जो यह कह रहा था, भाई ब्रन्हम, क्या आप अभिषिक्त किये हुए मसीह अर्थात् ख्रीस्त नहीं है?“और मैंने उन दोनों भाइयों के, या उन सारों के गले में अपनी बांहें डाल दीं और मैंने कहा, “भाइयों, जितना कि मैंने मसीह का एक सच्चा सेवक बनने की कोशिश की है; मैं नहीं चाहता हूँ, कि आप उस तरह की एक भी बात कहें। और यदि कभी ऐसा मेरे लिए कहा जाता है, तो मैं एक साफ-सुथरे विवेक के साथ प्रचार कार्य के क्षेत्र को छोड़ दूंगा, और आप जो ऐसा करते हैं उन प्रत्येक प्राण के लिए जिम्मेदार होंगे जिन्हें मैंने उस समय के दौरान बचाया होता…(समझे?)…

मुझे प्रचार कार्य के क्षेत्र से अलग करने के लिए आप जिम्मेदार होंगे।” और मैंने सोचा था, कि इसने इसको खत्म कर दिया था।13और मैंने इसे कुछ और बार सुना। परन्तु यह ऐसा नहीं था। और किसी दूसरे दिन कनेडा में एक भाई ने मुझे किसी चीज का वह छोटा सा टिकट दिखाया जिसे वह अपनी जेब में रखे हुए था, और उस पर लिखा हुआ था, “विलियम ब्रन्हम हमारा प्रभु है।” और वे लोग विलियम ब्रन्हम के नाम से बपतिस्मा दे रहे हैं। और एक छोटी सी….एक मूल्यवान..यदि यह बैरी होता, यदि यह मेरा बैरी होता तो इससे मैं जान जाता, कि यह एक मज़ाक था। परन्तु एक मूल्यवान, प्यारा भाई अपने पापों और गलतियों का अंगीकार करने के लिए ऊपर आया और उसने कहा , कि उसका मुझ पर विश्वास ऐसा है जैसा कि मैं यीशु मसीह हूँ।और मुझे अपने घर पर पत्र मिले हैं और शिकागो तथा विभिन्न जगहों से लोग फोन करके मुझ से पूछ रहे हैं, कि क्या मैं उस शिक्षा मत पर विश्वास करता हूँ।और मुझे वे सारी नाना प्रकार की चिट्ठियाँ मिली हैं जो पिछले कुछ दिनों में आयी हैं, और मेरे लिए विभिन्न स्थानों से टेलीफोन आये हैं, और ऐसी ही चीजें मिली हैं…..या—या कहा जा रहा है, कि मैं मसीह हूँ। भाइयों, यह शैतान का बड़ा ही भयानक, अपमानजक, निरीश्वरीय झूठ है। देखा, समझे? मैं आपका भाई हूँ। अब, यह किसी भी व्यक्ति को प्रचार-कार्य के क्षेत्र से दूर ही भगा डालेगी। वह कोई भी व्यक्ति जो मसीह से प्रेम करता है उसे तो यह ठीक इस कार्यक्षेत्र से ही दूर भगा देगी।14अधिक समय नहीं हुआ है जब मैं यहाँ पर प्रभु के पास गया था…जब मैंने लगभग एक साल पहले इसे पहली बार सुना था, तो मैं प्रभु के पास गया; और उसने मुझे वचन के उस लेख का हवाला दिया, कि जब यूहन्ना प्रचार करता हुआ आगे आता है, तो उनके पास पृथ्वी पर कई वर्षों से कोई नबी नहीं था, जब तक कि यह नहीं….वे सभी अपने अपने मन में अचम्भा कर रहे थे, और सोच रहे थे, कि शायद यूहन्ना ही मसीहा हो। अतः इसके बाद मैं….वे यूहन्ना के पास आये और उन्होंने उससे पूछा; और उसने बताया, कि वह वो नहीं था। आप इसे लूका के तीसरे अध्याय के 15 वें पद में पढ़ सकते हैं। और अतः इसके बाद….परन्तु इसने उस प्रकार की बात को शान्त कर दिया; अतः मैंने इसे वैसे जाने दिया।परन्तु फिर जब मामला इस तक आ गया, तो फिर मैं जानता था, कि अवश्य ही कुछ न कुछ किया जाना चाहिए। और यदि संसार के लिए यही मेरा आखिरी सन्देश है, या कलीसिया के लिए यही मेरी अन्तिम बात है, तो मैं यही कहता हूँ, कि वे दर्शन और प्रभु का दूत जो मुझे नदी पर दिखाई दिया था, वे सारी बातें सच है; जहाँ तक प्रभु के दूत की बात है वे बातें सच हैं।और अगर लोगों ने बहुत सी बार मुझे भविष्यद्वक्ता कहा, तो मैं खामोश खड़ा रहा, क्योंकि अंग्रेजी शब्दकोष में भविष्यद्वक्ता का अर्थ होता है: “एक प्रचारक; भविष्यवाणी करनेवाला; वचन की भावी बतानेहारा”; तथा इसका अर्थ ऐसा ही और दूसरा होता है। मैं उस बात के लिए तो खड़ा रहँगा, क्योंकि आप इसे तो किसी तरह से सरका सकते हैं…परन्तु जब अभिषिक्त मसीह या ऐसा ही कुछ कहा जानेवाली बात आती है, तो यह मेरे लिए बहुत ज्यादा था। अतः मैं इसे सहन नहीं कर सकता।15अतः इसके बाद लगभग….मैं आता हूँ….जब मैं कनेडा से एक सभा छोड़कर आया, तो उसके बाद मैंने एस्कीमो तथा वहाँ ऊपर इन्ड़ियनों में इसे पाया…..यह बात उन में पहुँच चुकी थी।और अतः इसने मुझे पूरी तरह से चूर चूर कर डाला, और मैं उस शिकार के दौरे को ना कर सका जिसकी मैंने बहुत पहले योजना बनायी थी। मैं शिकार वाली घटना से डरता था; काश आप समझ जायें, कि मेरा क्या तात्पर्य है। मैं इतना ज्यादा हिल गया था, मेरी हालत उससे भी बदत्तर थी जितनी की मेरी इस समय है, जबकि मैं यहाँ पर खड़ा हुआ हूँ। और मैं बस यह बात और ज्यादा सहन नहीं कर सकता, कि यह सोचूं, कि इक्कतीस वर्षों की सेवकाई शैतान के कचरेवाले पाइप में बह गई…जब मैं चला जाऊँगा, तो लोग क्या कहेंगे? वहाँ वह है; यह बिलकुल ठीक वह है जो यह थी। और इसके बाद आप देखते हैं, कि वह सारा का सारा प्रभाव जो मेरा लोगों पर है, उसका क्या होगा; तब तो मैं एक मसीह विरोधी ही होऊँगा। और मैं इसे सहन नहीं कर सकता।मैंने सोचा, “इसके बजाये तो मैं यहाँ जंगलों में ऐसे मर जाना चाहूँगा, कि मैं अपनी बंदूक पर या ऐसी ही किसी चीज पर गिर जाऊँ….”और मैंने देखा, कि मैं था….इसके बाद मैंने अपने नन्हें ज़ोजेफ तथा दूसरे बच्चों के बारे में सोचा जिनका मुझे पालन-पोषण करना है। और मैं आखेट करने की हालत में नहीं था, अतः मैं जंगल से निकल कर वापस घर आ गया।और मैं लगभग आठ या दस दिन के लिए चकनाचूर हो गया था; मैं एक ऐसी हालत में था, कि मैं बस…मैंने सोचा था, कि मेरा दिमाग पगला रहा है; और मैंने हर एक को अपने से दूर रहने के लिए और मुझे अकेला छोड़ देने के लिए कहा; क्योंकि मैं ऐसी हालत में था; और मैं अधीर और परेशान था; और पूरी तरह से चूरचूर हो गया था।16और मैं परेशान हो गया था; कि यदि यह कोई मेरा दुश्मन होता, तो यह बात बिलकुल ठीक होती, मैं इस पर हंस दिया होता और आगे बढ़ गया होता; परन्तु जब यह मामला आ जाता है, कि ये अमूल्य भाई-बंधु और अमूल्य बहनें हैं जो ऐसा कर रहे हैं, तो इसने मुझे चोट पहुँचायी। और मैंने कहा, “प्रभु, बहुत ज्यादा है…यह बात मेरे लिए बहुत ज्यादा बड़ी है; मुझे तो बाहर निकल आना होगा और इसे आपके हाथों में सौंप देना होगा। मैं …मैं इसके अलावा और कुछ भी करना नहीं जानता हूँ।”जिससे मैं इस बात में सुनिश्चित हो जाऊँ, कुछ रात पहले मेरी प्रभु से एक-एक मुलाकात हुई। और मैंने मूल्यवान लोगों को एक..एक सर्प को जो कि पीला और काला था, पालते हुए देखा, और साथ के साथ मुझे उसके बारे में बताया जा रहा था, और—ओर उस चीज ने मेरी टांग पर चोट की। परन्तु खून इतना ज्यादा बहा, कि उसका मुझ पर कोई असर नहीं हुआ था। और मैंने नीचे निगाह डालकर देखा, और इसने ठीक वहीं पर काटा था जहाँ मुझे पहले भी काटा जा चुका था। और मैं बंदूक लेकर जल्दी से मुड़ा, ओर उस चीज पर गोली मारी, और वह उस चीज के बिलकुल बीचो बीच जाकर लगी।और एक भाई ने कहा…..मैं अपनी बंदूक से उसका सिर से अलग कर देने के लिए मुड़ा, और वह भाई बोला, “ऐसा न करो; बस उस छड़ी को उठा लो जो वहाँ पर तुम्हारे पास पड़ी हुई है।” और जब मैं उस छड़ी को उठाने के लिए अपने पीछे की ओर मुड़ा, तो वह लहराता हुआ कुछ पानी के अंदर जा घुसा, बस थोड़े से ही पानी में लहराता हुआ अंदर चला गया।मैंने कहा, “ठीक है, अब यह बहुत देर तक चोट नहीं पहुँचा सकता है, क्योंकि मेरा यकीन है, कि भाई को (भाइयों को) इसका आभास हो गया, कि क्या घटित होगा।” मैंने कहा, “यह हो जाएगा…यह मरने वाली हालत तक घायल हो गया है, अतः यह मर जाएगा।”17और मैंने यहाँ पर अपनी कलीसिया में अपने सदस्यों में से कइयों से पूछा है, मैंने यह इस टेबरनिकल में भाई नेविल के साथ मिलकर उन लोगों से जो ठीक उसी प्रश्न को लेकर मेरे पास आ रहे हैं, पूछा है, “भाइयों, बहनों, क्या मैंने आपके सम्मुख मसीह का एक सच्चा सेवक बनने की कोशिश नहीं की है? क्या मैंने आपका भाई बनने का प्रयास नहीं किया है?”अब, यह चाहे जहाँ कहीं भी है, यह मूल्यवान लोगों पर एक आत्मा है।

बहुतेरे लोगों ने मुझ से वह बात पूछी है। परन्तु यह है…यह एक आत्मा है, परन्तु मैं आशा करता हूँ, कि आज उसे एक प्राण घातक घाव लगा है और वह शीघ्र ही मर जायेगी, अतः मैं जल्दी ही सेवकाई में वापस आ सकता हूँ। तब तक मैं आप में से हर एक से यही कहूँगा, कि आप मेरे लिए प्रार्थना करें । मैं नहीं जानता हूँ, कि मैं क्या करूँ गा। मेरी जगह बिकने पर है। और मैं इसे सहन नहीं कर सकता हूँ; अगर..मै..मैं.. मैं आसपास ही रहता हूँ, तो मैं पूरी तरह से पागल हो जाऊँगा। और मैं…मैं आप से कहता हूँ, कि आप मेरे लिए प्रार्थना करें।और याद रखिए, यदि कभी आपने मुझ पर विश्वास किया है; यदि आपने मुझ पर विश्वास किया है, कि मैं मसीह का दास हूँ, तो याद रखें, “यह एक गलती है। यह एक झूठी अवधारणा है। यहोवा यूं कहता है, यह गलत है। आपको इससे कोई सरोकार नहीं रखना है। मैं आपका भाई हूँ।” आइये हम अपने सिरों को झुकाएं।18हमारे स्वर्गीय पिता, मेरी देह कांप रही है; मेरे हाथ आपस में अकड़े चले जा रहे हैं, और मेरे पंजे मेरे जूते में उखड़े चले जा रहे हैं। हे परमेश्वर, रहम कीजिए। प्रभु, मैंने कभी ऐसा क्या किया है जो मैं इसके योग्य ठहरूं? प्रभु, मैं प्रार्थना करता हूँ, कि आप मुझ पर और सब पर बड़े ही अनुग्रहकारी हों। प्रभु, और वहाँ पर जो प्यारे, कीमती लोग हैं, होने पाये, कि वे अपनी गलती को तथा जो उन्होंने किया है उसको देख लें, कि उन्होंने अपने ही भाई का दिल तोड़ा है, अपितु, हमारे उद्धारकर्ता, हमारे स्वर्गीय पिता का भी दिल तोड़ा है। प्रभु, मैं प्रार्थना करता हूँ, कि आप हमारी गलतियों को क्षमा कर देंगे। प्रभु, होने पाये, कि अब मसीह का पवित्र लोहू हमारे वजूदो को एक दूसरे की समीपता में लेकर आये; और मुबारक होवे, वह बंधन जो हमारे मनों को मसीही प्रेम और संगति में बांधता है।