प्रकाशितवाक्य अध्याय-४, भाग-३ (Revelation, Chapter Four #3)
प्रकाशितवाक्य अध्याय-४, भाग-३
जैफरसनविले, इन्डियाना, यू. एस. ए.
61-0108
1भाई नेविल, प्रभु, आपको आशीष दे। बाइबिल का अध्ययन करनेवाले जन समूह, सुप्रभात! और इस सुबह हर कोई कैसा अनुभव कर रहा है? मैं आशा करता हूँ, कि बहुत अच्छा! आमीन! हम एक प्रकार से…….यह एक प्रकार की लधु सूचना थी, कि हमने यह कथन कहा था, कि हम इस सुबह यहाँ पर होंगे; क्योंकि मेरी अभी तक यात्रा सम्बन्धित मार्ग-सूचक पुस्तिका तैयार नहीं हुई है, कि मैं कब यात्रा पर निकल रहा होऊँगा। और चूंकि यह अब अगले छः महीनों के लिए बनी है; अतः मैंने यही सोचा, कि तब तो हमारे लिए यही बेहतर होगा कि हम इस सुबह की सभा लें, क्योंकि जहाँ तक मैं जानता हूँ, यह यहाँ पर वह थोड़ा सा समय होगा इससे पहले कि मैं कभी फिर से वापस आऊँ, हो सकता है, कि मैं इस पतझड़ में फिर से वापस आऊँ।2और हम इस आगामी सप्ताह को बियोमोन्ट, टैक्सस के लिए जा रहे होंगे, जहाँ हम अगले सप्ताह अपना कार्यक्रम आरम्भ करेंगे, और हम स्वतन्त्र कलीसियाओं तथा विभिन्न कलीसियाओं के साथ मिलकर लगभग आठ या दस दिन के लिए सभा करेंगे। ये वास्तव में यीशु नाम की उन कलीसियाओं के द्वारा प्रयोजित की गयी हैं जो बियोमोन्ट टैक्सस में हैं, जहाँ हमारी कुछ समय पहले उस तस्वीर के खींचे जाने के ठीक बाद एक विशाल सभा हुई थी।और मैं जानता हैं, उन्होंने वहाँ आने के लिए रेलगाड़ी चलायी है….मैं सोचता हूँ, वहाँ बियोमोन्ट में सभा में आने के लिए सताइस डिब्बे की…सताइस डिब्बे वाली एक रेलगाडी चलायी है। यह वही जगह है जहाँ शहर के मेयर ने तथा उन सभों ने परैड निकाली थी और वे सड़कों से होकर गये थे। और हमारा बियोमोन्ट में एक बड़ा ही शानदार समय रहा था, और हम फिर से वहीं इस आगामी सप्ताह में जा रहे हैं। और इसके बाद हम सन ऐन्टोनियो जाने की आशा कर रहे हैं; परन्तु हमारे पास लौटते समय वहाँ पर पहुँचने के लिए काफी समय नहीं होगा।और वहाँ से हम फीनिक्स, लॉस ऐन्जिलस जायेंगे, वहाँ पर हम लोन्ग बीच तक जायेंगे। और प्रभु ने चाहा, तो उसके बाद हम वापस आयेंगे, और वापस पश्चिमी तट को जायेंगे……..वरजीनिआ तथा दक्षिणी कैरोलिना तक जायेंगे, और इसके बाद ब्लूमिंग्टन, इलीनोइस तक जायेंगे। और वहाँ से अप्रैल के अन्तिम सप्ताह में लेन टेक हाई स्कूल के लिए निकल पड़ेंगे, जहाँ क्रिसचियन बिजनेसमैनस् की सभा होनी है।और उसके बाद मैं उत्तरी ब्रिटिस कोलम्बिया के लिए निकल पड़ेंगा और ऊपर आलास्का तक जाऊँगा, और वहाँ पर जून तक रहूँगा। और इसके बाद हम एक महान समय की आशा कर रहे हैं।मैं यह प्रार्थना कर रहा हूँ, कि यहाँ इस कलीसिया के सम्बन्ध में जो मेरे ऊपर आयकर विभाग द्वारा थोड़े समय के लिए जो जाँच पड़ताल चल रही है, वह उस समय तक पूरी हो जाये। और उसके बाद हम….यदि यह उचित रहता है, तो मैं समुद्र पार यात्रा पर जा सकेंगा, और तब अफ्रिका का दौरा करना बिलकुल ठीक होगा। जून, जुलाई और अगस्त में अफ्रिका का दौरा करना बिलकुल ठीक होगा। अतः मुझे निश्चित तौर पर आपकी प्रार्थनाओं की आवश्यकता है।3और हम प्रभु के आगमन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। और ये सारे काम ऐसे हैं, यदि प्रभु की इच्छा हुई तो हम इन्हें करेंगे। समझे? हम नहीं जानते हैं, वही इन्हें कर सकता है…..ये बिलकुल ठीक ठीक मार्ग-दर्शन नहीं हैं; हम सारे आमन्त्रणों को एक साथ लेकर उनके ऊपर प्रार्थना करते हैं, प्रभु से यह माँगते हैं, “हमें किस ओर जाना चाहिए?” और—और ऐसा लगता है, मानो मैंने इसे सारा का सारा अपने ऊपर डाला हुआ नहीं है, मैं दूसरों को उस पर विचार करने देता हूँ, उसके लिए प्रार्थना करने देता हूँ।और उसके बाद ऐसा लगता है, कि मानो ऐसा प्रतीत होता हो, कि इस समय हम सभों को पश्चिम की ओर जाने की, उत्तर की ओर तथा पश्चिम की ओर जाने की अगुवाई का अनुभव होता है। अतः तब हमें सब तरफ से आमन्त्रण मिले थे, अतः हमने बस उनपर कार्य करना आरम्भ कर दिया। और मेरे हृदय में जिस पहली जगह के लिए आया, वह या तो बियोमोन्ट या सेन ऐन्टोनियो है। अतः हमने दृष्टि डाली और हमने देखा कि हमारे पास दोनों जगहों से आमन्त्रण आये हैं।4और हमें एक आमन्त्रण में बियोमोन्ट बुलाया गया है। और चूँकि वहाँ पर बयालिस यूनाइटेड पिन्तेकोस्तल कलीसियाऐं आपस में सहयोग करके इसे कर रही हैं; अतः हमने सोचा था, कि उन्हें हर एक स्थान पर अलग अलग पाँच पाँच दिन देने के बजाये यही बेहतर होगा, कि एक बड़े सभागार में उन्हें लगभग दस दिन दिये जायें। मैं सोचता हूँ, कि यदि आप इसे इस प्रकार से नियोजित करते हैं, तो यह बेहतर होगा। इसके बाद यह बात है, कि वहाँ बियोमोन्ट में चारों ओर तथा वहाँ से होकर जानेवाले टैक्सस के उस तेल वाले क्षेत्र में अनेकों जरूरतमन्द लोग हैं, और अतः हम बियोमोन्ट में एक महान समय की आशा कर रहे हैं।और अब हमने वहाँ पर कभी भी जाने का प्रयास नहीं किया है जहाँ बड़े बड़े केन्द्र तथा स्थल हैं। परन्तु हम तो वहीं पर जाने का प्रयास करते हैं जहाँ प्रभु हमारी जाने के लिए अगुवाई करता है, हमें इससे कोई मतलब नहीं होता है,कि वह जगह कितनी बड़ी या कितनी छोटी है; हम तो बस वैसा ही कर रहे होते हैं, जैसा प्रभु हमारी करने के लिए अगुवाई कर रहा होता है। अब वह किसी भी समय हमें मीकुदूनिया वाली बुलाहट दे सकता है, और हम किसी भी समय कहीं पर भी उस प्रचारकार्य के क्षेत्र में चल देने के लिए रवाना हो जायेंगे- जहाँ कहीं भी वह हमें जाने के लिए बुलाता है।5और हमने निश्चय ही आप जैसे अच्छे लोगों के साथ परमेश्वर के वचन के चौगिर्द संगति करने के इस अच्छे समय का आनन्द लिया है। मेरा यकीन है, कि आप अब वफादार बने रहेंगे, और गिरजे आयेंगे, और हमारे साहसी भाई, भाई नेविल जो कि यहाँ पर हैं—जिसका मैं प्रभु के एक ऊँचे सेवक के रूप में अनुमोदन करता हूँ, और जो परमेश्वर के संग गहनता और गहनता की ओर बढ़ता चला जा रहा है….और मैं इसके लिए बहुत आनन्दित हूँ, आप उनके जरिये से बाइबिल की शिक्षाओं का पालन करेंगे।और हे छोटी कलीसिया, मैं तुझे प्रभु यीशु के नाम में सचेत करता हूँ, कि तू परमेश्वर के अनुग्रह में बढ़ती चली जा, अपने आप को दृढ़ बनाये रख, और सभी समय कलवरी पर दृष्टि लगाये रख; और अपने ह्रदय और प्राण से कडवाहट की सारी जड़ों को बाहर निकालती रह, ताकि परमेश्वर किसी भी समय तेरा उपयोग कर सके। यदि तुम्हें कभी कुछ करने की अनुभूति होती है, या आपको कोई प्रकाशन मिलता है,या कोई बात विचित्र ढंग से तुम्हारे पास आती है,कोई बात तुम्हारे पास चेतावनी के रूप में आती है, या ऐसी ही कोई बात तुम्हारे पास आती है, तो आप सचेत रहें। शैतान इतना धूर्त और चालाक है जितना कि वह हो सकता है। समझे? आप उसकी परमेश्वर के वचन से तुलना करें, और अपने पास्टर से सलाह लें। समझे?6और जब आप यह देखते हैं, कि वरदान तथा ऐसी ही बातें तथा वरदानों का कार्य किया जाना कलीसिया में रेंगकर अन्दर आ रहा है, तो इससे पहले कि आप उन बातों को कार्य करने दें, पहले आपको….उसे अपने ह्रदय पर जोर डालते हुए अनुभव करना है….अब, देखिए, शैतान असल में बड़ा ही धूर्त है। समझे? और हर बार जो कलीसियाओं को छिन्न-भिन्न करता है, वह है: सच्चे वरदानों का गलत रीति से कार्य करना। समझे? परमेश्वर कुछ करने का यत्न कर रहा होता है, और उसको गलत रीति से क्रियान्वित कर दिया जाता है; यह बस…यह बस न केवल आपको आघात पहुँचायेगा, वरन यह सम्पूर्ण कलीसिया ही को छिन्न भिन्न कर डालेगा। समझे? उस पर विचार-विमर्श करें, उसको बार बार बाइबिल से परखें; उसके बाद भी उसे परखें और देखें कि वह परमेश्वर की ओर से है या नहीं। उसे बस जाँचते और परखते रहें, और देखें, कि क्या वह बिलकुल ठीक ठीक आगे बढ़ता चलता है, और वचन से मेल खाता चला जाता है। तभी आप बिलकुल ठीक होते हैं। समझे?जब तक वचन कहता है, कि यह यहाँ पर होगा, यह इस प्रकार से कार्य कर रहा होगा, तो आप इसके साथ टिके रहें। आप इससे कदापि दूर न जायें; इससे कोई मतलब न रखें, कि कोई क्या कहता है, और वह कितना अधिक असली प्रतीत होता है। यदि यह पवित्र शास्त्रों में उत्पत्ति से लेकर प्रकाशितवाक्य तक नहीं दिखाई देता है, तो आप उसे छोड़ दें। आप कोई जोखिम न उठायें। हम अंत के दिनों में तब रह रहे हैं जब शैतान इतना अधिक भरमा रहा है जितना कि वह भरमा सकता है।7यदि मैं एक बॉस का स्थान लेने की चेष्टा करता हूँ, तो आप मुझे क्षमा करना ; मैं कोई बॉस नहीं हूँ। परन्तु मैं तो आप लोगों के लिए वैसा ही अनुभव करता हूँ जैसा कि पौलुस ने पिछले समय में अपनी छोटी सी मण्ड़ली के विषय में एक बार कहा था,कि “तुम मेरे ताज में जड़े सितारे हो।” जब मैं इस स्थल को पार करके सुदूर दूसरे छोर पर पहुँच जाता हूँ, और तुम से महिमामय अवस्था में भेंट करता हूँ, तो मैं चाहता हूँ, कि तुम वहाँ पर खड़े होकर ताज में लगे सितारों के जैसे चमको। समझे? और मैं..मैं चाहता हूँ, कि तुम वहाँ पर हों; मैं वहाँ पर चाहता हूँ।और मुझे अपने दर्शन की वही बात स्मरण है जब मैंने प्रभु की उपस्थिति को देखा था, अथवा उसके लोगों को उस सुदूर महिमा से भरे हुए देश में देखा था,
और जब मैंने चारों ओर दृष्टि डाली थी, और उनको बताया था……और उन्होंने मुझे बताया था, कि वह पहले मेरा न्याय उस सुसमाचार के द्वारा करेगा जिसका मैंने प्रचार किया है। मैंने कहा था, “मैंने तो बिलकुल ठीक उसी रीति से प्रचार किया है जैसे पौलुस ने प्रचार किया था।”और वे लाखों लोग ऊँचे स्वर से पुकार कर बोले, “हम उसी पर विश्राम कर रहे हैं।” देखा? अब, मैं चाहता हूँ, कि यह वैसा ही हो। और हम किसी दिन वहाँ पर मुलाकात करने जा रहे हैं।8और परमेश्वर ने मुझे और भाई नेविल को कभी भी इस लिए नहीं भेजा है, कि हम बॉस हों, ऐसा बिलकुल नहीं है। हम तो बस आपके भाई हैं (समझे आप?)हम तो सुसमाचार का निर्देश देनेवाले ही हैं। अतः आइये हम सब मिलकर काम करें।और यदि किसी समय ऐसा होता है, कि …यदि कोई वरदान जो कार्य कर रहा है, उस पर आपत्ति जतायी जाती है, या उसके विषय में कोई बात कही जाती है, उस पर या किसी उस बात पर जो प्रबन्ध से सम्बन्धित है, उसपर कोई आपत्तिजनक बात कही जाती है, और जिस व्यक्ति के पास वह वरदान है, वही उसे ठुकराता है, वही उसका इन्कार करता है, तो स्मरण रखिए, बस स्मरण रखिए, कि वह वरदान ही सही नहीं था। सबसे पहली बात तो यह है, कि वह परमेश्वर की ओर से था ही नहीं। परमेश्वर का आत्मा तो हमेशा ही सुधार के लिए सदा तैयार रहता है, वह तो मधुर, नम्र, और सुधार करने का ही इच्छुक रहता है। समझे? अगर वह ऊपर खड़ा होता है और कहता है, कैसे भी हो, मैं तो इसे करूँगा ही। आप जानते हैं, कि किसी समय कैसे…बस याद रखें, अभिमानी आत्मा परमेश्वर की ओर से नहीं होती है।समझे?अतः हम क्यों कर किसी विकल्प को ग्रहण करें, जब कि सब कुछ, जबकि सम्पूर्ण संसार ही परमेश्वर की महिमा से भरा हुआ है- परमेश्वर की असली सच्ची सामर्थ से भरा हुआ है। समझे आप? हम क्यों किसी विकल्प को ग्रहण करेंगे? हम तो अब वैसे ही दिन की बहुत अधिक समाप्ति वाले समय में रह रहे हैं; परन्तु स्मरण रखिए, बाइबिल में कहा गया है, कि वह ऐसा धूर्त बन कर अन्दर आयेगा जितना कि वह बनकर आ सकता है, और यदि हो सके, तो चुने हुओं को भरमायेगा। समझे?9और अब हम कभी कभी यह सोचते हैं, कि हम तो चुने हुए हैं—-और मैं आशा करता हूँ, कि हम चुने हुए हैं; परन्तु आइये हम बाइबिल के साथ ठीक ठीक स्थिर बने रहें। और उसके बाद यदि सब कुछ पवित्र वचनों के साथ मेल खाता है, और वह पवित्र वचन में पाये जाने वाले प्रबन्ध के अन्दर ऐसा होता है, कि परमेश्वर के लिए महिमा और कलीसिया के लिए आदर-मान तथा इसी प्रकार का सब कुछ ला रहा होता है, तो इसके बाद हम जानते हैं, कि वह परमेश्वर की ओर से है, क्योंकि बाइबिल उसका समर्थन करती है। परन्तु यदि हमारी शिक्षा ही उसका समर्थन नहीं करती है, तो उससे हमारा कुछ भी भला नहीं होगा; और उसका पतन हो जायेगा।अतः इसके बाद यह है, कि यदि किसी बात ने हमें स्पर्श किया है, तो इससे कोई मतलब नहीं है, कि वह कितनी असली प्रतीत होती है, यदि वह वचन के अनुसार नहीं है, तो वह सही नहीं है, हम उससे ठीक इसी समय अपना पिंड़ छुड़ा लें; क्योंकि एक असली वाली आपकी प्रतीक्षा कर रही है। समझे आप? ।10अतः अब आप प्रार्थना करें, और आप हमेशा ही प्रार्थना करते रहें; आप चाहे जो कुछ भी करें, आप मेरे लिए प्रार्थना करें। मेरे लिए प्रार्थना करें; क्योंकि मेरी राय में तो अब हम अन्तिम बार प्रचारकार्य के क्षेत्रों में आगे बढ़कर जा रहे हैं। अब हम जा रहे हैं।और स्मरण रखिए, बड़ी बड़ी घटनाएं हो रही हैं; वे संसार के मध्य में अनजानी हैं। यीशु आया, रहा, मरा, और बलि हुआ, वापस महिमा में चला गया; और लाखों लाख ने इसके विषय में कुछ नहीं जाना था। समझे? यह कोई ऐसी बड़ी महान घटना नहीं थी जो फूलों से सजी हुई थी; यह तो थी…थी…वह तो अपनों के पास आया था। समझे? “और ….जिसके कान हों वह सुन ले, कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है।” यह वह बाहर वालों से नहीं, वरन “कलीसिया से ही कह रहा है। यह कलीसिया ही होती है जिसको उसका झंझोड़ा जाना मिलता है।11मैं इसके विषय में तब तक अलग किस्म का ही सोचा करता था जब तक कि एक दिन उसने मुझसे बाते न कर ली थी; मुझे वापस जाकर यह सोचना पड़ा, कि सारे नबियों ने उसके विषय में कैसे कहा था, जब यूहन्ना आयेगा, उन्होंने कहा था, “जो ऊँचा है वह नीचा किया जायेगा, और जो नीचा है वह ऊँचा किया जायेगा।” और परमेश्वर की सामर्थ किस प्रकार से कार्य करेगी, और……“सारे पर्वत मेढ़े की नाई उछालें मारेंगे, और पत्तियाँ ताली बजायेंगी।” खैर, यह ऐसा प्रतीत होता था, कि मानो कोई ऐसी घटना सचमुच में ही घटित होने जा रही थी। समझे?और जब वह घटित हुई तो क्या हुआ था? एक पुराना सा आदमी जंगल में से बाहर निकल कर आया; शायद गलमुच्छे उसके सारे मुखमंड़ल पर उगे हुए थे, और उसने भेड़े की खाल अपने चारों ओर लपेटी हुई थी। वहाँ बाहर जंगल में कोई जन-सुविधा नहीं थीं। वह वहाँ पर नौ वर्ष की आयु से ही था, और तब वह तीस वर्ष का था जब वह बाहर निकलकर आया था। वह जंगल से बाहर निकल कर आता है, वह बाहर निकलकर दृढ़ता से खड़ा होकर मन फिराव का प्रचार करता है; शायद वह यरदन के तट पर घुटनों तक कीचड़ में खड़ा हुआ था। और यही है वह जब ऊँचे स्थानों को नीचा किया गया था, और नीचे स्थानों को ऊँचा किया गया था। समझे? यह….आपके पास आत्मिक समझ होनी होती है। स्मरण रखिए, परमेश्वर ने ना तो कभी इस पृथ्वी पर तड़क भड़क में वास किया था, और ना ही वह कभी करेगा। वह तो इसके विरूद्ध है। वह कभी भी ऐसा नहीं करेगा…….बड़े बड़े संदेशों को कभी भी महान बड़े फ्ला-फंला नहीं बना जायेगा…और वह इस प्रकार से काम नहीं करता है। उसके सेवक उस रीति पर काम नहीं करते हैं। उसका वैभव और महिमा तो स्वर्ग की ही है।12बीते हुए कल या दो दिन पहले ही मैं अपने एक भले मित्र, भाई बैंकस वुड के साथ कैन्टकी को…..कैन्टकी में ऊपर को जा रहा था; और वहाँ पर एक महिला पुलिस तैनात थी, और उन्होंने कहा, “लड़के, बेहतर होगा, कि हम अपनी रफ्तार धीमी कर लें, वह निष्ठुर है।”और मैंने कहा, “जी हाँ, यह बिलकुल ठीक बात है।” मैंने कहा, “जब एक राष्ट्र एक ऐसी स्थिति पर आ पहुँचता है जहाँ लाखों लाख महिलाऐं नौकरियों पर तैनात हैं, और स्त्रियों को लेना और उन्हें पुलिसमकर्मी बनाना होता है उन्हें वहाँ बाहर खड़ा करना होता है, और उन्हें टैक्सी ड्राइवर तथा इसी प्रकार का सब कुछ बनाना होता है; तो यह हमारे राष्ट्र पर बड़े कंलकों में से एक कंलक हैं।” उसका वहाँ बाहर बस इतना ही काम होता है जितना कि चिकनाई वाली केतली के अंदर एक खरगोश चला जाये। समझे? यह तो बस…..यह तो बस उसका स्थान नहीं है। और मैंने कहा, “मैं इस बात से बहुत बुरी तरह से परेशान हो उठता था, परन्तु क्यों, अब इसमें कोई आश्चर्य नहीं है, कि मैं यह स्मरण करने लगा हूँ, कि यह..यह.. हमारा राज्य नहीं है, हम इस संसार के नहीं हैं। वे….आप—के है……”.13क्यों नहीं स्त्रियाँ (हमारी स्त्रियाँ) छोटे छोटे बाल कटवाकर नहीं रखती हैं, और श्रृंगार नहीं करती हैं, और रॉक एन रोल नहीं करती हैं, तथा इसी प्रकार के ये सब बेहूदे कार्य कलाप नहीं करती हैं? क्यों लोग उन साधारण से गिरजाघरों को तथा भवनों को जाते हैं जिन्हें वे सोचते हैं, कि वे सही हैं? क्यों वे ऐसा करते हैं, ऐसा है,…….वे.. वे…अमेरिकन हैं। वे अमेरिकन हैं, और उनके पास अमेरिकन आत्मा है। हम अमेरिकन नहीं हैं, हम तो मसीही हैं। हम रहते तो हैं…….हमारी आत्मा किसी और राज्य की है। यदि हमारी आत्मा इस राज्य की होती, तो हम इन चीजों से आराधना-उपासना करते, हम इन सब भद्दे और अश्लील गीतों आराधना करते और इन सब रॉक एन रोल की आराधना करते। “जहाँ तेरा धन होता है, वहीं तेरा मन होता है। हमारा खज़ाना तो स्वर्ग में है। अतः यही कारण है, कि हम उस राज्य की ओर ही बढ़ते चले जा रहे हैं।14यह हमारा घर नहीं है, हम तो यहाँ पर बस और दूसरे नागरिकों को अंधकार में से बाहर निकालने का प्रयास कर रहे हैं। और हम एक नगर में जाते हैं, शायद एक नगर में एक बहुत बड़ा अभियान —एक सप्ताह के लिए या दस दिनों के लिए दौड़-धूप उस एक प्राण के लिए करते हैं जो वहाँ बाहर हो; ऐसा बस मात्र उस प्राण के लिए ही करते हो जो वहाँ बाहर बैठा हुआ हो।हो सकता है, आप कहें, “सभा बड़ी ही सफल रही, पाँच हज़ार लोग वेदी पर आये थे।” और हो सकता है, कि शायद उनमें से एक ने भी उद्धार न पाया हो; उनमें से एक ने भी उद्धार न पाया हो। समझे? और हो सकता है, वहाँ पर शायद….. हो सकता है, कि आप सोचें, “वहाँ पर तो केवल दो लोग ही वेदी पर आये थे।” परन्तु हो सकता है, कि उनमें से एक बहुमूल्य मोती हो। हम तो बस दरों में मछली पकड़ने के लिए जाल डाल रहे हैं, पर परमेश्वर ही मछली पकड़ कर बाहर निकालता है, वही जानता है कि कौन मछली है, और कौन नहीं है।अतः हम बस प्रचार कि ये चले जा रहे हैं। और स्मरण रखिए, कि आप ठीक यही काम यहाँ इस टेबरनिकल में कर रहे हैं। और आप हमेशा ही यह याद रखें, “मेरी भेड़ मेरा शब्द जानती हैं।” और परमेश्वर का शब्द उसका वचन है।15और मैं सोच रहा था, कि किसी दूसरे दिन कैसे इन लोगों ने जिन्होंने यह कहा था, कि वहाँ पर कभी नहीं था….गिरजों की एक अमुक अमुक नामधारी संस्था कह रही थी, “दिव्य चंगाई सही नहीं थी। दिव्य चंगाई का वरदान कभी और किसी को नहीं दिया गया, वरन संत पौलुस को या उन बारह प्रेरितों को ही दिया गया जो ऊपर कोठरी में थे; और बस वही सब ही थे जिन्हें यह दिया गया था। इससे ही मामला खत्म हो जाता है।”परन्तु आप इस शानदार चित्र के द्वारा जिसे भाई विली ने यहाँ पर बड़ी ही बढ़िया रीति से हमारे लिए टांगा है, देखते हैं, कि यह छोटा सा धागा सभी समय कलीसियायी कालों से होकर आगे बढ़ता रहा है। मुझे आश्चर्य होता है, कि ठीक वही नामधारी संस्था कलीसिया के इतिहास के विषय में, इरेनियस के विषय में, संत मार्टिन के विषय में क्या कहती है? और प्रेरितों की मृत्यु के सैकड़ों वर्षों के बाद भी वे सब शहीद जो उस काल के दौरान रहे, उन्होंने अन्यान्य भाषाएँ बोली थीं, और बीमारों को चंगा किया था, और मुरदों को जिलाया था, और आश्चर्यकर्म किये थे; और ऐसा सम्पूर्ण कलीसिया ने ही किया था। मुझे आश्चर्य होता है, कि उन के विषय में क्या कहा जायेगा, क्या यह केवल प्रेरितों के लिए ही था?16देखा, वह क्या ही संकीर्ण है? उनके पास आत्मिक समझ नहीं है; उनके पास यह बिलकुल भी नहीं है। देखिए, “वे तो अंधे हैं, और पाप और अधर्म में मरे हुए हैं।” पाप का अर्थ अविश्वास करना होता है। जो कुछ भी अविश्वास में होता है वह पाप ही होता है। चाहे किसी इन्सान के पास डी. डी….डबल एल., पी. एच. डी., एल. एल. डी. की लम्बी लम्बी डिग्रियाँ क्यों न हों, और यदि वह कहता है, कि दिव्य चंगाई या पवित्र आत्मा का बपतिस्मा जैसी कोई चीज नहीं है, तो वह इंसान पापों में मरा हुआ है। हो सकता है, कि वह बाइबिल में पाये जाने वाले सभी प्रकार के भेदों को समझा सकता हो; लेकिन उसका जीवन; उसकी अपनी गवाही यह साबित करती है, कि वह मरा हुआ है। वह पापों और अधर्म में मरा हुआ है, क्योंकि वह एक पापी है।पाप अविश्वास ही होता है। किसी को चाहिए…….पाप है….व्यभिचार करना, और सिगरेट पीना, और नाचना, और इसी प्रकार के कार्य कलापों को करना पाप नहीं है; वह पाप नहीं है; वह तो पाप के फल ही हैं। परन्तु एक….एक विश्वासी……इससे कोई मतलब नहीं है, कि चाहे कोई मनुष्य शराब न पीता हो, धूम्रपान न करता हो, इन कामों को न करता हो, उसने कभी कोई बुरी बात न कही हो, वह सारी दस की दस आज्ञाऐं मानता हो, वह अभी भी एक गहन पापी हो सकता है..(समझे आप?)…..यदि वह परमेश्वर की सामर्थ की किसी बात का इन्कार करता है, तो वह एक पापी है। ‘पाप’ शब्द का अर्थ “अविश्वास करना होता है। अब आप इसे ज्ञात करें, कि यह सही है, कि नहीं। वह जो परमेश्वर के वचन पर अविश्वास करता है, वह एक पापी है, वह स्वर्ग के उस राज्य में प्रवेश नहीं कर सकता है।17अब देखिए, ओह, इस सुबह तब मैंने सोचा था, ….इसे लेने का……प्रभु की इच्छा के द्वारा, पवित्र आत्मा की आज्ञा के द्वारा मैंने इसे स्वयं अपने ऊपर लेने का सोचा, कि मैं फिर से टेबरनिकल में आऊँगा, और शायद आपको दो या तीन घन्टों के लिए रोक कर रखूगा। परन्तु इससे पहले कि मैं जाऊँ; मैं प्रकाशितवाक्य का चौथा अध्याय समाप्त करना चाहता हूँ। और अब मैं आशा करता हूँ, कि यह आपको थकित कर देनेवाला नहीं है।
मैं आशा करता हैं, कि यह…यह..आपके लिए एक महिमा है। मैं आशा करता हूँ, कि यह ऐसी कोई बात है जो आपका भला करेगी और आपकी उन दिनों में सहायता करेगी जो आगे आनेवाले हैं।और अब, शायद…..मैंने बिली को बताया था, कि यदि इस सुबह यहाँ पर हमारे मध्य में कोई अजनबी हैं, तो वह आये और प्रार्थना कार्ड बाँटे; क्योंकि हम यहाँ से बाहर जाने के लिए निकल रहे हैं, और अब मैं नहीं जानता हूँ, कि हम कब वापस लौटकर आयेंगे। यह तो केवल परमेश्वर ही जानता है। और मैं चाहता था…….सोचा था, कि शायद यह आखिरी सभा हो…..उसके बाद जब उसने मुझे लगभग…लगभग नौ बजे बुलाया था, तो उसने कहा था, “डैड, वहाँ कुछ ऐसे लोग हैं, जिनके लिए प्रार्थना की जानी है। मैंने उससे पूछा था।” पर बोला, ”ये वही लोग हैं जो सभी समय कलीसिया में आते हैं।“18मैंने कहा, “फिर तो कोई भी प्रार्थना कार्ड न बांटना।” समझे? मैंने कहा, क्योंकि ये ही लोग हैं…….तो …यदि हमें इस सुबह बीमारों के लिए प्रार्थना करनी होगी, तो हम लोगों को ऊपर बुलायेंगे और उनके लिए प्रार्थना करेंगे।“ परन्तु मैंने कहा था, ”यदि ये—ये—वही लोग हैं जो टेबरनिकल में आते हैं जिन्हें हम जानते हैं….नहीं, मैं किसी अजनबी को चाहता हूँ।“और उसके बाद उसने कहा……..उसके बाद जब वह वहाँ बाहर कुछ समय बाद आता है, और जब उसने वहाँ बाहर मुझसे मुलाकात की, तो उसने अच्छा, मैंने तो कुछ कार्ड बांट दिये हैं।“ बोला, ”वहाँ पर बस थोड़े से ही लोग थे, मैंने प्रार्थना कार्ड बांट दिये हैं। आप जो चाहे वह कर सकते हैं।“मैंने कहा, “ठीक है, हम देखेंगे, कि संदेश कैसे कैसे आगे बढ़ता चला जाता है, हम देखेंगे कि हम कहाँ पर हैं; और उसके बाद ही हम जायेंगे।” मैं..उसने कहा, “ठीक है, सचमुच में, बहुतेरे ऐसे लोग थे जिन्हें प्रार्थना कार्ड चाहिए थे।” और बोला, “वे वही लोग थे जो यहीं गिरजे में आते हैं।” समझे?19ठीक है, हम जानते हैं, कि परमेश्वर परमेश्वर है। और मेरा….वही है जो कामों को करता है। क्यों, विभिन्न बातों के लिए, और कभी कभी तो बस छोटी छोटी बातों के लिए भी लोग सभी समय मेरे फोन की घन्टी खड़काते रहते हैं, और परमेश्वर किस प्रकार से प्रार्थना का उत्तर देता है।मुझे हैरत होती है, कि क्या वह युवा महिला, या उसका पति यहाँ पर है। जो यहाँ पर न्यू एलबनी से अपने उस छोटे बच्चे को किसी दूसरी रात्रि को मेरे घर पर रात के लगभग बारह या एक बजे लाये थे, जिसका न्यूमीनिया के मारे दम घुटता चला जा रहा था? वे कहाँ पर हैं? वह बच्चा कैसा है? ( वह पुरूष सभा में कहता है, “बिलकुल भला चंगा।”- सम्पा.) वह अच्छा है, चंगा है, वह बिलकुल भला चंगा है। यह अच्छी बात है।20आइये मैं आपको दिखाता हूँ। देखिए, यह कोई ऐसी बात होती है जो आप नहीं जानते हैं, कि आप आगे नहीं चलते हैं जब पवित्र आत्मा बोलता है। फ्रैंड सौथमैन; हमारे मूल्यवान भाई फैड है; मैंने उन्हें थोड़ी देर पहले ही “आमीन” कहते हुए सुना था; परन्तु मैं उन्हें ढूंढ नहीं सकता हूँ। वे कहाँ पर हैं? क्या वे यहीं पर हैं? यहाँ पर, ठीक यहाँ पर भाई फ्रैंड सोथमैन हैं। और यह दिखाने के लिए कि यह कितना सरल है…….. उनके पास कुछ मित्र आ रहे थे; मुझे ज्ञात होता है, कि ये भाई ईवानस थे; मैं नहीं जानता हूँ; वहाँ उनका एक छोटा सा कमरा था; उन्होंने उसका ताला लगा दिया था; और फ्रेंड से कुंजी खो गयी थीं, और वे उन्हें सभी जगह ढूंढ रहे थे, और वे उन्हें कहीं भी नहीं पा सके थे; और भाई वेल्च तभी उनके पास आ रहे थे। और वह दिन आ पहुँचा था जब उन्हें तथा दूसरे लोगों को आना था; वे कहीं पर भी कुंजियाँ ढूंढ कर न पा सके थे; अतः उन्होंने बस घर पर फोन करके कहा, “भाई ब्रन्हम, कहाँ पर कुंजियाँ हैं? हम उन्हें कहाँ पायेंगे?”21अब हो सकता है, कि आपमें से कोई इस बात से स्तब्ध हो जाये, कि एक मनुष्य इस प्रकार का प्रश्न पूछता है। परन्तु एक मिनट रूकिये, क्या आपको स्मरण है, कि यैस्सी के पुत्र अपने गदहे ढूंढ रहे थे? “यदि मेरे हाथ में भेंट हो, और मैं उसे लेकर जाऊँगा, और दिखाऊँगा….कहूँगा; नबी को दे दूंगा, और हो सकता है, कि वह हमें बता दे कि वे गदहे कहाँ पर हैं? क्या आपको यह स्मरण है?और जबकि वह मार्ग पर चले जा रहा था, उन्होंने उस नबी से भेंट की।उसने कहा, “तुम उन गदहों को ढूंढ रहे हो। ऐसा है; तुम वापस घर लौट जाओ; वे पहले ही लौट चुके हैं। क्या यह सही है?मैंने प्रार्थना की, फ्रेंड चलकर गया और कुंजियाँ उठायीं। क्या ऐसा ही है? समझे?भाई एडू डॉल्टन, आप कहाँ पर हैं, एडू डॉल्टन कहाँ पर है? मैं जानता हूँ, कि वो यही कहीं पर हैं, मैंने उन्हें थोड़ी देर पहले ही देखा था। ओह, वे वहाँ पर हैं। उन्होंने मेरी बात इन्टरकॉम के जरिये या सम्बोधन-तन्त्र के जरिये सुनी थी। एक रात्रि बुलावा आया, और भाई एड् गहन संकट में थे। मैं उनकी सहायता करना चाहता था।उन्होंने कहा, “जी नहीं, मैं बस आप से यह चाहता हूँ, कि आप परमेश्वर से कहें।”मैंने प्रभु से उनकी सहायता करने के लिए कहा। और अगले दिन उनकी पत्नी ने फोन करके बताया कि कोई उन्हें छुड़ाने के लिए आ गया। यह बिलकुल ठीक बात है। भाई एडू, क्या यह सही बात है?22देखिए, वह तो बस परमेश्वर ही है। उसके विषय में बस यही सारी बात है। वह तो बस धर्मी परमेश्वर है। देखिए, वह तो धर्मी है, देखिए, वह तो सभी समय निरन्तर एक जगह से दूसरी जगह पर…….एक स्थान से दूसरे स्थान पर परमेश्वर ही है। इससे कोई मतलब नहीं है, कि परेशानी क्या है, वह तो परमेश्वर ही है। हम यहाँ वहाँ चारों ओर जाकर उन कामों के विषय में शेख़ी नहीं बघारते हैं, हमें ऐसा करना ही नहीं चाहिए। यह हो, कि तेरा दांया हाथ न जाने, या तेरा बांया हाथ यह न जाने कि तेरा दांया हाथ क्या करता है। हम तो इसके बारे में अपने लोगों के मध्य में ही चर्चा करते हैं; परन्तु हम इसका कहीं बाहर धमाका नहीं करते हैं। क्योंकि ऐसे तो स्वयं अपने लिए इस प्रकार कीर्ति पाना हुआ जैसे कि परमेश्वर ऐसा केवल एक ही व्यक्ति के लिए कर सकता हो। वह तो ऐसा उस किसी के लिए भी करेगा जो उस पर….जो उसपर विश्वास करेगा। यह तो विश्वास, भरोसा ही है, जिससे यह होता है।जो कुछ भी आप करना चाहते हैं, जो कुछ भी आपके विचार हैं, आप उन्हें परमेश्वर के पास लेकर जायें। वही..वही….वही सब कुछ प्रदान करता है। क्या यह सही नहीं है? अतः वही तो प्रार्थना का उत्तर देता है। वही एक ऐसा है….परमेश्वर ही तो प्रार्थना का उत्तर देनेवाला पिता है।23अब, अतः यही कारण है, कि…..मैंने सोचा था, कि यदि प्रभु ने चाहा, तो इन अन्तिम सभाओं के तथा वगैराह वगैराह के समापन पर जैसाकि हम कर रहे थे, हम यह करेंगे……हम अन्तिम सभा पर शायद कुछ गुप्त विचारों का प्रकटीकरण करें; और हो सकता है, कि शायद हम ऐसा सभा के दौरान ही करें। हम बस यह नहीं जानते हैं, कि वह क्या करने जा रहा है। मुझे यह उसी प्रकार से अच्छा लगता है। हम किसी निश्चित काम को निधार्रित नहीं करते हैं, हम तो बस उसे वैसा ही करने देते हैं जैसा वह करना चाहता है।अब, आप प्रकाशितवाक्य की पुस्तक का चौथा अध्याय निकाल लें, और घड़ी को रोक दें। (एक व्यक्ति कहता है, “भाई बिली?”-सम्पा.) जी हाँ! (“क्या मैं बोल सकता हूँ?”) जी हाँ, भाई ! (वह भाई गवाही देता है-टेप में रिक्त स्थान-सम्पा.) निश्चय ही, मैं इसका विश्वास करता हूँ, मैं इसका पूरी तौर से विश्वास करता हूँ।24यहाँ पर भाई वेल्च ईवानस है; मैं सोचता हूँ, कि वे यहाँ पर ठीक पीछे बैठे हुए हैं। आइये मुझे….जबकि हम प्रकाशितवाक्य का चौथा अध्याय निकाल रहे हैं।इस बात को अधिक समय नहीं हुआ है; आपने इस गैंग के विषय में सुना होगा, और समाचारपत्रों में पढ़ा होगा जो कारों की चोरी करके कैन्टकी में कहीं पर बहुत अधिक तेजी से उड़ाकर ले जा जाता था। और कन्टैकी में आप के लिए यह भी जरूरी नहीं होता है, कि आप के पास गाड़ी के कागजात भी हों, वे तो आप के लिए कन्टैकी में ही गाड़ी के कागजात बना देंगे। अतः आप बस…….आपको तो केवल एक ही काम करना होता है, कि आप उसे वहाँ ले जायें और उसे बेच डालें। अतः वे इन कारों को चुराकर वहाँ पर तेजी से दौड़ाकर ले जाते हैं और उनपर फिर से रंग-रोगन करते हैं; और उन कारों को बाहर निकालकर लाते हैं, और उन्हें बेंच डालते हैं। वह सब कुछ जो आपके पास होना होता है; वह है कि आपके पास आपके ब्लॉक का नम्बर हो, और आप…….और वे आपका एक कागजात—-बना देंगे।अतः वे बस कार को सड़क पर से हटा देते हैं; और उसे बड़ी जल्दी ही हटाकर दौड़ाकर कहीं किसी दुकान के अन्दर ले जाते हैं; और उसका सब कुछ पूरी तरह से बदल डालते हैं। (समझे?)और…और उस पर फिर से पेंन्ट कर डालते हैं, उसे बाहर निकालते हैं। और उसे बेच डालते हैं। और वहाँ पर इसका पूरा गैंग है; और खासतौर पर जो संयुक्त राज्य में है, लेकिन इसका सबसे बड़ा…सबसे बड़ा गैंग कैन्टकी में ही है। अधिक समय नहीं हुआ है, कि मैंने इसके विषय में समाचारपत्र में एक लेख पढ़ा था।25खैर, विशाल,भले ह्रदय वाले हमारे मूल्यवान भाई ईवान्स और उनका परिवार मैकोन, जोर्जिया से मोटरगाड़ी चलाकर सारा सफ़र तय करके यहाँ पर हर एक रविवार को सुसमाचार सुनने के लिए आते हैं। और ओह, वे क्या ही वफादार और क्या ही असली दोस्त हैं। इसके बाद वे मिलर के कैफेटेरिया में जाते हैं जहाँ…….मैं मिलर के कैफेटेरिया का विज्ञापन नहीं कर रहा हूँ, परन्तु मैं यकीनन तौर पर यह सोचता हूँ, कि कैसे भी हो उनके पास कैन्टकी में, लुइसविले, कैन्टकी में सर्वश्रेष्ठ भोजनालय है। जहाँ तक…..अब, मैं तुम निजी घरानों को जहाँ पर मैंने वहाँ पर भोजन खाया है नीचा नहीं दिखा रहा हूँ, अब आप जानते हैं, मेरा तात्पर्य उनसे है जो बाहर के हैं। और मैं भी वहीं पर भोजन खाता हूँ। मैंने अपने परिवार को वहाँ पर उससे सस्ता खाना खिला सकता हूँ जितना कि मैं उन्हें घर पर खाना खिला सकता हूँ। यह सच है।अतः उसके बाद मैं वहाँ अन्दर जाता हूँ, और वैसे ही भाई ईवानुस अन्दर जाते हैं; और अपने लिए खाने के लिए कुछ लेते हैं, और अपनी कार को वहाँ बाहर खड़ी कर देते हैं। जब वे (अपने कपड़े लिये हुए अपने परिवार तथा उन सब लोगों के साथ) बाहर आते हैं, तो उनकी वहाँ पर कोई कार या कुछ भी नहीं था। वह तो उड़ायी जा चुकी थी।खैर, वह बेचारा गरीब इन्सान, अर्थात् भाई ईवान्स हम सभों के जैसे ही एक इन्सान हैं, उनका वहाँ पर एक छोटा सा कारोबार है, और वे कारों की मरम्मत करते हैं, वे टूटे फूटे पुरजे खरीदते हैं और उन्हें जोड़कर ठीक करते हैं, वह एक गरीब इन्सान है, और यहाँ आने के लिए अपना धन व्यय करते हैं……क्योंकि वो इस प्रकार के सुसमाचार पर विश्वास करते हैं। मैं प्रार्थना कर रहा हूँ, कि परमेश्वर ही उनके पास वहाँ उस प्रान्त में उनकी सहायता करने के लिए एक दूत भेजे।।26अब देखिए, भाई ईवान्स ऊपर आये, वे नहीं जानते थे, कि क्या करें। उन्होंने पुलिस को रिपोर्ट लिखवायी, और वे उसे ढूंढ निकाल न पाये थे। अतः वे घर आये,वे तथा भाई प्रै ड़ तथा वे लोग घर आये; हमने एक कमरे में बैठकर उसके विषय में बातचीत की। मैंने कहा……अब, काम करने का केवल यही एक तरीका है; हम कमरे में बैठ जायें और यह मालूम करें कि क्या हुआ है, और उसके बाद हम परमेश्वर के पास जायें। अतः जब हमने परमेश्वर से यह माँगा, कि वह उस पुरूष को जिसने कार चुरायी है फेर दे; उसे वापस फेर दे और उसे वापस भेज दे, वह चाहे जहाँ कहीं भी हो…..आमतौर से वे उन्हें दौड़ाकर बाऊलिंग ग्रीन के आसपास या कहीं पर ले जाते हैं, उसे यहाँ से, अर्थात् चर्चित स्थान से दूर ले जाते हैं (समझे आप?) जिससे वे कर सकें…….जब तक कि वे उस पर फिर से कोई और रंग न करा लें और उसे दुरूस्त न करा लें। यह एक बढ़िया कार थी; मैं सोचता हूँ, कि स्टेशन वेगन नामक मोटरकार थी। भाई ईवानस क्या यह सही है? वह एक……..एक स्टेशन वेगन थी।27ऐसा ही हुआ था; हम घुटने हो गये, और हमने प्रार्थना की। और प्रभु ने हमें एक सबूत दिया, कि वह बिलकुल ठीक ठाक है, सब कुछ बिलकु ल ठीक है। इसके बाद प्रभु की सामर्थ हमारे पास अंदर आयी। भाई ईवान्स बाहर निकलते हैं और बाहर जाने लगते हैं, और परमेश्वर ने ही उनकी किसी एक निश्चित राह पर चलने की अगुवाई की।वह उसे वापस ठीक यहाँ पर जैफरसनविले में वापस लेकर आता है। कार लुइसविले से चुरायी गयी थी; और यहाँ पर उनकी कार को खड़ा कर दिया गया जिसमें बस लगभग पर्याप्त पैट्रोल (गैसोलिन) था-कि उसे लिया जाये…..उस सारे को बाहर निकाला जा सकता था; और वह उसे चुराकर बाऊलिंग ग्रीन के पास तक चलाकर ले गया था; और वापस आया था। उन्होंने कार रोकी; और वे कार में से बाहर निकले, और चांबी उसी में लगी छोड़ दी; और बस उसे वहीं पर— ठीक यहाँ पर जैफरसनविले में जहाँ भाई ईवान्स उसे ढूंढ सकते थे खड़ी कर के चले गये थे; वे उसे लुइसविले में नहीं,वरन जैफरसनविले में छोड़कर चले गये थे; वे उसे सारे रास्ते वापस लेकर आये थे।आप जानते हैं, कि परमेश्वर चिड़ियों से अपनी आज्ञा का पालन करवा सकता है। वह इन्सानों से अपनी आज्ञाओं का पालन करवा सकता है। वह अपने शत्रुओं से अपनी आज्ञाओं का पालन करवा सकता है। वह ऐसा करा सकता है……जी हाँ, श्रीमान! वह परमेश्वर है। यहाँ पर उनकी कार में से किसी भी चीज की कोई हानि नहीं हुई थी; उसमें लगभग आधी टंकी गैसोलिन था, जबकि वह बाऊलिंग ग्रीन तक गया था; और पवित्र आत्मा ने अवश्य ही यह कहा होगा, वापस मुड़ ! वापस लौट कर जा, और उस कार को जैफरसनविले पहुँचा। उसे ठीक यहाँ पर सड़क पर खड़ा कर, क्योंकि मैं उसे इसे ढूंढने के लिए इस राह पर —इस राह पर ऊपर भेज रहा हूँ। भाई वेल्च, क्या यह सही है? यह बिलकुल सही है।28वह परमेश्वर है। भाई रॉय, वह प्रार्थना का उत्तर देता है। वह ऐसा है…..भाई स्टोलर, ऐसा ही है; वह ठीक ऐसी ही बात थी। उसने आपके छोटे से कुत्ते को चंगा किया था। और मैं जानता हूँ, कि वह चंगा करता है; वह प्रार्थना का उत्तर देता है; वह अभी भी आश्चर्यकर्म करता है; वह अभी भी परमेश्वर है। वह हमेशा ही परमेश्वर था, और वह हमेशा ही परमेश्वर ही रहेगा। वही…..वही घर के शिखर पर मौजूद है। परमेश्वर ही रसोई में है, परमेश्वर ही बाहर खेतों पर है। परमेश्वर हमारे साथ हमारी मोटरगाड़ी में है। परमेश्वर सब जगह है, वह सारे ज़मानों से परमेश्वर है। (उस भाई के विषय में क्या है जो यहाँ गिरजे में गाता है?)ओह, यह कितना अद्भुत है! थोड़ी देर में हम प्रचार करेंगे,और इस वाले सबक पर फिर कभी नहीं आयेंगे।बिलकुल ठीक है, आइये हम बस थोड़ी देर के लिए प्रार्थना के लिए अपने सिरों को झुकायें।29अनुग्रहकारी स्वर्गीय पिता, हमें आपका पवित्र वचन इतना अधिक पसन्द है, कि हमारे हृदय हमारे अन्दर प्रज्ज्वलित हो उठते हैं, जब हम यह जानते हैं, कि आपका आत्मा हमारे मध्य में नीचे उतर आता है, और हमसे बातें करता है, तो हमारे हृदय उस वचन के लिए उमड़ पड़ते हैं, और उसको थाम लेते हैं। और प्रभु, हमें उस पर बस बड़ा आनन्द सा अनुभव होने लगता है।और यह जानकर कि इस अंधकार की घड़ी में जब बहुत अधिक वैसी ही गड़बड़ी है……जैसाकि भविष्यद्वक्ता ने कहा था, अन्त के दिनों में एक अकाल होगा। वह अकाल इसके लिए होगाः वह रोटी और जल के लिए अकाल नहीं होगा, वरन वह तो परमेश्वर के सच्चे वचन को सुनने के लिए ही अकाल होगा, और लोग पूरब से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण परमेश्वर के सच्चे वचन की खोज में मारे मारे फिरेंगे।वचन—वचन क्या है? यीशु ही वचन है; वचन देहधारी हुआ, और उसने हमारे मध्य में डेरा किया। परमेश्वर के सच्चे वचन के उस प्रकटीकरण को देखने के लिए जिसका पवित्र वचन के लेखों के अनुसार प्रकटीकरण किया गया है और घटित किया गया है, लोग उसकी ढूंढ ढांढ करने के लिए यात्रा करते फिरेंगे और उसे ढूंढने से चूक जायेंगे……हे परमेश्वर, हम बहुत आनन्दित हैं, कि हम इस बात के लिए बहुत ही प्रसन्न हैंकि हमने वर्षों पहले उसे पा लिया था जो हमारे हृदय के लिए अमूल्य है; और हम यह देखकर कि हम लेशमात्र भी दुविधा में नहीं हैं, हम बहुत आनन्दित हैं।30हे परमेश्वर, आपने कहा था, वे जोअपने परमेश्वर को जानते हैं वे उस दिन में अद्भुत काम करेंगे। और हम यहाँ पर इन अंत के दिनों में ठीक उसी स्थिति में हैं; हम उन सब बातों को जो यीशु ने कही थी कि घटित होंगी प्रकट होते हुए देखते हैं; वह ठीक उन्हीं चिन्हों को, आश्चर्यकर्मो को, अद्भुत कामों को ठीक वैसे ही कर रहा है जैसाकि उसने किये थे-जैसाकि उसने कहा था, “जैसा सदोम के दिनों में हुआ था वैसा ही मनष्य के पुत्र के आने के दिनों में होगा।”और प्रभु, आप पवित्र आत्मा के द्वारा हमसे यह होने दें, कि हम उस वचन के अंदर पहुँच में आ जायें, और उन असली बातों को हासिल करें और उन्हें वचन के द्वारा ही कलवरी से जोड़ दें, और यह देखने पायें कि उसी में ही हमारी परिपूर्णता और भरपूरी और आशीषं और महिमा हैं। और यह सारी की सारी उसी को ही पहुँचती हैं जो योग्य है, जिसने आकर उसके दांये हाथ से पुस्तक ले ली थी जो सिंहासन पर बैठा था, और वह स्वयं उस पर जा बैठा था, क्योंकि वह जगत की उत्पत्ति से वध हुआ था।पिता, इस सुबह हम उसी के विषय में बोलते हैं। हम प्रार्थना करते हैं, कि आप हमारे हृदयों को आशीष देंगे। होने पाये आपका आत्मा हमारे मध्य में विचरण करे, और हमें आशीष दे, और हमारे अनुभवों को और भी भर डाले, और हमारे मध्य में बीमारों को चंगा करें; और हमें जयवंत करनेवाला अनुग्रह प्रदान करे।और परमेश्वर, जबकि मैं सुदूर प्रचारकार्य के क्षेत्रों में शत्रु का मुकाबला करने के लिए जाता हैं, तो यह हो, कि मुझे इसका आभास रहे, कि मैं प्रार्थना के द्वारा हर घड़ी रक्षक सेना से घिरा हुआ हूँ। ओह, मैं उस रक्षक सेना पर कितना अधिक निर्भर करता हूँ; शत्रु आगे बढ़ कर आ रहा होता है; मगर मैं जानता हूँ, कि रक्षक सेना उसे रोक कर रखे हुए है, क्योंकि माता और पिता, लड़के और लड़कियाँ, मसीही लोग, वे लोग जिन्होंने अनुभव के द्वारा नया जन्म पाया हुआ है, स्वर्ग-बन्धित लोग अपने घुटनों पर जा कर यह प्रार्थना कर रहे होते हैं, हे परमेश्वर, छुटकारा प्रदान कीजिए। और पिता, हम प्रार्थना करते हैं, कि आप हमें बाहर सुदूर शत्रु के सिवानों के अन्दर जाकर उन प्रत्येक मूल्यवान प्राण को जीत लेने देंगे जो प्रतीक्षा कर रहा है। प्रभु, ऐसा कीजिए; उन्हें अंधकार में से बाहर निकालकर उजियाले के अंदर लाइये। क्योंकि हम यह यीशु के नाम में माँगते हैं। आमीन!31अब, आइये हम प्रकाशितवाक्य के चौथे अध्याय में चलें। हमने तीसरे अध्याय का समापन कर दिया था, और हम एक प्रकार से श्रृद्धा के साथ बैठे रहें, और मैं आपको बहुत अधिक देर तक रोक कर रखने की कोशिश नहीं करूंगा। परन्तु इस तीसरे अध्याय में कलीसिया एक प्रतिचित्रण के रूप में ऊपर चली गयी थी। जब यूहन्ना ऊपर उठा लिया गया था, तो कलीसिया (प्रतिचित्रण के रूप में) ऊपर उठा ली गयी थी। और उस समय से लेकर वह इस्राएल से तब तक व्यवहार करता रहा है, जब तक कि वह वापस लौटकर नहीं आ जाता है। क्या आप नहीं देखते हैं, कि यह किस प्रकार से है? आज लोग कैसे इन बातों को कह रहे हैं, कोई एक बहुत बड़ी घटना घटित होने जा रही है जो सम्पूर्ण संसार को तथा सब कुछ को झंझोड़ डालेगी।“ यह बात वचन के अनुसार नहीं है। जी नहीं, श्रीमान! प्रबन्ध में जो अगला कार्य है, वह तो कलीसिया का जाना है। आप कलीसियायी कालों को पढ़कर देखें, कि आप क्या देखते हैं….32आप देखिए, ये जो और दूसरी बातें होनी हैं, वे उस विवाह समारोह के दौरान ही तब होती हैं जब कलीसिया महिमा में होती है। परमेश्वर यहूदियों के द्वारा बड़े बड़े आश्चर्यकर्म करने के लिए, अन्तराष्ट्रीय आश्चर्यकर्म करने के लिए तथा ऐसे ही काम करने के लिए वापस लौटकर आता है; वह कलीसिया के पास बिलकुल भी नहीं जाता है। तीसरे अध्याय में कलीसियायी कालों का समापन होता है। यह सच है। और कलीसियायी कालों का समापन ऐसे अति छोटे से अल्प लोगों से होता है, जैसाकि हमने इसे देखा है….यहाँ कान लगाइये। (मैंने इस सुबह इसे फिर से पढ़ा है; इसने मुझे लगभग छिन्न भिन्न कर डाला था) कलीसियायी काल के अंत पर मसीह का जो स्थान और जो आचार-व्यवहार होता है वह प्रकाशितवाक्य के तीसरे अध्याय के 20वें पद से 22वें पद तक पाया जाता है। इसके विषय में सोचिए, कि वह कहाँ पर है। वह कलीसियायी कालों के अंत पर कहाँ पर है? वह अर्थातू मसीह अपनी ही कलीसिया के बाहर……उसे नामधारी कलीसियाओं और मतों सिद्धांतों के द्वारा उसकी अपनी ही कलीसिया से धक्का देकर बाहर निकाल दिया गया है। उसका आचार-व्यवहार क्या है? वह वापस अन्दर आने का प्रयास कर रहा है। यह एक दयनीय स्थिति है।33यहाँ पर इसके बाद हमने यह मालूम किया था, कि “इन बातों के बाद उस शब्द को जो उससे बातें करता था, यह कहते हुए सुना”, कि……यह क्या था? आत्मा पृथ्वी को छोड़कर चला गया था। पहले अध्याय से…..या पहले पद से ही यह शुरू होता है, कि इन बातों के बाद!इन बातों के बाद जो मैंने दृष्टि की, तो क्या देखता हूँ, कि स्वर्ग में एक द्वार खुला हुआ है….प्रकाशितवाक्य 4:1 बताता है, कि जब कलीसिया चली जाती है, तो उसके बाद एक……एक द्वार खुला हुआ था। और हम इस सब का अध्ययन करते हुए आगे बढ़े हैं, और हमने यह मालूम किया था, कि मसीह ही द्वार था। और ठीक वही शब्द जो सोने की सात दीवटों के मध्य में विचरण कर रहा था, ठीक उसी शब्द को ही उसने स्वर्ग में यह कहते हुए सुना, यहाँ ऊपर आ। यूहन्ना ऊपर चला गया था। इसने यही दर्शाया था, कि कलीसिया स्वर्गारोहण में ऊपर जा रहीयूहन्ना आत्मा में ऊपर चला गया था, उसे ऊपर उठा लिया गया था, और उसने उन सब बातों को पहले से देखा जिसकी परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की थी, और जो उसने चेलों से कहा था, कि “तुम्हें इससे क्या यदि वह मेरे आने तक ठहरा रहे ?” उसने प्रभु के आगमन को तथा जो घटित होगा, उसे देखा था। उसने प्रथ्वी पर देखा, कि कलीसिया के स्वर्ग पर उठाये जाने के लिए पृथ्वी पर क्या घटित होगा; और उसको ऊपर उठा लिया गया था, और उसे आगे तक का—सहस्राब्दि तक का दिखाया गया था। ओह, क्या यह अद्भुत नहीं है!34अब, हमने गत रविवार को उसे चौथे अध्याय के चौथे पद पर छोड़ा थाःऔर उस सिंहासन के चारों ओर चौबीस सिंहासन हैं, और इन सिंहासनों पर चौबीस प्राचीन श्वेत वस्त्र पहने हुए बैठे हैं; और सिरों पर सोने के मुकुट हैं।अब, हमने देखा था, कि ये प्राचीन थे। प्राचीन शब्द कभी भी एक दूत या किसी प्राणी के लिए लागू नहीं किया गया है। यह तो छुटकारा पाया हुआ एक मानव ही होता है, जो प्राचीन होता है। क्योंकि वे……मुकुट, सिंहासन, राज्य कभी भी स्वर्गदूतों के संदर्भ में नहीं कहे जाते हैं। परन्तु मुकुटों और सिंहासनों का तथा इसी प्रकार की चीजों का तो मानव प्राणियों से ही सम्बन्ध होता है। और इन प्राचीनों ने मुकुट पहने हुए थे, और वस्त्र पहने हुए थे, और वे सिंहासनों पर विराजमान थे। हमने उन्हें पवित्र शास्त्र के और दूसरे भागों में देखा था, कि वे बारह प्रेरित थे, और वे बारह प्राचीन थेः वे बीस और चार थे, जिसका अर्थ चौबीस होता है। अर्थात् बारह प्रेरित बारह प्राचीन होते हैं।35और हमने यहाँ तक कि उस नगर को ज्ञात किया था जो परमेश्वर के पास से स्वर्ग से उतरा था………जब पृथ्वी विघटित हो जाती है और टुकड़ों में छिन्न भिन्न हो जाती है तो उसके बाद पृथ्वी पर और कुछ नहीं वरन ज्वालामुखी-राख ही बची रहती है, (यही है जो सारा का सारा बाकी बचा रह जाता है) और समुद्र भी जाता रहता है। समुद्र सूख जायेगा।जैसा कि मैं गत रात्रि को या बीते हुए कल को किसी से कहीं पर बातचीत कर रहा था, कि एक बार को पृथ्वी इस सूर्य के चौगिर्द इस प्रकार से विद्यमान थी, कि सूर्य की एक समान गर्मी ऊपर और नीचे चारों ओर होती थी। आप बिट्रेन में बर्फ के मैदानों में पाँच सौ फीट नीचे तक खोद कर ताड़ के पेड़ ढूंढ सकते हैं।वह एकाएक आती है, और उन्हें एक रेफ्रिजरेटर के जैसे ही जमा डालती है। जैसे कि आप उन स्ट्रोबेरियों को तथा ऐसी ही चीजों का निर्जलीकरण तथा ऐसा ही कुछ कर रहे होते हैं और आप उनको आने वाले वर्षों के लिए ठंड़ से जमा रहे होते हैं और उनको बहुत अधिक ठंड़ा करके जमा रहे होते हैं। समझे? ठीक इसी प्रकार से यह उस समय पर थी।शीघ्रता से वहाँ पर एक जल-प्रलय आया और उसने सारी पृथ्वी को जल से भर डाला। और जब उसने ऐसा किया, परमाणुविक शक्तियों ने उसे उसकी कक्षा से बाहर निकाला, तो यह ठंड़ी पड़ती गयी, और यह वहाँ पर ही पड़ी रही। समझे? आप आट्रिक क्षेत्रों में तथा ऐसे ही क्षेत्रों में खुदाई करें, और आपको ताड़ के वृक्ष तथा ऐसा ही अन्य कुछ मिल सकता है। यह यही दिखाता है, कि एक बार को उस पर वास किया जाता था, वह बड़ी ही खूबसूरती के साथ विद्यमान थी। और अब इसे पूर्व समय में हिलाया गया था।36अब देखिए, मैं सोचता हूँ, कि यहीं पर ही परमेश्वर को पानी मिला था; जब उत्पत्ति आरम्भ हुई थी। उत्पत्ति 1 बताती है, “और पृथ्वी बेडौल और सुनसान पड़ी थी, और गहरे जल के ऊपर अन्धकार था, और परमेश्वर का आत्मा जल के ऊपर मण्डलाता था।”“…उजियाला हो… ।” परमेश्वर ने जल और भूमि को अलग अलग किया, जिसे पृथ्वी बनाया गया था। परन्तु सारी पृथ्वी ढकी हुई थी। अब, उसने बस वायुमंडल के आर पार, उसने बस…….ऐसा ही वायुमंड़ल होता है……वायुमंड़ल हाइड्रोजन और ऑक्सीजन तथा ऐसी ही और दूसरी गैसों से भरा हुआ है। उसके बाद उसने उसे पृथ्वी से ऊपर उठाया, और उसे अलग किया।तब पृथ्वी पर कोई समुद्र न था। परमेश्वर ने ही पृथ्वी पर जल भरा, उसने वर्षा नहीं बरसायी थी। उसने सोतों तथा ऐसी ही चीजों के द्वारा जल भरा था, जिससे वह इसे सींचता था। इसके बाद जब उसने…..तब उसने केवल यही काम किया था ………जब मनुष्य ने इसे इसकी कक्षा से बाहर एक ओर धकेल डाला, तो क्या हुआ? उसने इसे उस स्थिति में ला फेंका, कि यहाँ नीचे तो गर्मी है, और वहाँ ऊपर ठंड़ा है। और गर्मी और सर्दी से क्या प्रभाव पड़ता है? आप इसे ठीक इस समय यहाँ पर खिड़की के पास अनुभव करते हैं, यहाँ अंदर तो गर्मी है और बाहर ठंडा है। क्या आप पसीना देखते हैं? बारिश और कुछ नहीं वरन पसीना, अर्थात् वाष्पीकरण ही है। और जल राख होता है। अतः तब जब यह……..37मुझे वह गीत पसन्द है।अमूल्य प्रभु, तूने रखा अपना हाथ ऊँची ऊँची घास के मैदान परतूने रखा अपना चमत्कारिक हाथ जंगल बयावान पर प्रभु,तूने सोते को उमंडाया,पहाड़ों को ऊँचा उठाया हे प्रभु,रख मुझे अपने अमूल्य हाथ पर ।तू ने बादलों को बनाया,तू ने बादलों को बनाया, तूने बादलों को बनाया,कि दें वे हमें जीवन अपार प्रभु,तूने पृथ्वी और आकाश को थामा अपनी आज्ञा पर हे प्रभु,हो मेहरबान ऐसा ही मुझ पररख मुझे अपने अमूल्य हाथ पर ..ओह, स्वर्ग का परमेश्वर कैसा महान है…