परमेश्वर, यह हो, कि वह बैरी जो हमारे भाइयों और हमारी बहनों के पास पहुँचा है…उसे ऐसा प्राण-घातक घाव लगे, कि वह फिर कभी मौजूद न रहे, प्रभु होने पाये, कि वह मृत्यु को प्राप्त हो। पिता, जब आप ऐसा करते हैं, मैं उसके बाद तभी प्रचार कार्य के क्षेत्र में वापस लौटकर आऊँगा। प्रभु, लेकिन तब तक मैं आपका एक ऐसा दास हूँ जिसका दिल टूटा हुआ है, और जो बस प्रतीक्षा, प्रतीक्षा किये चला जा रहा है। यह किसी भी उस कार्य से परे है जो मैं कर सकता था। प्रभु, आंसू भर कर और रो रो कर और भरसक यत्न करके मैंने यही पुरज़ोर कोशिश की (आप मेरा हृदय जानते हैं), कि मैं इसे रोक दें; इससे पहले कि यह उतनी दूर जाये; परन्तु यह उन सब कामों से आगे निकलकर जिन्हें मैं कर सकता था, आगे बढ़ गई। अतः पिता, मैं इस प्रचार मंच से जहाँ से मैंने इन वर्षों में प्रचार किया है, आपके हाथों में सौंपता हूँ, मैं इसे आपके हाथों में सौंपता हूँ।अब, पिता, आप ही इस पर अपनी दिव्य रीति से दृष्टि डालें। और जब यह पूरी तरह से खत्म हो जाती है और ऐसा ही सब कुछ खत्म हो जाता है; तो उसके बाद ही आपका सेवक लौटकर आएगा, प्रभु; तब तक मैं आपकी ओर से सुनने के लिए बाट जोहता रहूँगा।अब हमें आशीष प्रदान करें और आप हमें एक बड़ी सभा प्रदान करें; वरन जैसा कि हम यहाँ पर इसके लिए नहीं, वरन हम तो इसे सार्वजनिक तौर पर जगत के सम्मुख स्पष्ट करने के लिए एक साथ इकट्ठा हुए हैं, ताकि पिता, यह हो, कि वे जान लें, कि मैं आप से प्रेम करता हूँ, और आप पर विश्वास करता हूँ, और आपके लिए खड़ा रहता हूँ; और —और चाहता हूँ….प्रभु, यदि मुझे जाना पड़े, तो मैं शुद्ध ह्रदय और इस असली रिकॉर्ड के साथ चला जाऊँ, कि मैंने आप पर विश्वास किया है, और आप पर भरोसा किया है; यह प्रदान कीजिए। और मैं आपकी ही स्तुति करूंगा, और हम उन सारे युगों में जो आने हैं, आपको यीशु मसीह में होकर महिमा देंगे। आमीन!19अब, आइये हम पवित्र वचन के लेखों को पढ़ने के लिए बाइबिल खोलें…..मैंने सोचा था, कि यदि भाई नेविल बुरा नहीं मानते हैं, तो इस सुबह कुछ मिनटों के लिए ज़ारी रखना……एक अच्छी बात होगी।अब, मैं…..यह हो, कि मैं आपके बीच में किसी को भी इसका बख़ान करते हुए न सुनँ । सिर्फ प्रार्थना करते रहें और उसे बाहर निकालते रहें, उसे निकालकर बाहर कर डालें। समझे? मैं नहीं…मैं..मैं बावन वर्ष का हो गया हूँ, लेकिन मैं सोचता हूँ, यदि ऐसा होता है, कि परमेश्वर मुझे और जीवन दे देता है, और मैं अपने समय का हर एक अल्पांश भी मसीह के लिए ही गुज़ारना चाहता हूँ। अतः याद रखिए, मैं इसलिए जा रहा हूँ, क्योंकि मुझे ऐसा करने के लिए विवश किया गया है।20अब प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में से चौथे अध्याय में से वहाँ से निकालें जहाँ हमने किसी दूसरे दिन तब छोड़ा था जब हम अध्ययन कर रहे थे…..मेरा मानना है, कि हम प्राकाशितवाक्य के चौथे अध्याय के…अन्तिम पद के अन्तिम भाग पर थे, या चौथे अध्याय के अन्तिम भाग पर थे। ठीक है; कितने लोगों को प्रकाशितवाक्य अच्छा लगता है? बहुत बढ़िया! अब, मेरा यकीन है, कि हमने पाँचवें…पाँचवें अध्याय की समाप्ति की थी, क्या हमने नहीं की थी? हमने चौथे अध्याय पर जीवते चार प्राणियों पर अध्ययन करके छोड़ा था। अब, आइये हम उन पिछली बातों को जो बीत चुकी हैं, भूलकर इस समय वचन की ओर आगे बढ़े।21पिता परमेश्वर, अब आप हमारी सहायता करें, जैसा कि हम अधीर-बेचैन हैं; परन्तु हम वचन की ओर आगे बढ़ते हैं। अब, हम उन बातों को जो बीत चुकी हैं। भूलकर उच्च बुलाहट के निशाने की ओर दौड़े चले जाते हैं….मसीह का एक सेवक होने की उच्च बुलाहट की सेवकाई की ओर दौड़े चले जाते हैं। प्रभु, इस सुबह हमें वचन दीजिए, और हमारे भूखे प्राणों को तृप्त कीजिए, क्योंकि हम पवित्र आत्मा के उस बहुमूल्य अभिषेक के लिए लालायित हैं और उसकी बाट जोह रहे हैं। प्रभु, हमारे मध्य में आकर हमारे पापों और अपराधों को क्षमा कीजिए और हमें अपना सेवक बनने दीजिए, क्योंकि हम यह यीशु के नाम में माँगते हैं। आमीन! ।22अब हमने कलीसियायी कालों को, पिछले सात कलीसियायी कालों को लिया था। और इसके बाद, अब मैं यकीन करता हूँ, कि उन में से कुछ कोशिश कर रहे हैं……इसे अर्थात् कलीसियायी कालों को कलमबद्ध करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके बाद हम प्रकाशितवाक्य के चौथे अध्याय में आते हैं……यह क्या है? यह यीशु मसीह का “प्रकाशितवाक्य” अर्थात् “प्रकाशन है, जो कि लैटिन भाषा में ”एपोकेलिप्स“ (Apocalypse) कहलाता है, जिसका अर्थ ”प्रकट करना“, ”परदे को उठाना“, ”दिखाना“, ”बेपरदा करना होता है; कि यीशु मसीह का यह प्रकाशन प्रकट करे, कि वह था, वह है और वह आएगा; वही दाऊद का मूल और जड़ है।23अब हमें चौथे अध्याय में यह मालूम होता है, कि यूहन्ना को उसके बाद स्वर्ग में ऊपर उठा लिया गया था, जब वह कलीसियायी कालों को देख चुका था। अब मैं इसकी सिर्फ थोड़ी सी ही रूपरेखा बता रहा हूँ; और इसके बाद हम….शायद यह बिलकुल उत्तम होगा, कि पाँचवे अध्याय के कुछ पदों को पढ़ लिया जाये; और फिर हम इस रूपरेखा से ही अध्ययन शुरू करेंगे।और जो सिंहासन पर बैठा था, मैंने उसके दाहिने हाथ में एक पुस्तक देखी, जो भीतर और बाहर लिखी हुई थी, और वह सात मोहर लगाकर बंद की गई थी।फिर मैंने एक बलवंत स्वर्गदूत को देखा जो ऊँचे शब्द से यह प्रचार करता था, कि इस पुस्तक के खोलने और उसकी मोहरें तोड़ने के योग्य कौन है?और न स्वर्ग में, न पृथ्वी पर, न पृथ्वी के नीचे कोई उस पुस्तक को खोलने या उस पर दृष्टि डालने के योग्य निकला।और मैं फूट फूट कर रोने लगा… क्योंकि उस पुस्तक के खोलने या उस पर दृष्टि डालने के योग्य कोई न मिला।तब उन प्राचीनों में से एक ने मुझ से कहा, मत रो; देख, यहूदा के गोत्र का वह सिंह, जो दाऊद का मूल है, उस पुस्तक को खोलने और उसकी सात मोहरों को तोड़ने के लिए जयवंत हुआ है।और मैंने उस सिंहासन और चारों प्राणियों और उन प्राचीनों के बीच में, मानो एक वध किया हुआ मेमना खड़ा देखा; उसके सात सींग और सात आँखे थीं; ये परमेश्वर की सात आत्माएं हैं, जो सारी पृथ्वी पर भेजी गई हैं।उसने आकर उसके दाहिने हाथ से जो सिंहासन पर बैठा था, वह पुस्तक ले ली।ये पहले सात वाक्यांश हैं।24अब देखिए, अब प्रकाशितवाक्य के तीसरे अध्याय में हमें कलीसियायी कालों की समाप्ति विदित होती है, जिसकी समाप्ति लौदीकियायी कलीसियायी काल, अर्थात् गुनगुने कलीसियायी काल से होती है। तत्पश्चात् हमें यह मालूम होता है, कि उसके तुरन्त बाद ही यूहन्ना को आत्मा में स्वर्ग में ऊपर उठा लिया गया था। और उसने उन बातों को देखा, जो थीं, और जो होनी हैं, और जो हो चुकी हैं। अब, हमें यह मालूम होता है, कि कलीसिया प्रकाशितवाक्य के 1 9वें अध्याय तक बिलकुल भी दृष्टिगोचर नहीं होती है; उसके बाद ही वह अपने प्रभु के साथ महिमामय रीति से लोहू से नहायी हुई वापस लौटती है।25अब थोड़ी सी पृष्ठभूमि यह देखने के लिए, कि यूहन्ना कहाँ पर है; इस आखिरी हवाले में…आखिरी सन्देश में हमे यह मालूम हुआ था……मैं कल बस इस काल पर ही सरसरी सी निगाह डाल रहा था, उन मूल पाठों पर सरसरी सी निगाह डाल रहा था जिन्हें मैं बोल चुका था। और यूहन्ना को स्वर्ग में ऊपर उठा लिया गया था और उसने उन बातों को देखा था। और मैंने ध्यान दिया था, कि उसने मुझे उस पर एक प्रकाशन दिया था….आप जानते हैं, कि उसके जी उठने के बाद बहुतेरे उसके साथ थे; और किसी ने कहा था, “इस पुरूष (यूहन्ना) का जो तेरी छाती की ओर झुका हुआ है, क्या होगा?”यीशु मुड़ा और बोला, “तुम्हें इससे क्या, यदि वह मेरे आने तक रूका रहे?” अतः उसने कदापि नहीं…इसके बाद एक अवधारणा निकल पड़ी थी। देखिए, यह कितनी आसानी से शुरू हो सकती है? एक यह अवधारणा निकल पड़ी थी, कि—कि यूहन्ना तब तक नहीं मरेगा जब तक कि वह यीशु को आते हुए न देख ले…या जब तक कि उसका दूसरा आगमन नहीं हो जाता है। बाइबिल बताती है, कि वहाँ पर उससे एक अवधारणा निकल पड़ी थी।हालाकि यीशु ने इसे उस प्रकार से कदापि नहीं कहा था। उसने तो कहा था, “तुम्हें इससे क्या, यदि वह मेरे आने तक ठहरा रहे ?”अब, हमने यह देखा था, कि उसे स्वर्ग में ऊपर उठा लिया गया था, और फिर उसने प्रभु के आगमन तक की बातों को ऐसे देखा था, कि मानो वह वहीं पर था, और उसने इस सब को होते हुए देखा था। स्वयं यूहन्ना भी जिन्दा नहीं रहा था…वह लगभग नब्बे वर्ष तक जिन्दा रहा था…और उसके बाद ही…पितमूस टापू पर देश निकाला से वापस लौट कर आने के बाद ही वह एक….एक कुदरती मौत मरा…केवल वही एक अकेला ऐसा प्रेरित था जो ऐसे मरा था।26अब, एक असाधारण तथ्य है जिसे मैं चाहूँगा…(मैं सोचता हूँ, कि उन्होंने मेरे ब्लैकबोर्ड को नीचे उतार दिया है)इससे पहले कि हम इस गम्भीर बात को थोड़ा सा देखें, मैं इस पर ज़ोर देना चाहूँगा। ओह, यह बड़ा ही अद्भुत है। यह एक अद्भुत, शानदार अध्याय है।और इसके बाद जो कि अगला अध्याय है उसकी शुरूवात इन मोहरों के खुलने के साथ होती है। ओह, मेरे खुदा! और तब हमें वहाँ से बचकर आगे बढ़ना है। और बाइबिल में विभिन्न जगहों पर जाना है, ताकि इन मोहरों को लें, कि वे कब खुली थीं और उनके क्या भेद हैं। ओह, यह बहुत ही शानदार है, पर वे आत्मिक विटामिनों से भरी हुई हैं।