38इसके बाद इस महान समय में जैसाकि यह अब इस प्रकार से झुकती चली जा रही है; उसने इसके लिए हमसे यह वायदा किया है, “वह इसे फिर कभी जल से नाश नहीं करेगा, वरन वह इसे इस बार आग से नाश करेगा।” बजाये इसके कि वह इसे फेंके…….. वास्तव में तो उन्होंने पृथ्वी को सूर्य से दूर ही फेंक डाला था, और इससे यह ठंड़ी हो गयी थी। यदि आप इसे सूर्य के अंदर फेंक देंगे, तो यह जल जायेगी, और जैसाकि उसने इसे जल से नष्ट किया था, और आकाश में मेघधनुष ठहराया था; वह ऐसा फिर कभी नहीं करेगा, पर उसने अब इसे जलाने की प्रतिज्ञा की है। अतः वहाँ आप आते हैं, जहाँ पाप तथा सारी तड़क-भड़क तथा सारी गन्दगी….39और अधिक समय नहीं हुआ है, कि मैं प्रेरीज़(बड़े बड़े घास के मैदान) से होकर घुड़सवारी करके जा रहा था। जब मैं छोटा था, तो मैं सोचा करता था; मैं अपनी इतिहास और भूगोल की किताबें देखता और पश्चिम के बड़े बड़े स्थलों के विषय में सोचता, मैं कहा करता, “किसी दिन मैं वहाँ पर शान्ति और खामोशी से रहूँगा जहाँ कोई पाप नहीं होगा; मैं मैंदानों में घूमता फिरूंगा और एक रेड़इन्डियन के जैसे ही शिकार करता फिरूंगा। और मैं……मैं वहाँ पर अपने जीवन के सारे दिनों में शान्तिपूर्वक रहूँगा।”परन्तु अब यह ऐसा है…….श्वेत आदमी वहाँ पर गया है। जहाँ कहीं श्वेत आदमी जाता है पाप उसके साथ साथ जाता है। वह पृथ्वी के सारे लोगों का सबसे बड़ा कातिल और हत्यारा है; वह ऐसा ही है। वह सभी तरह का विश्वासघाती है।40अधिक समय नहीं हुआ जब समाचार पत्र में……..( यहाँ पर भाई टोम हैं जो अफ्रिका से आये हुए हैं) मैंने दो सप्ताह पहले ही समाचारपत्र में एक लेख में देखा था; मैं सोचता हूँ, कि ऐसा ही है; और उसने कहा था……..उन्होंने कहा था, “यदि अमेरिकनों को अभी भी अफ्रिका जाने की अनुमति दी जाती रही, तो अब से दस सालों में अफ्रिका के बड़े बड़े शेर और हाथी पूरी तरह से विलुप्त हो जायेंगे..ये हाथियों-ये खानाबदोश उन पर कहीं पर भी गोलियों की बौछार भी कर सकते हैं, करते हैं।“ मैंने एक तस्वीर देखी थी जिसमें दो नर एक जख्मी मादा को उठाये हुए थे। देखिए, आंसू उनकी आँखों से बह रहे थे। वे नहीं चाहते थे…..वे नर नहीं चाहते थे, कि वह मादा मर जाये। और उनमें से प्रत्येक उसे इस प्रकार से बगल से उठा रहा था, वे उसे ज़मीन पर गिरने से बचा रहे थे; उसे तो गोली मारकर छलनी कर दिया गया था।कोई भी वह व्यक्ति जो इस प्रकार से किसी पर भी गोली की बौछार करता है, वह इसके योग्य नहीं है, कि बन्दूक उसके हाथ में हो। यह सही बात है। उसके पास तो उसे सम्भालने के लिए भी प्रर्याप्त बुद्धि-साहस नहीं है।41अब देखिए, कुछ वर्षों पहले जब मैं अपने एक भले मित्र भाई रॉय रोबरसन तथा वे जो वहाँ पीछे थे, उनके बाड़े में कुछ बारहसिंगों का झुण्ड़ वहाँ से भगाने का यत्न कर रहा था जहाँ ऊपर कोलरोडों में मैं गाइड का काम कर रहा था; वे जानते थे कि हमारे पास एक अच्छा खासा झुण्ड़ था। मेरे और जैफ के पास वहाँ ऊपर वे वर्षों से थे; वे लगभग अस्सी थे। और मैंने सुना था, कि उन्होंने उन कुछ ऑफिस लड़कों को डेनवियर से वहाँ बाहर आने की अनुमति दे दी है जो ब्लाऊज पैन्ट पहनते हैंऔर जिनके पायचो में लेस लगा होता है……क्या वे शिकारी होते हैं? जी हाँ! वे यहाँ पर आते हैं, वह एक दल था जो जीपों में तथा इसी प्रकार के वाहनों में आया था; और वह वहाँ पर हमारे क्षेत्र में आ गया था।और मैं इन बारहसिंगों को उन के पीछे पर्वत के पीछे लगभग एक या दो मील खदेड़ रहा था, और वे भी अपने मवेशी चरा रहे थे। आपको उन्हें, उन बड़े व बूढ़े बैलों को और ऐसे ही और दूसरे जानवरों को छितरा कर अलग अलग करके रखना होता है; अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आप अपने मवशियों के ही झुंड़ को तितर-बितर करवा डालते हैं। वे तो मवशियों को पालने पोसने के जैसे ही हैं, या ऐसे ही किसी के जैसे हैं। वन्यजीवन हमारे लिए ठीक वैसे ही होना चाहिए। वह कोई भेदा जानेवाला लक्ष्य नहीं है। यदि आप भेदने वाले लक्ष्य पर ही निशाना साधना चाहते हैं, तो उनके पास यहाँ पर शूटिंग रेंज़ है। यह सही बात है।उनको उस तरह से घात करके मारना एक बड़ी ही अशोभनीय बात है। यह पापपूर्ण; अभक्तिपूर्ण कृत्य है।42और मैंने गिनती की, कि उन्होंने मशीनगन को अपने कंधे पर रखकर चलाकर एक सौ तेईस गोलियाँ चलायी थीं। और भाई बैंकस वुड जो यहाँ पर मेरे साथ हैं, वे अगली सुबह मेरे साथ पहाड़ पर गए, और मैंने उन्नीस लोहलूहान जगह गिनीं। वे जो शिकार करने के बारे में कुछ नहीं जानते थे उन्होंने ऐसा कर डाला था; आप जो शिकार करना नहीं जानते हैं, आप उस तरह से एक बड़े जानवर को गोली मार सकते हैं, और इआप उसमें गहराई तक गोली मार कर जान से मार सकते हैं। उन्होंने धायधांय, धांय धांय करके गोलियौं चलायी थीं; उन्होंने एक के बाद दूसरी गोली चलायी थीं। क्यों, ऐसे तो वे एकदम मर जायेंगे। और क्या होगा…इसके बाद जब उन्हें बुखार हो जाता है, और अगर आप उन्हें अपने लिए कुछ भी अच्छा नहीं पाते हैं, तो आप उन्हें वहां पर छोड़ कर सड़ने गलने के लिए छोड़ देते हैं, और मुरदाखोर जानवर, और भेड़िये, और ऐसे ही और दूसरे जानवर उनका भषण कर डालते हैं।उन्नीस जगह ऐसी थी जो लोहूलुहान थी, जहाँ पर बड़े बड़े बैल मरे पड़े थे, उनके उतने बड़े बड़े खुर उखड़े पड़े थे, और उनकी दो दाँगों से लोहू फूट कर बहा हुआ था जहाँ उनको उन बंदूकों से छलनी कर दिया गया था। उन्हें इस तरह के खानाबदोश को अनुमति नहीं देनी चाहिए, कि उसके हाथ में एक बंदूक हो। यह सही बात है। उसके पास बंदूक को सम्भालने की एक साधारण समझ तक नहीं है। ओह, यह बहुत ही भंयकर काम है, ऐसा करना पापपूर्ण कृत्य है।43यह बहुत ही भंयकर बात है; परन्तु अमेरिकन ऐसा ही होता है। कनेडा, तुम मूल्यवान लोग जो कनेडा से हो; यदि अमेरिकी लोग कनेडा जाते रहे, तो कनेडा भी कुछ समय में वैसा ही गिरा हुआ हो जायेगा जैसा अमेरिका गिरा हुआ है। आप कनेडा की सरहद पर कहीं भी जायें आपको वहाँ पर वही अमेरिकी माहौल मिल जाता है।यह अमेरिका राष्ट्रों की वेश्या है। वह बिलकुल ठीक यही है; और वह अब पहले से भी कहीं अधिक बदत्तर होने जा रहा है। वह तो अपने अंत की ओर अग्रसर हो रहा है। बाइबिल उसके नाश के विषय में बताती है, बाइबिल बताती है, कि वह कैसा होने जा रहा है। अमेरिकाः गिरा हुआ, सड़ागला, भद्दा-अश्लील, बुरा है। यह बिलकुल ठीक बात है।वह एक बड़ा राष्ट्र रहा है। इसने सुसमाचार के सन्देश को आगे बढ़ाया था। परन्तु उसे ऐसा जैसाकि वह है किसने बनाया? वह ऐसा इसीलिए है, क्योंकि उसने सुसमाचार के संदेश को ठुकरा दिया और सत्य का इन्कार किया है। वह भंयकर स्थिति में है। उसका अन्त आ रहा है; चिन्ता ना करें। मैंने इसे एक दर्शन में वैसा ही देखा है जैसाकि यहोवा यूँ फरमाता है वाला वचन होता है। वह आ रहा है। उसे अपने पापों का हरज़ाना चुकाना होगा।पूर्व समय में जब अमेरिका अमेरिका ही था, तो वह एक महान राष्ट्र था। इस्राएल के बाद जो महानतम् राष्ट्र था जिसे संसार ने कभी जाना था वह अमेरिका ही था; परन्तु उसने अब निश्चित रुप से अपने आपको दूषित कर डाला है। उसने संदेश को ठुकरा दिया है। उसने कुछ भी ऐसा ग्रहण नहीं किया, वरन……. अब, वह स्वयं ही ऐसी स्थिति में आ पहुँचा है……आप देख सकते हैं कि अब वह कहाँ पर है। हर कोई यह जानता है, उसने अपने अन्तिम मतगणना में-अपने चुनाव में यह दिखा दिया है, कि उसकी आत्मिक स्थिति क्या है। जी हाँ! वह नहीं जानता है!44अब देखिए, ये प्राचीन अपने अपने मुकुट पहने हुए सिंहासन पर बैठे हुए हैं। अब देखिए, हम पाँचवां पद आरम्भ करने जा रहे हैं।और उस सिंहासन में से बिजलियाँ……..और गर्जन, और आवाजें निकलती हैं, और सिंहासन के सामने आग के सात दीपक जल रहे हैं; ये परमेश्वर की सात आत्माएँ हैं।ओह, मैं इससे प्रेम करता हूँ। क्या आप नहीं करते हैं? ओह, मैं….मैं ऐसा अनुभव करता हूँ, कि मानो मेरा कोट मुझे फिट आ गया हो; आप जानते हैं; मैं बस….जब; आप जानते हैं, कि मेरा इससे अभिप्राय आत्मिक कोट से है। यह बिलकुल ठीक बात है।“सिंहासनों से।” आइये हम अब इस सिंहासन के विषय में कुछ मिनटों के लिए बोलें। यह अनुग्रह का सिंहासन नहीं था; अनुग्रह का सिंहासन तो खत्म हो चुका था। वहाँ पर कोई अनुग्रह नहीं था, यह तो अनुग्रह रहित था। हम कैसे जा रहे हैं……..यह किस प्रकार से न्याय का सिंहासन, यीशु मसीह के न्याय का सिंहासन, बड़े न्याय का सिंहासन- न्याय का श्वेत सिंहासन बनने जा रहा है? क्या उसके बाद वहाँ पर अनुग्रह होगा? वहाँ पर लेशमात्र भी अनुग्रह नहीं किया जायेगा। आप न्याय के सिंहासन पर “अनुग्रह कीजिए, अनुग्रह कीजिए चिल्ला सकते हैं। जब तक कि आप और अधिक नहीं चिल्ला सकते हैं; और हो सकता है, कि आप हवा में कहीं ऐसा अच्छी तरह से चिल्ला सकते हों, क्योंकि वहाँ पर कोई अनुग्रह नहीं किया जायेगा।45ठीक इस समय ही अनुग्रह का दिन है।अब, आइये हम यहाँ पर थोड़ी देर के लिए पुराने नियम में चलें और यह मालूम करें, कि अनुग्रह क्या होता है। वापस चलिएँ और देखिऐ कि इस सिंहासन का क्या हुआ था। वास्तव में यह सिंहासन न्याय का स्थल है। और वह कारण जो आज अनुग्रह है, यह है क्योंकि अनुग्रह के स्थल पर प्रायश्चित पाया जाता है…..उस पर लोहू (मसीह का लोहू) छिडका हुआ पाया जाता है। और जब तक वह लोहू न्याय स्थल पर है वह न्याय का स्थल नहीं है, वह तो अनुग्रह का ही स्थल है, क्योंकि न्याय को रोकने के लिए किसी ने अपनी जान दी है। यदि आप इसे देखते हैं, तो आप “आमीन” कहें। (सभा कहती है, “आमीन! सम्पा.) जब तक अनुग्रह के स्थल पर लोहू पाया जाता है, यह ये ही दिखाता है, कि न्याय को पीछे रोकने के लिए किसी ने अपनी जान दी है। परन्तु जब कलीसिया स्वर्ग में ऊपर उठा ली जाती है, तो उसके बाद अनुग्रह का स्थल न्याय का स्थल बन जाता है।46यही बात पुराने नियम में है, और यही बात यहाँ नये नियम में भी पायी जाती है। और वह स्थल….यही है वह जहाँ….न्यायाधीश न्याय स्थल पर है; न्यायी न्याय के स्थल पर है…….अब, वह न्याय का स्थल और वह स्थान धुंए से भर जाता है। यह क्या है? यह सीनै पर्वत के जैसा है, न्याय स्थल के जैसा है। अनुग्रह परमेश्वर के सिंहासन से हट चुका है। परमेश्वर जगत का न्याय बेरहमी से करेगा। कितने लोग यह जानते हैं?उस दिन वह तो केवल एक ही चीज को पहचानेगा; और वह क्या है? लोहू! केवल यही एक ऐसी चीज है जो परमेश्वर की जलजलाहट को शान्त करता है।47आदम और हव्वा ने वैसे ही खूब बढ़िया अंगरखे बनाये थे जैसेकि मैथोडिस्ट, बैपटिस्ट, प्रेसबीटेरियन, या पिन्तेकोस्तल बना सकते हैं, इसने उनके नंगेपन को ढूंका तो था, लेकिन परमेश्वर उसमें से भी होकर देख सकता था, अतः उसने किसी को जान से मारा; और उसने…..उस मरे हुए जानवर की मरी ….मरी हुई खाल ली और उससे उन्हें ढंक दिया। लोहू को उसका स्थान लेना था। इसने ही उसके कोप को रोके रखा था। उसने लोहू देखा और इससे वह पीछे हट गया था, क्योंकि किसी ने अपना जीवन न्यौछावर किया था।हे परमेश्वर, इसके विषय में सोचिऐ! वह एक मात्र चीज जो परमेश्वर को पीछे रोकेगी, वह लोहू ही है। और केवल एक ही ऐसा लोहू है जो उसे पीछे हटाता है, वह उसके अपने निज पुत्र का लोहू है। जब वह देखता है, कि यह उसके अपने ही पुत्र का लोहू है, तो वह पीछे हट जाता है, क्योंकि यह एक दान है जो…..परमेश्वर ने अपने पुत्र को इसलिए दे दिया, ताकि वह उन्हे छुड़ाये जिन्हें उसने पहले से जाना था, और यही परमेश्वर को उसके न्याय से दूर हटाता है। परन्तु जब लोहू हटा दिया जाता है, और उन सभों को जिन्हें उसके द्वारा पहले से ही जाना गया था मूल्यवान देह के अन्दर ले आया जाता है, उसकी कलीसिया को तैयार करके स्वर्ग में ऊपर उठा लिया जाता है, तो परमेश्वर की जलजलाहट लोगों के ऊपर आन पड़ती है।48हे भाई, मैं यह कभी नहीं चाहता हूँ, कि वहाँ पर खड़ा होऊँ। चाहे मुझे मशीनगन के आगे खड़ा होना पड़े, चाहे मेरे काटकर टुकड़े टुकड़े कर दिये जायें, चाहे मुझे इन्च इन्च करके आरे से काट डाला जाये, चाहे कुछ भी क्यों न हो….(जैसाकि नाइटस् ऑफ कोलम्बस की शपथ है)…चाहे मेरा पेट चीर कर उसमें सल्फर तथा अन्य सभी कुछ डालकर जला दिया जाये, और चाहे मेरे हाथ और पैरों को काटकर अलग कर दिया जाये; चाहे मेरे साथ कुछ भी क्यों न किया जाये; परन्तु यह होने पाये कि मैं न्याय के उस श्वेत सिंहासन पर कभी भी परमेश्वर के सामने न खड़ा होऊँ।ओह, यह होने पाये, कि मैं यहाँ पर मसीह के सिंहासन के पास ही इस छोटे से सिंहासन पर बैठें और उसके लोहू का अंगीकार करें। प्रभु, मैं अपने हाथों में कुछ भी लेकर नहीं आता हूँ। हे प्रभु, मैं अपनी बांहों में कुछ भी लेकर नहीं आता कोई और सोता नहीं है मुझे पता कुछ और नहीं वरन लोहू यीशु का है मुझे पता (यही है वह सब कुछ जिसके विषय में मैं जानता हूँ)… यही है मेरी आशा और मेरा शरण स्थान कुछ और नहीं, वरन लोहू यीशु का है मुझे पता49इसमें कोई आश्चर्य नहीं है, कि जब एड्डी मैरोनोट को…जब वह एक मसीही था, जब वह एक कट्टर मसीही था, तो उसे उसके गीतों के कारण ठुकरा दिया गया था, लोग उसके गीतों को खरीदना नहीं चाहते थे। एक दिन उसने कहा था, “और एक दिन..किसी दिन मैं एक ऐसा गीत लिखूगा जिसे लोग ग्रहण कर ही लेंगे।” और लोग धार्मिक गीतों में और अधिक आधुनिकता चाहते थे। एक दिन पवित्र आत्मा ने वहीं पर उसे अपने काबू में ले लिया, और उसने कलम उठायी, और उसने लिखाःसब करें यीशु नाम की सामर्थ पर नमनप्रमाण फरिश्ते करें उसको सष्टांग नमनप्रमाण लाओ उसके लिए शाही सम्मानपहनाओ उसको राजाओं का राजा करके ताज“क्योंकि खड़ा हूँ मसीह पर मैं है जो ठोस चट्टान धसती रेत हैं और सारे स्थान चाहे यह एक कलीसिया हो, चाहे यह मित्र हो, चाहे यह एक बैरी हो, चाहे। यह एक राष्ट्र हो, चाहे यह अमीरी हो, चाहे यह कंगाली हो, चाहे यह अच्छाई हो, या यह चाहे जो कुछ भी हो, दूसरे सभी स्थान धसती रेत ही हैं। ये एक मात्र ऐसी चीज है जो आखिरकार मिट जायेगी। परन्तु । खड़ा हूँ मसीह पर मैं, है जो ठोस चट्टान धसती रेत हैं और सारे स्थान आप इस बात को दिमाग में बैठा कर रखें।50ध्यान दीजिए, आइये हम लैव्यव्यवस्था 16 की ओर बढ़े, और पुस्तक में पीछे पढ़ें, अब आइये हम बाइबिल में पूर्वकाल में पाये जाने वाली लैव्यव्यवस्था वाली व्यवस्था को पढ़ें; और यहाँ पर लैव्यवस्था का….लैव्यव्यवस्था का 16 वाँ अध्याय पढ़ें, और 16वें अध्याय को 14वें पद से पढ़ना शुरू करें। ओह, मुझे..मुझे इन बातों पर अपना समय लेना अच्छा लगता है; मुझे इन बातों को निकालना अच्छा लगता है…लैव्यव्यवस्थाचार…या लैव्य व्यवस्था 16:14!तब वह बछड़े के लोहू में से कुछ लेकर पूरब की ओर प्रायश्चित के ढ़कने (अनुग्रह के ढ़कने) के ऊपर अपनी उंगली से छिड़के। (प्रायश्चित के ढ़कने पर….दृष्टि डालिए, हम इसका थोड़ी देर के बाद अध्ययन करने जा रहे हैं)… पूरब की ओर…..आप “पूरब की ओर” वाले शब्द को न भूलें। कहाँ से यीशु आ रहा है? पूरब से महिमा के बादल में! कहाँ से सूर्य उदय होगा? पु-त्र(S-O-N) कहाँ पर उदय होगा?पूरब से! कहाँ पर अनुग्रह का-प्रायश्चित का स्थल (मंड़ल) विद्यमान था? पूरब की ओर! क्यों मैंने आप सभों को इस ओर पूरब की तरफ करके बैठाया है? क्यों? क्योंकि वेदी पूरब की ओर है। हम इसे थोड़ी देर बाद ही देखेंगे, कि इसका कितनी सुन्दरता से वर्णन किया गया है, मैं इसका चित्रण करने जा रहा हूँ। मैं कहूँगा, कि जितने लोग कुछ ही मिनटों में पेपर तथा ये नक्शे ला सकते हैं ले आयें। यह बिलकुल ठीक है:51उसमें से कु छ लेकर पूरब की ओर—प्रायश्चित के ढ़कने के ऊपर अपनी उंगली से छिड़के…… और फिर उस लोहू में से… कुछ उंगली के द्वारा… उस ढ़कने के साम्हने… सात बार छिड़क दे।ओह, क्या यह सुन्दर नहीं है? “सात बार पूरब की ओर!” यह क्या है? सात कलीसियायी काल लोहू से ढके हुए होंगे। हाल्लिलूय्याह! यीशु मसीह का लोहू वैसे ही प्रयाप्त है जैसे वह कल, आज, और युगानुयुग पर्याप्त रहा है; और हर एक काल के लिए, हर एक पापी को बचाने के लिए, हर एक बीमार व्यक्ति को चंगा करने के लिए, हर एक आश्चर्यकर्म को करने के लिए, हर एक चिन्ह को करने के लिए सर्वसामर्थी है। सात बार! पूर्वकाल में पुराने नियम के दौरान इससे पहले कि मसीह आता, चौदह सौ नळे साल पहले ऐसा हुआ करता था। ज़रा इसके बारे में सोचिएं। ……सात बार छिड़क दें……फिर वह उस पाप बलि के बकरे को जो साधारण जनता के लिए होगा बलिदान करके उसके लोहू को……बीच वाले परदे के भीतर ले आये, और जिस प्रकार बछड़े के लोहू से उसने किया था ठीक वैसा ही वह बकरे के लोहू से भी करे, अर्थात् उसको प्रायश्चित के ढुकने(अनुग्रह के स्थल) के ऊपर……..और उसके साम्हने छिड़के। और वह इस्रालियों की भांति भांति की अशुद्धता, और अपराधों, और उनके सब पापों के कारण पवित्र स्थान के लिए प्रायश्चित करे; और मिलापवाला तम्बू जो उनके संग उनकी भांति भांति की अशुद्धता के बीच वास किये रहता है……उसके लिए भी वह वैसा ही करे।यह क्या था? वह अनुग्रह का स्थल- प्रायश्चित का ढ़क्कन कहाँ पर था जहाँ वे घुटने होते थे? और वहाँ सन्दूक के भीतर क्या था? व्यवस्था! और व्यवस्था यह थी; कि किसी भी आज्ञा को तोड़ने का अर्थ बिना किसी अनुग्रह के मरना। परन्तु चूंकि आप पर अनुग्रह हो सके, इसलिए वेदी पर लोहू होना होता था। वे अनुग्रह के स्थल पर- प्रायश्चित के ढ़कने पर लोहू छिड़का करते थे। और अनुग्रह का स्थल वो वेदी होती है, जहाँ आप घुटने होकर अनुग्रह के लिए अनुनय करते हैं। परमेश्वर हमें इस बात के लिए रोके, कि हम कभी उसको, अर्थात् उस पुरानी वेदी को जहाँ पर लोग घुटने हो सकते हैं और परमेश्वर के अनुग्रह के लिए दुहाई दे सकते हैं, अपनी कलीसियाओं से हटायें। और अनुग्रह अपार है और वह मुक्त रुप से प्रभु यीशु के लोहू से प्रवाहित हो रहा है। और वह अनुग्रह का स्थल भी है। वह अनुग्रह का स्थल है।52परन्तु आपने यहाँ पर ध्यान दिया है, कि यह अनुग्रह का स्थल नहीं था, क्योंकि वहाँ पर तो बिजलियाँ चमक रही थीं और गर्जनाऐं तथा आवाजें हो रही थीं। अनुग्रह होने पर वहाँ पर कोई बिजलियाँ और गर्जनाऐं नहीं थीं। यह तो न्याय ही है।आइये हम निर्गमन निकालें, हम निर्गमन का 19वाँ अध्याय और 16वाँ पद निकालें; आइये हम निर्गमन का 19वाँ अध्याय निकालकर 16वें पद से पढ़ना आरम्भ करें।और जब ऐसा हुआ….. (सुनिऐ क्या हुआ…. परमेश्वर सीनै पर्वत पर उतरा)……जब तीसरा दिन आया तब भोर होते ही बादल गरजनेऔर बिजलियाँ चमकने लगीं, और पर्वत पर काली घटा छा गई; फिर नरसिंगे का शब्द बड़ा भारी हुआ……(तुरही…..नरसिंगे का शब्द क्या है? स्वर्गदूत का शब्द!)…..और छावनी में जितने लोग थे……(सुनिऐ)…..जितने लोग थे ……सब कांप उठे।न्याय……वाह! वे वहाँ से बाहर कूच करके आये थे; और परमेश्वर ने उन्हें अनुग्रह प्रदान किया था जिससे वे चलते थे; परन्तु उन्होंने एक व्यवस्था की माँग की थी। वे……परमेश्वर चाहता था, कि वे परस्पर सहयोग करके रहें-इन्टरडीनोमीनेशन रहें, मगर वे तो उससे ही एक नामधारी कलीसिया बनाना चाहते थे, कोई ऐसी चीज बनाना चाहते थे जिसके विषय में वे तर्क वितर्क कर सकें, बजाये इसके कि वे बस परमेश्वर का अनुकरण करते और उसके अधिकार क्षेत्र में रहते, उसकी सामर्थ के तले रहते। अनुगह ने उन्हे एक नबी प्रदान किया था, अनुग्रह ने उन्हें एक प्रायश्चित (मेमना) प्रदान किया था, परमेश्वर ने उन्हें ये सब चीजें प्रदान की थीं, और इसके बावजूद भी वे न्याय चाहते थे। वे कुछ ऐसा चाहते थे जिसे वे कर सकें।परमेश्वर ने कहा, “उन्हें इकठ्टा कर। मैं उन्हें बताऊँगा कि यह क्या होता है। मैं उन्हें दिखाऊँगा कि यह क्या है।” पढ़िएँ! सुनिएँ! नरसिंगे (तुरही) का शब्द तब तक ऊँचा और ऊँचा होता चला गया जब तक कि इसने पृथ्वी को हिला न डाला। क्या आप देखते हैं, कि न्याय क्या होता है? मैं वह नहीं चाहता हूँ। मुझे तो अनुग्रह ही प्रदान कीजिए। और……..(कोई भाई पूछता है, “भाई ब्रन्हम?” -सम्पा.) जी हाँ! ( वह भाई आखिरी वाले लेख का हवाला पूछता है।) वह निर्गमन था; भाई प्रै ड, वह निर्गमन का 19वाँ अध्याय और 16वाँ पद था; वह निर्गमन 19:16 था।53अब, आप 17 वें पद पर ध्यान दें।तब मूसा लोगों को……..परमेश्वर से भेंट कराने के लिए छावनी से निकाल ले गया, ……(ओह, मेरे खुदा! मैं उससे इस प्रकार से नहीं, वरन शान्ति से मिलना चाहता हूँ।)…….और वे पर्वत के नीचे……..(बहुत दूर)……खड़े हुए।स्मरण रखिए कि उस पर्वत के चारों ओर बाड़ा लगाया गया था। यहाँ तक कि यदि गाय भी उस पर्वत को छूती, तो वह तुरन्त ही वहीं पर मर जाती, वह परमेश्वर की उपस्थिति में नहीं आ सकती थी। “और परमेश्वर……..और मूसा लोगों को बाहर निकाल लाया।”अब देखिए, 18 वाँ पद, अर्थात् इससे अगला पद देखिएं।और यहोवा जो आग में होकर सीने पर्वत पर उतरा था,…… और समस्त सीनै पर्वत धुंए से भर गया था…( वह तो बस धधकते भट्टे के जैसे जल रहा था, और उससे धुंआ उठ रहा था)……उसने क्या उतारा था…….
वह कैसे उतरा था? वह अति पवित्र तेज में नहीं उतरा था, वरन वह तो अपने न्याय की जलजलाहट में उतरा था।…और इस कारण समस्त पर्वत धुंए से भर गया; और उसका धुंआ भट्ट का सा उठ रहा था; और समस्त पर्वत बहुत कांप रहा था। (भाई, मैं वहाँ पर नहीं होना चाहता हूँ।)…….और फिर जब नरसिंगे का शब्द बढ़ता और भारी होता गया, तब मूसा बोला, और परमेश्वर ने उसे एक शब्द के द्वारा उत्तर दिया……..और परमेश्वर ने वाणी सुनकर उसको उत्तर दिया…….(लोग नहीं, मूसा ही बोला; वे तो बुरी तरह से कंपकंपा रहे थे)……और —और यहोवा सीनै पर्वत की चोटी पर उतरा; और यहोवा ने मूसा को पर्वत की चोटी पर बुलाया, और मूसा ऊपर चढ़ गया।तब यहोवा ने मूसा से कहा, नीचे उतरकर लोगों को चेतावनी दे; कहीं ऐसा न हो, कि वे बाड़ा तोड़ के यहोवा के पास देखने को घुसें;और उनमें से बहुत नाश हो जायें।54(टेप में रिक्त स्थान-सम्पा.) लोग गिरजे में पीछे बैठते हैं, और किसी उस व्यक्ति पर हंसते हैं जो अन्यान्य भाषाएँ बोल रहा है, या आत्मा में नाँच रहा है; वे तो नाश हो गये, उन्होंने तो पवित्र आत्मा की निन्दा की है; उन पर तो हमेश हमेशा के लिए छाप हो गयी। “वह जो पवित्र आत्मा के विरुद्ध एक भी शब्द कहता है, उसे न तो इस जगत में और ना ही आने वाले जगत में कभी क्षमा किया जायेगा।” उस पर टकटकी लगाकर दृष्टि मत कीजिए। या तो उसे ग्रहण कर लो या उससे दूर चले जाओ।हमारे लिए बेहतर होगा कि हम वचन के उस लेख को छोड़ दें। इसे पढ़े लें, इसके बाकी हिस्से को पढ़ लें; देख लें कि परमेश्वर ने क्या कहा था। और लोगों ने कहा था, “हे मूसा, तू ही बात कर! परमेश्वर हम से कभी बात न करे। हमने काश इसे मांगा ही न होता; (देखा? समझे?)..मूसा, तू ही हम से बात कर। यदि परमेश्वर हमसे बातें करेगा, तो हम सब मर जायेंगे।” देखिए, परमेश्वर ने एक प्रायश्चित बलिदान ठहराया था।55अब, सिंहासन के शब्द को देखिए….. इस सिंहासन पर ध्यान दीजिए, उस सिंहासन के साम्हने सात तारे थे; तारों का शब्द था। शब्द….आप देखते हैं, कि यह प्रकाशितवाक्य 4 या 5 में और भी अधिक था ; हमने यह विदित किया है, कि “और सिंहासन से बिजलियाँ, गर्जनाऐं, और शब्द निकल रहे थे।” यह एक शब्द (voice) नहीं है, यह तो शब्द (voices) हैं- यह बहुवचन है। यह क्या था? परमेश्वर कलीसिया से बातें कर रहा है; वह स्वयं अपना प्रकटीकरण सात आत्माओं के द्वारा दे रहा है। जब परमेश्वर का अभिषिक्त किया हुआ सच्चा जन बोलता है, तो वह परमेश्वर का ही शब्द होता है। उसे ठुकराना दीवट को हटाया जाना होता है। समझे? ये शब्द हैं; सात कलीसियायी कालों का शब्द (यहाँ कोने में)……..वे शब्द गर्जन और बिजलियों सहित बोल रहे हैं।56इन दिनों में वे ऐसे हो गये हैं, कि वे कहते हैं, “अच्छा, हम तो प्रचारमंच पर नरक’ बोलने पर विश्वास नहीं करते हैं।’ ओह, परमेश्वर दया करे! अतः…..? ओह! हमें परमेश्वर के पुरूषों की, उन पुरुषों की आवश्यकता है जो पीछे नहीं हटेंगे।अब, देखिए, हर कोई प्रचारक नहीं हो सकता है, परन्तु आपके पास एक आवाज़ है। यदि आप एक प्रचारक हैं, तो आपको प्रचारक मंच पर प्रचार करने के लिए बुलाया गया है। और यदि आप लोगों को एक सन्देश का प्रचार नहीं कर सकते हैं…..यदि आप एक प्रचारक नहीं हैं, तौभी आप एक प्रचारक है, मगर आप लोगों के सामने एक ऐसा जीवन जीयें जो सुसमाचार से भरा हुआ हो। यह हो कि तुम्हारा उपदेश जीता-जागता हो, और परमेश्वर का वह शब्द होगा जो उनके लिए निन्दा लेकर आयेगा जो इसे ठुकराते हैं।लोग कहते हैं, “कोई भी उस पुरुष या स्त्री के जीवन पर उंगली नहीं उठा सकता है। वे तो मधुर हैं, वे ऐसा जीवन व्यतीत कर रहे हैं……वे…..यदि कभी परमेश्वर का कोई जन रहा है, तो वह वो पुरुष या स्त्री ही है।”देखिए, आप अपने उपदेशों को जीयें। यदि आपको एक प्रचारक होने के लिए नहीं बुलाया गया है, तो आप उनको प्रचार करने की चेष्टा न करें, कैसे भी हो आप उन सब की एक साथ खिचड़ी बना डालेंगे, घपला कर डालेंगे, और आप लोगों को उलझन में डाल देंगे; और आप नहीं जानेंगे…..खैर, आप उन्हें नाश कर डालेंगे और अपने को भी नाश कर डालेंगे। आप बस प्रवचन को जीयें।प्रचारक को इसलिए बुलाया गया है, कि वह अपने उपदेश का प्रचार करे और उसको जीये भी। यदि आप उसे जी नहीं सकते हैं, तो आप उसका प्रचार करना बंद कर दें। परन्तु आपको चाहिए कि आप अपना उपदेश जीयें।57यह बिलकुल ठीक है,यहाँ पर “आवाजें—शब्द” थे। ओह, हमें जैफरसनविले में इस बात की आवश्यकता है, कि हज़ारों जीवते शब्द हों; परमेश्वर का गर्जन मधुरतापूर्वक और पवित्रतापूर्वक शुद्धतापूर्वक गर्जनाऐं कर रहा हों; ऐसे जीवन हों जो परगन्दे न हुए हों, जो आज पृथ्वी पर बेदाग विचरण कर रहे हों। जी हाँ, ऐसे ही सच्चे मसीही होते हैं, वही बैरी के विरुद्ध गर्जन का शब्द करते हैं। शैतान इस बात की परवाह नहीं करता है, कि आप कितनी ज़ोर ज़ोर से चिल्ला सकते हैं।शैतान इस बात की परवाह नहीं करता है, कि आप कितना अधिक उछल कूद कर सकते हैं, आप कितना अधिक यह कर सकते हैं, या आप कितना अधिक चीख-चिल्ला सकते हैं। परन्तु शैतान को इस बात से चोट पहुँचती है, कि वह उस पवित्रीकृत, उस पावन जीवन को देखे जो परमेश्वर को समर्पित होता है; आप उसे कुछ भी कहें, आप उसे कुछ भी कह कर पुकारें; वह तो उतना मधुर रहता है जितना कि वह मधुर रह सकता है; और वह तो आगे ही बढ़ता चला जाता है। ओह, मेरे खुदा! यही है वह जो उसे दूर फेंक देता है; यही वह गर्जन है जो शैतान को हिला डालता है।जैसाकि आप कहते हैं, “ठीक है, यदि वह बिली ग्राहम, या ओरल रोबटस् या किसी बड़े प्रभावशाली वक्ता के जैसे प्रचार कर सकता है, तो वह होगा…….”ओह, नहीं, कभी कभी शैतान इस पर हंसता है। वह तो उस पर उससे ज्यादा ध्यान नहीं देता है जितना कि वह कुछ नहीं (nothing) पर ध्यान नहीं देता है। आप उस सारे धर्मशास्त्र के ज्ञान को…उस सारी थयोलोजी को प्राप्त कर लें जो आप प्राप्त कर सकते हैं, या जो आप प्राप्त करना चाहें प्राप्त कर लें, और शैतान पीछे बैठकर उस पर हंसता है। परन्तु जब वह उस जीवन को देखता है!58उन चेलों पर वहाँ पर दृष्टि डालिए, जब वे उस पगले लड़के को जिसको कि मिरगी के दौरे पड़ते थे, यह कह रहे थे, “शैतान, उसमें से बाहर निकल आ। शैतान, उसमें से बाहर निकल आ। शैतान, उसमें से बाहर निकल आ।”शैतान वहीं बैठा रहा, और बोला, “अब, क्या तुम खुद अपनी अच्छी खासी बेइज्ज़ती नहीं करा रहे हो? अब, तुम देखो, कि तुम क्या कर रहे हो? यीशु ने तुम्हें बताया था, उसने तुम्हें मुझे बाहर निकालने की आज्ञा दी थी, और तुम में से कोई भी ऐसा नहीं कर सकता है।”परन्तु भाई जब उन्होंने उसे…..उस एक ऐसे को आते देखा जो शान्तिपूर्वक चला आ रहा था (हूँ !ओह, मेरे परमेश्वर!)…उसे तो एक भी शब्द नहीं कहना था। वह शैतान- वह दुष्टात्मा तो ठीक तभी भयभीत हो गयी थी। वह जानती थी, कि उसे तो बाहर निकल जाना ही है, (यह सही बात है!) क्योंकि वहाँ पर जीवन आता है; वहाँ पर केवल एक उपदेश नहीं आता है, वहाँ तो एक जीवन आता है। वह बोला, “उसमें से बाहर निकल आ।” ओह मेरे परमेश्वर! इसने ही इसे कर डाला था। शान्तिपूर्वक उसने ऐसा किया; इसमें कोई संदेह नहीं है, कि वह जानता था, कि वह क्या कर रहा था।59अब, “शब्दों को देखिए, वहाँ पर सात तुरहियों के शब्द, सात तारों के शब्द हैं, सात सुसमाचारदूत हैं। परन्तु अब, यहाँ पर दृष्टि डालिए:और सिहासन के साम्हने ……..आग के सात दीपक जल रहे हैं….ये परमेश्वर की सात आत्माएँ हैं।“सात दीपकों…….आइये हम इसे अर्थात् सिंहासन को, पवित्र स्थान को, लोगों को थोड़ा सा चित्रित कर दें। ठीक यहाँ पर एक, दो, तीन, चार, पाँच, छः, सात तारे थे; सात दीपक थे; सात सुसमाचारदूत थे; सात आत्माएँ थीं; इसका बिलकुल भी यह अर्थ नहीं है, कि परमेश्वर सात आत्माओं में है, वरन ये तो एक ही पवित्र आत्मा के सात प्रकटीकरण हैं। पवित्र आत्मा कहाँ पर है? वह तो यहाँ सिंहासन पर है, और प्रत्येक कलीसियायी काल में उजियाला बिखेर रहा है।यह वाला कलीसियायी काल परमेश्वर की आवाजों को इस प्रकार से फिर से प्रतिबिम्बित कर रहा है, कि यीशु मसीह कल, आज, और युगानुयुग एक सा है। देखिए, सात—वहाँ सात शब्द थे, और आग के सात दीपक, सात आत्माएँ थीं……..जोकि परमेश्वर की ही सात आत्माएं हैं।60मुझे स्मरण है, कि हमने कुछ रविवार पहले ही इसका अर्थात् बड़े हीरे का अध्ययन किया था? परन्तु यह कई विभिन्न रीतियों से कटा हुआ होता है, ताकि वह अपने में से आग और रोशनी परावर्तित करे। इसी प्रकार से यह है, जैसाकि प्रकाशितवाक्य 1 कहता है, “यीशु मसीह परमेश्वर की स्रष्टि का आरम्भ है।” क्या यह सही है? इसके बाद यह प्रश्न उठता है, कि परमेश्वर कब सृजा गया था? वह परमेश्वर की सृष्टि का आरम्भ है। और परमेश्वर तो अनन्त है। क्या यह सही है? परन्तु परमेश्वर कब सृजा गया था? जब एक नन्हे शिशु को एक माँ के, एक कुँवारी के गर्भ में धारण किया गया था…..और उसने इन कोशिकाओं को अपने अन्दर विकसित करना शुरू कर दिया था, ताकि इस नन्हें शिशु को जन्म दे; यही परमेश्वर की सृष्टि का आरम्भ था, “क्योंकि परमेश्वर देहधारी हुआ, और उसने हमारे मध्य में डेरा किया, और वह इम्मेनवुएल बना, अर्थात् परमेश्वर हमारे साथ; यही परमेश्वर की सृष्टि का आरम्भ था।”इसके बाद उस महान मोती में जो धूलि से निकलकर आता है……क्योंकि वह मिट्टी से ही बना था। क्या यह सही है? वह मेरे जैसे ही भोजन खाता है, वह आपके जैसे ही भोजन खाता है। वह जो भूमि से बनी देह था, वह कैल्शिम, पोटाश, पैट्रोलियम, कोस्मिक प्रकाश से बना था, परन्तु उसके अंदर अनन्त उजियाला वास करता था। इसमें कोई आश्चर्य नहीं है, कि ज्ञानी पुरूषों ने तारे से कहा था, “हमारा उस सिद्ध उजियाले की ओर मार्गदर्शन कर।” वे तो बस उस एक उजियाले के प्रकाश को जो कि एक सिद्ध उजियाला है, प्रतिबिम्बित कर रहे थे। वही वह परमेश्वर का सिद्ध उजियाला, परमेश्वर की सृष्टि का आरम्भ था। अब, वहाँ पर ही वह था…..61जब ज्ञानी पुरूषों ने उसे आकाश में देख लिया, और वे यहाँ पृथ्वी पर सेवा टहल करनेवाली आत्माएँ बन जाते हैं, तो वह स्वयं अपने आपको अपने तारों के द्वारा पृथ्वी पर किस प्रकार परावर्तित कर पाया था? “वह…(वह बड़ा हीरा काटा गया)….हमारे ही अपराधों के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों हेतु कुचला गया, हमारी ही शान्ति के लिए उस पर ताड़ना पड़ी; और उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो गये थे।” यह क्या कर रहा था? वह परावर्तित कर रहा था……कोई भी वह व्यक्ति जो परमेश्वर का सेवक होने का दावा करता है, पर दिव्य चंगाई का और उसकी….परमेश्वर की सामर्थ का इन्कार करता है, तो वह अपना उजियाला उस बड़े हीरे से प्राप्त नहीं कर रहा है, वह अपना उजियाला उस सिंहासन से प्राप्त नहीं कर रहा है। क्योंकि यह तो उसे ऐसा ही प्रतिबिम्बि कर रहा है, कि वह कल, आज और युगानुयुग ऐसा है। आप सात तारे और सात कलीसियायी काल देख सकते हैं।62ओह, परमेश्वर की महिमा होवे! इसका अन्द्राजा लगाइये, कि एक सेवकगण के लिए प्रचारमंच से धन्यवाद के साथ परमेश्वर की आराधना करना और जयजयकार करना; और परमेश्वर को सम्मान और आदर देना उचित है। ओह, यह कितना असली है; यह सचमुच में कितना ऐसा है, कि यह मेरे प्राण को उत्साह से कैसा भर देता है, कि मैं महसूस करता हूँ, कि मैं जयजयकार कर सकता हूँ; और दौड़ भाग सकता हूँ, और उतना ऊँचा कूद सकता हूँ जितना कि ऊँचा मैं कूद सकता हूँ, क्योंकि मेरे अन्दर कोई ऐसी चीज है जिसने मुझे उससे बदल डाला है जो कि मैं हुआ करता था। मैं वैसा तो नहीं हूँ जैसा मुझे होना चाहिए, और ना ही मैं वैसा हूँ जैसा मैं होना चाहता हूँ, परन्तु मैं जानता हूँ, कि मैं उससे बदल गया हूँ जैसाकि मैं हुआ करता था। कुछ तो हुआ है, कुछ तो घटित हुआ है।और मैं यहाँ पर खड़ा होता हूँ, और मैं इस वचन पर दृष्टि करता हूँ जो हर एक तूफान की लहरों को उठाता है। जब उन्होंने बाइबिल को जलाने का प्रयास किया था, तथा अन्य सभी कुछ किया था, तो इसने ठीक वैसे ही लहरों को उठाया था, क्योंकि यह कहता था, “पृथ्वी और आकाश टल जायेंगे, परन्तु मेरा वचन नहीं टलेगा।”63अब, यहाँ पर शिकागो में ऐसा हुआ, और.. एक….एक बाइबिल गिरजे के प्रचार मंच पर रखी रहती है। यह प्रथम विश्व युद्ध से भी काफी पहले की बात है, कि एक मिशनरी हुआ करता था….एक व्यक्ति मसीह की ओर फिरा था; और वह इस मिशनरी को एक बाइबिल देना चाहता था,बोला, “मैं तुम्हें यह वाली तो नहीं दे सकता हूँ; मेरी माँ ने मुझे यह वाली दी है।” बोला, “जब मैं घर जाऊँगा,तो मैं तुम्हारे पास एक भेज दूंगा।”उसने समुद्र मार्ग से वापस लौटना आरम्भ किया, और जर्मन की एक पनडुब्बी ने पानी के उस जहाज पर धक्का मारा। वे इसका एक टुकड़ा तक भी कदापि नहीं ढूंढ़ पाये थे। और दो वर्षों के उपरान्त उन्होंने समुद्र तट पर एक बॉक्स को तैरते हुए देखा। उनमें से………. लोगों में से कुछ ने सोचा कि यह कोई ऐसी चीज हो सकती है जो डूब गयी थी; अतः दो व्यक्ति उस बॉक्स तक चलकर गये; और उन्होंने उसे बाहर निकाला और उसे खोला। और उसमें जो एक मात्र चीज बची रह गयी थी वह वो ही बाइबिल थी जिसे वह उस मिशनरी के पास भेज रहा था। वह आज यहाँ पर शिकागो के पास एक मैथोडिस्ट गिरजे में प्रचार मंच पर रखी रहती है। “पृथ्वी और आकाश टल जायेंगे, परन्तु मेरा वचन नहीं टलेगा।”64यहाँ पर १९३७ में आयी बाढ़ के दौरान इस छोटे से पुराने गिरजे में ऐसा हुआ था ……जब इसके फर्श पर कीचड़ तथा इसके अंदर ऐसा ही सब कुछ था; तो हम यहाँ पर खेनेवाली नाव पर सवार होकर इसके ऊपर सवारी कर सकते थे। उस रात बाढ़ का पानी बढ़ चला था; और उस रात जब मैंने प्रचार किया, तो उसके बाद जब मैं घर लौट रहा था, तो मैं अपनी बाइबिल प्रचारमंच पर खुली ही छोड़ गया था। मैंने भावी बतायी थी, कि बाढ़ आयेगी, मैंने कहा था, “मैं उन्हें यहाँ पर स्प्रिंग स्ट्रीट में बाइस फीट नापते हुए देखता हूँ।”बुजुर्ग भाई जिम वाइसहर्ट तथा दूसरे लोग मुझ पर हंसे थे। भाई जोर्ज क्या आपको यह स्मरण है? मैंने कहा था……उसने ……उसने कहा था, “ओह, बिली, सन् ८४ में यह स्प्रिग स्ट्रीट में केवल लगभग छः इन्च ही था।”मैंने कहा, “मैंने एक पुरूष को आकाश से आते हुए और एक माप करनेवाला फीता लेकर, उससे स्प्रिंग स्ट्रीट में नापते हुए देखा है; और उसने बोला था, ‘बाइस फुट।”उसने कहा, “तुम तो बस जोश से भरे हुए हो।”मैंने कहा “मैं जोश से भरा हुआ नहीं हूँ। यह तो यहोवा यूँ फरमाता है। वाला वचन है।”उन से पूछिए, कि यह स्प्रिंग स्ट्रीट में कितना था; बिलकुल ठीक बाइस फुट! यह बिलकुल ठीक उतना ही था।65और उस रात्रि जहाँ मैं प्रचार कर रहा था, वहाँ वह पुरानी बाइबिल….बारिश होने लगी थी; बाढ़ आने लगी थी तथा इसी प्रकार का अन्य सब कुछ होने लगा था, और यह पुराना गिरजा…..इसकी सीटें ऊपर उठकर सीधे ही छत तक चली गयी थी; वह बाइबिल सीधे ही ऊपर छत तक जा लगी थी; वह उस सारे पानी से जो उसे ऊपर उठाता चला जा रहा था भीगती चली जा रही थी। प्रचारमंच सीधा ही उठकर ऊपर चला गया था।फिर जब पानी नीचे आया, तो वे ठीक नीचे आ गयी थीं; और हर एक सीट ठीक अपने ही स्थान पर आ गयी थी; और बाइबिल ठीक उसी स्थान पर आ गयी थी, और जबकि उस पर वह सारा पानी पड़ा था; और फिर भी वह अभी भी ठीक उसी जगह पर उसी अध्याय पर खुली हुई पड़ी थी।“पृथ्वी और आकाश टल जायेंगे, परन्तु मेरा वचन कभी नहीं टलेगा।” किस प्रकार से वह बाइबिल उस खारे पानी में दो साल तक तैरती रही थी और उसपर से एक भी शब्द तक न मिटे थे…..और परमेश्वर के वचन सच्चे हैं। आमीन!66मुझे स्मरण है, कि उसके बाद बुजुर्ग भाई जिम वाइसहर्ट इतने अधिक सन्तुष्ट हो गये थे, कि जब कभी उनकी बांह में दर्द होता…….जब वे लगभग पिछत्तर साल के हो गये थे, तो उन्हें कुछ तकलीफ हो गयी थी, उन्हें गठिया हो गयी थी। जब उनके किसी एक जगह पर बहुत अधिक दर्द बहुत तेज हो जाता, तो वे दौड़कर जाते और उसे (बाइबिल को) खोलकर वहाँ रख देते जहाँ पर दर्द हो रहा होता था; जब दूसरी जगह पर दर्द होता, तो वे ऐसा ही करते।एक दिन मैं वहाँ पर आया, और उनके ऊपर इतनी सारी बाइबिलें रखी हुई थी, कि मैं भाई जिम को देख नहीं सकता था;—वे पूरे के पूरे बाइबिलों से ढके हुए थे। वो बोले, “यह परमेश्वर की प्रतिज्ञा है।” यह ऐसा ही है।“पृथ्वी और आकाश टल जायेंगे, परन्तु मेरा वचन नहीं टलेगा।”67स्मरण रखिए, एक बुजुर्ग व्यक्ति मेरे पास मुझ से मुलाकात करने के लिए आया करते थे। और मैं नहीं सोचता हूँ, कि उसके लोगों में से कोई यहाँ पर हो। आप जानते हैं, कि इसके साथ साथ मैं उनकी थोड़ी मदद किया करता था, क्योंकि वे बुजुर्ग थे, और उन्हें पैसों की जरुरत रहती थी, और वे मेरे पास आ जाया करते थे। उन्होंने कहा था……मैं एक दिन कनेडा के लिए रुख़स्त हो रहा था, वे फाटक से बाहर निकल कर वापस मुड़कर बोले, “बिली, मेरे बेटे, तुम इन दिनों में से किसी दिन वापस आओगे, और यहाँ पर इस सड़क पर अंकल जिम फिर कभी आगे पीछे घिसट कर नहीं चल रहे होंगे।” यह आखिरी समय था।जब मैं कनेडा में था, तो मुझे एक टेलीग्राम मिला, कि वे ठीक वहाँ बाहर बहन मोरगन की बांहों में दम तोड़ गये। उन्हें दिल का दौरा पड़ा था, और वे उन्हें दौड़ कर अस्पताल ले गये थे। उन्होंने बहन मोरगन पर दृष्टि डाली, और दम तोड़ दिया।बहन, मार्गी, क्या वह इस सुबह यहाँ पर है? वे आमतौर से आती है। आप सब उन्हें जानते हैं। वे कैन्सर के बड़े मरीज़ों में से एक थी, जो बैपटिस्ट अस्पताल में सत्रह वर्ष पहले गुज़र गयी थी……वहाँ पर उनके मेडिकल रिकॉर्ड पाये जाते हैं, कि वे १७ साल पहले कैन्सर से मर गयी थी। वे ४१२ कोनोबोल्क एवेन्यु में रहती है, और वहीं पर एक अस्पताल में एक नर्स का काम करती है। ओह, वह अनुकम्पा से भरी अनुग्रह, लगती है कितनी मधुर!68जिम टोम रोबर्टसन लुइसविले में एक वकील है; और हम सब जिम टोम को जानते हैं। यही है वह जिसकी वजह से उन्होंने इस संदेश पर विश्वास किया; वह वहाँ ऊपर गया था; और वहाँ उस अस्पताल के उन स्टाफ के ऊपर उसका पिता मुखिया में से एक था। वह ऊपर गया, और उसने यह मालूम करने के लिए खोजबीन की थी, कि क्या यह सच है। और वह कैन्सर से मर रही थी, और उसे छोड़ दिया गया था, और घर भेज दिया गया था; और उन्होंने सोचा था, कि जहाँ तक वे जानते हैं वह पहले ही से मर चुकी थी। और उसके, याने जिम टोम के पिता ने इसकी अच्छी तरह से खोजबीन की थी, और यह सच था। और जिम टोम ने कहा था, “यह एक झूठ है; ठीक इस समय वह यहाँ पर बैठी हुई है। मैं आपको उसके पास लेकर जा सकता हूँ।”ओह,वह है……वह एक असली परमेश्वर है; क्या वह नहीं है? मैं इस बात के लिए बहुत खुश हूँ, कि वह हमारी गलतियों को माफ कर सकता है; क्या आप इस बात के लिए खुश नहीं हैं? यही है वह जो हमसे ऐसा करवाता है, कि हम उसे अपने सारे हृदय से प्रेम करें।69सिंहासन, बिजलियों का तड़कना……क्या था? सात दीपक या दीपकों का या सात तारों का जो कि सात आत्माएँ कहलाते हैं, का यह अर्थ है, कि ये प्रकटी….ये सात कलीसियायी कालों में पवित्र आत्मा के सात प्रकटीकरण हैं; लोगों के लिए अनुग्रह के सात स्थल हैं; यहाँ वे हैं:- अनुग्रह के सात सिंहासन, सात सिंहासन, सात कलीसियाऐं, सात तारे, सात प्रकटीकरण, सात आत्माएँ, सात दीपक। ओह, मेरे खुदा! कैसे परमेश्वर इतना अधिक सिद्ध है! हर एक….यह तो बाइबिल की ही अंकावली में होना चाहिए। पृथ्वी पर जो सबसे सिद्ध चीज है वह बाइबिल की अंकावली है। आपको बाइबिल की अंकावली में उत्पत्ति से लेकर प्रकाशितवाक्य तक एक भी त्रुटि नहीं मिल सकती है। और कोई दूसरा ऐसा साहित्य नहीं लिखा गया है जिसमें आपको त्रुटि न मिल सकती हो, या ये सात कला स्थल हैं; यह सात प्रकटीक है! हर एक इससे पहले कि उसके पहले तीन वाक्यांशों को पढ़े। लेकिन बाइबिल में ऐसा नहीं है।लोग दो सौ वर्षों से प्रभु की प्रार्थना में एक वाक्यांश जोड़ने का, या उसमें से एक वाक्यांश बाहर निकालने का प्रयास कर रहे हैं। वह बिलकुल सिद्ध है। आप ना तो उसमें कुछ जोड़ सकते हैं, और ना ही आप उसमें से कुछ बाहर निकाल सकते हैं। लोग सोच रहे हैं, कि वे इसे एक थोड़ी और बेहतर प्रार्थना बनायेंगे। वे इसमें से इसका सफाया करने का, और इसमें यह डालने का या इसमें से इसे बाहर निकालने का यत्न करेंगे; ऐसा करना बिलकुल भी ठीक नहीं है। देखिए, यह सिद्ध है। परमेश्वर के सारे तौर-तरीके सिद्ध हैं।यही कारण है, कि हम सिद्ध नहीं हैं; परन्तु उसने कहा था, “इसलिए तुम सिद्ध बनो, जैसे तुम्हारा स्वर्गीय पिता सिद्ध है।” हम कैसे सिद्ध हो सकते हैं? यीशु मसीह के अमूल्य लोहू के द्वारा- हम अपनी खुदी को भूल जायें और बस उसके अन्दर जीवन व्यतीत करें। आप ऐसी ही स्थिति में है। यह कितना मूल्यवान है!70ठीक है, आइये हम इसका, अर्थात् सात दीपकों का अध्ययन करने के लिए छठवां पद लें।और उस सिंहासन के साम्हने मानो बिलौर के समान कांच का सा समुद्र है, और सिंहासन के बीच में और सिंहासन के चारों ओर चार प्राणी हैं; जिनके आगे पीछे आँखे ही आँखें हैं।ओह, मेरे परमेश्वर! इ स पर दृष्टि डालिए। “वे प्राणी आँखों से भरे हुए थे; उनके आगे और पीछे आँखें ही आँखें थीं….”अब, ज़रा रूकिये,! यह सब…और उस सिंहासन के साम्हने मानो बिल्लौर के समान कांच का समुंद है; और सिंहासन के बीच में और सिंहासन के चारों ओर चार प्राणी हैं; जिनके आगे पीछे आँखें ही आँखें हैं।अब देखिए, “काँच का समुंद्र!” आप जो करने जा रहे हैं……मैं ….यह यहाँ पर एक बहुत अधिक उपमा नहीं है, लेकिन मैं इसे एक मिनट के लिए मिटाना चाहता हूँ। अब, हम यहाँ पर थोड़ा सा अध्ययन करना चाहते हैं। कांच का समुद्र पुराने मन्दिर में एक प्रतीक के रूप में है; क्योंकि परमेश्वर ने मूसा को यह आज्ञा दी थी, कि वह पृथ्वी पर वैसा ही मन्दिर बनाये जैसा उसने इसे आसमान में देखा था। हर कोई इस बात को जानता है। यह बिलकुल ठीक बात है।और अब आइये मैं इसे यहाँ पर थोड़ा सा चित्रित कर देता हूँ। कहिएं, यहाँ पर पुराने नियम में अहद का सन्दूक था। यह बिलकुल ठीक है, इससे जो अगला स्थान था, वह परम पवित्र कहलाता था। और उससे आगे यहाँ पर एक वेदी थी; जो कि पवित्र जगह कहलाती थी। और ठीक यहाँ पर पीतल का समुद्र था; वह यही कहलाता था। दूसरे शब्दों में यह वह जगह थी जहाँ बलियाँ…….बलियाँ धोयी जाती थीं….