27अब, हम देखते हैं, कि सबसे असाधारण बातों में से एक बात जिसकी ओर मैं आपका ध्यान आकर्षित करना चाहूँगा; वह चौथे अध्याय के जीवित प्राणी(जानदार) थे-जिन्हें यूहन्ना ने वाचा के सन्दूक की चौकसी करते हुए देखा था। 65. क्या आप को स्मरण है, कि वे किस प्रकार से बिलकुल ठीक वैसे ही तैनात थे जैसे कि इस्राएल अपने आगे बढ़ने के समय पर था। उनके पास था..अब इससे आगे…वहाँ पर उन जीवित प्राणी का एक चेहरा था। और हमने यह खोजबीन की थी, कि वे जानदार ना तो स्वर्गदूत थे, और ना ही वे मनुष्य थे। वे तो करूबे थे। और हमने उन्हें पुराने नियम में सन्दूक पर पाया था। हम उन्हें नये नियम में पाते हैं। और इसके बाद हम उन्हें प्रभु के आगमन पर फिर से पाते हैं। करूबे प्रायश्चित के ढ़क्कन अर्थात् अनुग्रह के स्थल की चौकसी कर रहे थे।उस तक तब तक कोई भी व्यक्ति नहीं पहुँच सकता था जब तक कि उसके लिए वहाँ पर प्रायश्चित-बलि न हो। जब उस स्थल पर लोहू छिड़क दिया जाता था उसके बाद ही वह अनुग्रह का स्थल बनता था; इसे करने का केवल यही एक तरीका था। परन्तु जब उस पर से लोहू हटा लिया जाता था, तो वह न्याय का एक स्थल बन जाता था।28और ओह, मेरे परमेश्वर! कोई भी परमेश्वर के न्यायों का सामना नहीं कर सकता है। केवल एक ही चीज है जिसकी हम बाट जोहते हैं, वह हैः अनुग्रह; न्याय नहीं, धर्मी नहीं…..धार्मिकता नहीं! हम उसके न्याय के आगे टिक नहीं सकते हैं; क्योंकि उसका न्याय ऐसा है; कि उसे तो अपना वचन पूरा करना ही होगा; और वह अपने इस वचन को पूरा कर रहा होगा, जिस दिन तुम उसे खाओगे, तुम उसी दिन मर जाओगे।“ कौन है जो न्याय चाहेगा? मैं तो न्याय नहीं चाहता हूँ। मैं तो अनुग्रह के लिए ही दुहाई देता हूँ। होने पाये परमेश्वर का अनुग्रह….और अनुग्रह के स्थल पर छिड़काव हुआ होता था।परन्तु उस स्थल की सफाई करने का एक समय होता था; और तब जब तक कि लोहू उस स्थल पर नहीं होता था, वह न्याय का स्थल होता था।अब, इस समय हम उसी की ओर आगे बढ़ रहे हैं। इस समय हम इस युग में उस समय की ओर बढ़ रहे हैं जब स्थल की सफाई की जानी है और पृथ्वी पर न्यायों का आना होना है। समझे? 68. जब तक लोहू वहाँ पर है, परमेश्वर धरती का सर्वनाश नहीं कर सकता है; जब तक लोहू वहाँ पर है, कोई भी परमेश्वर के सम्मुख पापी नहीं है। हर कोई सही है, क्योंकि वहाँ पर हर एक के लिए एक प्रायश्चित-बलि है। परन्तु अगर आप उस प्रायश्चित-बलि को ही ग्रहण करने से चूक जाते हैं, और उसकी उपस्थिति में चले जाते हैं, तो आप एक पापी हैं; आप उस अनुग्रह से परे हैं। तब तो आपने अपना न्याय खुद अपने आप ही कर लिया है। परन्तु अब जब तक वहाँ पर अनुग्रह है…..परन्तु जब उस पवित्र स्थल को साफ किये जाने का समय आता है, तो लोहू अनुग्रह के सिंहासन पर से हट जाता है और उसके बाद परमेश्वर का न्याय पृथ्वी पर आ पड़ता है। ओह, मेरे परमेश्वर, हम पर दया कीजिए; कि हम उस दिन परमेश्वर की दया से रहित न पाये जाये।29अब, हम वहाँ पर देखते हैं…..मैं यहाँ पर इसकी आत्मिक तस्वीर दिखाने की कोशिश करूंगा, या मैं इसे आपके लिए अपने हाथ से चित्रित करूंगा, कि वहाँ पर चारों कोनों में इस्राएल किस प्रकार से छावनी डाले हुए होता था। उन्होंने सन्दूक तो बीचो बीच रखा, और तम्बू के चारों ओर इस्राएल के तीन तीन गोत्र होते थे; और तीन चौके बारह होते हैं या बल्कि चार तिया बारह होते हैं। और उन हर एक तीन का एक प्रधान होता था। और गोत्र का हर एक प्रधान….उनमें से एक रूबेन था; उसने हमेशा ही दक्षिण की ओर पड़ाव डाला था। वह मनुष्य का सिर था। और एप्रैम पूरब की ओर तीन गोत्रों के साथ था, वह बैल था….इसके बाद पश्चिम की ओर यहूदा था, जो कि सिंह है। और उत्तर की ओर दान था, जो कि उकाब था। अब ध्यान दीजिए। क्या आपको वे याद हैं? आप सब को वे भली-भांति याद हैं; हमने उन्हें कैसे चित्रित किया था; एक उकाब; और एक बैल; और एक मनुष्य; और एक सिंह।30अब, आप ध्यान दें; यहूदा पूर्वी फाटक की चौकसी करता है। और मसीह यहूदा के गोत्र का सिंह है। वह पूर्वी आसमानों से नीचे उतरकर फाटक के मार्ग से अंदर प्रवेश करेगा। वह यहूदा के गोत्र से पूर्वी फाटक से आता है। और वह यहूदा के गोत्र का सिंह है।और हमें अपने इस सुबह के सन्देश में यह मालूम हुआ, कि उसे अभी भी यहूदा के गोत्र का सिंह, दाऊद का मूल, दाऊद का प्रारम्भ कहा जाता है। दाऊद एक राजा था; युगानुयुगी….और मसीह सहस्राब्दि में दाऊद के सिंहासन पर विराजमान होता है, जो कि एक अनन्तकालीन राजा है। “एक ऐसा होगा जो दाऊद को कभी विफल न होने देगा।” हाल्लिलूय्याह! “एक ऐसा होगा जो दाऊद को कभी विफल न होने देगा।” परमेश्वर ने इसकी प्रतिज्ञा करके कहा था, “कुछ भी दाऊद को विफल नहीं करेगा; कोई एक भी नहीं!”आप कहते हैं, “आज के बारे में क्या बात है, आज वे यहूदी न्यायी कहाँ हैं?उसके पास अभी भी वंश है, देह के अनुसार मसीह उसका पुत्र है। वहाँ एक है। जो विराजमान है। “दाऊद विफल नहीं होगा।” यह सच है। और मसीह यहूदा के गोत्र का सिंह है जिससे निकल कर दाऊद आया।।31अब, हमें यह मालूम होता है, कि वे पहरूवे थे जो अनुग्रह के स्थल की चौकसी करते थे। वे अनुग्रह के स्थल की चौकसी करते थे। कुछ भी उसके पास नहीं आ सकता था; इससे पहले कि वह अनुग्रह के स्थल पर पहुँच सके, उसे उन गोत्रों को पार करना होता था। इससे पहले कि वहाँ उस छावनी में कोई प्रवेश करे और अनुग्रह के उस स्थल को ले, हर एक इस्राएली छावनी में अपनी जान दे देता था, हर एक आदमी अपनी जान न्यौछावर करने के लिए इच्छुक रहता था। और अब हमें ये मालूम होता है, कि यह पुराने नियम का प्रबंध था।और नये नियम के प्रबंध में हमें ठीक यही बात देखने को मिलती है, कि उसकी अर्थात् अनुग्रह के स्थल की चौकसी की जाती है। ओह, मैं आशा करता हूँ, कि आप इसे समझते हैं। अनुग्रह के स्थल की अभी भी चौकसी की जाती है, उसके अभी भी पहरेदार हैं। हमने यह देखा था, कि वे पहरेदार मत्ती, मरकुस, लूका और यूहन्ना है, वे प्रेरितों के काम की पुस्तक की, उन कामों की जो पवित्र आत्मा के द्वारा प्रेरितों के मध्य में किये गये थे, जो कि नये नियम की…नये नियम की प्रेरितों के काम की पुस्तक है, चौकसी कर रहे हैं। और सुसमाचार के चारों लेखक अर्थात् मत्ती, मरकुस, लूका, और यूहन्ना…वे सारे के सारे अनुग्रह के स्थल की चौकसी यह दिखाने के लिए करते हैं, कि यह परमेश्वर ही है, आज यह पवित्र आत्मा ही है। हर एक पवित्र लेख, मत्ती, मरकुस, लूका और यूहन्ना, उन में से हर एक प्रभु यीशु मसीह के सच्चे सुसमाचार और पवित्र आत्मा के कामों का ही समर्थन करेगा।32अब, जब हम उससे आगे निकलकर जाते हैं, तो यह वह नहीं होता है। परन्तु यह तो सच्चे संदेश का ही समर्थन करता है। जैसा कि हम प्रेरितों के काम 2:38 में देखते हैं, जहाँ कहा गया था, “मन फिराओ और अपने अपने पापों की क्षमा के लिए यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा लो।”और आज उन्होंने बपतिस्मा पाने के लिए पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा का नाम अपना लिया है। इसके लिए वचन का कोई लेख नहीं है। इसकी कोई पृष्ठभूमि नहीं है। इसकी चौकसी करने के लिए कुछ भी नहीं, कोई एक चीज भी नहीं है। आप कहते हैं, मत्ती ने ही इसे कहा था । मत्ती ही इसकी चौकसी करता है, मत्ती 28…2:1- 18 कहता है:अब यीशु मसीह का जन्म इस प्रकार हुआ, कि जब उसकी माता मरियम की मंगनी यूसुफ के साथ हो गई, तो उनके इकडे होने से पहले वह पवित्र आत्मा की ओर से गर्भवती पायी गई।सो उसके पति यूसुफ ने जो धर्मी था और उसे बदनाम नहीं करना चाहता था, उसे चुपके से त्याग देने की मनसा की। जब वह इन बातों की सोच ही में था, तो प्रभु का स्वर्गदूत उसे स्वप्न में दिखाई देकर कहने लगा, हे यूसुफ दाऊद की संतान, तू अपनी पली मरियम को अपने यहाँ लाने से मत डर; क्योंकि जो उसके गर्भ में है, वह पवित्र आत्मा की ओर से है।फिर तो पवित्र आत्मा और पिता परमेश्वर एक ही व्यक्ति है, अथवा उसके दो पिता थे। समझे? अतः आप देखते हैं?वह एक पुत्र जनेगी और तू उसका नाम… यीशु… रखना;…..और यह इसलिए हुआ, ताकि जो भविष्यद्वक्ता… ने कहा था, वह पूरा हो….परमेश्वर हमारे साथ होगा, जो कि इम्मानुएल कहलायेगा; अतः पिता, पुत्रऔर पवित्र आत्मा का एक ही नाम है, जो कि यीशु मसीह है, वही उस फाटक की गलती के खिलाफ चौकसी करता है।33कुछ दिन पहले शिकागो में शिकागो के सेवकगणों की ऐसोसिएयन के सम्मुख ग्रेटर शिकागो में…..मैं जानता था….पवित्र आत्मा ने उस रात मुझे उठाया और मुझे बताया, “खिड़की के पास खड़ा हो ।” कहा, “सेवकगणों का एक दल है। और वे तेरे लिए एक नाश्ते का प्रबंध कर रहे हैं।” बोला, “सावधान रहना, वे तुझ पर इसके ऊपर वार करेंगे।”मैंने कहा, “प्रभु, आपका धन्यवाद!” उसने मुझे दिखाया था, इसकी कहाँ पर व्यवस्था होगी।और मैंने जाकर कुछ प्रचारकों को, भाई कार्लसन और भाई टोमी हिक्स को बताया, कि यह कैसे होगा। मैंने कहा, “जिस जगह के लिए तुम ने ऑर्डर दिया हुआ है, वह उस तरह की नहीं होगी। हम किसी दूसरी ही जगह में होंगे।” उन्हें बताया कि डॉक्टर मैडे कैसे बैठे होंगे, एक अश्वेत व्यक्ति किस प्रकार अंदर आयेगा, वह इस ओर बैठेगा, और उन्हें इन सब बातों के बारे में बताया।34इसके बाद उस सुबह उन्होंने कहा…..मेरे बेटे ने मुझ से कहा; उसने कहा, डैडी, क्या आप वहाँ पर उस झमेले में जा रहे हैं?“मैंने कहा, “मैं वहाँ पर कोई झमेला नहीं करने जा रहा हूँ। मैं तो पवित्र आत्मा से, परमेश्वर के वचन से अभिषिक्त होकर जा रहा हूँ, जब तक वह वहाँ पर है वही अनुग्रह के उस स्थल की चौकसी करेगा।”अतः जब हम वहाँ पर पहुँचे, तो इससे पहले कि उनके पास एक भी बात पूछने का मौका होता, पवित्र आत्मा मुझ से बोला, और कहा, “अब, यही इसे बोलने का समय है।”मैंने कहा, “मैं जानता हूँ, कि आप यहाँ पर क्यों हैं।” और मैंने कहा, “अब, आप, और भाई हिक्स, और आप और भाई कार्लसन, क्रिसचियन बिजनेसमैन के अध्यक्ष, क्या सब कुछ बिलकुल ठीक वैसा ही नहीं है जैसा कि पवित्र आत्मा ने मुझे परसो बताया था, कि तुम्हें वह कक्ष नहीं मिला, और हम यहाँ पर होंगे?” और उन्हें वह बस उसी सुबह ही मिला था। और मैंने कहा, “अब देखो, हर कोई बिलकुल ठीक ठीक वैसे ही बैठा हुआ है जैसे उसने बताया था, कि यह कैसे होगा।” मैंने कहा, जिस बात के लिए तुम मेरे पास पहुँचना चाहते हो, वह बपतिस्मे के लिए यीशु मसीह का नाम है।“35और जब हम….पवित्र आत्मा ही परमेश्वर का वचन लेने लगा और उसका खुलासा और अनुवाद उस प्रकार से करने लगा, कि जब त्रिएकता के मानने वाले सेवकगणों का झुंड़ वहाँ पर बैठा हुआ था, और वे मेज़ के नीचे से एक दूसरे के पास आपने हाथ बढ़ा रहे थे और एक दूसरे से हाथ मिला रहे थे, तो आँसू उनके गालों पर से बह रहे थे। और मैं समझता हूँ, कि उन में से 72 जन यहाँ इस टेबरनिकल में मेरे पास आ रहे हैं, कि मैं उन्हें यीशु मसीह के नाम में बपतिस्मा हूँ।अनुग्रह के स्थल की चौकसी होती है (समझे?)पवित्र आत्मा ही अनुग्रह के स्थल की चौकसी कर रहा है। हमें इसे बिलकुल ठीक वैसा ही रखना चाहिए जैसा….यह हो कि परमेश्वर का वह वचन ही…वे महान संदेशवाहक, मत्ती, मरकुस, लूका, और यूहन्ना जो नये नियम के हर एक कार्य का समर्थन करते हैं, वहाँ पर तैनात हैं…और अब इस सुबह बिलकुल ठीक यही बात मैंने अपने सुबह के, इस सन्देश के पहले भाग में कही थी, हम इसकी वहाँ पर सुसमाचार के द्वारा, इन चीजों के द्वारा ही चौकसी होते रहने दें। समझे? इसे ठीक वहीं पर रखे रहने दें जहाँ पर सुसमाचार इसकी चौकसी करेंगे।36अब, हमें वहाँ पर मालूम होता है, कि वे पुराने नियम में परमेश्वर के अनुग्रह के स्थल की चौकसी कर रहे थे; और वहाँ पर मत्ती, मरकुस, लूका, यूहन्ना तथा वे सब थे। और यहाँ तक कि यूहदा के गोत्र के सिंह ने उस अनुग्रह के स्थल की चौकसी करने के लिए अपने जीवन की आहुति दे डाली, जिससे कि उस पर उसके अपने निज लोहू से छिड़काव हो जाये। और आज इस सुबह वह वहाँ पर एक महान विजेयता बना खड़ा हुआ है जो किसी दिन पूरब से नीचे उतरकर आएगा और हम उसे देखेंगे।37अब, हम जल्दी से निकाल लेते हैं, क्योंकि मैं जानता हूँ, कि बपतिस्मे वाली एक सभा होनी है। यह सात मोहरों की पुस्तक क्या है? ओह, क्या ही महान बात है। क्या आपने ध्यान दिया, कि वह यहाँ पर कैसे कहता है, “उस पर पुस्तक के पीछे सात मोहर लगायी गई थीं।” यह कोई ऐसी बात है…..ओह, अब होने पाये कि परमेश्वर ही हमारी सहायता करे और हमें हिम्मत दे, और हो सकता है, जल्द ही या फिर कभी आगे को मैं इसे आपको समझाऊँ। देखिए, यह तो वचन में भी नहीं लिखी गई है; यह तो वचन के पीछे ही मोहरबंद की गई थी। वह पुस्तक इन सात मोहरों के द्वारा मोहरबंद की गई थी। पुस्तक का सम्पूर्ण गुप्त मनोरथ इन सात मोहरों के द्वारा मोहरबंद है। यह प्रकाशितवाक्य की सम्पूर्ण पुस्तक में सर्वाधिक महान अध्यायों में से एक है। देखिए!और जो सिंहासन पर बैठा था, मैंने उसके दाहिने हाथ में एक पुस्तक देखी, जो भीतर और…. और भीतर लिखी हुई थी…..(वह भीतर से लिखी हुई थी, यही है वह जो इस सुबह हम पढ़ रहे हैं)…और बाहर से लिखी हुई थी, और वह सात मोहर लगाकर बंद की गई थी।(बाइबिल के बाहर, वह जो बाइबिल भी नहीं कहती है, वह यहाँ पर सात मोहरों से मोहरबंद हैः परमेश्वर के गुप्त मनोरथ सात मोहरों से मोहरबंद हैं।)38अब यह क्या है? अब, ध्यान दीजिए! मोहर पूरे किये हुए काम को दर्शाती है, किसी उस चीज को दर्शाती है जिसे पहले से ही जाँचा-परखा, प्रमाणित किया जा चुका है, और उसके बाद उस पर छाप कर दी गई है। कहा है….पवित्र आत्मा के द्वारा मोहर हो जाने के कारण अब हमारे पास हमारे उद्धार का बयाना है। वही हमारे उद्धार का बयाना है।आइये ज़रा एक मिनट के लिए हम वापस चलें….मैंने यहाँ पर वचन का एक लेख लिखा हुआ है….उन में से बहुत सों को लिखा हुआ है; मेरे पास नहीं है……मेरे पास उन सारों को लेने का समय नहीं होगा। आइये हम एक मिनट के लिए इफिसियों की ओर वापस चलें; और इसे इफिसियों के पहले अध्याय में पढ़ें, जिससे आपको इसका असली मतलब समझ में आ जाये।पौलुस की ओर से जो परमेश्वर की इच्छा से यीशु मसीह का प्रेरित है, उन पवित्र लोगों….के नाम जो इफिसुस में हैं….और स्मरण रखिए, यूहन्ना ने यह पत्र इफिसुस के लोगों को सम्बोधित किया…इफिसुस के इन लोगों को के नाम सम्बोधित किया जो मसीह में विश्वासी थे,ये वे थे जिन्हें पौलुस ने प्रचार किया और ऊपर उठाया, और उनका स्वभाव सुसमाचार के अनुसार ढाला। समझे?….मसीह यीशु में विश्वासी….(ये वे हैं जो पहले से ही मसीह में हैं)….लोगों के नाम जो इफिसुस में हैं। हम मसीह में कैसे आते हैं ? एक ही आत्मा के द्वारा हम सभों ने एक ही देह में जो कि मसीह की देह है, बपतिस्मा लिया है।39हमारे पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शान्ति मिलती रहे।हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद हो, कि उस ने हमें मसीह में स्वर्गीय स्थानों में सब प्रकार की आशीषों से आशीषित किया है।अब इसके बारे में सोचिए! उसने हमें सब प्रकार के स्वर्गीय अनुग्रह से, स्वर्गीय आशीषों से आशीषित किया है, जैसा कि हम मसीह यीशु में विश्वासियों के रूप में; चुनी हुई कलीसिया, बाहर बुलाये हुए, अलग किये हुए लोगों के रूप में एक साथ जमा होते हैं। उसने हमें अपने पवित्र आत्मा के द्वारा अंदर मोहरबंद किया है; और अब वह हम पर उन सारी बातों को प्रकट कर रहा है जो हमारे लिए भविष्य में रखी हुई हैं। अब, हम सात मोहरों पर आ रहे हैं।जैसा उसने हमें जगत की उत्पत्ति से पहले उस में चुन लिया, कि हम उसके निकट प्रेम में पवित्र और निर्दोष हों।और अपनी इच्छा की सुमति के अनुसार हमें अपने लिए पहले से ठहराया, कि यीशु मसीह के द्वारा हम उसके लेपालक पुत्र हों।यह क्या ही सुन्दर विचार है!40आइये हम इसे एक मिनट के लिए पढ़ते चले जायें। मैं यहाँ पर विशेष रूप से 12 वें पद पर, और 13वें और 14 वें पद पर आना चाहता हूँ।कि हम जिन्होंने पहले से मसीह पर आशा रखी थी।(भरोसा रखाथा)…, उस की महिमा की स्तुति के कारण हो। और उसी में तुम पर भी जब तुम ने सत्य का वचन सुना, जो तुम्हारे उद्धार का सुसमाचार है, और जिस पर तुमने विश्वास किया, प्रतिज्ञा किये हुए पवित्र आत्मा की छाप लगी।“जब तुम ने विश्वास कर लिया…”ओह, मेरे बैपटिस्ट भाई, आप कैसे कह सकते हैं, कि ऐसा नहीं है? आप कहते हैं, कि जब आपने विश्वास किया आपने पवित्र आत्मा पाया? इसने कहा था, “जब तुमने विश्वास कर लिया उसके बाद तुम पर प्रतिज्ञा किये हुए पवित्र आत्मा की छाप लगी।” ध्यान दीजिए।वह उसके मोल लिये हुओं के छुटकारे के लिए हमारी मीरास का बयाना है, कि उसकी महिमा की स्तुति हो।41अब, इसके बाद हमें यह मालूम होता है, कि मोहर का अर्थ होता है, कि यह परमेश्वर के द्वारा पूरा किया हुआ काम है; यह पहले से ही निपट चुका है। और हर एक विश्वासी पर अनादि से ही इस प्रतिज्ञा के द्वारा छाप हो गई थी, क्योंकि जगत की नेव रखे जाने से भी पहले ही, इससे पहले कि कभी जगत आरम्भ भी होता, हमें लेपालक पुत्र होने के लिए पहले से ही ठहरा दिया गया था। ओह, क्या ही आशा है; यह हमें विश्राम करने के लिए दृढ़ स्थिर व पक्का कर देती है; यह प्राण के लिए एक लंगर बना देती है, ताकि यहाँ-वहाँ उछाले न खाये फिरें; वरन मसीह में लंगर डाल दें; यह एक आशा है जो पक्की है। “जगत की उत्पत्ति से भी पहले हमें ठहरा दिया गया था, कि हम यीशु मसीह के द्वारा लेपालक पुत्र ठहरें ।” ओह क्या ही शानदार बात है! मुझे परमेश्वर के द्वारा पूरा किया हुआ काम प्रिय लगता है।42अब, मैं बस आपको वचन के एक और लेख का हवाला दिये देता हूँ। “जिन्हें उसने पहले से जाना, उन सभों को उसने बुलाया; जितनों को उसने बुलाया, उन सभों को उसने धर्मी ठहराया; जितनों को उसने धर्मी ठहराया, उसने उन्हें महिमा भी दी।” बिलकुल ठीक शुरू में अनादि में ही परमेश्वर ने अपने महान अनन्त मस्तिष्क में अपनी कलीसिया को पहले से देख लिया था और उसे पहले से ही ठहरा दिया था, कि वह यीशु मसीह के द्वारा लेपालक वाली संतान ठहरे, कि वह उन्हें युग के अंत पर अनन्त जीवन दे। क्या ही सुन्दर बात है! भाई नेविल यह मुझे बड़ी ही अच्छी सी अनुभूति कराती है। अतः बस…यीशु मसीह के लोहू के द्वारा लेपालकपन होता है….