इससे पहले कि उन्हें वेदी पर ग्रहण किया जाता था उन्हें यहाँ पर धोया-नहलाया जाता था…पीतल की वेदी पर या पीतल की बनी वेदी पर बलि को जलाया जाता था।71अब देखिए, अब हम इसे यहाँ पर देखना चाहते हैं, कि यह कहाँ पर था। अब देखिए, यहाँ पर…….यह कांच का समुद्र सिंहासन और पवित्र स्थान के साम्हने था। बस……अब यह स्मरण रखें; सोने के सात चिरागदान यहाँ पर इस प्रकार रखे हुए थे; और……….समझे? अब यह एक ऐसा है जो उजियाले को पवित्र स्थान से बाहर यहाँ पर फैलाता है। अब यदि आप…..आप इसे जब तक न चाहें आप इसे न लिखें; परन्तु ऐसा है……मेरे पास कुछ और भी है जिसे मैंने खुद चित्रित किया है जिसके लिए मैं आप से यह चाहता हूँ, कि आप उस पर ध्यान दें। समझे आप?परन्तु अब देखिए, यह पीतल का समुद्र कहलाता था; यह बहुत अधिक बड़ा नहीं था; यह तो मन्दिर के अंदर अपनी स्थिति के अनुसार विद्यमान था। यह अर्थात् पीतल का समुद्र यहाँ पर इस प्रकार विद्यमान था; यह एक….था जो पीतल का बना हुआ था जहाँ बलियों को धोया जाता था। इससे पहले कि बलियों को ग्रहण किया जाता या जलाया जाता उन्हें नहलाया धुलाया जाता था।ओह, क्या यह ठीक इस समय एक उप देश नहीं बना देगा। ओह, मेरे परमेश्वर! क्या यह— क्या यह नहीं ऐसा….यह बस मेरे मस्तिष्क में कौंधा है, नहलाया-धुलाया जाना“! इससे पहले कि कोई बलिदान परमेश्वर के द्वारा ग्रहण किया जाये, उसे शुद्ध किया जाना-नहलाया-धुलाया जाना होता है। कैसे? भावुकता से नहीं, वरन वचन से! 160. अब हम वापस जा सकते हैं, और उसे ले सकते हैं जहाँ यह यहूदी रब्बी……..जहाँ मैं ”पृथक करने वाले जल, लाल बछिया, वह जल जो ऊपर रखा जाता था, कि वे पृथक्करण वाला जल बना सकें।“-पर उस संदकेश का प्रचार रहा था; कि वे पृथक करने वाले जल को तैयार करके रखते थे…….और इससे पहले कि हम कभी सच्चे विश्वास के द्वारा परमेश्वर के पास आ सके, हमें पृथक करने वाले जल के द्वारा आना होता है। जी हाँ, श्रीमान! आपको किसके द्वारा आना होता है? वचन के द्वारा!ओह, आइये, मैं देखता हूँ, कि क्या मैं इसकी बातचीत कर सकता हूँ, जिससे आप अर्थात् हर कोई इसे समझ जाये। अब, आप अपनी आत्मिक सोच धारण कर लें। आप युद्ध-टोप को उतार दें, और अब आत्मिक समझ को धारण कर लें, क्योंकि यहाँ पर कोई बात आनी है। इससे पहले कि उसे वेदी पर ग्रहण किया जाये, उसे नहलाया-धुलाया जाये!“ उसे पहले पृथककरण करने वाले जल के द्वारा नहलाया धुलाया जाये।72अब आप मेरे साथ जल्दी से इफिसियों ५ निकालें, आप बस अपने स्थान पर ही टिके रहें, और आप पलटकर इफिसियों के ५वें अध्याय का २६वाँ पद निकालें।उसको ….स्नान से शुद्ध करके पवित्र बनायें (वह यहाँ पर यह कलीसिया के विषय में कह रहा है।)देखिए, अब; अब आइये मैं उससे थोड़ा सा और आगे चलने के लिए पीछे चलता हूँ! अब जबकि आप दृष्टि डाल रहे हैं, आप वापस 21 वें पद पर पहुँचें।और परमेश्वर के भय से एक दूसरे के आधीन रहो।अपने आपको आधीनता में रखो……मंड़ली, तुम अपने आपको अपने पास्टर की आधीनता में रखो; पास्टर, तुम स्वयं अपने को अपनी मंड़ली के आधीन रखो। यदि कोई छोटा सा गुट उठ खड़ा होता है, तो अपने आपको किसी पक्ष के साथ न मिलाओ, स्वयं अपने को सारी मंड़ली की आधीनता में रखो। मंड़ली; यदि तुम कोई गुटबाजी शुरू करो—स्वयं अपने आपको परमेश्वर के भय में अपने पास्टर के आधीन रखो। समझे? हे भाई! ओह…. हे पत्नियों, अपने अपने पति के आधीन रहो; जैसे प्रभु के! (क्योंकि तुम्हारा पति तुम्हारा स्वामी है।) तुम नारियों; कितनों को यह बात मालूम है? यह बिलकुल ठीक बात है। बाइबिल ने ऐसा आरम्भ में ही कह दिया था। यह अभी भी बिलकुल ठीक उसी रीति से ही है। 166. हे पत्नियों, अपने अपने पति के ऐसे आधीन रहो, जैसे प्रभु के। क्योंकि पति पत्नी का सिर है जैसे कि मसीह कलीसिया का सिर है; और आप ही देह का उद्धारकर्ता है……73हे पत्नियों, अपने अपने पति के आधीन रहो; जैसे प्रभु के! (क्योंकि तुम्हारा पति तुम्हारा स्वामी है।)तुम नारियों; कितनों को यह बात मालूम है? यह बिलकुल ठीक बात है। बाइबिल ने ऐसा आरम्भ में ही कह दिया था। यह अभी भी बिलकुल ठीक उसी रीति से ही है।हे पत्नियों, अपने अपने पति के ऐसे आधीन रहो, जैसे प्रभु के।क्योंकि पति पत्नी का सिर है जैसे कि मसीह कलीसिया का सिर है; और आप ही देह का उद्धारकर्ता है……ठीक ऐसी ही बात पति के लिए है; तुम्हें यह जानना चाहिए, कि तुम शादीशुदा हो और वयस्क हो, या ऐसे बच्चे हो जो इतने पर्याप्त सियाने हो, कि तुम्हें जीवन के तौर-तरीके मालूम हैं। यह बिलकुल ठीक बात है।जैसे प्रभु के!क्योंकि पति पत्नी का सिर है, जैसे मसीह कलीसिया का सिर है; और आप देह का उद्धारकर्ता है।पर जैसे कलीसिया मसीह के आधीन है; वैसे ही पत्नियाँ भी हर एक बात में अपने अपने पति के आधीन रहें।हे पतियों, अपनी अपनी पत्नी से प्रेम रखो, जैसा मसीह ने भी कलीसिया से प्रेम करके अपने आपको उसके लिए दे दिया……..(उस पर छींटा कशी मत करो। यदि आप ऐसा करते हैं, तो आप एक पति होने के योग्य नहीं हैं। यह सही बात है।)वह हो सकता है कि…..सुनिऐ, यहाँ पर यह बात है। अब इसे समझ लीजिए।कि उसको वचन के जल के स्नान से शुद्ध करके पवित्र बनाये [मंडली कहती है] वचन।74फिर तो यही है, कि हर एक वह उपासक जिसने कभी इसमें प्रवेश मार्ग पाया है, उसे वचन के द्वारा ही आना होता है। ऐसे बहुतेरे हैं जो किसी और तरीके से आते है। मैं इन छोटी छोटी कथाओं व बातों पर विश्वास करता हूँ जो इसके विषय में होती है, कि माँ कई वर्षों पहले मर गयी थी; और वह तुम्हारी स्वर्ग में प्रतीक्षा कर रही है। यह बात तब तक बिलकुल ठीक रहती है, जब वचन को लागू किया। जाता हो। बहुतेरे लोग वेदी पर इसलिए आना चाहते हैं, क्योंकि वे अपनी माँ से स्वर्ग में मुलाकात करना चाहते हैं। यह बिलकुल ठीक है, आपको ऐसा करना चाहिए; परन्तु वेदी पर आने का यह तो कोई कारण नहीं है। तुम अपने पापों का अंगीकार करते हुए इसलिए वेदी पर आते हो, क्योंकि मसीह ने तुम्हारे बदले में वचन के द्वारा अपनी जान दी।फिर तो यह है, कि कोई भी वह बलिदान जो वचन के अनुसार नहीं आता है, उसे ग्रहण नहीं किया जाता है। क्या यह सही है? (ओह, भाई, मुझे यह कहना अच्छा नहीं लगता है। जी नहीं,; मुझे इसे कहने में घृणा आती है। इसे कहने के लिए आप मुझे क्षमा करें।)..यही कारण है, कि प्रेरितों के काम का १९ वाँ अध्याय बाइबिल में मौजूद है, जहाँ पौलुस यह कहता है, “जब से तुमने विश्वास किया, क्या तुमने पवित्र आत्मा पाया?”उन्होंने कहा, “हमने तो……..इसकी चर्चा भी नहीं सुनी….कि यह होगा…..पूछा, “तो फिर तुम्हारा किस प्रकार बपतिस्मा हुआ? क्यों, तुम यहाँ अन्दर नहीं आये हो?”क्योंकि वे वचन के अतिरिक्त किसी और के द्वारा आते हैं। बोले, हम तो मन्त्र-सूत्र के द्वारा होकर गये; हमारा तो……..यहून्ना के द्वारा बपतिस्मा हुआ है।“उसने कहा, “यह काम नहीं करेगा। यूहन्ना ने तो केवल मन फिराव का ही बपतिस्मा दिया था; उसने पापों की क्षमा का बपतिस्मा नहीं दिया था।”और जब उन्होंने यह सुना, तो उन्होंने फिर से बपतिस्मा लिया। क्यों? क्योंकि वचन के द्वारा ऐसा ही बताया गया था। वचन कहता है, “यीशु मसीह के नाम से वचन के जल से नहा ले।” इसके अतिरिक्त और कोई भी बात…….वह झूठ है।75अब, मेरे मूल्यवान भाई, मैं जानता हूँ, कि यह टेप भी हो रहा है। अब, आप जोश से न भर जायें। मुझे इस बात को ईश्वरीय प्रेम सहित कहने दें। वह घड़ी आ पहुँची है जब मैं इन बातों पर और अधिक खामोश नहीं रह सकता हूँ; हम आगमन के बहुत ज्यादा नज़दीक हैं। समझे? त्रिएकतावाद शैतान का ही है। मैं कहता हूँ, कि यहोवा यू फरमाता है, वाला वचन है। देखिएगा, कि यह कहाँ से आता है। यह नीसियन कॉन्सिल से तब आता है , जब कैथोलिक कलीसिया शासनअधिकार प्राप्त कर लेती है। यहाँ तक कि शब्द “त्रिएकता” बाइबिल की सम्पूर्ण पुस्तक में कहीं नहीं पाया जाता है। और जहाँ तक तीन परमेश्वर वाली बात है, यह तो नरक से ही आती है। केवल एक ही परमेश्वर है। यह बिलकुल ठीक बात है।76अब, आप कहते होंगे, “अब, फिर तो आप यही कहते हैं, कि क्या आप यह विश्वास करते हैं, कि ये सब—सब लोग जो त्रिएकता के माननेवाले हैं, नरक के ही हैं?” जी नहीं श्रीमान! मैं यह विश्वास करता हूँ, कि वे मसीही हैं। भाई, वह समय आ रहा है जब वे निष्कपटतापूर्वक गलत पाये जाते हैं।कहीं भी, किसी भी समय, कोई भी वह व्यक्ति जो मुझ से इस विषय पर बातचीत करना चाहता है, वह मेरे पास आयें; चाहे वह कोई सेवक हो, बिशप हो, आर्कबिशप हो,चाहे आप जो कोई भी हों; (और यह टेप हो रहा है। और ये टेप सारे विश्व भर में चारों ओर जाते है।)…….और मैं किसी भी उस व्यक्ति से जो संसार में चारों ओर कहीं भी इस टेप को सुनता है, भाईचारे की प्रीति में होकर यह कहता हूँ, कि वह मेरे पास आकर मुझे वचन का कोई ऐसा लेख या(अधिकृत इतिहास में से) कोई ऐसा अवतरण दिखाये जहाँ कभी किसी व्यक्ति को पिता, पुत्र, और पवित्र आत्मा के नाम में बपतिस्मा दिया गया हो, जब तक कि उन्होंने कैथोलिक कलीसिया को संस्थागत नहीं कर लिया था—तो मैं अपनी शिक्षा को ही बदल डालूंगा। हर एक व्यक्ति का बपतिस्मा यीशु मसीह के नाम से ही हुआ था। और मेरे मूल्यवान भाइयों, आपकी आँखें उन बातों को देखने के लिए अन्धी हैं। आप परमेश्वर से प्रार्थना करें, कि वह आपको उजियाला प्रदान करे।अब, यदि आपको इसके समर्थन में वचन का लेख मिल जाता है, तो मैं आपके आमन्त्रण की प्रतीक्षा कर रहा होऊँगा, या आपकी टेलीफोन पर की जानेवाली वार्तालाप सुन के लिए प्रतीक्षा कर रहा होऊँगा। जी हाँ, आप है……यदि आप मुझे उस पर चुनौती नही देते हैं, तो आप इस टेप से परे, जानबूझ कर आत्मिक अन्धेपन में चले जा रहे हैं। यदि आप यह जानना चाहते हैं, उजियाला क्या है और अन्धियारा क्या है, तो हम यह परमेश्वर से पूछे। स्मरण रखिए, मैं “यहोवा यूँ फरमाता है”, वाला वचन कहता हूँ। यदि आप यह विश्वास करते हैं, कि मैं उसका दास हूँ, …और यदि यह वचन के अनुसार नहीं है, तो यह गलत ही होगा। इसके बाद यह बात है, कि यदि यह वचन के अनुसार नहीं है, तो यह आपका फर्ज़ है, कि आप मेरा सुधार करें ..(जी हाँ)…देखिए, कि क्या घटित होता है। वह एक गलती है।77मेरा यह मानना है, कि त्रिएकतावाद को माननेवाले हजारो लोग छुटकारा पाये हुए हैं, क्योंकि वे कोई अन्तर नहीं जानते हैं। हम इस बात पर इस संदेश में आगे आयेंगे। अब, आप सब यह न करें, कि आप अपना टेप बंद करके अपने घर से बाहर निकल जायें, त्रिएकता के माननेवाले, तुम भाइयों; आप इस पर कान लगायें। लेकिन आप कुछ मिनटों के लिए शान्त बैठे रहें। आपको खुद इसके लिए हिसाब देना होगा। समझे? आपको अपनी मंड़ली के लिए हिसाब देना होगा। समझे? आप इन टेपों को बंद न करें, आप इसके संग टिके रहें। आप इसकी वचन के द्वारा खोजबीन करें, और देखें कि क्या यह सही है। बाइबिल कहती है, “सारी बातों को परखो।”मैं जानता हूँ, कि यह लोकप्रिय नहीं है; ठीक ऐसा ही यीशु था, ठीक ऐसा ही हमेशा ही सुसमाचार रहा है। जब मैंने तुम्हारे मध्य में आकर बीमारों और अपाहिजों को चंगा किया, तो तुमने मुझसे प्रेम किया; तुमने सोचा था, कि यह तो बड़ी विशाल भीड़ थी; और तुमने गिरजे का निर्माण करवाया। अब देखिए, यीशु ने भी ठीक यही काम किया था जब तक कि वह एक दिन सत्य बताने पर उतारू न हो गया था। और जब उसने ऐसा किया, तो सत्तर तो उससे दूर फिर गये थे। और वह उन शेष की ओर —-उन बारहों की ओर मुड़ा और बोला, “क्या तुम भी चले जाना चाहते हो?”और पतरस ने इन यादगार शब्दों को कहा, “हे प्रभु, हम किसके पास जायें, क्योंकि तेरी ही बातें तो अनन्त हैं ?” और केवल परमेश्वर का वचन ही अनन्त है। और आप मुझे कहीं से भी यह ढूंढकर बतायें, कि परमेश्वर ने कहाँ कभी किसी को पिता, पुत्र, और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दिया हो।78आप मत्ती 28:19 निकाल लें जहाँ यह कहा गया है, “पिता, पुत्र, और पवित्र आत्मा”—जहाँ मत्ती ने कहा है, “इसलिए तुम जाओ, और सारी जाति के लोगों को शिक्षा दो, और उन्हें पिता, पुत्र, और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो ……:”और कोई भी वह व्यक्ति जो यह सोचता है,कि पिता, पुत्र, और पवित्र आत्मा एक नाम है; तो ये यही दिखाता है कि उसकी शिक्षा में कुछ गड़बड़ी है; क्योंकि अब, सातवीं कक्षा तक शिक्षा प्राप्त विधार्थी उन बिशपों से जो इसे सुन रहे हैं यह कहता है…….पिता कोई नाम नहीं है, पुत्र कोई नाम नहीं है; और पवित्र आत्मा कोई नाम नहीं है। ये तो उस एक नाम के लिए उपाधियाँ ही हैं जिनका सम्बन्ध पिता, पुत्र, और पवित्र आत्मा से है; और वह नाम यीशु मसीह है।स्मरण रखिए, यह बात क्रोधित होकर नहीं कही गयी है, यह तो (त्रिएकता के मानने वाले भाइयों सवे तथा संसार भर के सारे लोगों से) ईश्वरीय प्रेम और सम्मान के साथ ही कही गयी है-उस प्रेम और सर्मपण के साथ ही कही गयी है जो मसीह की उस सम्पूर्ण देह के लिए होता है; जहाँ मुझे मेरे त्रिएकतावादी भाइयों के द्वारा आमन्त्रित किया जाता है, कि मैं आकर उनकी मंड़लियों में प्रचार करें। परन्तु मैंने इसका तब वर्णन नहीं किया है जब मैं आपके मध्य में होता हूँ। मैं चाहता हूँ होना…..जब तक कि आप मुझसे न कहे; और मैं तुम्हारी प्रान्तीय मंड़ली में तुम्हारे साथ जाऊँगा और इसके विषय में तुम से बातचीत करूंगा। परन्तु तुम्हारी मंड़ली के सामने इसे करने पर तो यह उन्हें झंझोड़ डालेगी।यह तो आपका स्थान होता है, कि आप प्रकाशन प्राप्त करें और अपने झुंड़ को पोषित करें। आप अपने झुंड़ के चरवाहे हैं। मैं यह सेवकगणों से कह रहा हूँ। यदि आप नहीं समझते हैं, तो आप मेरे पास आयें, और हम आपस में बैठकर विचार-विमर्श करें। बाइबिल कहती है, कि “सारी बातों को परखो; और जो अच्छी है उसे दृढ़ता से थाम लो।”79कांच का समुद्र जहाँ बलिदान धोया जाता था…..और हमें नहलाया-धुलाया गया है। ओह, आप इसे न भूलें; थोड़ी देर बाद हम इस पर, अर्थात् “वचन के जल के द्वारा शुद्ध किये गये हैं”, पर आ रहे है…. ..इसके बाद यह है, कि इससे पहले कि तुम वहाँ अंदर प्रवेश करो, तुम्हें वचन पर कान लगाना होता है; क्योंकि केवल एक ही तरीका है जिसके द्वारा तुम परमेश्वर के पास पहुँच सकते हो; और वह हैः विश्वास के द्वारा! क्या यह सही है? “विश्वास सुनने से आता है, और सुनना वचन से होता है;—जो कि हमारे विवेक को शुद्ध कर रहा होता है। किसी पुरूष से भेंट नहीं करनी है, पिता से भेंट नहीं करनी है; माता से भेंट नहीं करनी है; बालक से भेंट नहीं करनी है(वे सभी सच्चे हैं, हम ऐसा करेंगे) मगर परमेश्वर के पास पहुँचने के गलियारे में आने के लिए हमें सबसे पहला काम यह करना होता है, कि हम जब परमेश्वर का वचन सुनें, तो हम शुद्ध हो जायें।80हम विश्वास के द्वारा ही चल रहे हैं। अनुग्रह—परमेश्वर ने आपके लिए यही किया है। यह सच है! आपने परमेश्वर पर विश्वास किया। आप परमेश्वर पर विश्वास करते हैं, और ज्यों ही आप क्षमा मांगते हैं, त्यों ही आपको पहले ही माफ किया जा चुका होता है।जैसाकि मैं कल उस एक भाई से बातचीत कर रहा था जो इस पर किसी प्रकार से दुविधा में था; और मैंने कहा था, “देखो, भाई, यदि आप अपनी पत्नी की भावनाओं को ठेस पहुँचाने के लिए कुछ कह देते हैं, तो आपको तुरन्त ही उसके लिए अफसोस होता है; आपको अफसोस होता है कि आपने ऐसा किया; आप इसका पहले ही अपने हृदय में प्रायश्चित कर चुके होते हैं। यह सच है। परन्तु आपको इसके विषय में उसको बताना होता है। आपको उसके पास जाकर यह कहना होता है, प्रिय, मुझे—मुझे माफ करना, कि मैंने ऐसा कहा। इसके बाद आपका पूरी तरह से प्रायश्चित होता है।”
अब, देखिए, ठीक ऐसी ही बात परमेश्वर के विषय में होतीएक मनुष्य जो जाकर यह कहता हो, “मैंने उसकी भावनाओं को ठेस पहुँचायी है; इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है; मैं उसे बता दूंगा कि मुझे अफसोस है; लेकिन सचमुच में मुझे अफसोस नहीं है।” आप एक ढोंगी है। समझे? यह सच है। परमेश्वर के द्वारा इसे कभी भी ग्रहण नहीं किया जायेगा।आप को अपने पापों पर पूरी तरह से अफसोस होना चाहिए। इसके बाद जब आप जानते हैं, कि आपको अपने पापों पर अफसोस है, और उसके बाद आप प्रायश्चित कर लेते हैं, और अपने पापों के मोचन के लिए यीशु मसीह का बपतिस्मा ले लेते हैं, तो आप अपने पापों की क्षमा पायेंगे, आप पवित्र आत्मा पायेंगे। देखिए, यह बड़ा ही आसान है; परमेश्वर ने ही इसे इतना आसान बनाया है।81हमने यहाँ पर कांच के समुद्र पर ध्यान दिया है, कि यह बिलौर के समान था। अब, देखिए, कांच का समुद्र पीतल की वेदी का, पीतल के समुद्र का प्रतीकात्मक है। यह वाला कांच का समुद्र स्वर्ग में है। मूसा ने इसे कांच के समुद्र के जैसा देखा था; और जो बनाया गया था वह पीतल का समुद्र, पीतल की वेदी, पीतल का बलिदान—वरन पीतल की वेदी कहलाता था।क्या आप जानते हैं, कि बाइबिल में पीतल किसके विषय में बताता है? न्याय के विषय में! उसने एक पीतल का सांप बनाया था। सांप का क्या तात्पर्य होता है? साँप का प्रतीकात्मक रूप में यह तात्पर्य होता है, कि पाप का पहले ही न्याय हो चुका—जबकि उसने अदन की वाटिका में कह दिया था, “तेरी ऐड़ी उसके सिर को कुचलेगी, और उसका सिर तेरी ऐड़ी को डसेगाा।”और पीतल की वेदी या पीतल का पत्तर दिव्य न्याय को दर्शाता है; और पीतल की वेदी वह थी जहाँ बलिदान जलाया जाता था, पीतल का पत्तर वह था जहाँ उसे वचन के जल के द्वारा धोया जाता था। समझे? एलिय्याह अपने दिनों में बाहर निकला और उसने ऊपर दृष्टि डाली, और बोला, “आकाश पीतल के जैसा दिखायी पड़ता है।”……(उस जाति पर जिसने परमेश्वर को ठुकरा दिया था, दिव्य न्याय आ पड़ा था) ओह, मेरे, परमेश्वर! पीतल….पीतल का…82अब देखिए, हम पीतल की वेदी पर है। आप ध्यान देते हैं कि यह पीतल की वेदी या पीतल का पत्तर खाली था, और बिलौर के जैसा साफ था। क्यों? क्योंकि कलीसिया को पहले ही छुड़ाया जा चुका था।अब, अब देखिए, हालांकि हम थोड़ी देर बाद यह ध्यान देते हैं, कि जब विपत्ति लानेवाले-क्लेश लानेवाले पवित्र जन आते हैं; तो हम इसे फिर से आग से भरा हुआ पाते हैं। क्या आप यह जानते हैं?……..क्या आप इसे पढ़ना चाहेंगे? अब, आइये हम प्रकाशितवाक्य के १५ वें अध्याय के दूसरे पद पर चलें, और इसे वहाँ से पढ़े जहाँ हम इस पीतलनुमा आग को फिर से देखते हैं। बिलकुल ठीक है। प्रकाशितवाक्य १५:२फिर मैंने स्वर्ग में एक और बड़ा और अद्भुत चिन्ह देखा, अर्थात् सात स्वर्गदूत जिनके पास सातों पिछली वित्तियाँ थी, क्योंकि उनके हो जाने पर परमेश्वर के प्रकोप का अन्त है।(अब देखिए, परमेश्वर की जलजलाहट….दृष्टि डालिए।)और मैंने आग से मिले हुए कांच का सा समुद्र देखा, और जो उस पशु पर, और उस मूरत पर, और उसके नाम के अंक पर जयवंत हुए थे, उन्हें उस कांच के समुद्र के निकट परमेश्वर की वीणाओं को लिये हुए देखा।और उन्होंने परमेश्वर के दास मूसा का गीत गाया,….ओह, क्या आप इसे देखते हैं? यह पीड़ा का समय है। ओह, क्या आप जल्दी में है? (सभा उत्तर देती है, जी नहीं!) बिलकुल ठीक है, सुनिएगा; आइये हम यहाँ पर किसी बात पर ध्यान दें।83हम कैसे आते हैं? हमें (इस अन्यजाति की दुल्हन को)इस वचन के पास; काच के समुद्र के जल; वचन के जल के पास आना होता है…(क्या यह सही बात है?)…उसे वचन को जैसाकि वह लिखा है पहचानना होता है। इसके बाद ही बलिदान ग्रहण किया जाता है; और वह अंदर से पवित्र आत्मा से भर जाती है; और वह उस काल के उजियाले के द्वारा चमक रही होती है। इससे…. यहाँ से बाहर निकलकर पवित्र स्थान के अंदर आती है, यहाँ पर सितारे के द्वारा बाहर निकल कर पवित्र स्थान के अंदर आती है। क्सा आप इसे समझ गये है ?ध्यान दीजिए; इस काल की समाप्ति पर ध्यान दीजिए; जब यूहन्ना ने वहाँ पर पीतल का समुद्र देखा था, तो यह बिलौर के समान साफ था। यह क्या था? वचन को पृथ्वी पर से उठाया जा चुका था वह स्वर्ग पर उठायी गई कलीसिया के साथ ही ऊपर उठाया जा चुका था, और वह बिलौर के सामान साफ था; वहाँ पर कोई लोहू नहीं था; कलीसियायी काल समाप्त हो चुका होता है।84अब देखिए, प्रकाशितवाक्य 15 में जो स्त्री के वंश के बचे हुए लोग थे, जो कि पीड़ाओं वाले पवित्र लोग थे जो उस पीड़ा में से होकर गुज़रे थे; वे इस समुद्र के पास खड़े हुए पाये गये थे- वे इस समुद्र के पास खड़े हुए देखे गये थे। और वह आग से, लोहू से, परमेश्वर की आग से जिससे लाल धधकती ज्वालाएँ निकल रही थी भरा हुआ था। उन्होंने उस पशु(रोम) पर उसके अंक पर; उसके नाम के अक्षर पर, और उसकी मूरत(गिरजों के विश्व संध) पर जय पायी थी, और वे बाहर निकलकर आये थे। वे मूसा और एलिय्याह के प्रचार के द्वारा बाहर निकल कर आये थे……ये ही वे दो नबी हैं जो इस्राएल में से इस समूह के लोगों को….विपत्तियों के उन समयों से गुजरते उन पवित्र लोगों को बाहर निकालने के लिए दृष्टिगोचर होते हैं; उस पिछले समय में ही उन्हें लाया जायेगा….देखिए, इस समय पर कलीसिया स्वर्ग में उठायी जा चुकी होती है; परन्तु स्मरण रखिए, पत्नी सिंहासन पर है। विपत्ति के समय….जो उसके बाहर के राज्यों में रहते हैं, और उसके सारे राजा वैभव और तेज का सामान उस नगर में लायेंगे। जब हम प्रकाशितवाक्य 22 पर आयेंगे, तो आप इसे देखेंगे। यदि आप इसे लिख रहे हैं, और इसे संजो कर रख रहे हैं, तो जब हम इस पर आयेंगे, तो आप देखेंगे कि हमारा क्या तात्पर्य है। हमारे पास इतना समय नहीं है, कि हम हर छोटी छोटी बात को पकड़े और उसका आगे और पीछे से अध्ययन करायें; परन्तु हम तो इसकी मुख्य मुख्य बातों को ही छुएंगे। इसके बाद हो सकता है, कि यदि प्रभु ने चाहा तो किसी दिन हमारे पास बातचीत करने के लिए काफी अधिक समय होगा।85अब देखिए, इन विपत्तियों के काल के वे पवित्र लोग जो इस बड़ी पीड़ा में से होकर गुजरे थे; ऊपर आते हैं…….कलीसिया उस बड़ी पीड़ा में से होकर नहीं गुजरेगी। क्या आप देखते हैं, कि वे तो पहले से ही महिमा में थे? और यहाँ पर जो पीड़ा में से होकर गुजरे थे वे पवित्र लोग थे; ये वे लोग थे जिनका पवित्रीकरण हुआ था…….चूँकि यह मेरी और आपकी ही गलती है; कि उन्होंने कभी भी वचन नहीं सुना। यदि वे सुनते और इसे ठुकरा देते, तो वे नरक में पहुँचते; उन्हें तो बाहर धोर अन्धकार में इसलिए डाल दिया गया था, क्योंकि उन्होंने वचन को ठुकरा दिया था। परन्तु यदि उन्होंने इसे कभी नहीं सुना…….