43अब, आप ध्यान दें जबकि हम आगे बढ़ते चले जाते हैं। अब, हम जानते हैं, कि यह एक पूरा किया हुआ….हमें तो मेमने के साथ ही पहले से ही ठहरा दिया गया था। पवित्र आत्मा ही हमारी मोहर(छाप) है। “बयाने” का अर्थ होता है, और भी ज्यादा अभी आना बाकी है। इस समय हमारे पास केवल उसका बयाना ही है। बयाना तो सिर्फ पेशगी..(किसी काम के लिए पहले से दिया गया थोड़ा सा रूपया पैसा) ही होता है…(ओह क्या ही सुन्दर बात है!)….यह तो बस एक पेशगी होती है। जो इसे थामे रहती है, और इसे सुरक्षित रखती है, और इसे दृढ़ता से थामे रहती है, ताकि कोई दूसरा इसे छू भी न सके। यह हमारे लेपालकता का बयाना है। आमीन! इस समय पवित्र आत्मा हमारे हृदयों में परमेश्वर का बयाना(छाप) है, मार्ग के अंत पर पुत्रों का लेपालकपन होना हमारी राह देखता है कि हम परमेश्वर के पुत्र व पुत्री ठहरें।44आइये हम जल्दी से वचन का एक और लेख निकालें, मैंने यहाँ पर इसे इस दूसरे पेज़ पर लिखा हुआ है। रोमियों 8:22, मैं सोचता हूँ, यह खूबसूरत है। कल अध्यनन करते हुए मैंने एक प्रकार से वचन के कुछ लेखों को लिख लिया था जिनका मैं यहाँ पर हवाला देना चाहूँगा।… हम जानते हैं, कि सारी सृष्टि अब तक मिलकर कहरती और पीड़ाओं में पड़ी तड़पती है।और केवल वही नहीं, पर हम भी जिन के पास आत्मा का पहिला फल है, आप ही अपने में करहते हैं; और लेपालक पुत्र होने की, अर्थात् अपनी देह के छुटकारे की बाट जोहते हैं।ओह, क्या आप इसे देखते हैं, पौलुस ने कहा था, “सारी सृष्टि करहती है।” हर एक चीज करहा रही है।। वृक्षों को देखिए, कि वे किस प्रकार संघर्ष करते हैं। फूलों को देखिए, कि वे जीवन के लिए किस तरह से जद्दोजहद करते हैं, उस पाले से संधर्ष करते हैं जो उन्हें फाड़ डालता है। पेड़ों को देखिए, कि वे परमेश्वर के लिए महिमा गान गाने के लिए अपनी शाखाओं को बाहर निकालकर थामें रहने के लिए किस तरह से जद्दोजहद करते हैं। समझे? सभी चीजें, सारी प्रकृति, सारे पशु, सारे पक्षी, सारी चीजें करहा रही हैं, कैसे वह बैरी से बचने के लिए जल्दी से उड़ जाती हैं। और दूर चली जाती हैं। पौलुस ने कहा था, “और हम भी उनके साथ करहाते हैं, क्योंकि हम अपनी देह के छुटकारे की बाट जोहते हैं।”45परन्तु अब, अब… वे इस समय तक उन सारे वर्षों में रहे हैं, अब हमारे पास हमारी मिल्कियत का बयाना है। ओह, मेरे खुदा! हमारे पास क्या है? हमारे पास इस बात का प्रमाण है, कि परमेश्वर जिन्दा रहता है। हमारे पास इस बात का प्रमाण है कि परमेश्वर हमारे साथ है। हमारे पास इस बात का प्रमाण है, कि परमेश्वर ने हमें त्यागा नहीं है; हम उसके हैं और वह हमारा है, क्योंकि हम…अपनी देहों में परमेश्वर के पवित्र आत्मा का डेरा कराते है जो पुकार कर कहता है, “हे अब्बा, हे पिता।” और कुछ भी ऐसा नहीं है जो उसे छीन सके। हमारा लंगर तो मसीह में डला हुआ है।अब, पेड़ों के पास यह नहीं है; प्रकृति के पास यह नहीं है;, लेकिन फिर भी हम अभी भी उनके साथ करहा रहे हैं, क्योंकि हमें अभी तक हमारे लेपालकता की परिपूर्णता प्राप्त नहीं हुई है। हमारे पास तो केवल उसका बयाना मात्र ही है; कि हमें संसार की वस्तुओं से ऊपर उठाया गया है, और हम परमेश्वर के पुत्र व पुत्री बन गये हैं। हमें किस तरह के लोग होना चाहिए? और ओह, मेरे खुदा; जब हम इसके बारे में सोचते हैं…..इसके बारे में सोचिए!अब, हमारे पास बयाना है; हमारी आत्मा पूर्ण लेपालकता के लिए करहा रही है, परन्तु अब हमारे पास इसका बयाना मात्र ही है। जैसा कि हमें पवित्र आत्मा मिलता है, यह हमारे सम्पूर्ण छुटकारे का या हमारे सम्पूर्ण उद्धार का बयाना है। ओह, कितनी सुंदर बात है। मुझे यह बात बस बहुत अच्छी लगती है। यह बिलकुल ठीक बात है।46हम लेपालकता की भरपूरी की बाट जोह रहे हैं। ऐसा कब होगा? पहले पुनरूत्थान पर! तभी ऐसा होता है, कि हमारी ये देह इन तुच्छ-भ्रष्ट रचनाओं से जो कि हम हैं बदल जाएंगी, और हमारे पास उसकी महिमामय देह जैसी ही देह होगी, क्योंकि हम उसे वैसा ही देखेंगे जैसा वह है; और हम उसकी समानता में होंगे। जब वह दृष्टिगोचर होता है; तो हम उसकी समानता में ही दृष्टिगोचर होंगे। हमारे पास उसकी जैसी ही एक महिमामय देह होगी, और जीवन की सारी आज़माइशें और जद्दोज़हद -संघर्ष एक हल्की सी धुंध में धूमिल हो जायेंगे, और चकनाचूर होकर दूर हो जायेंगे; कि बिलकुल भी कदापि न रहें।और ये पृथ्वी डेरा सरीखा घर जिसमें हम अब करहाते हैं, जिसमें हम उस बयाने की बाट जोहते हैं….उद्धार का वह बयाना पूरी तरह से अपनी परिपूर्णता में आना है। परन्तु इस समय मिट्टी के इन डेरों में हमारे पास कोई ऐसी चीज है जो हमें बताती है, कि हम इतने ऊपर उठ चुके हैं। आमीन! बयाना क्या है? भाई डाऊच यह एक पेशगी होती है जो इसे थामे रहती है। यही बयाना होता है। अब, जबकि एक बार को हम संसार की चीजों से प्रेम करते थे, एक बार को जब हम पाप करते थे, और संसार के कार्य-कलाप करते फिरते थे, और परमेश्वर की फ्रिक नहीं करते थे, हम संसार में उससे अनजान थे, हम परमेश्वर रहित थे, हम मसीह रहित थे, अब परमेश्वर ने अपना पवित्र आत्मा भेजा और उसके द्वारा हमें उन कार्यकलापों से ऊपर उठाया गया है। अब, हमारे पास बयाना है, कि हम जानते हैं, कि हम मृत्यु से पार होकर जीवन में आ चुके हैं। आमीन!ये रही वह बात; जैसाकि मैं इसे उसके जैसे ही दिखाने की चेष्टा कर रहा हूँ। जैसा यहाँ पर होता है। यहीं है जहाँ पर एक आम पापी दौड़ता हुआ नीचे तलहटी की ओर जाता है। अब, एक मसीही इससे थोड़ा सा और ज्यादा ऊपर जाता है; बेकार की इन सब बातों से ऊपर उठता है; यही तो उद्धार का बयाना है।47अब, जिससे आप यह जान जायें जब…..दर्शन आपके साथ क्या करते हैं। मेरी बड़ी मदद करते हैं…..चूंकि परमेश्वर ही मेरा न्यायी है; मेरा कभी भी यह ध्येय नहीं रहा है, कि कोई और देखें। यदि वह दिखाई देता है, तो मैं उसे अपने तक ही सीमित रढुंगा (समझे?) क्योंकि मैं देखता हूँ, कि यह क्या करता है। लोग इस प्रकार की सेवकाई के लिए तैयार नहीं रहते हैं; अतः आपको इसे जाने देना होता है (समझे आप?) यहाँ पर वापस जाने देते हैं। अगर मैं कभी क्षेत्र में फिर से वापस आता हूँ, तो मैं एक प्रचारक होऊँगा। परन्तु यहाँ देखिए! यहाँ इस पर…..यहाँ वापस आने पर….यहाँ ऊपर….आप इस आसमानी मुकाम में ऊपर चले जाते हैं। आप वहाँ पर उन आयामों में इधर-उधर रह रहे होते हैं। आप किसी भी उस चीज से परे चले जाते हैं जिसके बारे में इन्सान सोच सकता है; आप उन में से किसी भी बात से परे चले जाते हैं। और यह आपको वहाँ पर उन क्षेत्रों में ऊपर लेकर आता है।48परन्तु आप देखते हैं, अब हमारे पास पवित्र आत्मा के द्वारा हमारी मिल्कियत का बयाना है; क्योंकि हमें संसार की बातों से ऊपर उठाया जा चुका है; और हम संसार के साथ साथ चलते तो हैं, पर हम संसार से ऊपर हैं। ओह, भाई नेविल, परमेश्वर दया करे और जीविते परमेश्वर की कलीसिया को प्रदान करे….जब कभी हम एक ऐसी स्थिति पर आते हैं, कि सोचें, एक कलीसिया; एक सुन्दर कलीसिया है, तो हम उसकी तुलना संसार की वस्तुओं से करने की चेष्टा कर रहे होते हैं। हम कोशिश कर रहे होते हैं, कि हमारे पास उन से बेहतर बास्केटबॉल की टीम हो जो उनके पास है। हमारे पास एक और भी ज्यादा आलीशान इमारत हो। हमारे पास और भी बढ़िया बैंको खेल हो। हमारे पास तो यह बेहतर, वह बेहतर या ऐसा ही और कुछ बेहतर हो। क्यों, कैसे कभी हम उसकी तुलना संसार की तड़कभड़क और चमक-दमक से कर सकते हैं। हम नहीं कर सकते हैं….सुसमाचार एक चमक-दमक नहीं है; यह तो दहक कर उजाला देनेवाला होता है। चमक दमक और दहक कर उजाला देने में एक अन्तर होता है। देखिए,49जैसाकि मैंने कहा है, हम एक—एक मरी हुई लोथ को लेकर यहाँ – वहाँ जा रहे होते हैं। एक मुरदाघर से दूसरे मुरदाघर जा रहे होते हैं; सदस्यता तथा ऐसी ही चीजें बदल रहे होते हैं। ठीक है, इससे हमारा क्या भला होता है? और हम इसे भड़कीला बनाने की चेष्टा कर रहे हैं, बड़ी बड़ी आलीशान मीनारें, बड़े बड़े आलीशान भवन बनाने का प्रयास कर रहे हैं। हमारे पास तो मैथोडिस्ट से या बैपटिस्ट से एक बेहतर स्थल होना होता है; और हम सब मिलकर कैथोलिक से होड़ करने की कोशिश करने में लगे हुए हैं; और हमारे पास हमारे बैन्को गेम और पार्टियाँ और भोज और मनोरंजन तथा और सब कुछ होता है।इस कलीसिया की तुलना संसार से कभी नहीं की जा सकती है। कैसे आप और आपकी कलीसिया के मनोरंजन मैसोनिक लॉज या उन लोगों से जो मनोरंजन कर सकते हैं, होड़ कर सकती हैं? वे तो उनके स्थल हैं। उनके स्थलों पर कभी भी जाने की चेष्टा न करें।50परन्तु हमारे पास कोई ऐसी चीज है जो उनके पास नहीं है। हमारे पास यीशु है। यदि वे कुछ चीज चाहते हैं, तो यह हो कि वे यहाँ पर आयें। मसीह में बने रहो। हमारे पास यीशु मसीह है। वे नहीं ले सकते हैं…..उनके पास तब तक यीशु नहीं हो सकता है जब तक कि वे यहाँ पर नहीं आ जाते हैं। और जब हम वहाँ पर चले जाते हैं, तो हम उसके स्थल से ही बाहर हो जाते हैं।चमचमाने की कोशिश न करें : दहकें। और आप दहक कर उजाला नहीं दे सकते हैं; आपको तो ऐसा करने देना होता है, कि वही आप में से होकर दहक कर उजाला दे। समझे?एक नन्हा जुगनू होता है, वह इसलिए दहक कर उजाला नहीं देता है, क्योंकि वह दहक कर उजाजा देना चाहता है; वह तो अपने आप ही दहक कर उजाजा देता है; उसके अंदर कोई ऐसी चीज होती है जो दहक रही होती है। यह तो खुद उसके अंदर होता है; वह खुद अपने आप ही ऐसा कर रहा होता है; कोई चीज उसके अंदर ऐसी होती है जो उस के ज़रिये दहक कर उजाला दे रही होती है।ठीक है, बिलकुल ठीक ऐसा ही पवित्र आत्मा के साथ होता है। हमें विचित्र सा, अलग किस्म का सा, “किसी से बढ़कर होना” बनना नहीं होता है; अपने को मुक्त छोड़ दें और एक भक्ति भरा जीवन व्यतीत करें और बस परमेश्वर ही आप में से होकर जी रहा हो। यही सुसमाचार के लिए दहक कर उजाला देता है। समझे? तड़क-भड़क नहीं; तड़क-भड़क तो बंदरों से उस प्रकार के कार्यकलापों पर उछाले लगवाता है…..कोई भी चीज जो तड़क भड़क कर चमचमाती है ऐसा ही करवाती है। आप जानते हैं, वे हमेशा ही किसी उस चीज के लिए उछाले मारते रहते हैं जो तड़क भड़क कर चमकती है। परन्तु दहक कर चमकना तो पवित्र आत्मा की एक कोमल, मृदुल मधुरता होती है।

51अब, हम उसी पुनरूत्थान की बाट जोह रहे हैं। परन्तु अब, क्या आप समझते हैं? यदि आप समझते हैं, कि मेरा बयाना कहने से क्या तात्पर्य है, तो आप आमीन कहें। हम हो चुके हैं….हम…हम मृत्यु से पार होकर जीवन में आ चुके हैं, क्योंकि हमें ऊपर उठाया जा चुका है। हम खुद अपने में ऊपर नहीं उठ चुके हैं, वरन हम तो दुनिया की बातों से ऊपर उठ चुके हैं; कि हम सब लोगों से प्रेम करते हैं। और परमेश्वर हम से प्रेम करता है, और हम यह जानते हैं। और हम अपने जीवनों पर दृष्टि डालते हैं। और देखते हैं, कि ऐसा करनेवाला पवित्र आत्मा ही है, क्योंकि हम संसार की बातों की ओर ज्यादा परवाह नहीं करते हैं। समझे? आप ऐसी ही स्थिति में हैं। जब तक आप संसार से या संसार की बातों से प्रेम करते हैं, परमेश्वर का प्रेम आप में अभी भी नहीं है। समझे? परन्तु जब तक आप उससे ऊपर उठे हुए होते हैं, तो आप जानते हैं, कि आप के पास आपकी मिल्कियत है (समझे?)…आप…आप अपने सम्पूर्ण छुटकारे की ओर अग्रसर हुए चले जाते हैं।और अब देखिए, वह नहीं आएगा (समझे आप?) जब तक कि हम पहले….हमें पहले अवश्य ही यीशु को देखना चाहिए। और जब वह आता है, तो हमारे पास एक देह होगी जो उसकी देह की जैसी होगी; और हमें उसकी समानता में बना दिया जाएगा। यह बिलकुल ठीक बात है।52अब, हम किसी उस बात को देखते हैं जो यहाँ खो चुकी थी(क्योंकि बाइबिल ऐसा ही कहती है; और यह बात यहाँ पुस्तक में है)…कि—कि हमें छुड़ा लिया गया है। हमें किस से छुड़ा लिया गया है? अवश्य ही हमने किसी चीज को गवां दिया था। इससे पहले कि हमारा छुटकारा किया जा सकता होता, कोई ऐसी चीज अवश्य ही होनी थी जिसे छुड़ा कर हमारे पास वापस लाया जाता। और वह सारी मिल्कियत जो हमारे पास थी उसे छुड़ाकर वापस लाया जाये …जा चुका है। फिर तो अवश्य ही कोई ऐसी चीज थी जो एक बार को हमारे पास थी जो अब हमारे पास नहीं है; उसे ही यह मेमना छुड़ाने के लिए आता है। समझे? कोई ऐसी चीज हमारे पास थी जिसे हम ने खो दिया था।53अब ध्यान दीजिए! हमने क्या खोया था? ठीक है, यह आदम को दिया गया था, कि उसके पास अनन्त जीवन हो; जब तक कि वह वृक्षों से खाता उसके पास अनन्त जीवन था। और इसके बाद हम फिर से यह ध्यान देते हैं, कि आदम…वह…वह पृथ्वी का हकदार था। वह पृथ्वी पर एक छोटे परमेश्वर (amateur god) के जैसा था। पृथ्वी उसकी थी। सब कुछ उसके हाथ में दिया गया था; वह इसके साथ जो चाहे कर सकता था। उसने इसका नाम रखा था; और उसने इसका नाम लेकर बुलाया था; और उसने वह सब किया जो वह करना चाहता था। वह सचमुच में परमेश्वर का एक पुत्र था।अब देखिए, जब आदम गिरा तो उसने उस सार वसीयत नामे (Title Deed) को जब्त करवा दिया था। उसने इसे शैतान के पास जब्त करवा दिया था। शैतान ने वह सार वसीयत नामा ले लिया था। आदम बहुत ही सुस्त था, और उसने अपना अधिकार छुड़ाया नहीं था, क्योंकि वह अपना अधिकार छुड़ा नहीं सकता था। परन्तु शैतान जिसने इसे विधिवत् अपने कब्जे में नहीं लिया है; परन्तु वह उसे अपने पास धरता है; वह इस पृथ्वी का ईश्वर है। बाइबिल ऐसा ही कहती है। वह उस पर अधिकार रखता है। इसलिए नहीं, क्योंकि वह…क्योंकि वह…वह उसे विधिवत् रूप से पाता है, परन्तु वह उस पर अधिकार रखता है। अब, क्या आप इसे समझे गये हैं? शैतान उस पर अधिकार रखता है; वह उसे अपने काबू में रखता है। मृत्यु उसके हाथ में है, पृथ्वी उसके हाथ में है; संसार उसका है, हर एक राष्ट्र (राज्य) उसी का है, वह सारे संसार पर और उस सब पर जो कुछ भी संसार में है शासन करता है और उसे चलाता है; शैतान ऐसा करता है।54परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, कि हम इस संसार के नहीं है। समझे? अतः अब आप ऐसी ही स्थिति में हैं। समझे? और हम…मेरा तात्पर्य कलीसिया से नहीं है; वह कलीसिया पर अपना नियंत्रण नहीं रखता है। वह तो संसार को ही अपने काबू में रखता है। वह कहता था, कि वे उसके थे, और वह संसार का ईश्वर था। यीशु ने कहा था, कि वह था, और वह है। “वह इस जगत का ईश्वर है जिसने लोगों की आँखों को अंधा किया हुआ है।” वह पृथ्वी का ईश्वर है। यीशु स्वर्ग का परमेश्वर है। और वह(शैतान) सही तौर पर इसका मालिक नहीं है। वह इसका असली मालिक नहीं है। परन्तु उसने तो इसपर छल से कब्ज़ा कर लिया था।और आदम ने वसीयत नामे को …..इसे….इस सारी चीज को जो हमारी है; अनन्त जीवन को तथा पृथ्वी पर वारिस होकर अधिकार करने को जब्त करवा डाला था। यीशु ने मत्ती 5 में कहा था, “धन्य हैं, वे जो नम्र हैं, वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे।” समझे? अब; इस समय यह हमारे पास नहीं है।और देखिए, आदम या उसके किसी भी वंश का इस पर अधिकार नहीं रहा था। आदम के वंश ने भी पूरी तरह से हर एक चीज की हानि उठायी थी। यह आदम का वंश नहीं था जिसने इसे गवां था। इससे कोई मतलब नहीं है, कि हम इस संसार को कितना ज्यादा सुन्दर बनाने का प्रयास करते हैं, और बड़े बड़े आलीशान घर बनाने का कितना प्रयास करते हैं; यह अभी भी आदम के वंश की नहीं है। जी नहीं, श्रीमान! यह आदम के वंश को नहीं मिल गई थी; जी नहीं, श्रीमान; क्योंकि शैतान ने इसे जब्त कर लिया था और यह पत्थरीली, कँटीली भरी और बंजर हो गयी थी। यह सच है, आदम ने इसे जब्त करवा दिया था- इसे गवां दिया था।।55अब, ओह, मेरे खुदा! जी हाँ, बहुत सी बातें कहीं जा सकती हैं। अब मैं…मैं आपका बहुत ज्यादा समय नहीं लेना चाहता हूँ, क्योंकि हमें बपतिस्मे देने हैं। बिलकुल ठीक है।वह इस पर अधिकार तो रखता है, परन्तु उसने इसे सही रीति से हासिल नहीं किया है; शैतान ऐसा ही करता है। जब सही मालिक ने…सही वाले मालिक ने….मालिक ने इसे खो दिया था; तो केवल एक ही तरीका होता है जिससे इसका छुटकारा हो सकता है। अब, ऐसा निकट कुटुम्बी के द्वारा ही हो सकता है; वही एक मात्र ऐसा होता है जो इसे विधिवत् सही तरीके से छुड़ा सकता है। अब, वास्तव में हमें यह बात यीशु मसीह के कुंवारी के द्वारा जन्म लेने में मिलती है।56अब, मैं यहाँ पर कोई बात कहना चाहता हूँ। अब वह पहली बात जिस पर हम वापस लौटना चाहते हैं—वह है…..अगर हम यहाँ पुराने नियम में वापस लौटते हैं; (मैं सोचता हूँ, कि मैंने इसे यहीं कहीं पर लिखा हुआ है; यह लैव्यव्यवस्था 25 है। आप जो इसे उतार रहे हैं, आपको लैव्यव्यवस्था 25: 23 और 24) में छुटकारे के नियम मिल सकते हैं। किसी चीज का छुटकारा करना, जब मनुष्य….जब परमेश्वर ने इस्राएल को यह दिया था….उसकी भूमि का बटवारा यहोशू के ज़रिये करवाया था; हर एक गोत्र और हर एक व्यक्ति को एक भूमि दी गई थी; ठीक है, किसी भी व्यक्ति की सन्ताने उसकी उत्तराधिकारी हुई जिसका वह अधिकारी था।अब, यदि यह वाला व्यक्ति गरीब हो गया और दूसरे व्यक्ति के पास किसी चीज को गवां बैठा, तो यह होता….और उसका छुटकारा केवल एक ही तरीके से हो सकता था; जो कि निकट कुटुम्बी के द्वारा ही होता था। परन्तु आखिरकार उसे अवश्य ही छुड़ाया जाना चाहिए था। यह वाला व्यक्ति तो उसे किसी निश्चित समय तक अपने पास धरे रहता है। उसे अवश्य ही अपने मूल स्वामी के पास वापस आना चाहिए। यह सही बात है। उसे अवश्य ही अपने मूल स्वामी के पास वापस लौटकर आना चाहिए…..यदि वे यहूदा के गोत्र से बाहर के थे….यदि ऐसा था…..यदि वह वहाँ पर था; और इसे उसके पिता को दिया गया था, तो यह उसके लिए थी, या कोई निकट कुटुम्बी उसे ले सकता था। परन्तु अब; उसके अलावा कोई भी विधिवत् तरीके से……नहीं कर सकता था…..वे उसे अपने कब्जे में तो रख सकते थे; वे इस पर उस वसियतनामे को अपने कब्जे में रख सकते थे। वे वसियत को अपने पास कब्जे में तब तक रख सकते थे जब तक कि कर्ज़ चुकता नहीं कर दिया जाता था; परन्तु जब सही इंसान आगे आता है, तो वह व्यक्ति जो….57मैं उदाहरण के लिए यह कहता हूँ; यदि मैं ज़मीन के एक टुकड़े का मालिक हैं; और मैं उसे गवां बैठा हूँ और उसे भाई नेविल को जो यहदा के गोत्र से बाहर के हैं, बेच देता हूँ,या हो सकता है, कि उसे किसी पराये को बेच देता हूँ…..और वह अधिकारपूर्वक उसपर अधिकार रखता था, वह उसका मालिक था; वह वहाँ अंदर आकर खेती बाड़ी कर सकता था और उसके उत्पादनों को ले सकता था, तथा ऐसी ही और दूसरी वस्तुओं को ले सकता था; परन्तु सच में वह उस वसियत को गिरवी रखे रहता था। “वह उसका मालिक नहीं हो सकता था; इस्राएल में यही नियम था। अब, आप इसे पढ़ें—इसे पढ़ें; इसे लैव्यव्यवस्था

25 में पढ़ें; और आप देखेंगे, कि वह अधिकारपूर्वक उसका मालिक नहीं हो सकता था; वह तो बस उसे अपने कब्जे में रखता था।58ठीक है, अब उदाहरण के लिए देखिए; मेरा बेटा चाहता था….वहाँ पीछे बिली है, वह चाहता है मेरा लेना…..आकर इस जगह को खरीदना चाहता है; ठीक है, तब तो पराये जन या भाई नेविल या—या— जो दूसरा व्यक्ति उस पर कब्जा किये हुए है; उस वसियते को कब्जे में धरे हुए था…..अब, यदि यह मेरा अगला निकट कुटुम्बी था, इससे मेरा खून का रिश्ता था; तो यह इसे और ज्यादा देर तक नहीं रख सकता था। जी नहीं, श्रीमान! जब वह दाम चुका दिया गया, तो उसे इसे वापस करना ही था। जी हाँ, श्रीमान!जब वह उसे देता है, तो वह बतलाता है; जमीन के इस टुकड़े के लिए पच्चीस डॉलर ।“ ठीक है, इसके बाद भाई टोनी आते हैं, और कहते हैं, ”भाई नेविल, मैं भाई ब्रन्हम की सम्पत्ति खरीदूंगा।“ वो ऐसा नहीं कर सकते।भाई नेविल कहेंगे, “जी नहीं, श्रीमान, मैं इसे बेचना नहीं चाहता हूँ।”“ठीक है, तुम इसके लिए क्या दोगे?”“पच्चीस हजार डॉलर!”“ठीक है, मैं आपको पैंतीस हजार डॉलर दूंगा। मैं आपको फंलाफंला दूंगा।”“मैं इसकी परवाह नहीं करता हूँ, कि तुम क्या देना चाहते हो। मैं इसे बेचना ही नहीं चाहता हूँ; मैं तो इसे रबँगा।”परन्तु बिली पॉल आ सकता है और कह सकता है, “मैं अपने डैडी की ज़मीन-जायदाद लेना चाहता हूँ, ये रहे आपके पच्चीस हजार डॉलर ।” उन्हें उसे वह देनी ही होगी, क्योंकि यह एक नियम था। यह सही बात है।ओह, हाल्लिलूय्याह! मैं आशा करता हूँ, कि तुम मसीहियों इसे समझते हो। हम पृथ्वी के नमक हैं। परमेश्वर ने इसे अपने पुत्रों को दिया। उसने हमें सारी प्रकृति, सारे पशु और सारे जीवन का जो सभी जगह है, न्याय करने का अधिकार दिया। परन्तु आदम ने, हमारे पिता ने इसे शैतान को जब्त करा दिया । परन्तु यह कहाँ पर वापस चली जाती है? सही स्वामी के पास; परमेश्वर के पास जिसने इसे बनाया था। आमीन!59इसमें कोई आश्चर्य नहीं है, कि यूहन्ना ने कहा था, कि वह फूट फूट कर रोया था; क्योंकि वह ऐसा कोई भी इंसान नहीं पा सका, जो इसका छुटकारा करने के योग्य हो। वह मनुष्य योग्य होना चाहिए। यूहन्ना ने कहा था, “मैं फूटफूट कर रोया, जब कोई उस पुस्तक को लेने, या उस पर दृष्टि डालने, या उसकी मोहरों को तोड़ने के योग्य नहीं था।” उसने कहा था, “क्यों, ना तो स्वर्ग में कोई ऐसा मनुष्य था, ना ही पृथ्वी पर कोई ऐसा मनुष्य था, ना ही पृथ्वी के नीचे कोई ऐसा मनुष्य था; कहीं पर भी कोई ऐसा मनुष्य नहीं था।” कोई मनुष्य नहीं।अब, उसने स्वर्गदूतों का कभी अपमान नहीं किया था। याद रखिए, यह पृथ्वी स्वर्गदूतों को नहीं दी गई थी। यह तो मनुष्यों की ही पैतृक-सम्पत्ति है। यकीनन, जिब्राइल योग्य था, कोई दूसरा योग्य था; हो सकता है, कि मिखाईल योग्य हो; ऐसा न हो……हो सकता है, कि वह ऐसा करने के योग्य हो; परन्तु कोई भी मनुष्य योग्य नहीं था। समझे? और यूहन्ना ज़ारज़ार रोया।