और परमेश्वर तो न्यायी है; फिर तो उन्हें पीड़ा के समय से गुजर कर आना पड़ता है।अब ज़रा एक मिनट के लिए इस पर ध्यान दें; इस पर विचार करें: उसे ठीक उसी वचन के द्वारा ही धोया जाता है; क्योंकि यह ठीक वैसी ही वेदी है, यह ठीक वैसा ही कांच का समुद्र है, और यह ठीक वैसा ही वचन है। प्रकाशितवाक्य 2:5; या बल्कि प्रकाशितवाक्य 15:2 से 5 तक है। अब ज़रा एक मिनट के लिए ध्यान दें। अब, हम उनके पास कभी भी वचन लेकर नहीं गये; यही कारण है, कि वे थे……वे वैसे थे…हम उनके पास कभी भी वचन लेकर नहीं गये थे; हमें उनके लिए उत्तरदायी ठहरना होगा।अतः हम सारे लोगों को पकड़ नहीं पायेंगे; इस काल में वह कलीसिया जिसके पास सत्य है वह ऐसा नहीं कर पायेगी। चूँकि वे पीड़ा में से होकर गुजरेंगे; अतः वे वो पवित्र लोग नहीं हैं जो उन कलीसियायी कालों में बीते समय में मरे थे; क्योंकि उसने कहा था, “वे उस महापीड़ा में से होकर निकल कर आते हैं।”और यह महा पीड़ा भविष्य में तब आनी है जब कलीसिया घर जा चुकी होती है।86ओह, मुझे इससे प्रेम है। आप ठीक ऐसी ही स्थिति में हैं। सुनिएँ! अब आइये हम थोड़ा सा आगे चलें। मैं यह देखना चाहता हूँ, कि उन्होंने किस प्रकार का वचन सुना। अब, आइये हम पन्द्रहवें अध्याय को दूसरे पद से फिर से पढ़ना आरम्भ करें।और मैंने आग से मिले हुए कांच का समुद्र देखा, और जो उस पशु पर, और उसकी मूरत पर, और उसके नाम के अंक पर जयवंत हुए थे, उन्हें उस कांच के समुद्र के निकट परमेश्वर की वीणाओं को लिये हुए देखा।अब देखिए, उन्होंने कभी भी अन्दर प्रवेश नहीं किया था; परन्तु उन्होंने वचन सुना था। उन्होंने वचन सुना था। अब देखिए, सुनिएगा, कि उन्होंने किस प्रकार की शिक्षा पर कान लगाया था; देखिएगा, कि क्या वह अब कलीसियाओं से मेल खातीऔर वे परमेश्वर के दास मूसा का गीत…(यह उसके बाद की बात है। जब मूसा पार हो चुका था)…..और मेमने का गीत गा गाकर कहते थे, हे सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर….(यह मेमना कौन है? सर्वशक्तिमान परमेश्वर!)……..तेरे कार्य बड़े, और अद्भुत हैं, हे युगयुग के राजा, तेरी चाल ठीक और सच्ची हैं; तू पवित्र लोगों का महाराजा है।देखिए, उन्होंने उसे क्या पहचाना था? त्रिएकता में पाये जानेवाले किसी तीसरे व्यक्ति के रूप में नहीं, वरन सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर के रूप में; पवित्र लोगों के महाराजा के रूप में!87सुनिएगा! क्या आप तैयार हैं! चौथा पदःहे प्रभु…..(यहाँ पर यह बड़े शब्द में प्रभु , (L-0-r-d…अर्थात् एलोहीम दिया हुआ है)……कौन तुझ से न डरेगा? और तेरे नाम की महिमा न करेगा? क्योंकि केवल तू ही पवित्र है, और सारी जातियाँ आकर तेरे साम्हने दंडवत् करेंगी, क्योंकि तेरे न्याय के काम प्रकट हो गयेउन्हें ठीक उसी जल के द्वारा धोया गया था जिसके द्वारा अब आपको धोया गया है। वे विश्वास में होकर वचन सुन रहे थे और इस बात की प्रतीति कर रहे थे, कि यीशु मसीह की सामर्थ ही सर्वशक्तिमान है। आरम्भ में ठीक यही सम्पूर्ण प्रकाशन था। सम्पूर्ण तथ्य इसी प्रकाशन में सिमटा हुआ है, कि यीशु मसीह कौन है, वह हमारे मध्य में देहधारी हुआ परमेश्वर है।…..तेरा नाम बड़ा और अद्भुत है…..कौन तुझ से न डरेगा…..और तेरे नाम की महिमा न करेगा? क्योंकि केवल तू ही…..तू ही पवित्र है, और सारी जातियाँ आकर तेरे साम्हने दण्ड़वत करेंगी, क्योंकि तेरे न्याय के काम प्रकट हो गये हैं।दूसरे शब्दों में यह बात है, कि “हम देखते हैं, कि इसे ग्रहण न करने का अर्थ क्या होता है। तेरे न्याय प्रकट हो चुके हैं। अतः हम यहाँ पर खड़े हुए है।अब हम शुद्ध हो चुके हैं; पीड़ा की समयावधि में से होकर गुजर जाने के पश्चात हम जल से शुद्ध हो चुके हैं। हमने तेरे लिए अपना पक्ष ले लिया है, और हम तुझ पर विश्वास कर चुके हैं, और अब हम कांच के समुद्र के पास खड़े हुए हैं, और हम तेरे पवित्र वचन को प्रकट करने में तुझे महिमा दे रहे हैं और तेरा गुणगान कर रहे हैं। और तेरे दीपक सच्चे हैं और तेरे न्याय धर्म से परिपूर्ण हैं।”88ओह, मेरे परमेश्वर! हम इसी पर एक सप्ताह भर ठहरे रह सकते हैं।(आइये अब हम ठीक यहीं पर-मात्र एक मिनट के लिए “पवित्र आत्मा के बपतिस्मे” पर कोई तस्वीर खींचे; मेरे पास कोई बात है जिसे मैं चित्रित करना चाहता हूँ।) अब, हम ठीक यहाँ पर उस स्थिति को लें जहाँ पर कि हम हैं। अब, यदि आप ध्यान दें, तो यहाँ पर एक बहुत बड़ी तस्वीर है। अब, यहाँ पर पवित्र अति पवित्र स्थान है। यह बिलकुल ठीक है। यहाँ पर पवित्र स्थान है। और इससे पहले कि वहाँ पर आयें, सबसे पहले यहाँ पर यह …..एक …एक समुद्र है।बिलकुल ठीक है। अब, ध्यान दीजिए। हम परमेश्वर के पास कैसे पहुँचते हैं? “विश्वास सुनने से आता है, और सुनना वचन से होता है ।” यही है वह जो पवित्र अति पवित्र स्थान से उस काल के सुसमाचारदूत पर प्रकट होता है।पूर्वकाल में…..में वह…..सुलैमान के मन्दिर में यह फैलाता था, वे चिरागदान अपने उजियाले को उस पीतल की वेदी पर फैलाते थे। अतः ठीक वैसे ही यहाँ पर कलीसियायी काल का सुसमाचारदूत उस जल में उस व्यक्ति को जो यहाँ अन्दर है दर्शा रहा है; वह उसके अनुग्रह को,उसके वचन को, उसके न्याय को, उसके नाम को दर्शा रहा है। यहाँ पर यह सब वहीं पर ही प्रकट होता है जहाँ आप इसका विश्वास करने के द्वारा अलग होते हैं। क्या आप इसे समझ गये हैं?89ध्यान दीजिए, कि यहाँ पर यह कितना सुन्दर है! हम इस पर किसी दूसरे दिन वार्तालाप कर रहे थे। यहाँ देखिए, यहाँ पर दृष्टि डालिएं जहाँ कहा गया है, इस कारण हम धर्मी ठहरे; हम विश्वास करने के द्वारा धर्मी ठहरे……“बिलकुल ठीक है; शुद्ध हो जाने के बाद जो इसके चरण में अगला कार्य होता है; वह पवित्र किया जाना होता है; और इसके बाद ही पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो जाना होता है। धर्मी ठहरना, पवित्रीकरण और पवित्र आत्मा से बपतिस्मा पाना!क्या आप इसे समझ गये हैं? उसका संदेश कैसा था? सुनने के द्वारा धर्मी ठहरना; और पवित्रीकरण वह है जो आप करते हैं; और उसे संवारने के सन्दर्भ में आप जो करते हैं उसके लिए परमेश्वर आप पर पवित्र आत्मा के द्वारा छाप करता है।अब, मैं आप से…अपने बैपटिस्ट भाई से, मैं आप से कुछ पूछना चाहता हूँ। आप कहते हैं, “अब्राहम इससे अधिक और कुछ नहीं, वरन वह तो परमेश्वर पर विश्वास ही कर सकता था; और यही उसके लिए परमेश्वर के द्वारा धार्मिकता गिना गया?”यही सब कुछ ही वह ठीक यहाँ पर कर सकता था; उसने परमेश्वर पर विश्वास किया था, परन्तु परमेश्वर ने उसका विश्वास ग्रहण करके उसपर ख़तने की छाप दी और उस पर छाप की; जो कि यह दिखा रहा था, कि परमेश्वर ने उसके विश्वास को ग्रहण किया है। और यदि आप परमेश्वर पर विश्वास करने की बात कहते हैं, और आप पर पवित्र आत्मज्ञ की मोहर कदापि नहीं हुई है……इफिसियों 4:30; यदि आप इसे लिखना चाहते हैं, तो आप इसे लिख लें, कि इफिसियों 4:30 बताता है, कि परमेश्वर के पवित्र आत्मा को शोकित मत करो जिससे तुम पर..छाप की गयी है….और जब तक आपको पवित्र आत्मा प्राप्त नहीं होता है, आप पर छाप नहीं होती है।90यह कब तक रहती है? क्या अगली बेदारी तक? जब तक कि हमारा छुटकारा नहीं हो जाता है; यह हम पर हमारे छुटकारे के दिन तक रहती है। इससे दूर हटने का कोई तरीका नहीं है, आप इससे दूर नहीं हट सकते हैं, क्योंकि यह आप से दूर हटेगी ही नहीं। समझे? “क्योंकि इससे तुम पर तुम्हारे छुटकारे के दिन तक के लिए छाप हो जाती है।” पौलुस ने कहा था, “मैं तो इस बात में पूरी तरह से निश्चित हूँ, कि ना तो भविष्य, ना वर्तमान, ना कंगाली, ना भूख, ना प्यास, ना मृत्यु, ना ही कुछ भी ऐसा है जो हमे परमेश्वर के उस प्रेम से जो हमारा मसीह में है अलग कर सकता है। आप ऐसी ही स्थिति में हैं। ऐसा ही है; आप पर छुटकारे के दिन तक के लिए छाप हो जाती है।91ध्यान दीजिए, इसे आखिरी….आखिरी रविवार को ले लिया जाये। क्या मेरे पास समय है? मैं बस….देखिएगा……इस पर दृष्टि लगाइये; आत्मा….आत्मा प्राण, और शरीर पर दृष्टि लगाइये-बिलकुल ठीक है। शरीर, आत्मा और प्राण पर दृष्टि कीजिए!आइये, मैं उसे मिटाये देता हूँ, और यहाँ पर आपके लिए कोई चीज लगाये देता हूँ। अब, मैं यहाँ पर कुछ चित्रित करने जा रहा हूँ; मुझे इसे चित्रित करने का गत रविवार को मौका नहीं मिला था, अतः मैंने इसे खुद ही पीले रंग के एक कागज के टुकड़े पर यहाँ पर चित्रित कर लिया था। मैं इसे चित्रित करना चाहता हूँ जिससे कि आप इसे रेखाचित्रित कर सकें; और यह समझ सके कि मेरा क्या तात्पर्य है।अब आप जिनके पास अपनी पेंन्सिलें हैं वे इसे चित्रित कर लें। अब देखिए, यह शरीर है, और यह प्राण है, और यह आत्मा; आ-त्मा अंग्रेजी के बड़े अक्षर में (S-P-R-I-T) अर्थात् पवित्र आत्मा है। अब, यह बिलकुल ठीक बात है, कि यही है वह जिससे हम बने हुए हैं।92यदि आप यहाँ पर ध्यान देते हैं, तो यह पवित्र स्थान है- पवित्र अति पवित्र स्थान है; यहाँ पर वेदी है, पवित्र स्थान है, और यहाँ पर समुद्र….समुद्र है; यही है। वह जहाँ आप वचन सुनते हैं; “विश्वास सुनने से आता है, और सुनना वचन से होता है।” यही पृथक करनेवाला….पृथक करनेवाला समुद्र है……पृथक करनेवाला समुद्र है। अब ध्यान दीजिए, यहाँ पर इसके अंदर प्रवेश करने के लिए केवल एक ही प्रवेश मार्ग है; और ऐसा है, कि आपको सबसे पहले यहीं पर आना होता है। क्या यह सही है?अब, मैं चाहता हूँ, कि यदि मेरे पास जगह होती, तो मैं इसको अर्थात् कुंवारियों“ वाले चित्र को यहाँ पर लगा देता, जब…..या एक और चित्र है जो कि ”विवाह का भोज“ है, उसको लगा देता। देखिएगा, यह पुरूष यहाँ इस विवाह के भोज के अन्दर किस प्रकार से आ जाता है, और वह किस प्रकार से किसी दूसरे मार्ग से आ जाता है? यहाँ पर द्वार था। यीशु ने कहा था, ”मैं ही द्वार हैं।“और यहाँ पर विवाह के भोज की मेज़ लगी हुई थी, और लोग उसके चौगिर्द बैठे हुए थे; और यहाँ पर एक पुरूष चला आता है जिसने विवाह का वस्त्र पहना हुआ नहीं था। और जब राजा अन्दर आया, तो उसने कहा, “मेरे मित्र, तू यहाँ पर कैसे आ गया? तू यहाँ पर किस प्रकार से अन्दर आ गया है?”ये यही दिखाता है, कि वह इस वाले द्वार से अन्दर नहीं आया था। वह तो खिड़की से अन्दर आ गया था, या वह किसी पिछले रास्ते से या किसी धर्मशिक्षा या नामधारी कलीसिया के द्वारा अन्दर आ गया था। वह उस द्वार के माध्यम से अन्दर नहीं आया था।93क्योंकि पिछड़े पूर्वी प्रान्तों में अभी भी ऐसा होता है, कि वहाँ ठीक ऐसी ही बात पायी जाती है, कि जिस दुल्हे का ब्याह होने जा रहा होता है, वह आमन्त्रण देता है; और वह उन सभों को जिन्हें उसने आमन्त्रित किया है वस्त्र देता है।ओह, जब मैं इसके विषय में सोचता हूँ, तो मेरा हृदय किस प्रकार से झूमकर हिलौरे खाने लगता है। “कोई मनुष्य मेरे पास नहीं आ सकता जब तक कि पिता। ही उसे पहले आमन्त्रण न दे; और जितनों को पिता ने मुझे दिया है वे सब मेरे पास आयेंगे।” हमें कैसे बुलाया गया था? हमारे नाम जगत की उत्पत्ति से भी पहले मेमने की जीवन की पुस्तक में लिख दिये गये थे, ताकि हम उजियाले को देखें, ताकि हम पवित्र आत्मा को ग्रहण करें और उसमें चलें। हमारे नाम……जब मेमना वध हुआ था, तो उसी समय से ही हमारे नाम उस पुस्तक में मेमने के नाम में रख दिये गये थे। बाइबिल कहती है, (हम इस पर थोड़ी देर बाद आयेंगे) कि “वह पृथ्वी पर रहने वाले उन सब लोगों को भरमायेगा जिनके नाम मेमने की जीवन की पुस्तक में जगत की उत्पत्ति से नहीं लिखे गये थे।”94ध्यान दीजिए, इसके बाद यदि वह……खुद दुल्हा जब द्वार पर खड़ा होता है……..आनेवाला आमन्त्रण पत्र लेकर आता है, और कहता है, “ये रहा वह!”“आपका धन्यवाद!” वह आमन्त्रण पत्र लेकर नीचे रख देता है और उसे एक वस्त्र पहनाता है, ताकि वे सारे के सारे एक जैसे दिखायी दें। मुझे यह बात अच्छी लगती है। समझे? परमेश्वर की सामर्थ में, जीवते परमेश्वर की कलीसिया में अमीर, गरीब, गुलाम, आज़ाद, काले, गोरे, भूरे, पीले सारे के सारे एक जैसे ही दिखायी देते हैं; क्योंकि उन्होंने पवित्र आत्मा की एक सी ही सामर्थ का वस्त्र पहना हुआ है। समझे?अब देखिए, ये यही दिखाता है, कि वह द्वार से होकर नहीं आया।95अब, यहाँ पर ध्यान दीजिए। ओह, यदि कोई मनुष्य पवित्र अति पवित्र स्थान के अन्दर जाने की चेष्टा करता था, …..(किसी ने, बाइबिल के किसी शिक्षक ने मुझे बताया है)……यदि कोई व्यक्ति यहाँ से होकर आये बगैर ही इस पवित्र अति पवित्र स्थान के अन्दर जाना आरम्भ करता था, तो वह मर जाता था। क्या यह सही है। एक दिन हारून के पुत्र ने अजीब सी आग ली, कोई नामधारी कलीसियायी आग ली…….(जबकि यह नामधारी कलीसियायी आग नहीं होती। थी)…….और वह द्वार पर ही मर गया था। क्या यह सही है? या ये एली के पुत्र थे, मैं ऐसा सोचता हूँ। ये एली के ही पुत्र थे जो उन्हें अन्दर लेकर आये थे, जब इसने हारून जो कि एक याजक था, के पुत्रों को दर्शाया था।96अब, अब देखिए, देह के अन्दर प्रवेश करने का केवल एक ही तरीका होता है। यह देह कैसे नियन्त्रित होती है? अब, आप बड़ी ही सावधानी से देखें, और आप अपनी अपनी पेंन्सिलें तैयार रखें। यहाँ इस ओर एक फाटक है जो देह के अन्दर जाता है: एक दो, तीन, चार, पाँच! अब, क्या आपने इसको चित्रित कर लिया है? अब देखिए, यहाँ पर जो पहला फाटक है वह हैः दृष्टि, गन्ध, श्रावण, और स्वाद, और स्पर्श या अनुभूति (आप इसे जो भी लिखना चाहें लिख लें, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। )अब, ये चेतनाऐं शरीर में होती हैं। क्या यह सही है? कितने लोग यह जानते हैं? शरीर को छःचेतनाऐं नियन्त्रित करती हैं। अब, इसके बाद जब आप इससे आगे चलते हैं, तो आपको प्राण मिलता है। ये चेतनाऐं जो बाहर की ओर हैं, वे बाहर वाले प्रबन्ध की ही हैं।अब देखिए, यहाँ अन्दर प्राण में एक, दो, तीन, चार, पाँच…पाँच गुणचेतनाऐं पाये जाते हैं। अब, क्या आप इसे लिख लेना चाहते हैं? पहली वाली कल्पना है; यह कल्पना है। दूसरी वाली विवेक है। और तीसरी वाली स्मृति है। और यह चौथी तर्क-वितर्क है। और पाँचवीं वाली मोह-स्नेह है।अब, क्या आपने उन सभों को जान लिया है? यदि आपने नहीं जाना है, तो आइये मैं अब इसे आपको बताये देता हूँ। क्या आपने उन सभों को लिख लिया है? ये हैं। दृष्टि, स्वाद, अनुभूति, गन्ध, और श्रावण; ये देह की चेतनाएँ हैं; ये देह के प्रवेश-स्रोत हैं। प्राण की चेतनाएँ या गुण-चेतन कल्पना, विवेक, स्मृति, तर्क-वितर्क और मोह-स्नेह हैं, या ये प्राण की चेतनाएं हैं। और प्राण उस आत्मा का स्वभाव होता है जो आपके अन्दर होती है; क्योंकि प्राण तो उसके लिए जो आपके भीतर है।केवल बाहर की ओर एक वातावरण बनाकर रखता है। यह प्राण ही है जहाँ पवित्रीकरण होता है; यह वहाँ पर ठीक उसी श्रेणी में होता है। यह बिलकुल ठीक बात है; अब क्या हर……हर किसी ने इसे सारा का सारा लिख लिया है? बिलकुल ठीक है।97अब, देखिए, इस फाटक पर …वहाँ पर केवल एक ही द्वार या फाटक है, जो कि “खुद आपकी अपनी इच्छाअर्थात् स्वेच्छा” कहलाता है। जो कुछ भी वहाँ अंदर जाता है, आप उसके बॉस हैं। और यह क्या करता है? यह क्या है? यह अवश्य है, कि देह को, वेदी पर धोया जाये, उसका पवित्रीकरण हो, वह यहाँ पर पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो, और यह फिर से परमेश्वर का न्याय का सिंहासन बन जाता है, जहाँ परमेश्वर आपके हृदय में विराजता है, और अगर आप कुछ गलत करते हैं, तो आप कह उठते हैं, “ओह, मेरे खुदा, मैंने गलत किया है।”कुछ लोग कहते हैं…कुछ स्त्रियाँ कहती है, “यह मुझ पर छोटे छोटे बाल कटवाने के लिए दोष नहीं लगाता है। यह मुझ पर श्रृंगार करने के लिए, या नख़प्रसाधनों का उपयोग करने के लिए दोष नहीं लगाता है”, या यह जो कुछ भी बात है…….“यह मुझ पर इसके लिए दोष नहीं लगाता है, कि मैं नाँच के लिए जाती हूँ। यह मुझ पर एक छोटा सा सफेद झूठ बोलने के लिए दोष नहीं लगाता है। यह मुझ पर इस बात के लिए दोष नहीं लगाता है, कि मैं अपनी ब्रिज पार्टी में जा कर ब्रिज खेलँ ।” आप जानती है, कि ऐसा क्यों है? क्योंकि आपके पास ऐसा कुछ है ही नहीं जो आप पर दोष लगाये। “यह मेरे विवेक को चोट नहीं पहुँचाता है।” आपके पास उससे अधिक विवेक नहीं है जितना कि सांप के पास नितम्ब होता है। अतः आप तो बस……आपके पास कोई विवेक है ही नहीं; आपके पास कुछ भी ऐसा नहीं है जो आपको चोट पहुँचाये। आप तो संसार के हैं।परन्तु मैं आपको इस बात की चुनौती देता हूँ, कि आप यीशु मसीह को यहाँ अन्दर आने दें और आप इसे ज़रा एक बार तो करने की चेष्टा करें। भाई, आप इतने अधिक हिकारत से भर जायेंगे, कि आप उससे पीछे ही हट जायेंगे और आप अपना सिर उस चीज से दूर फेर लेंगे; और यह बात वैसे ही सुनिश्चित है जैसाकि मैं यहाँ पर खड़ा हुआ हूँ; क्योंकि ऐसा करनेवाला पवित्र आत्मा ही होता है। सुनिएंगा, मैं वचन के लेख का हवाला दे रहा हूँ, “यदि तुम उन चीजों से प्रेम करते हो, जो संसार की हैं; यदि तुम संसार की बातों से प्रेम करते हो, तो ऐसा इसी लिए है क्योंकि तुम में परमेश्वर का प्रेम है ही नहीं।”98“यह स्वेच्छा कैसी है? भाई ब्रन्हम, आप इसे स्वेच्छा क्यों कहेंगे?” क्योंकि यह हर एक स्त्री और पुरूष को वापस फिर से ठीक उसी स्थिति में लेकर आ जाती है जिस स्थिति में आदम और हव्वा अदन की वाटिका में थे। उन्हें किस पर रहना था? क्या दो पेड़ों पर? स्वेच्छा पर, यह वाला तो मृत्यु है। यह वाला जीवन है, स्वेच्छा पर अनैतिक…स्वतन्त्र नैतिक स्वेच्छा पर….परमेश्वर ने इस पहले मनुष्य को, अर्थात् आदम और हव्वा को ठीक यहाँ पर स्वतन्त्र नैतिक स्वच्छा पर रखा। वह आपको ठीक उसी स्थिति में रखता है। और केवल एक ही तरीका है जिसके द्वारा आप यहाँ अन्दर इस बात को निश्चित कर सकते हैं, वह आपकी अपनी स्वेच्छा ही है। हाल्लिलूय्याह! यह आपकी स्वेच्छा ही है। आपके पास परमेश्वर की इच्छा पूरी करने के लिए इच्छा होनी होती है। आपको अपनी निज इच्छा से मुक्त होना होता है, ताकि परमेश्वर की इच्छा आपके अन्दर आये, क्योंकि यही एक ऐसा प्रवेशमार्ग है जो हृदय की ओर प्रशस्त होता है।99ओह, तुम बैपटिस्टों, और प्रेसबीटेरियनों, तुम नामधारी कलीसिया में शामिल हो सकते हो। और तुम मैथाडिस्टों और पिलग्रीम ऑफ होलीनस वालों, तुम पवित्रीकरण तक आ सकते हों, परन्तु तुम्हारे पास परमेश्वर की इच्छा को पूरा करने के लिए इच्छा, स्वेच्छा होनी चाहिए, ताकि पवित्र आत्मा अन्दर आकर इसको उत्पन्न करे, कि “जो विश्वास करे उनके ये चिन्ह होंगे, वे मेरे नाम से दुष्टात्माओं को बाहर निकालेंगे। वे नई नई भाषाएँ बोलेंगे। वे बीमारों पर हाथ रखेंगे, या वे नाशक वस्तुऐं भी पी जायेंगे, या ऐसे ही और दूसरे कामों को करेंगे। ये चिन्ह उनके होंगे जिन्होंने मेरी इच्छा को अपनी इच्छा बना लिया है, और जो काम मैं करता हूँ वे भी करेंगे।” मैं आशा करता हूँ, कि आप इससे नहीं चूकते हैं। एक ऐसी इच्छा होती है जो परमेश्वर की इच्छा को पूरा करने की होती है। क्या आप समझे मेरा कहने का क्या तात्पर्य है?100यहाँ देखिए! हम पवित्र स्थान के विषय में, वेदी के विषय में बातें कर रहे थे, यही पर उजियाला होता था, यहीं पर (एक, दो, तीन, चार, पाँ, छः, सात) चिरागदान होते थे, और उनमें से प्रत्येक एक ही उजियाले को फैला रहे थे। कहाँ पर वे अपना उजियाला पा रहे थे? कहाँ पर वे अपना उजियाला फैलाते थे? कहाँ पर यह अपना उजियाला चमका रहा है? वह उसे यहाँ पर किसी नामधारी कलीसिया के एक कोने में नहीं फैला रहा था। वह तो ठीक यहाँ पर वापस वचन की ओर, पृथक करनेवाले जल की ओर इशारा कर रहा था। वाह!“और यरूशलेम से लेकर सब जातियों में मन फिराव का और पापों की क्षमा का प्रचार उसी के नाम से किया जाएगा।” (लूका 24:49)यरूशलेम में मन फिराव और पापों की क्षमा के लिए कैसे शिक्षा दी गयी थी? यह कितने दूर तक जाती है?“सारे संसार भर में!” पतरस ने प्रेरितों के काम के 2:38 में कहा था, तुम मन फिराओ, और अपने अपने पापों की क्षमा के लिए यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा लो।“ यही वह सुसमाचार है जो सारे संसार भर तक जाता है, और उसके बाद ही अन्त आ जायेगा। जब यह संदेश सारे संसार भर में चला जाएगा, तो उसके बाद ही अंत आ जाएगा।101किस प्रकार से ये दीपक यहाँ पर किसी मैथोडिस्ट, प्रेसबीटेरियन,या पिन्तेकोस्तल नामधारी कलीसिया में उजियाला फैला रहे हैं? खैर, ऐसा तो बिलकुल भी नहीं है।यह “मैं था” करके नहीं, वरन “मैं हूँ” करके ही इसे प्रतिबिम्बित करता रहता है। कहीं तीन या चार भिन्न व्यक्तियों को नहीं, वरन परमेश्वर ही उन कलीसियायी कालों में से हर एक में स्वयं अपने को ही दर्शा रहा है। वहाँ पीछे दृष्टि डालिए और देखिए, कि उन्होंने क्या किया था। हम बस इसका इतिहास से अध्ययन करते हुए आये हैं। उन्होंने उसे वैसा ही प्रकट किया था जैसा वह था वैसा ही वह है, और वैसा ही वह सर्वदा रहेगा।“वह जो था….”.ज्यों ही यूहन्ना ने इसकी पहली झलक पायी थी, उसने कहा, वह जो था, और जो है, और जो आने वाला है, जो सर्वशक्तिमान परमेश्वर है,जो परमेश्वर की रचना है, जो अल्फा, ओमिगा,आरम्भ और अंत है।“ यही वह सच्चा उजियाला है जो प्रतिबिम्बित होता है।क्या आप इसे समझ गये है? आमीन! वाह!102बारह बजे के उपरान्त मेरे…मेरे पास हैं…….सुनिऐ, आइये हम शीघ्रता करें जिससे आप इसे उतार सकें। मुझे इस बात से घृणा है, कि मैं आपको बहुत अधिक देर तक रोक कर रखें; परन्त मैं नहीं जानता हूँ कि मैं आप से दोबारा कब भेंट करूंगा। समझे? और मैं चाहता हूँ, कि आप इसे समझ जायें।मित्रों, यह जीवन है। अब देखिएँ, मेरा इससे इसलिए मायने नहीं हैं, क्योंकि मैं इसे कह रहा हूँ। यदि मैं—यदि मैं उससे कम प्रतिबिम्बित कर रहा हूँ, तो मैं………..आप मेरे हृदय को गलत समझते हैं; मैं यह दर्शाने की चेष्टा नहीं कर रहा हूँ, “ओह, यह तो बात एक……तुम तो कुछ भी नहीं हों।” मैं ऐसा करने की चेष्टा नहीं कर रहा हूँ। यदि आपने उस उजियाजले की प्राप्ति नहीं की है, तो मैं आपका मार्ग-दर्शन उस एक की ओर करने की चेष्टा कर रहा हूँ, उस एक की ओर नहीं जो मंच पर है, वरन उस एक की ओर जो सिंहासन पर है-मैं तो उसी की ओर आपका मार्ग दर्शन करने की चेष्टा कर रहा हूँ। और वही सिंहासन आपके ह्रदय के अन्दर लग जाना चाहिए, और उसके बाद ही आप बिलकुल ठीक उस चीज को देखेंगे जो यहाँ पर प्रतिबिम्बित हो रही है।यहाँ ऊपर क्या है? यह इसी को ही प्रतिबिम्बित कर रहा है। और यहाँ ये है—यह वचन है; हमने वचन के जल से स्नान किया है, हमने वचन के द्वारा स्नान किया है; हम वचन के द्वारा….पृथक करने वाले जल के द्वारा संसार की बातों से शुद्ध हुए हैं…वचन से शुद्ध हुए हैं। और वचन कहता है, कि वह कल, आज, और युगानुयुग एक सा है। वह यह नहीं कहता है, कि “वह चेलों के समय में-पिन्तेकोस्त वाले काल के समय में एक सा था; और उसके बाद उससे अगले काल में वह बदल गया था।” नहीं, वह तो एक सा ही है। समझे? आप इसे ऐसा नहीं बना सकते हैं, कि वह इसके अतिरिक्त कुछ और बात कहे। हम उन बातों में से किसी एक बात पर घन्टों ठहरे रह सकते हैं; परन्तु मैं आशा करता हूँ, कि अब आप इसे समझ रहे हैं। यदि परमेश्वर ने आपको बुलाया है, तो आप इसे समझ जायेंगे। मैं इसका विश्वास करता हूँ। यह बिलकुल ठीक बात है, श्रीमान!103अब देखिए, यह क्या है? धर्मी ठहरना, पवित्रीकरण, पवित्र आत्मा का बपतिस्माः प्राण, शरीर, आत्मा! यह सब एक सा ही है। अब, दीपक वचन को ही दर्शा रहा है। सच्चा वचन क्या दर्शाता है? यदि यह दीपक अपना उजियाला इस अति पवित्र तेज (Shekinah Glory) से प्राप्त कर रहा है, तो यह क्या प्रतिबिम्बित करेगा? यह उस अति पवित्र तेज को ही प्रतिबिम्बित करेगा। क्या यह सही बात है?यदि आप सैमनेरी में जाते हैं, तो आपका उजियाला उसी का होता है, और आप सैमनेरी वाले उजियाले को ही प्रतिबिम्बित कर रहे होते हैं। यदि आप एक मैथोडिस्ट सैमनेरी गये हैं, तो आप मैथोडिस्टवाद को ही प्रतिबिम्बित करेंगे। आप उसी को ही प्रतिबिम्बित करेंगे। यदि आप एक पिन्तेकोस्तल सैमनेरी जाते हैं, तो आप पिन्तेकोस्तलवाद को ही प्रतिबिम्बित करेंगे। परन्तु यदि आप जलती हुई झाड़ी के पास…..परमेश्वर की महिमा में पहुँच जाते हैं….104क्यों, जब मूसा उसकी उपस्थिति से बाहर निकल कर आता है, तो उसे अपने चेहरे पर कपड़ा डालना पड़ा था, ताकि लोग उस पर निगाह डाल सकें। क्या यह सही है? वह परमेश्वर की सामर्थ से भरा हुआ था।स्तिफनूस को देखिए, वह पवित्र आत्मा से भरा हुआ एक मनुष्य था। उसे रोकना…..क्यों…..यह तो ऐसा था मानो भरी आंधी के दिन में आग को हवा से बुझाना……यह तो उस घर को हवा से बुझाने जैसा ही था जिसमें भरी आंधी के दिन में आग लग गयी हो। ओह, वे उसे जितना अधिक हवा से बुझाते हैं, वह उतनी अधिक ही भड़कती चली जाती है। क्यों, आप उसे रोक नहीं सकते थे। जब उन्होंने उसे प्रत्यक्ष रूप से याजकों-महायाजको की सभा के सामने पेश किया, तो बाइबिल बताती है, कि वह वहाँ पर खड़ा हुआ एक दूत के जैसा दिखाई पड़ता था।अब, मैं ऐसा नहीं सोचता हूँ, कि दूत का अर्थ मात्र यह नहीं है, कि वह वहाँ पर एक निश्चित प्राणी के जैसे खड़ा हुआ था; परन्तु एक दूत बिलकुल ठीक ठीक यह जानता है, कि वह क्या कह रहा होता है। ठीक ऐसे ही एक दूत करता है— कलीसिययी काल के सुसमाचारदूत को वापस लौटकर यह नहीं देखना होता है, कि सैमनेरी क्या सोचती है। वह जानता है, कि परमेश्वर ने अपनी बाइबिल में क्या कहा है, वह उस सामर्थ को जानता है जो यह साबित करने के लिए प्रतिबिम्बित हो रही है, कि वह कल, आज, और युगानुयुग एक सा है। वह भयभीत नहीं होता है, वह तो बिलकुल ठीक ठीक वह बता रहा होता है जो वह जानता है, कि सत्य है। और परमेश्वर वहाँ पर खड़ा हुआ इसका ठीक उन्हीं चिन्हों और आश्चर्यकर्मों और ठीक उसी वचन के द्वारा समर्थन कर रहा होता है। ऐसा ही एक दूत होता है।105स्तिफनुस ने वहाँ खड़े होकर कहा, “मैं जानता हूँ, कि मैं क्या कह रहा हूँ।” बोला, “हे हठीले, और मन और कान के खतनारहित लोगों, तुम सदा पवित्र आत्मा सा साम्हना करते हो। जैसे तुम्हारे बापदादों ने किया वैसे ही तुम भी करते हो।” बोला, “भविष्यद्वक्ताओं में से किस को तुम्हारे बापदादों ने नहीं मार डाला, और उसके बाद उनकी कब्रों को न बनवाया?”तुम नामधारी कलीसियाओं, तुम में से कौन ऐसा है जिसने ठीक ऐसा ही काम नहीं किया? समझे? वे यहाँ चारों ओर सफेद भीत वाले बड़े बड़े मकबरे और मुरदाघर तथा इसी प्रकार के और दूसरे स्थल बनाते हैं और इसके बाद भी परमेश्वर के विषय में बातें करते हैं। तुम ही एक ऐसे हो जिसने उसे मुरदाघर में रखा है, तुम ही एक ऐसे हो जिसने उसे कब्र में रखा हुआ है। ठीक यही चीज थी जिसने उसे उस पिछले समय में कब्र में रखा था- ये सफेद भीत वाले बड़े बड़े आरधनालय, नामधारी कलीसियाऐं, फरीसी और सिदूकी ही थे जिन्होंने उसे वहाँ अंदर रखा था; और उस के बाद वे उस पर स्मारक बनाने की चेष्टा करते हैं।106आइये मैं आपको बताये देता हूँ, कि मसीह एक जीविता प्राणी है। वह कोई ऐसा नहीं है जो मरा हुआ हो; वह तो कोई ऐसा है जो मरे हुओं में से जी उठा और युगानुयुग जीवता है। हे भाई, यह बात सुनिश्चित है।यह क्या करता है? यह क्या प्रतिबिम्बित करता है? क्या वह यहाँ से यह प्रतिबिम्बित कर रहा है, कि यह क्या होगा? यह होगा….उसको दर्शाया जाना क्या है? इसके बाद वह सबसे पहली चीज जिसका उजियाला फैला है वह उसका नाम का फैलाया जाना है। क्या यह सही है? यह उसके नाम को प्रतिबिम्बित करता है। इसके बाद वह जो अगली चीज प्रतिबिम्बत करता है, वह उसकी सामर्थ होगी। क्या आप समझे, कि मेरा क्या तात्पर्य है? जो कुछ भी मसीह है वह उसे ही प्रतिबिम्बित करेगा।यदि यह इस काल पर उस सब को प्रतिबिम्बित कर रहा है जो वह था; तो वह एक सा है। महिमा होवे! यह क्या है? यह उसे ऐसे प्रतिबिम्बित कर रहा है जैसा वह था; जैसा वह है, और जैसा वह सर्वदा होगा, क्योंकि यह परमेश्वर कें सिंहासन से सीधा ही आ रहा है: यीशु मसीह कल, आज, और युगानुयुग एक सा है; वह ठीक एक सा परमेश्वर है, उसकी सामर्थ एक सी है, उसका तेज़ एक सा है; उसका सब कुछ एक सा है। ओह भाई, वह तो कल, आज, और युगानुयुग एक सा है।
107अब आइये हम थोड़ा सा और आगे चलें। अब आइये हम चौथे अध्याय के छठवें पद की शेष बातों को लें। मैंने यहाँ पर इसके ऊपर कुछ टिप्पण लिखी हुई हैं जिस पर मैं शीघ्रता करना चाहता हूँ; और इस पर चर्चा करना चाहता हूँयदि मैं ऐसा कर सकता हैं। अब शेष बातों को देखिए, इसके बाद जब आप इस अध्य….को छोड़ते हैं, ……जब हम इस पद को छोड़ते हैं, तो यह साधारण तौर पर चक्कर लगा रहा होता है, और बता रहा होता है, कि उन्होंने क्या किया था। अब आइये हम देखें, कि क्या हम इसका अध्ययन कर सकते हैं: कांच का समुद्र-हम जानते हैं, कि यह क्या होता है।….और सिंहासन के बीच……चारों ओर चार प्राणी…(जानदार)…या जीवित प्राणी….अब, अब, कितनों के पास बाइबिल का पुनःमुद्रित संस्करण है? आपके पुनमुद्रित संस्करण में ये यह कहता है, कि वे “जीव जानदार” हैं। ठीक है, मुझे हैरत है, कि किंग जेम्स संस्करण यहाँ पर यह किस प्रकार से कहता है; जीवित…..वे चार प्राणी (Beasts) थे? खैर, मैंने अपना ग्रीक शब्दकोष लिया और….और मैंने जाकर उसकी तुलना बाइबिल के शब्दकोष से की और मालूम किया कि इसका क्या अर्थ होता है। अब देखिए, ये रहा वह! अब, हम ध्यानपूर्वक दृष्टि करें। वह शब्द जिसका यहाँ पर अनुवाद किया गया है, आप उसे रेखांकित कर लें, जिससे आप भी उस पर दृष्टि कर सके। देखिए, मैं चाहता हूँ कि जो मैं बताता हूँ, आप उसे रेखांकित कर लें (समझे?) —यदि आप ऐसा करना चाहते हैं, या यदि आप ऐसा कर सकते हैं। यह बिलकुल ठीक बात है, कि पुनमुद्रित संस्करण में इसे जीवित जानदार कहा जाता है।और…. सिंहासन के चारों ओर चार प्राणी हैं जिनके आगे और पीछे आँखें ही आँखें हैं।और यह और आगे बढ़ता है और प्राणियों (beasts) का उल्लेख करता है, जिस पर हम अभी एक मिनट में आयेंगे। अब, यहाँ पर प्राणी या पशु प्रदर्शित किया गया है। क्या आपकी बाइबिल में हाशिया है जिस पर लिखी बातों को पढ़ा जाता है; जिसमें …..जिसमें पशुओं….प्राणियों के विषय में बताया गया हो? यदि आपकी बाइबिल में हाशिया है, तो आप हशिये को निकाल कर पढ़े। मैंने ध्यान दिया है, कि डॉक्टर स्कोफिल्ड ने यहाँ पर उसका उल्लेख किया है। उसने उसका यहाँ पर वर्णन किया है; वह बताता है: “प्राणी” (Beasts) का अर्थ “जीवित जानदार” है। ओह मेरे परमेश्वर! अब देखिए, वहाँ पर यह ग्रीक शब्द जैड़ डबल ओ एम, (Z-0-0-m) या जैड़ डबल ओ एन (Z-0-0-n) है; यह जैड़ डबल ओ एन है। अब देखिए, यह ग्रीक भाषा में “जून” (zoon) कहलाता है जिसका अर्थ “एक प्राणी” होता है।108अब, यह ऐसा नहीं है…….आप यदि इसे पढ़ना चाहते हैं……..हमारे पास समय नहीं है। मैं इसे पढ़ने जा रहा था, लेकिन मेरे पास समय नहीं है। आप प्रकाशितवाक्य ११, १३, और १७ लिख लें। अब देखिए, प्रकाशितवाक्य के ये ११, १३, और १७ अध्याय है जहाँ पशु है-जहाँ ये उसी रीति से पशु कहलाये जाते हैं; वहाँ पर जो पशु शब्द का अनुवाद है वह “थे-रि-आ-न” (T-h-e-1-1-0-n) है। ग्रीक शब्द “थेरिआन” का अर्थ एक “जंगली पशु, बान्धा न जाने वाला, बेलगाम पशु” होता है। थेरिआन का अर्थ एक जंगली पशु, ना बांधे जाने वाला, बे-लगाम पशु होता है।परन्तु “जून” (Zoon) शब्द का अर्थ “एक प्राणी -एक जानदार” होता है। समझे? वे चार जीवित (जून) जानदार हैं; वे पशु नहीं हैं-वे जंगली थेरिआन नहीं हैं, वरन वे तो जून —जीवित जानदार हैं।थेरिआन जंगली, बे-लगाम,क्रूर पशु होता है। दूसरे शब्दों में ये यह है, कि यदि आप ११ वें अध्याय को देखेंगे, तो यह “रोम का पशु है; १३ वे’ अध्याय में यह ”संयुक्त राज्य“ है; और १७ वें अध्याय में यह ”संयुक्त राज्य और रोम“ दोनो ही है; नामधारी कलीसियाऐं कैथोलिकवाद से एकीकरण करके उन्हें सुसमाचार के प्रति बिना फिरे हुए, सुसमाचार के प्रति बे-लगाम हुए, ना बांधे जाने वाले बना डालती हैं। जी हाँ!109लोग कहते हैं, “परमेश्वर मुबारक होवे! हम बड़ी मैथोडिस्ट कलीसिया से, बैपटिस्ट कलीसिया से, प्रेसबिटेरियन कलीसिया से, पिन्तेकोस्तल नामधारी कलीसिया से आये हैं। हम जानते हैं, कि हम क्या कह रहे हैं। हमें इस बात की आवश्यकता नहीं है कि कोई हमें कुछ बताये।” आप ऐसी ही स्थिति में है। वे बेलगाम, बिना फिरे हुए, मायारहित, रगड़ा झगड़ा कराने वाले, झूठा दोष लगानेवाले, अंसयमी, और भले के बैरी हैं, वे……भेष तो धरते हैं….(टेप में रिक्त स्थान-सम्पा.)……..अब आप इसका अध्ययन करते चले जायें। और अब ठीक इस समय मुझे यह अच्छा लगता है, कि मैं इसके टुकड़े टुकड़े करके आपको बताऊँ, मगर मैं ऐसा करूंगा…..जिससे यह कैसे भी हो इस टेप पर हो जाये। परन्तु हमारे पास ऐसा करने के लिए समय नहीं है। अब आप समझते हैं। कितने ऐसे हैं जो समझते हैं, वे “आमीन’ कहें? (सभा कहती है, ”आमीन“-सम्पा.) देखिएँ ये हैं…110जून (जैड़ डबल ओ एन) क्या होता है? जीवित जानदार, या प्राणी। इसका उच्चारण शायद “जून-जैड़ डबल ओ एन” होता है। आप “जून” का उच्चारण कैसे करेंगे? मैं तो इसे “जून” ही कहूँगा।और “थे-रि-आ-न” को देखिए! समझे? ऐसे ही इसका अर्थ बे-लगाम जंगली, क्रूर पशु होता है। यही है वह जो उन पशुओं का…….आप अपना….अपना ग्रीक शब्दकोष लें और वापस पलट कर देखें, कि क्या यह ठीक एक सा ही शब्द नहीं है। आप वहाँ पर दृष्टि डालें और इसे देखें। आप अपनी लें……..अपनी ग्रीक पुस्तिका लें, आप अपनी “इम्पेथिक डायगलॉट” ले कर देखें कि क्या यह सच नहीं है; यह…..यह सच है; प्रकाशितवाक्य ११, १३, और…और १७ में जो यह है ; उसका अर्थ “बे-लगाम पशु” होता है।और यहाँ प्रकाशितवाक्य ४ में इसका अर्थ एक “जीवित प्राण-जीवित जानदार होता है। यह पशु नहीं है, मगर यह पशु कहलाया है, लेकिन यह पशु नहीं है। ठीक यही बात यहेजकेल १:८, यहेजकेल १ से २८ में तक पायी जाती है। हो सकता है, कि हम इस पर एक मिनट में आयेंयह बिलकुल ठीक बात है। वह बे-लगाम, बिना फिरा हुआ, जंगली पशु, ना बंधा हुआ…….परन्तु ये तो जीवित प्राणी हैं। वे क्या हैं? वे स्वर्गदूत नहीं हैं। मैं आपको जो बता रहा हूँ, आइये हम उसे इससे अगले पृष्ठ पर पाये जाने वाले प्रकाशितवाक्य 5 में—प्रकाशितवाक्य ५ के ११वें पद में पढ़ें:..और जब मैंने देखा……और बहुत से स्वर्गदूतों का शब्द सुना….(यहाँ ये स्वर्गदूत “बहुवचन”हैं)……सिंहासन और उन प्राणियों और प्राचीनों के चारों ओर बहुत से स्वर्गदूतों का शब्द सुना…..(यहाँ पर यह “और” एक “शब्द-संयोजक” है)देखिए, यहाँ पर यह “और” एक शब्द संयोजक है। समझे? वे स्वर्गदूत नहीं थे; ना ही वे प्राचीन थे; वे तो सिंहासन के पास पाये जानेवाले जीवित प्राणी थे। ओह, क्या आपको यह अच्छा नहीं लगता है? वे जीवित प्राणी हैं; वे दूत नहीं हैं; क्योंकि ठीक यहाँ पर यह इस बात को साबित करता है। समझे? और जब मैंने देखा,…. तो उस सिंहासन और उन प्राणियों और प्राचीनों के चारों ओर बहुत से स्वर्गदूतों का शब्द सुना…….111यहाँ पर तीन अलग अलग वर्ग हैं। मैं आशा करता हूँ, कि अब आप सब इस प्रबन्ध से अवगत हो गये हैं। अब, मैं आपको दिखाना चाहता हँ:वहाँ उस सिंहासन के चारों ओर इसके तीन अलग अलग वर्ग हैं; (अब देखिए, सिंहासन के चारों ओर) तीन अलग अलग प्रजातियाँ हैं।यहाँ पर तो सिंहासन है। अब देखिए, इस सिंहासन के सबसे पास तो चार प्राणी हैं। उसके बाहर इस प्रकार से चौबीस प्राचीन अपने अपने सिंहासन पर उसके आगे उन छोटे छोटे सिंहासन पर बैठे हुए हैं। और इसके चारों ओर -उस सिंहासन के चारों ओर स्वर्गदूतों की यह बड़ी सेना है। ओह, ओह, ओह! क्या आप समझे, कि मेरा क्या तात्पर्य है? वे प्रत्येक अलग अलग हैं; वे एक दूसरे से अलग अलग हैं। वहाँ पर तो स्वर्गदूत हैं, यहाँ पर प्राचीन हैं; और यहाँ पर जीवित प्राणी हैं।112आइये हम इसे एक मिनट के लिए भी न छोड़ें। आइये हम इन “जीवित प्राणियों” को बस एक मिनट वहीं पर ही थामें रखें। यदि वे स्वर्ग दूत नहीं हैं, तो वे क्या हैं; वे छुटकारा पाये हुए लोग तो नहीं हैं, तो फिर वे क्या हैं? वे क्या हैं? क्या आप यह जानना चाहेंगे? ये रहा इस पर मेरा अनुवादः और मैं आशा करता हूँ, कि यह सही है; और मेरा यकीन है कि इसका यही अनुवाद है। वे उस सिंहासन के लिए परमेश्वर के पहरूवे हैं। अब हम इसे थोड़ी देर में मिटाने जा रहे हैं। अब, आप देखते हैं, वे ना तो स्वर्गदूत हैं, और ना ही वे मनुष्य हैं। वे जंगली पशु भी नहीं हैं। वे पशु नहीं हैं, वे तो प्राणी हैं, वे तो जीवित प्राणी हैं।अब देखिए, यहाँ पर तो परमेश्वर का सिंहासन है। और ये उसके पहरूवे हैं। आइये हम इसे थोड़ा सा पीछे से पढ़े और कुछ ही मिनटों में इसे मालूम कर लें। देखिए, वे परमेश्वर के स्वर्गदूत हैं…..या वे परमेश्वर के सिंहासन की चौकसी करनेवाले परमेश्वर के पहरूवे हैं, और वे…. आइये हम निकालें…….आइये हम बस-बस एक मिनट के लिए यहेजकेल की पुस्तक की ओर वापस पीछे चलें। मैंने ….मैंने इन बातों को यहाँ पर लिखा हुआ है, और मुझे उन्हें छोड़कर आगे बढ़ना बहुत बुरा लगता है, और मैं जानता हूँ, कि यह ऐसा है…….आइये हम पीछे यहेजकेल के पहले अध्याय में चलें, और आइये हम बस एक मिनट के लिए 12 वें पद से आरम्भ करके 17वें पद तक पढ़ें। …..और वे सीधे अपने अपने साम्हने ही चलते थे…….113अब हम कुछ ही मिनटों में इस पर नज़र डालने जा रहे हैं……..अब आप यहाँ पर इस सातवें पद को स्मरण रखें, अब आप यहाँ पर प्रकाशितवाक्य के चौथे अध्याय के ठीक इसी सातवें पद में देखें, कि वे यहाँ पर कैसे दिखाई पड़ते थे।पहला प्राणी सिंह के समान है,……और दूसरा प्राणी बछड़े के समान है,….तीसरे प्राणी का मुंह मनुष्य का सा है, …और चौथा प्राणी उड़ते हुए उकाब के समान है…चौथा प्राणी…उड़ते हुए उकाब के समान है।अब, जब यहेजकेल ने परमेश्वर की महिमा देखी, तो उसने बिलकुल ठीक वही बात देखी थी जो यूहन्ना ने देखी थी। क्या आपको स्मरण है, कि हमने गत रविवार को किस प्रकार से परमेश्वर की महिमा का अध्ययन किया था; और उस तस्वीर को जहाँ उसने इसे हमारे साथ लिया था लेकर समझा था? क्या आपको यह स्मरण है? परमेश्वर की महिमा…..यहेजकेल ने ठीक एक सी ही चीज देखी थी, यूहन्ना ने ठीक उसी एक सी ही चीज को देखा था, और ठीक वही चीज आज यहाँ पर है; यह यीशु मसीह को वैसा ही एक सा बनाता है जैसा कि वह यहेजकेल के समय में था; जैसा वह यहाँ पृथ्वी पर एक सा था; और ठीक वही एक सा परमेश्वर ही ठीक यहाँ पर हमारे साथ है। वह कल, आज, और युगानुयुग एक सा है; वह जो था, वह जो है, और वह जो आएगा……वही प्राण, शरीर और आत्मा का प्रवेश मार्ग है; वही पीतल का समुद्र है(वचन है) जो हमारे प्राण का पवित्रीकरण करता है, और हमारे प्राण को पवित्र आत्मा से परिपूर्ण करता है। ठीक एक सा ही है (समझे?)…ठीक एक सी ही बात..114अब इसे देखिए, यह बिलकुल ठीक है!…और जिधर आत्मा… जाना चाहता था, वे उधर जाते थे…और चलते समय मुड़ते नहीं थे।वे मुड़ नहीं सकते थे। यदि वे इस ओर जा रहे थे, तो यह जो मनुष्य सरीखा था जो जा रहा था; इस ओर जानेवाला एक उकाब सरीखा था; इस ओर जानेवाला बैल सरीखा था; और इस ओर जानेवाला सिंह सरीखा था। वे पीछे मुड़ नहीं सकते थे। जहाँ कहीं पर भी वे जाते थे उन्हें आगे की ओर ही बढ़ते चले जाना होता था—-उनमें से हर एक प्राणी को ऐसा ही करना होता था।115अब देखिए,बाइबिल में प्राणी या पशु का क्या अर्थ होता है? सामर्थ! बिलकुल ठीक है; इसका अर्थ सामर्थ होता है…..अब… और जीवधारियों के रूप अंगारों और जलते हुए पलीतों के समान दिखाई देते थे, और वह आग जीवधारियों के बीच इधर उधर चलती फिरती हुई बड़ा प्रकाश देती रही; और उस आग से बिजलीरोशनी…(यह परमेश्वर था। उस आग से उजियाला निकलता था, अब कोई कोस्मिक प्रकाश नहीं, वरन अनन्त प्रकाश निकलता था)…….. निकलती थी।और जीवधारियों का चलना फिरना……..(आइये हम देखें)……..और जीवधारियों का चलना फिरना बिजली का सा था।अब, जब मैं जीवधारियों को देख ही रहा था, तो क्या देखा कि भूमि पर उनके पास चारों मुखों की गिनती के अनुसार, एक एक पहिया था।पहियों का रूप और बनावट फरोज़े की सी थी, और चारों का एक ही रूप था; और उनका रूप और बनावट ऐसी थी जैसे एक पहिये के बीच दूसरा पहिया हो।“भाई ब्रन्हम, यहाँ पर यह उपमा क्या है? यह क्या है?” इसका अर्थ यह है, कि ये सुरक्षाकर्मी….ये सुरक्षाकर्मी जो परमेश्वर की सन्दूक के सुरक्षाकर्मी थे….वे यात्रा पर थे; जब यहेजकेल ने उन्हें देखा, तो मानो पहिये चले जा रहे हों। परन्तु जब यूहन्ना ने उन्हे देखा, तो वे स्वर्ग में पहले ही अपनी अपनी यथास्थिति पर आ चुके थे। जब परमेश्वर का संदूक पृथ्वी पर था, तो वे उसे पहिहयों पर लेकर चले जा रहे थे, जैसाकि वे एक स्थान से दूसरे स्थान पर उसे लेकर चले जा रहे थे; इसका अर्थ यह है, कि वह यात्रा पर था; वे उसे निर्जन प्रदेश से होकर सारे रास्ते लेकर गये और वे उसे मन्दिर तथा इसी प्रकार के और दूसरे स्थानों से होकर सारे रास्ते लेकर गये।परन्तु अब इसे ऊपर उठा लिया गया था; क्योंकि कलीसियायी काल समाप्त हो चुका होता है; और उसे महिमा में ग्रहण कर लिया जाता है। समझे? अब वह स्वर्ग में एक स्थिर अवस्था में है और उसके चारों ओर स्वर्गदूत तथा प्राचीन लोग पाये जाते हैं। इसके बाद हम उन्हें देखते हैं, कि वे अपने अपने मुकुट उतार रहे हैं और अपने मुंह के बल गिर रहे हैं और उसे महिमा दे रहे हैं। समझे? ये मन्दिर के—-संदूक के परमेश्वर के सुरक्षाकर्मी हैं। अब, आप परमेश्वर के संदूक के पहरेदारों को, और अनुग्रह के स्थल को स्मरण रखें।116अब, आप स्मरण रखें। कितनों को…..यूहन्ना ने कितनो को देखा था? चार को—उसने कितनों को….कितनों को देखा था? उसने भी चारों को ही देखा था, उसने भी चार जीवित प्राणियों को देखा था। अब देखिएगा, उन दोनों ने ही एक सा ही दर्शन देखा था।और अंक चार पृथ्वी का अंक है। क्या आप यह जानते थे? अब, इससे पहले कि हम अध्ययन करें, कितने ऐसे हैं जो यह जानते हैं, कि अंक चार पृथ्वी का अंक है? निश्चय ही! जैसे चार इब्री ……..यह एक पृथ्वी…….यह पृथ्वी का; पृथ्वी के छुटकारे का ….छुटकारे का अंक है। अब आप “छुटकारे” को अपने मस्तिष्क में संजोय कर रखें, क्योंकि मैं बस एक मिनट में छुटकारे को बड़ा जोर देकर समझाने जा रहा हूँ।अब, देखिए, वहाँ उस धधकते भट्टे में तीन इब्रानी लड़के थे; परन्तु चौथा वाला आ जाता है; यही छुटकारा था। लाज़र तीन दिन से कब्र में था; परन्तु जब चौथा आया, तो उसका छुटकारा हो गया था। अंक चार परमेश्वर के द्वारा होने वाले छुटकारे का अंक है; अतः ये यही दिखाता है, कि पृथ्वी के सम्बन्ध में इन जीवधारियों के विषय में अवश्य ही कोई न कोई बात है।मैं आशा करता हूँ, कि अब आपकी भूख बहुत अधिक बढ़ गयी है। मैं आशा करता हूँ, कि आपकी आत्मिक भूख आपकी स्वाभविक भूख से थोड़ी सी…….थोड़ी सी अधिक है। समझे ? यह बिलकुल ठीक बात है।117अब, ध्यान दीजिए! उनकी (यहाँ पर और यहेजकेल में ?) आगे और पीछे और अंदर आँखें ही आँखें थीं। आइये हम बस इसे पढ़े। यहाँ देखिएं! समझे? आप यहाँ देखें, मेरा मानना है, कि यहाँ पर प्राणियों के विषय में-उन चार मुखमंड़लों के विषय में दिया हआ है, जिनमें से एक उकाब के समान था और उसके पंख थे; और उसके आगे और पीछे आँखें ही आँखें थीं। यह देखिऐः…..और वे चार प्राणी थे और उनमें से हर एक के छः छः पंख थे..और वे उड़ते थे, तथा वगैरह वगैराह थे, “और आगे पीछे और चारों ओर सब तरफ आँखें ही आँखें थीं।” ये उनकी बुद्धिमानी के विषय में बताती हैं। वे उसे जानते थे जो था, जो है, और जो आएगा; क्योंकि वे सिंहासन के ठीक समीप थे, वे इतने अधिक समीप थे कि वे मनुष्य भी नहीं थे। ये मन्दिर के पहरूवे……या ये मन्दिर के पहरूवे नहीं थे, मन्दिर के पहरूवे तो एक लाख चवालीस हजार हैं। परन्तु ये तो अनुग्रह के स्थल के पहरूवे हैं….सिंहासन के पहरूवे हैं। सिंहासन के आगे परमेश्वर के जो सबसे साम्हने हैं वे जीवित प्राणी ही है; वे परमेश्वर के सम्मुख वहाँ पर खड़े हुए हैं। वे अपनी बुद्धिमत्ता के द्वारा उसको जो था, जो है, और जो होगा, जानते थे। उनके बाहर की ओर आँखे थ“ जो यह दिखा रहा था, कि वे उसे देख सकते थे जो आनेवाला था; ”उनकी अन्दर आँखें थीं, ये यह दिखा रहा था, कि वे उस हर एक बात को जानते हैं जो इस समय है; और उनके पीछे आँखें थीं, ये यही दिखा रहा है कि वे उसे जानते थे जो था। जो था, जो है, जो आएगा; कलीसियायी कालों के द्वारा उसे दर्शा रहा है, वह जो था, जो है, और जो आने वाला है; यीशु मसीह कल, आज, और युगानुयुग एक सा है।