किसी ने कहा था, “वह इसलिए रोया, क्योंकि उसने स्वयं अपने को योग्य नहीं पाया था।” यह ऐसी बात नहीं है।वह तो ऐसा मनुष्य था जो पवित्र आत्मा के प्रभाव में था; वह इस प्रकार की गलती नहीं कर सकता था। परन्तु यह वह नहीं था जो अयोग्य था; उसने किसी को भी योग्य नहीं पाया था।60अतः ठीक इसके बाद ही उसने कहा था; “एक प्राचीन आगे आया; या एक बली स्वर्गदूत आगे आया और बोला, ”मत रो; क्योंकि यहूदा के गोत्र का सिंह (आमीन!), दाऊद का मूल जयवंत हुआ है।“ आमीन! दूसरे शब्दों में उसने जय पायी है। ”और वही इस पुस्तक को लेने के योग्य है।“ आमीन!स्मरण रखिए, इस समय तक उसने उसे नहीं देखा था। क्यों? वह आसीन था…वह वहाँ अंदर सिंहासन पर; परमेश्वर के सिंहासन पर बैठा था। वह अन्दर पवित्र स्थल पर था। उसने उसे इस समय तक नहीं देखा था; अतः यूहन्ना इस बात की आस लगाये हुए था, कि एक—एक सिंह बाहर निकलकर आएगा; परन्तु उसने एक मेमना देखा।61भाइयों, ठीक ऐसी ही बात है। नम्रता, मधुरता के द्वारा; पवित्र आत्मा के द्वारा हम जो जयवंत होते हैं; वह नहीं जो बहुत बड़े बलशाली बौद्धिक दानव हैं, वरन वह जो अपने आप को नम्र बना सकता है, वही ऐसा मनुष्य है जो जयवंत होता है। वह मनुष्य जिसे इधर-उधर दुलत्ती मारी जा सकती है, और फिर भी वह मसीह का एक सेवक होता है, वही जयवंत होता है।अब, उसने कहा था, “वह जयवंत हुआ है।” वही इस पुस्तक को लेने और खोलने और उसकी मोहरों को तोड़ने के योग्य है।अब, हम कुछ समय बाद, हो सकता है आज तो नहीं; मगर हम यह मालूम करने जा रहे हैं, ये सात मोहरें क्या क्या संजोय हुए हैं, उन में क्या क्या पाया जाता है।62अब, आइये हम थोड़ी के लिए छुटकारे पर ही चर्चा करें। इससे पहले…इससे पहले कि यह व्यक्ति इसे छुड़ा सकता हो; पहली बात यह होती थी, उसे योग्य होना होता था; उसे सही किस्म का व्यक्ति होना होता था। अतः यह तब पूरा हुआ था जब यीशु मसीह ने एक कुंवारी से जन्म लिया था; क्योंकि वह परमेश्वर था। वह स्वयं परमेश्वर था जो एक मनुष्य बना था; वह मानवीय देह में परमेश्वर था। उसे ही योग्य होना था; और यीशु मसीह के निष्पाप -निष्कलंक लोहू ने ही उसे योग्य बनाया था। अब हमें यह मालूम होता है….यदि आप इस पर वचन के लेख को जानना चाहते हैं, यह पहला पतरस 1:8 से 20 तक है; यदि आप वचन के लेख नोट कर रहे हैं, तो आप नोट कर लें। उसे योग्य होना था। और वही योग्य था, क्योंकि उसने मनुष्य का रूप धारण किया था। वह एक मनुष्य बना था। परमेश्वर हमारा निकट कुटुम्बी बन गया था। और तब हमें वहाँ पर परमेश्वर का यह खूबसूरत भाग देखने को मिलता है, कि यहोवा देहधारी हुआ और उसने योग्य जन के रूप में हमारे मध्य में डेरा किया। आमीन!वही जयवंत हुआ। परमेश्वर ने मानवीय देह का रूप धारण किया; वह पृथ्वी पर आया; वह एक छोटे से बालेक के रूप में जन्मा और हमारे मध्य में चला-फिरा, और वह अपने पवित्र लोहू के द्वारा जयवंत हुआ।63अब देखिए, पुराने नियम में किसी व्यक्ति ने अपने बारे में घोषणा करके कैसे बताया था; उसने क्या किया था? वह एक प्राचीन को….दस प्राचीनों को लेकर फाटक पर गया और उसने इस बात से अवगत कराया, कि वह उसे छुड़ाने के लिए जो उसने खो दिया था, क्या कर रहा था; और दिखाया, कि वह कौन था, और उसने एक गवाही दी थी। हमें यहाँ पर इस पर रूत और उसके कुटुम्बी बोअज़ पर एक बड़ी ही खूबसूरत गाथा मिलती है (जैसाकि मैंने यहाँ पर एक छोटा सा लेख लिख लिया था जिससे मैं इसे भूल न जाऊँ, जैसाकि मैं इस सुबह अधीर-बेचैन था) अधिक समय नहीं हआ है जब हमने इसका अध्ययापन किया था।64मैं चाहता हूँ, कि अब आप इस विश्राम करने की तीन प्रवस्थाओं पर ध्यान दें। मैं आप से यह चाहता हूँ, कि आप कलीसिया के विश्राम करने पर ध्यान दें; यह बिलकुल ठीक वैसी ही बात है। अब देखिएगा! सबसे पहले हम इसे देखते हैं, जैसाकि हमने “छुड़ानेवाला निकट कुटुम्बी” नामक सन्देश का अध्ययन करते हुए देखा है। परमेश्वर देहधारी हुआ, ताकि छुड़ानेवाला बने। वही यहाँ पाँचवे अध्याय में एक ऐसा था जिसके लिए पाँचवे अध्याय में यह कहा गया था….और न स्वर्ग में, न पृथ्वी पर, न पृथ्वी के नीचे कोई उस पुस्तक को खोलने या उस पर दृष्टि डालने के योग्य निकला। और मैं फूटफूट कर रोने लगा, क्योंकि उस पुस्तक के खोलने, या उस पर दृष्टि करने के योग्य कोई न मिला।और तब उन प्रचीनों में से एक ने मुझ से कहा, मत रो; देख, यहूदा के गोत्र का वह सिंह, जो दाऊद का मूल है, उस पुस्तक को खोलने और उसकी सात मोहरों को तोड़ने के लिए जयवंत हुआ है।….(वही एक ऐसा है; वही एक ऐसा है जिसे हम देख रहे हैं)..65ध्यान दीजिए, कि कैसे रूत…कैसे…निओमी…बोअज़ इसकी एक सिद्ध तस्वीर है। कैसे निओमी अकाल के समय में कलीसिया को छोड़कर चली गई थी; वह अपना देश छोड़कर मोआबी देश में रहने के लिए चली गई थी; वह भटकती फिरी थी। और जो कुछ भी उसका था, उसने उस सब की वहाँ पर हानि उठायी थी। और जब वह चली गई थी; उसका पति अलीमीलेक मर गया था; जबकि वे वहाँ पर थे वे मर गये थे; अतः इस तरह से वह अपनी ज़मीन-जायदाद छोड़ गया था, कि वह किसी और के हाथों में चली जाये। इसके बाद जब हम आते हैं….जब वह वापस । लौटकर आती है, तो वह अपने साथ एक सुंदर जवान मोआबिन विधवा को लेकर वापस आती है। और जब बोअज़ ने इस विधवा को देखा…वह मसीह की एक प्रतिछाया था….वह उसके लिए विवश हो गया था। और उसने उससे प्रेम किया था। अतः उसे तो छुड़ाना था……उसे वह कभी अपनी पत्नी के रूप में पा सके; इसके लिए केवल एक ही तरीका था, कि जिसकी उसके भाई अलीमीलेक ने हानि उठायी थी वह उसे छुड़ा ले।66और अतः इसके बाद उसने उसके दूसरे भाई से जो कि उसका उससे भी ज्यादा करीबी था, पूछा था, कि क्या वह इसे छुड़ायेगा; और वह ऐसा नहीं कर सकता था। अतः वह परमेश्वर की व्यवस्था का एक सिद्ध नमूना ठहराने के लिए नीचे गया। वह फाटकों पर गया और उसने अपना जूता निकाल कर मारा और बोला, “इस दिन से यह जान लिया जाये, कि मैंने वह सब कुछ छुड़ा लिया है जो निओमी का था; वह सब कुछ जो उसका है; वह सब कुछ जिसकी (मेरे भाई )अलीमीलेक ने हानि उठायी थी, मैंने छुड़ा लिया है; अब मैं दूसरे दर्ज को छुड़ाने वाला निकट कुटुम्बी हूँ; और मैं ही एक ऐसा हूँ जो इसे छुड़ा सकता हूँ, अतः मैं इसका दावा करने के लिए आया हूँ, यदि यहाँ पर कोई ऐसा व्यक्ति है जो इस कारण को दिखा सकता है, कि क्यों, या कोई भी मेरे से ज्यादा निकट कुटुम्बी है, तो यह बात अवगत हो जाये।” और हर किसी ने अपना मुँह बंद रखा। अतः उसने अपना जूता उतारा और एक गवाही के रूप में उसे फेंक कर मारा, कि “मैंने वह सब कुछ छुड़ा लिया है जो हमारे भाई अलीमीलेक का था।” क्यों? वह एक कुटुम्बी था। वह छुड़ानेवाला कुटुम्बी था। ओह, यह क्या ही खुबसूरत है! यह एक बड़ी ही सुंदर गाथा है।और तब सारे समय रूत विश्राम कर रही थी और बाट जोह रही थी, कि यह जाने, कि यह कैसे हो पाएगा। इसके बाद वह वापस आता है। कोई भी इसके खिलाफ गवाही नहीं दे सकता है। वह वापस आता है और निओमी को लेता है। और उसने उस सुंदर मोआबिन लड़की रूत को लिया; और उन्होंने विवाह किया और उस ज़मीन पर रहते रहे। यह क्या ही सुंदर गाथा है।67वहाँ पर रूत की तीन प्रवस्थाऐं थीं। रूत…रूत ठान रही थी, वह ठान रही थी, कि क्या वह निर्णय लेगी, या नहीं;कि वह वापस अपने देश (जैसाकि कलीसिया) चली जाये, रूत सेवा कर रही थी, जब वह सिला बीनने के लिए बाहर गई थी। रूत विश्राम कर रही थी; यही है वह जो अब रूत (कलीसिया) कर रही है। अब रूत ने प्रतिफल पाया था…..अब यही वह अगला काम है जो उसके साथ होता है..वह कलीसिया का प्रतिफल पाना है।68अब, हम नहीं कर सकते हैं….हमारे पास समय नहीं है, क्योंकि आपकी बपतिस्मे वाली सभा होनी है और अब सवा ग्यारह बज चुके हैं। परन्तु यदि प्रभु ने चाहा, तो हो सकता है, कि हम इसे अगले रविवार को या भविष्य में किसी रविवार को लें। और मैं इसे यहाँ पर इसलिए लेना चाहूँगा, ताकि ये सात सींग, और सात आँखें और उन सात मोहरों को बिलकुल ठीक ठीक दिखाऊँ, सात सेवकाइयाँ, कलीसिया के सात दूत,सात तारे, सात….दिखाऊँ…ओह, यह ऐसा है, जिसे आप….और यहाँ पर यह सम्पूर्ण बात को एक साथ समायोजित करता है। जी हाँ, श्रीमान! एक ऐसा होना है जो कि योग्य हो; अतः यीशु ही योग्य था। और जब वह वापस लौटकर आता है, तो हम छुटकारे की सम्पूर्णता की सारी आशीषों का आनन्द लेंगे। नम्र लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे। स्त्री और पुरूष फिर से परमेश्वर के पुत्र व पुत्री होंगे। और पूर्ण सहस्राब्दि का होना आरम्भ हो जाएगा। क्या ही सुन्दर बात है!69और एक बली स्वर्गदूत उच्च स्वर से पुकार कर घोषणा कर रहा था, “कौन योग्य है? कौन इसे करने के योग्य है?”और इसके बाद एक प्राचीन ने कहा, “मत रो, क्योंकि यहूदा के गोत्र का सिंह जयवंत हुआ है, और वही योग्य है।”“और उसने पुस्तक ली और पुस्तक खोली और उसकी मोहरें तोड़ीं।” उसने उन्हें कदापि नहीं बताया था, कि क्या क्या घटित हुआ था। जब हम बाइबिल के ज़रिये उन मोहरों का खुलना विस्तार से देखते हैं, तो आप देखें कि क्या क्या घटित हुआ था। ठीक इस सात मोहरों की पुस्तक में जिसमें अब हम प्रवेश करते हैं; इसमें छुटकारे की परमेश्वर की आशीषों का सारा भेद सिमटा हुआ है। स्मरण रखिए, वह मेमना है; वही केवल एक ऐसा है जिसने इसे छुड़ाया। और याद रखें, कि यह पुस्तक बाहर से मोहरबंद थी; यह अंदर लिखी हुई भी नहीं है। इस पर पीछे से-बाहर से मोहर लगी हुई है और इसमें भीतर लिखा हुआ भी नहीं है। और सिर्फ वही एक मात्र ऐसा है जो इस पुस्तक को खोलने या पुस्तक का खुलासा करने या मोहरों का खुलासा करने के योग्य है। वही केवल एक ऐसा है जो इसे कर सकता था।70अतः केवल यही एक ऐसी चीज है, हो सकता है…, जिस के बारे में लोग गड़बड़ कर डालें, इसके बारे में गड़बड़ कर डालें, कि यह क्या है। परन्तु केवल वही एक ऐसा है जो दिव्य रूप से इसका अर्थ बतलाता है। परन्तु यहाँ पीछे की ओर जो पाया जाता है उसका अर्थ कोई इंसान नहीं बतला सकता है। वह तो उसी की है और केवल वही और सिर्फ वही एक ऐसा है जो उन सात गुप्त मनोरथों का खुलासा कर सकता है। और यहाँ देखिए, इसकी हर एक छोटी से छोटी बात छुटकारे पर ही है, कैसे कलीसिया का छुटकारा हुआ और किस किस चीज का छुटकारा होगा।ओह, हम बस उसे अपने सारे ह्रदय से प्रेम करें; उससे अपने सम्पूर्ण ह्रदय से प्रेम करने के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं वह सब करें।71कोई एक लेखक एक कहानी लिख रहा था…इससे पहले कि मैं सभा समाप्त करके भाई नेविल को सौपूँ, मैं कहूँगा……क्या आपको प्रकाशितवाक्य के पाठों में आनन्द आता है? ओह, मैं तो बस इससे प्रेम करता हूँ। हमने इस सुबह इसके केवल तीन ही वाक्यांश लिये हैं, परन्तु हम इसे फिर से लेंगे। ध्यान दीजिए, हम बस…एक लेखक उस युवा लड़की के बारे में पुस्तक लिख रहा था जो परमेश्वर को ढूंढने का प्रयास कर रही थी।अतः बहुत सी बार हम जो परमेश्वर को ढूंढते हैं और परमेश्वर की खोज करते हैं; और यदि परमेश्वर हर जगह होता, और उसके पास एक बहुत बड़ा होता…ठीक है, यदि उसने यहीं कहीं पर एक बहुत बड़ा सिंहासन लगाया हुआ होता, तो हर कोई परमेश्वर की प्रतीति करता। यदि परमेश्वर यहाँ पर कहीं पर एक बहुत बड़े सिंहासन पर बैठा हुआ होता, तो आप कहते होते, “वह इस अमुक अमुक शहर में विराजमान है, और वह यहाँ पर है। यह परमेश्वर है और तुम उसके पास जाओ। वह इसे बस ऐसे मोड़ देगा।” (भाई ब्रन्हम अपनी ऊंगलियाँ चलाते हैंसम्पा .) क्यों, हर कोई उसकी प्रतीति करेगा। तब तो विश्वास शुन्य होगा। तब तो हमारे पास बिलकुल भी विश्वास नहीं होगा। समझे? वैसा होगा—वैसा सहस्राब्दि में होगा; परन्तु अब तो वह बुला रहा है और उन्हें ढूंढने का यत्न कर रहा है जो….यह बात भेदपूर्ण और धुंधभरी लगती है; और आप नहीं जानते हैं, कि इसे कैसे करना है। परन्तु विश्वास से ही हम इसकी प्रतीति करते हैं। हम इसकी प्रतीति करते हैं। यही कारण है, कि यह है। भाई, एल्मर, क्या आप इसे समझ गये हैं? समझे? वह तो..72अब, यदि परमेश्वर सिंहासन पर विराजमान होता है….और कहा जाता है, क्यों यहाँ है…वहाँ…यहाँ परमेश्वर है। वह अमुक अमुक जगह रहता है; हम वहाँ जाएंगे और कहेंगे, ‘प्रिय श्रीमान, परमेश्वर, क्या आप यह करेंगे?”“जी हाँ, मैं इसे करूँगा।” (भाई ब्रन्हम सिर झुकाते हैं-सम्पा.)यह हो जाएगा। समझे? ठीक है, वास्तव में यही तो परमेश्वर है। समझे? हम ऐसा देख सकते हैं। अतः वहाँ पर किसी की—कोई जरूरत नहीं होगी….विश्वास शुन्य होगा। जब आप सकारात्मक (positive) होते हैं, तो विश्वास किसी काम का नहीं होता है।73क्या हो, यदि संसार में हर एक व्यक्ति मसीही होता? क्या हो यदि हर कोई आत्मा से भरा हुआ एक—एक मसीही होता? क्यों, हमें विश्वास की बिलकुल भी कोई आवश्यकता नहीं होगी; हमें विश्वास की बिलकुल भी कोई आवश्यकता नहीं होगी। और विश्वास ही एक ऐसी चीज है…एक ऐसी चीज है……विश्वास से ही हमारा उद्धार हुआ है। और यही कारण है, कि इस पर कुछ असहमति होती है, ताकि हम विश्वास को काम में ला सकें। क्या अब आप इसे समझ गये हैं? आप के पास दूसरा पहलू भी होना होता है। समझे? आपके पास एक बुरी स्त्री होनी होती है, ताकि जो असली और सच्ची है उसे सही से कायम करके रखा जाये। समझे? सत्य को सकारत्मक-पोज़ेटिव बनाने के लिए और उसे भली भाँति चमकाने के लिए एक झूठ का पाया जाना होता है। यदि सब कुछ ही सच होता, तो वह बस बड़ा ही आम हो जाएगा। देखा, समझे? परन्तु आप देखते हैं, कि यह तो कोई ऐसी चीज है जो शाही है, यह तो कोई ऐसी चीज है जो असली है, जब सच्चाई और विश्वास तथा ऐसी ही और दूसरी बातें….अब, ऐसी ही स्थिति में हम हैं।74अब, हमारे पास ये पक्ष-विपक्ष वाले पहलू हैं। यही कारण है, कि ऐसा होता रहता है। आप के पास अच्छे दिन होने होते हैं, कि आप आनन्द मनायें…..या बुरे दिन होने होते हैं, ताकि आप अच्छे दिन का आनन्द ले सकें। आपको थोड़ा सा बीमार होना होता है, ताकि आप एक अच्छी सेहत का आनन्द ले सकें। समझे? आप के पास घाटियाँ होनी होती हैं, ताकि वे आप से पर्वत-शिखर का आनन्द उठवा सकें। और अतः इसके बाद इन दिनों में से किसी दिन यह सारा का सारा पर्वत शिखर होगा; यह सारा का सारा स्वास्थ्य होगा; यह सारा का सारा परमेश्वर होगा; यह सारा का सारा आनन्द होगा…यह बस…कभी ना खत्म होने वाला आनन्द होगा। परन्तु उस समय तक हमारे पास अनुकूल-प्रतिकूल पहलू होते हैं।समझे?अब, हर कोई वह जो इसे समझता है, “आमीन” कहे। (सभा कहती है, आमीन’ -सम्पा.)75वह लड़की बता रही थी, कि वह परमेश्वर को ढूंढने की कोशिश कर रही थी। वह सब जगह गई, वह इस कलीसिया से उस कलीसिया में गई, और इससे बढ़कर जो कुछ भी था, वह वहाँ पर गई। और एक बार एक मार्ग पर जाते हुए उसने यह पाया, कि वहाँ पर एक छोटा सा, एक बुजुर्ग व्यक्ति, एक छोटा व्यक्ति चले जा रहा था, और उसकी पीठ पर एक पूरा का पूरा एक बड़ा गिरजाघर था । वह सड़क पर चले जा रहा था। और वह बोली, “हे भले मनुष्य!” वह बोली, ”ओह, तुम तो बड़े ही अच्छे हो।“ बोली, ”मगर तुम ने तो ….तुम ने तो पूरी की पूरी चीज ही अपनी पीठ पर उठायी हुई है।“ वह बोला…..बोली, ”यह आपको चकनाचूर कर देगी।“उसने कहा, “नहीं, यह मुझे चकनाचूर नहीं करेगी’; बोला, ”क्योंकि मैं वह चट्टान हूँ जिस पर यह बनी हुई है।“ वहीवह था।आइये हम प्रार्थना करें।76हे युगानुयुगी चट्टान, मैं एक बड़े गिरजाघर में सफ़र करते हुए बड़ा ही आनन्दित हैं; क्योंकि मैं जान रहा हूँ, कि हम चट्टान पर टिके हुए हैं। ओह उस ने, अर्थात् चट्टान ने ही कहा था, “यह कोई कागज नहीं है।” और जैसे जैसे चट्टान इसके साथ साथ बड़ी तेज़ी से आगे बढ़ती चली जाती है, सुंदर घंटियाँ अंदर की ओर टनटन करने लगती हैं। हे युगों की चट्टान, हमें अपनी दया के अंदर छिपा ले। हमें जीवन के पथ पर और जीवन के सोते के पास लेकर आ जा, कि हमारे हृदय आनन्द से भर जायें और हम सारे रास्ते भर आपकी महिमा का घन्टी बजाकर बखान करते रहें।हम आप का इस सुबह इस आगमन के लिए धन्यवाद करते हैं, कि पवित्र आत्मा वचन के अंदर आया, जैसा कि वह अंदर आता है और हम पर वचन को बड़ा ही असली बना देता है। आप हमारी खताओं को और वह सब कुछ जो हमने गलत किया और या जो कुछ भी हम ने गलत कहा, उसे क्षमा कीजिए; हमें इसके लिए क्षमा कीजिए।

पिता परमेश्वर, हमारी एक बेहतर मसीही बनने के लिए सहायता कीजिए। हम प्रार्थना करते हैं, कि आप की दया हम पर आकर ठहरे।प्रभु, मैं यह माँगता हूँ, कि अगर यह आपकी इच्छा हो, तो हम फिर से बहुत जल्द वापस लौट कर आ सकें और—और यहाँ पर इन अध्यायों को खत्म कर सकें और इन सात मोहरों को ले सकें। प्रभु, हम—हम उस समय के लिए आगे की ओर देखते हैं, जब आप…आप….आप हमें वैसा करने दें। और पिता, हम प्रार्थना करते हैं, कि आप ठीक यहाँ पर हमारी अपनी छोटी सी निज कलीसिया में हमें यह प्रदान करेंगे; ताकि हम परमेश्वर की इन महान बातों को समझ जायें। प्रभु, इसलिए नहीं, क्योंकि हम इसके योग्य हैं, वरन इसी लिए क्योंकि हमारे भूखे ह्रदय इसके लिए विश्वास कर रहे हैं। हम यह प्रार्थना करते हैं, कि आप यह प्रदान करेंगे।77प्रभु, हम अपने भाई नेविल, परमेश्वर द्वारा भेजे हुए हमारे वफादार पास्टर के लिए प्रार्थना करते हैं। हम उनके लिए प्रार्थना करते हैं, कि आप उनकी सहायता करेंगे और उसे आशीष देंगे; उन्हें और उनकी प्यारी युवा पत्नी को, खूबसूरत नन्ही सी चीज को और उनके बच्चों को आशीष देंगे।हम अपने सारे ट्रस्टियों और डीकनों और उन सब के लिए प्रार्थना करते हैं जो कलीसिया में आते हैं। हम ना केवल अपनों के लिए ही, वरन दूसरों के लिए भी और उन सब के लिए भी प्रार्थना करते हैं जो आपके नाम की दुहाई देते हैं; मैं अपने उन मित्रों के लिए भी प्रार्थना करता हूँ जो देश भर से दूर दराज से आये हैं; बस एक नोटिस ही बोला जाता है और वे यहाँ पर होते हैं। पिता, मैं…मैं बस इसके लिए आपका धन्यवाद करता हूँ।मैं प्रार्थना करता हूँ, कि आप उस दिन को जल्दी लेकर आयेंगे, जब यीशु आएगा और हम सब एक साथ मिलकर वहाँ जमा होंगे जहाँ ना तो कोई दिन और ना ही कोई रात होगी; और समय समाप्त हो जाएगा और अनन्तता में विलीन हो जाएगा और वहाँ हम सब एक साथ मिलकर युगानुयुग रह सकते हैं। प्रभु, यह प्रदान कीजिए। प्रभु।यदि इस सुबह यहाँ पर कोई ऐसा है जो आपको अपने उद्धारकर्ता के रूप में नहीं जानता है, तो होने पाये, कि वे इस मेमने से जो अपने हाथों में सात मोहरों वाली भेद की पुस्तक लिये हुए है, भली-भाँति परिचित होना जाये। पिता, होने पाये, कि हम उसे भली-भाँति जान जायें, ताकि जब हम भविष्य में उन मोहरों को खुलते हुए देखते हैं, तो हम देख सकें, कि परमेश्वर हम से किस बारे में बातें करता है। हम यह परमेश्वर की महिमा के लिए और उसके पुत्र यीशु मसीह के नाम में होकर माँगते हैं।78और जबकि हम ने अपने सिर झुकाये हुए हैं,क्या कोई ऐसा यहाँ पर है, जो कहे, “भाई ब्रन्हम, जबकि आप प्रार्थना करते हैं तो मुझे याद रखना, कि मैं चाहता हूँ, कि मुझे प्रार्थना में याद रखा जाये ? परमेश्वर आपको आशीष दे। और परमेश्वर आपको आशीष दे; और आपको, और आपको, और आपको और आपको परमेश्वर आशीष दे। जी हाँ, परमेश्वर आपके प्रति भला हो। जी हाँ, शायद दो दर्जन या उससे भी ज्यादा हाथ ऊपर उठे हुए हैं।हे प्रभु, आप ही उनके हाथ देखते हैं, आप ही उनकी अभिलाषा जानते हैं। आप जानते हैं, कि उनके हृदयों में क्या है; मैं नहीं जानता हूँ। प्रभु, मैं प्रार्थना करता हूँ, कि आप उन पर अपनी भलाई और करूणा प्रकट करेंगे। आप उन्हें क्षमा प्रदान करें, चाहे यह जो कुछ भी हो। प्रभु, यदि यह बीमारी है, तो आप उनकी देहों को चंगा करें, और उन्हें भला-चंगा करें। पिता, जबकि पवित्र आत्मा का अभिषेक इस सभा पर है, इस समय इस मंड़ली पर है, तो होने पाये स्वर्ग का महान परमेश्वर ऐसे अभिषेक करे, कि वह दिव्य उपस्थिति में हर एक को ऐसे आशीषित करे, कि हम इस सुबह यहाँ से यह कहते हुए जायें, “क्या हमारे मन में उत्तेजना न हुई? प्रभु, यह प्रदान कीजिए।79अब, मैं कमज़ोर और थका हुआ हूँ; मेरी आवाज़ बैठ चुकी है, और परमेश्वर, मैं-मैं अपनी निज ताकत के लिए प्रार्थना करता हूँ। क्या आप मेरी सहायता करेंगे? क्या आप मुझे सामर्थ प्रदान करेंगे? प्रभु, वहाँ जो एक छोटा सा घाव है, आप ही उसे भरें। मेहरबानी करके क्या आप ऐसा होने देंगे, कि परमेश्वर का पवित्र तेल ही वहाँ अंदर जाये, और प्रभु, और—और हर एक दूसरे घाव को, तथा हर जगह हर किसी को भला-चंगा करे। प्रभु, हम आपके सम्मान और महिमा के लिए जीना चाहते हैं। यह प्रदान कीजिए। और हर एक बीमार और पीड़ित जन को चंगा कीजिए। और आप खुद ही महिमा पायें, प्रभु, क्योंकि हमें इस बात का आभास होता है, कि ऐसा होने में बहुत देरी न होगी जब हमारी ये सभाएं और ज्यादा न होंगी, वे खत्म हो जायेंगी; वे अतीत की बात बन कर रह जायेंगी।अब, पिता, आप आशीष प्रदान करें, हम सब मिलकर इसे यीशु मसीह के नाम में होकर माँगते हैं।पिता, और इसके बाद हम यह भी माँगेंगे, कि आप उनकी सुधि लें जो इस सुबह यीशु मसीह के नाम में बपतिस्मा लेने जा रहे हैं, कि आप उन्हें पवित्र आत्मा का बपतिस्मा देंगे,एक बड़ा प्रताप और महिमा देंगे। पिता, यह प्रदान कीजिए। अब हम इस सारे के सारे को आपको समर्पित करते हैं।और पिता, जो यहाँ पर हैं उन सब के साथ मैं भी खुद अपने को आप को न्यौछावर करता हूँ। प्रभु, मुझे न भूलिए, अब बस मेरी सहायता कीजिए। मैं यह प्रार्थना यीशु के नाम में करता हूँ। आमीन!

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