118अब आप उन्हें थामे रहें। हम इस बात का कुछ ही मिनटों में श्यामपट के द्वारा अध्ययन करने जा रहे हैं। इसे देखिएगा! अब, बस ज़रा एक मिनट के लिए देखिएगा।यह उनकी बुद्धिमत्ता को दर्शाती हैं, और इस बात को दिखाती हैं, कि वे जानते थे……..जानते हैं….वे सारा भविष्य और वर्तमान और अतीत जानते थे; और वे इसके विषय में सब कुछ जानते थे। और उनके….वे थकते नहीं थे। वे कभी भी थकित नहीं होते थे। वे ऐसे कुछ भी नहीं हैं जिनका सम्बन्ध मनुष्य से साधा जा सके; वह तो थक जाता है। परन्तु वे थकते नहीं थे; वे तो गाते रहते थे, “पवित्र, पवित्र, पवित्र, पवित्र, पवित्र, पवित्र, पवित्र सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर; पवित्र, पवित्र, पवित्र!” वे हर एक काल के दौरान सारे दिन और सारी रात गाते रहते हैं, पवित्र……..119आइये, हम एक मिनट के लिए पीछे चलें। आइये हम पीछे चलें; मेरे दिमाग में एक वचन का लेख है; आइये हम जल्दी से यशायाह 6 देखें। यशायाह ने बिलकुल ठीक यही चीज देखी थी।प्रभु का हर एक दर्शन….यही है वह जो मैं कहता हूँ। यदि आज जो हमें दर्शन मिलते हैं, वे बाइबिल के दर्शनों से बिलकुल ठीक ठीक मेल नहीं खाते हैं, तो वे गलत है। परन्तु यदि वे दर्शाते हैं….या कोई भी वह प्रकाशन जो परमेश्वर को कुछ उससे अलग ही दिखाता है जो वह हमेशा ही था, तो वह प्रकाशन गलत है। मत्ती 17 के अनुसार तो सम्पूर्ण कलीसिया का निर्माण इसी पर ही हुआ है।120आइये हम यशायाह का छठवां अध्याय देखें……यह युवा भविष्यद्वक्ता एक भले राजा के हाथ पर निर्भर हो रहा था; और उसने उसके लिए सब प्रकार के बढिया वस्त्र खरीदे थे। और वह एक भविष्यद्वक्ता था; और वह वहाँ पर अकेला ही था। परन्तु एक दिन राजा मर गया, अतः उसे……उसे कहीं और चला जाना पड़ा था।अतः वह मन्दिर में प्रार्थना करने के लिए पहुँचा; चूंकि वह अपने आप को उस स्थान के बीच से जहाँ राजा का महल था बाहर निकालने लगा था; ताकि पहुँचे ……..वह पुराना भला राजा एक भला पवित्र राजा था। परन्तु वह बाहर निकल कर गया और उसने देखा कि लोग किस प्रकार से जीवन व्यतीत कर रहे थे; अतः वह मन्दिर में पहुँचा। अब सुनिएँः।जिस वर्ष राजा उज्जिय्याह मर गया, मैंने प्रभु को बहुत ऊँचे सिंहासन पर विराजमान देखा; और उसके वस्त्र के घेरे से मन्दिर भर गया (महिमा होवे!)“उसका घेरा” क्या है? ये रहा वह, ये स्वर्गदूत हैं; जीवधारी हैं; और यही उसका घेरा होता है जो उसके पीछे पीछे चलता था। घेरा वह होता है जो पीछे पीछे आता है। समझे? “उसके घेरे से मन्दिर भर गया।”और उससे ऊँचे पर सराप दिखाई दिये; उनके छः छः पंख थे; दो पंखों से वे अपने मुंह को ढापे थे, और दो से अपने पांवों को; और दो से उड़ रहे थेऔर वे एक दूसरे से पुकार कर कह रहे थेः सेनाओं का यहोवा पवित्र, पवित्र, पवित्र है; सारी पृथ्वी उसके तेज से भरपूर है।और पुकारनेवाले के शब्द से डेवढ़ियों की नेव डोल उठीं, और भवन धुंए से भर गया। (ओह, मेरे परमेश्वर!)यह ये दिखाता है, कि उनमें से प्रत्येक व्यक्ति ने जो दर्शन देखा था वह बिलकुल ठीक एक सा ही था। “पवित्र, पवित्र, पवित्र!”वे बिना थके हुए दिन और रात पुकारकर कहते रहते हैं, “पवित्र, पवित्र, पवित्र प्रभु को!”121अब आइये इस बात में सुनिश्चित होने के लिए कि हमने इन व्यक्तियों को बिलकुल ठीक ठीक देखा है, अब हम मात्र एक मिनट के लिए पीछे चलें। सबसे पहली बार इन पहरूवों का वर्णन उत्पत्ति की पुस्तक में किया गया था। अब, स्मरण रखिए, कोई भी वह बात जिसका हम प्रचार करते हैं, वह उत्पत्ति से लेकर प्रकाशितवाक्य तक सिलसिलेवार पायी जानी चाहिए। यदि किसी भी समय आप प्रश्न पूछना चाहते हैं, तो आप आकर मुझ से पूछे। समझे? उसे अवश्य ही सम्पूर्ण बाइबिल में होना चाहिए, वह इसका भाग मात्र नहीं होनी चाहिए; क्योंकि परमेश्वर बदलता नहीं है। जो वह उत्पत्ति में था, वही वह आज है, और वही वह मध्य काल में था। वह तो सर्वदा एक सा ही है। समझे?अब देखिए, उत्पत्ति में जब ये सराप …. इसी रीति से मैं उन्हें मालूम करता हूँ; मुझे वापस पीछे जाकर खोजबीन करनी होती है, कि वे आरम्भ में क्या थे।122अब, आइये हम मात्र एक क्षण के लिए उत्पत्ति 3:24 निकालें-उत्पत्ति का तीसरा अध्याय और 24वां पद निकालें। क्या आपको इससे प्रेम है? ( सभा कहती है, “आमीन”-सम्पा.) बिलकुल ठीक है! अब आइये हम लगभग 22वें पद से ही पढ़ना आरम्भ करें। मुझे….मुझे बस यह अच्छा लगता है। यह कोई ऐसी बात है जिसे मैं यहाँ अंदर रखना चाहता हूँ, यह छोटी सी कोई अतिरिक्त बात तो है, लेकिन शायद यह किसी दिन बहुत भला करे।और फिर यहोवा ने कहा…..मनुष्य……हम में से एक के समान हो गया है…..अब, मेरी प्रिय और अमूल्य और प्यारी बहनों,( आइये मैं इस बात को इस प्रकार से प्रस्तुत करें)-आप यह न सोचें कि मैं स्त्रित्व के अमूल्य और अनुकम्पामय और सत्यनिष्ठ मोती पर आँच डाल रहा हूँ। मैं तो आपको यह दिखाने की चेष्टा कर रहा हूँ, कि एक स्त्री…..मेहरबानी से आप ऐसा न सोचें। और आप जो इसे टेप पर सुनती हैं, आप जो महिलाएं इसे टेप पर सुन रही हैं, मैं आपको डराने-धमकाने की कोशिश नहीं कर रहा हूँ; मैं तो उजियाला लाने के लिए ही परमेश्वर का एक दास हूँ।पृथ्वी पर जो सबसे अधिक तुच्छ और अनैतिक और सबसे भ्रष्ट-गंदी चीज जो है वह एक स्त्री ही है जब वह बुरी होती है। और एक पुरुष के लिए उसके छुटकारे के अतिरिक्त जो सबसे मूल्यवान मोती है, वह एक भली स्त्री ही होती है। मैं उस तुच्छ, अनैतिक, गिरी हुई……से बोल रहा हूँ…..और जबकि हम इस पर हैं, तो मैं आपको ठीक यहीं पर इसे दिखाने जा रहा हूँ, ताकि आपको यह भली प्रकार से दिखा सकें, कि क्यों मैं……बाइबिल स्त्रियों के लिए यह शिक्षा देती है, कि वह ना तो प्रचारक, ना याजक, ना शिक्षक या ना ही कुछ और कलीसिया में हो। अब आप इस पर कान लगायें।123और फिर यहोवा ने कहा….देखो, मनुष्य.( M-a-n अर्थात् पुरूष)…हम में से एक के समान हो गया है…..( अब देखिए, उसने यह कदापि नहीं कहा था, कि स्त्री हम में से एक के समान हो गयी, वरन कहा था, मनुष्य हम में से एक के समान हो गया)……और भला बुरा जानता है….(स्त्री नहीं जानती थी, वह तो बहकायी गयी थी। क्या आप इसे समझते हैं?)…….अब, पौलुस ने कहा था, “मैं कहता हूँ, कि स्त्री ने उपदेश करे, और न पुरूष पर आज्ञा चलाये; पर…..क्योंकि आदम पहिले उसके बाद स्त्री बनायी गई। और आदम बहकाया न गया, पर स्त्री बहकायी गयी।” अतः वह परमेश्वर के समान नहीं बनायी गयी थी। वह कोई अंतर नहीं जानती थी; वह बहकायी गयी थी। क्या आप इसे समझ गये हैं? यदि आप इसे समझ गये हैं, तो आप “आमीन” कहें जिससे मैं….(सभा कहती है, “आमीन-सम्पा.)….फिर यहोवा… ने कहा, देखो, मनुष्य भले और बुरे का ज्ञान पाकर….हम में से एक के समान हो गया है; इसलिये अब ऐसा न हो, कि वह हाथ बढ़ाकर जीवन के वृक्ष का फल भी तोड़ के खा ले और सदा जीवित रहे।इसलिए यहोवा ने ……उसको अदन की वाटिका में से बाहर निकाल दिया कि वह उस भूमि पर खेती करे जिसमें से वह बनाया गया था।इसलिए आदम उसमें से निकाल दिया गया और जीवन के वृक्ष के मार्ग का पहरा देने के लिए अदन की वाटिका के पूर्व की ओर करूबों को और चारों ओर घूमनेवाली ज्वालामय तलवार को भी नियुक्त कर दिया।( देखा, चार जानदारों को? वहाँ केवल चार राहे ही हैं जिनसे आप जा सकते हैं। समझे? पूरब, उत्तर, पश्चिम और दक्षिण! वाटिका के द्वार पर करूबे ज्वालामय तलवार लिये हुए तैनात थे)…ताकि जीवन के वृक्ष की चौकसी करें /(क्योंकि अगर कोई जीवन के वृक्ष में से खा लेता, तो वह युगानुयुग जीवित रह सकता था).124और इन करूबों का जो सबसे पहली बार वर्णन किया गया था, वह तब किया गया था जब उन्हें अदन की वाटिका के पूर्वी फाटक पर तैनात कर दिया गया था; और वे उसके चारों ओर चौकसी करते रहते थे। मैं इसे उससे थोड़ा सा अलग चित्रित कर बैठा हूँ; मैं परमेश्वर के प्रबन्धों तथा बातों को बिलकुल ठीक ठीक वैसा ही चित्रित नहीं कर सकता हूँ, परन्तु मैं…..मैं तो बस…..जिससे कि [आप समझ जायें कि मेरा क्या तात्पर्य हैं।]वहाँ पर एक अदन की वाटिका थी। और ठीक यहाँ पर यह फाटक है, वह यहाँ पर खुलता है, वह बाहर को खुलता है…… और यह वह फाटक है जहाँ करूबे—करूबे थे। और स्मरण रखिऐ; यह ये नहीं कहता है, कि यह “एक करूबा” था; यह तो “करूबे” ही कहता है। करूबों को वहाँ पर किस की चौकसी करने के लिए तैनात कर दिया गया था? जीवन के वृक्ष की! यही है वह जिसकी उन्हें चौकसी करनी थी-उन्हें जीवन के वृक्ष के मार्ग की चौकसी करनी थी। मार्ग-वह मार्ग कौन है? यीशु! वह कहाँ से प्रतिबिम्बित होता है? यहाँ पवित्र स्थान से; और यहाँ पर करूबे होते हैं।अब देखिए, आप इस सब को उतार लें। यहाँ पर यह पवित्र अति पवित्र स्थान है, यह पवित्रों का पवित्र है और यह पवित्रों का पवित्र पवित्र अति पवित्र है; और यहाँ पर समुद्र है और यहाँ पर उजियाला है; यहाँ पर चिरागदान है, ये सात चिरागदान हैं जो उजियाला देते हैं…..और वे यहाँ पर, यहाँ पर, यहाँ पर, यहाँ पर यहाँ पर, यहाँ पर, यहाँ पर उजियाला फैलाते हैं। समझे? वे क्या फैलाते (प्रतिबिम्बित करते) हैं? वे चौकसी कर रहे होते हैं, और परमेश्वर की आग के द्वारा जीवन के वृक्ष के मार्ग पर उजियाला डाल रहे होते हैं। देखिऐगा, वह यहाँ से प्रेसबीटेरियन सैमनेरी से या पिन्तेकोस्तल सैमनेरी से नहीं आ सकता है, उसे तो यहाँ से आना होता है और उजियाले को फैलाना होता है। यह बिलकुल ठीक बात है।125आप ध्यान दें; ये…ये करूबे जो यूहन्ना ने यहाँ पर देखे थे, उनकी रूचि अवश्य ही जीवन के वृक्ष की चौकसी करने में होनी चाहिए; अतः उनकी रूचि अवश्य ही मनुष्यों में होनी चाहिए। या आप उत्पत्ति की पुस्तक पढ़ें, हम फिर से उत्पत्ति पर ही लौट रहे हैं। उन्होंने जीवन के वृक्ष को संजो कर रखा; उन्होंने उसकी अर्थात् जीवन के पथ की, जीवन के मार्ग की चौकसी की।कैसे वह मार्ग है? यीशु ने कहा था, “मैं ही जीवन हूँ। मैं ही वह रोटी हूँ जो परमेश्वर के पास से स्वर्ग से उतरी है। यदि कोई इस रोटी में से खाएगा, तो वह युगानुयुग जीवित रहेगा।” अब, यही एक मार्ग है जो उस जीवन के वृक्ष की ओर जाता है। क्या आप इस बात को समझ गये हैं?अब आप इस पर दृष्टि लगायें, अब मैं आपको इसे दिखाना चाहता हूँ, और इसे सुनिश्चित करना चाहता हूँ; कि यह एक वेदी है। अब, अवश्य ही अदन की वाटिका में एक वेदी रही होनी चाहिए। मैं आपको बताता हूँ, कि ऐसा क्यों है? क्या आप को स्मरण है, कि कैन और हाबिल दोनों ही यहाँ पर आराधना उपासना करने के लिए आते हैं? अतः ये यही दिखाता है, कि परमेश्वर की वेदी हटायी गयी थी और उसे यहाँ पर अदन की वाटिका में लगाया गया था; और अदन की ओर वापस लौटने का एक मात्र तरीका वह वेदी ही थी। आप यहाँ पर ठीक वैसी ही स्थिति में हैं…(समझे?)….आप अदन की ओर वेदी के ही माध्यम से होकर आते हैं। और उन्हें वहाँ पर उस मार्ग की चौकसी करने के लिए तैनात किया गया था, कि वे..(कोई भी मनुष्य)… वहाँ पर तब तक वापस न पहुँच सके जब तक कि यह वेदी लोहू से ढ़क नहीं गई थी।ओह मेरे परमेश्वर! क्या लोग इसे नहीं देख सकते हैं? देखिए, कुछ और नहीं, वरन लोहू ही वहाँ पर होना चाहिए था। वहाँ पर एक प्रायश्चित बलि होनी होती है, अनुग्रह का एक स्थल होना होता है; इस न्याय की वेदी को अनुग्रह का स्थल बन जाना होता है; और जब इस वेदी से लोहू उठा लिया जाता है, तो उस न्याय के दिन परमेश्वर के जलजलाहट की आग उस वृक्ष की चौकसी करने के लिए फिर से तैनात होगी। वह एक मात्र चीज जो इस फाटक से होकर अदन में प्रवेश करेगी वह यीशु मसीह के लोहू के जरिये ही प्रवेश करेगी। क्या आप इसे समझ गये हैं?126अब ध्यान दीजिए! जी हाँ, अब, कैसे कैन…ओह, यहाँ पर कैन है, और यहाँ पर हाबिल है …….यहाँ पर हाबिल है। यह बिलकुल ठीक है। अब, ये दोनों लड़के इस फाटक पर आराधना-उपासना करने के लिए आते हैं। क्या यह सही है? क्या यह सही है? अतः यह अवश्य ही परमेश्वर की वेदी रही होनी चाहिए। क्या यह सही बात है? और इस वेदी के सामने उन्होंने वैकल्पिक वेदी, एक और वेदी बनायी थी। यहाँ पर परमेश्वर की सच्ची वेदी हैजो कि मनुष्य के हृदय में होती है। इसके बाद यहाँ नीचे एक और वेदी थी जो पवित्र अति पवित्र स्थान को और पवित्र स्थान को दर्शाती थी।ओह! ओह! मुझे अन्यान्य भाषाओं में बोलने के जैसा अनुभव होता है! ओह मेरे, परमेश्वर …..की महिमा होवे……क्या आप नहीं देखते हैं, कि यह सिद्ध है? ज़रा ध्यान दें! वह कारण जो मैंने ऐसा कहा है यह है: क्योंकि मैं अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए अपने अंग्रेजीकोष में से शब्दों को नहीं ढूंढ सकता हूँ। देखिए, किसी बात को व्यक्त तो करना ही है।127जैसे भाई रोव ने जो कि हमारे राष्ट्रपति के लिए राजदूत…….या विभिन्न चार या पाँच राष्ट्रपतियों के लिए राजदूत हैं, कहा था, “ओह, भाई ब्रन्हम, एक रात्रि मैं सभा के लिए आ रहा था।” उन्होंने कहा, ”मैं नहीं जानता था, कि क्या करना है। मैं वहाँ बाहर खड़ा था।“ और उन्होंने कहा, ”ओह, मैंने अपने सारे जीवन भर प्रभु से प्रेम किया है। उन्होंने कहा था…(मैं सोचता हूँ)……मैं एक एपीस्कोपलियन रहा हूँ। और मैं सोचता था,
कि मैं प्रभु को जानता हूँ। उन्होंने कहा, “और एक रात्रि मैंने चारों ओर दृष्टि डाली। मैं नहीं जानता था कि क्या करूं। मैं बेवजाह अन्दर जाता”;“परन्तु,” उन्होंने कहा, “मैंने वचन का बोला जाना सुना। ओह, यह आने लगा! उन्होंने कहा, ”मैं टैन्ट के बाहर निकलकर आगे पीछे चलने लगा, और मैं प्रत्यक्ष रूप से द्वार पर पहुँचने की प्रतीक्षा न कर सका; और जब ऑल्टर कॉल की गयी, तो मैं उसके नीचे से रेंगता हुआ पहुँचा और दौड़कर वेदी पर चला गया, और गिरकर बोला, ‘प्रभु, मैं एक पापी हूँ।“ और उन्होंने कहा, इसके बाद उसने मुझे अपने पवित्र आत्मा से भर दिया।”उन्होंने कहा, “मैं आठ विभिन्न भाषाएँ बोल सकता हूँ।” क्योंकि वे एक राजदूत हैं। समझे? वे हैं एक……वे राष्ट्रपति के लिए एक राजदूत रहे हैं; और वे वुडरो विलसन से लेकर आगे तक के सभी राष्ट्रपति के हमेशा ही राजदूत रहे हैं। वे हमारे राष्ट्रपतियों में से हर एक के राजदूत….विदेशी राजदूत रहे हैं, और वे कोई सी भी विदेशी भाषा बोल सकते हैं।उन्होंने कहा, “मैं व्यवहारिक रूप से संसार की उन हर एक भाषा को जानता हूँ जो संसार में लिखित रूप में पायी जाती हैं। परन्तु बोले, तब मैं महिमा से इतना अधिक भरा हुआ था, कि मैं उस का गुणोवाद करने के लिए उनमें से किसी का भी उपयोग नहीं कर सका था; अतः परमेश्वर ने मुझे स्वर्ग से एक ऐसी बिलकुल नई भाषा दी जिससे मैं उसका गुणोवाद करता। ओह, ओह, आप ऐसी ही स्थिति में हैं।128इस फाटक की चौकसी कर रहे हैं…….कैन और हाबिल यहाँ पर आराधनाउपासना करने के लिए आते हैं। अतः यह अवश्य ही एक वेदी होनी चाहिए जिसकी वे….अर्थात् करूबे चौकसी करते हैं। क्या यह सही बात है?एक और बात देखिए, यहाँ पर एक और प्रमाण है जिस पर आप ध्यान डालें। कैन….अब आप बाइबिल पर दृष्टि करें। मैं चाहूँगा, कि आप इसे निकाल लें, लेकिन आप इस बात के लिए बुरा न मानें; यह आपको उत्पत्ति की पुस्तक में मिल जाता है। यह बिलकुल ठीक बात है, देखिएगाा, कैन बाहर चला गया था। कैन परमेश्वर की….यहोवा की उपस्थिति में से बाहर निकलकर वाटिका के फाटक से बाहर निकल गया था। अतः वह वेदी अवश्य ही परमेश्वर की उपस्थिति में होनी चाहिए, और वह वेदी फाटक पर थी। महिमा होवे! यह बिलकुल ठीक बात है। परमेश्वर का निवास स्थान उसकी वेदी पर होता है। अब देखिए, कैन यहोवा की उपस्थिति में से……उस स्थान से बाहर चला गया था। क्या आप इसे लिख लेना चाहते हैं? यदि आप इसे लिख लेना चाहते हैं, यह उत्पत्ति 4:16 है। अब, अब, आप सब जो इसे समझ गये हैं, क्या आपने इसे लिख लिया है?अब मेरे पास कोई और बात भी है जिसे मैं यहाँ पर मात्र एक मिनट में चित्रित करना चाहता हूँ। मैं आशा करता हूँ, कि आप में से किसी की भी फलियाँ या अन्य कुछ नहीं झुलसता है। अब, ध्यान दीजिए, वे झुलसे तो झुलसे, कैसे भी हो वे तो नष्ट हो जायेंगी, यह बिलकुल ठीक बात है। आइये—आइये हम इसके विषय में विचार करें, यही है..यही एक ऐसी चीज है जो कि वास्तविक है।129मूसा को आकाश में ऊपर उठा लिया गया था; मूसा को पृथ्वी पर से आकाश में ऊपर उठा लिया गया था और उसने परमेश्वर की वेदी देखी थी। क्या यह सही बात है? मैं यहाँ पर अपनी बात को साबित करने का यत्न कर रहा हूँ। आप जानते हैं, कि मैं क्या करने का यत्न कर रहा हूँ; क्या आप नहीं जानते हैं? यह बिलकुल ठीक बात है! वह परमेश्वर की उपस्थिति में ऊपर चला गया था। और जब वह परमेश्वर की उपस्थिति में से नीचे उतर कर आया, तो उसने कहा, ….परमेश्वर ने मूसा को बताया था, “पृथ्वी पर हर एक चीज उसी नमूने के अनुसार बना जैसाकि स्वर्ग में है।” क्या यह सही है? यह बिलकुल सही है!अब जब इसके बाद उसने ऐसा किया, तो उसने वाचा का एक संदूक बनाया, और उस संदूक की चौकसी करने के लिए उसने दो करूबों को तैनात किया। क्या आप समझे, कि यह क्या है? यह एक मन्दिर था….यह एक वेदी थी, सिंहासन उसकी चौकसी करता है। दो करूबों के लिए उसने कहा था, “उन्हें पीतल से ढाल कर बनाया जाये और उनके पंख इस प्रकार से आपस में एक दूसरे को छू रहे हों; क्योंकि बिलकुल ठीक ऐसा ही उसने आकाश में देखा था।बिलकुल ठीक यही यूहन्ना ने स्वर्ग में देखा था- ये चार करूबे स्वर्ग में सिंहासन की वेदी के चारों ओर थे। वे उस संदूक के सुरक्षाकर्मी थे। करूबे अनुग्रह के स्थल की चौकसी करते हैं।यदि आप उक्त वचन का लेख पढ़ना चाहते हैं, (हमारे पास उसकी ओर चलने का समय नहीं है)… तो यह निर्गमन 25:10 से 22 तक है।अब, वे अनुग्रह के स्थल की-प्रायश्चित के ढ़क्कन की चौकसी करते थे, जबकि परमेश्वर अपनी शेकीना ग्लोरी Shekinah Glory में-अति पवित्र तेज में होता था। वह अति पवित्र तेज कहाँ होता था? अनुग्रह के स्थल पर-प्रायश्चित के ढ़क्कन पर! क्या यह सही है? वे उस अति पवित्र तेज की चौकसी करते थे। हूँ! वाह! मित्रों, सुनिऐ! इसके बाद ये यही दिखाता है, कि कोई भी दुर्जन कभी भी वहाँ नहीं आ सकता है, और उसमें से प्राप्ति नहीं कर सकता है। इससे पहले कि आप उसकी उपस्थिति में अन्दर आयें, आपको तैयार होना होता है।130उदाहरण के लिए आप हारून को देखें, इससे पहले कि…….अब, स्मरण रखिए, कि उन दिनों में किसी भी प्रकार से मंड़ली उसके अंदर नहीं पहुँच सकती थी। परन्तु जब हारून अंदर जाता था…….वह कितनी बार उसके अंदर जाया करता था? वर्ष में एक बार! उसको किस प्रकार से…..उसे उन निश्चित वस्त्रों को पहनना होता था जो निश्चित हाथों से बने हुए होते थे, ये विशेष किस्म के कपड़े होते थे। उसे उस प्रकार से वस्त्र पहनने होते थे। उसके वस्त्र में एक अनार और एक घंटी लगी हुई होती थी, कि जब भी वह चले, तो वे बजाये, “पवित्र पवित्र, पवित्र यहोवा!” वह लोहू लिये हुए अनुग्रह के स्थल की ओर बढ़ रहा होता था।और उस पर एक विशेष किस्म के तेल का अभिषेक होना होता था; उसे विशष किस्म के इत्र से जो शेरोन के गुलाब से बना हुआ होता था सुगंन्ध से भरा हुआ होना होता था। और यीशु ही वह शेरोन का गुलाब था। और ध्यान दीजिए, गुलाब एक सुंदर चीज होती है, उसके अंदर सुगंन्धित द्रव पाया जाता है। परन्तु इससे पहले कि वह सुगन्धित द्रव बाहर निकलकर आये, गुलाब को कुचला जाना होता है, और उसके बाद सुगन्धित द्रव को उस गुलाब से निचोड़कर बाहर निकाला जाता है।यीशु को देखिए, अपने जीवन में उसने वह सबसे सुन्दर जीवन जिया था जो कभी जिया गया था; परन्तु वह उस प्रकार से विद्यमान नहीं रह सकता था, क्योंकि उसे तो अपनी कलीसिया को अभिषिक्त करना था, ताकि वह उसकी पवित्रता तक पहुँच सके; अतः उसका जीवन निचोड़ कर उसमें से बाहर निकाल दिया गया था। और ठीक वही आत्मा जो उस पर था कलीसिया के ऊपर उड़ेल दिया गया; और यही उसे ऐसा बनाता है, कि वह कल, आज, और युगानुयुग एक सा है – वह शेरोन का गुलाब है जिससे सुगन्धित द्रव बाहर निकाला गया।वह व्यक्ति जो इस पवित्र अति पवित्र स्थान के अंदर आगे बढ़ रहा है उसके ऊपर ठीक वही पवित्र आत्मा होना होता है। और जबकि वह चलता है, तो यह शब्द होता जाता है, “पवित्र, पवित्र, पवित्र….को….( वह अपने मुँह में सिगार लेकर यह नहीं कहता जाता है)….पवित्र”..(वह अपनी पादरी वाली पदवी लिए हुए यह नहीं कहता जाता है), वरन वह तो यीशु मसीह की पवित्रताई को पहनकर यह कहता चला जाता है, “पवित्र, पवित्र, पवित्र” ! ओह, तू कितना अद्भुत है!131अब, अनुग्रह का स्थल, देखिए! अब अनुग्रह का स्थल-प्रायश्चित का ढ़क्कन ह्रदय में लगा हुआ है; यही वह स्थान है जहाँ पर उसके सारे बच्चों में उसकी….उसकी महिमा का-उसके तेज का उजियाला फैल रहा है, और वह अति पवित्र तेज मानव ह्रदय के अंदर है। यहाँ मानव हृदय होता है। क्या यह ठीक है? क्या यह अनुग्रह का स्थल है? आप इसके अंदर किसके माध्यम से आते हैं; क्या आप इसके अंदर विभिन्न प्रबन्धों के माध्यम से आते हैं? स्वेच्छा से; स्वयं अपनी इच्छा से आप इसके अंदर आते हैं, और आप किस से होकर बाहर निकल कर आते हैं? शकीना ग्लोरी से.क्या है यह शकीना ग्लोरी? पवित्र अति पवित्र तेज़ से! पवित्र अति पवित्र तेज़ क्या है? यह परमेश्वर की उपस्थिति ही होती है जिससे आप बाहर निकलकर आते हैं। और जब एक स्त्री या पुरूष चल रहा होता है, तो वह अति पवित्र तेज को ही प्रतिबिम्बित कर रहा होता है। वह उन खो में नहीं जाता है जहाँ जुआ चल रहा होता है…….और – -और वह इसी प्रकार के कार्य-कलापों को नहीं कर रहा होता है; और वह यहाँ बाहर निकलकर वचन का इन्कार नहीं कर रहा होता है। उसे इससे कोई मतलब नहीं होता है, कि लोग क्या कहते हैं, उसका ह्रदय तो एक ही चीज पर—परमेश्वर पर ही टिका हुआ होता है। और अगर वह सचमुच में परमेश्वर का कहलाता है, तो यीशु मसीह स्वयं अपने को उसके द्वारा अति पवित्र तेज सहित प्रतिबिम्बित कर रहा होता है, और वह ठीक उन्हीं कामों को कर रहा होता है जो उसने वहाँ पर पिछले समय में किये थे —वह ठीक उसी सुसमाचार का प्रकटीकरण कर रहा होता है, और वह ठीक उसी वचन का प्रचार कर रहा होता है। और वचन ठीक उसी माप में प्रकट हो रहा होता है जिस माप में वह तब था; सच में, ठीक जिस माप में वह पिन्तेकुस्त पर था; ठीक उसी माप में वह फिर से वापस पाया जाता है। ओह, मेरे परमेश्वर!132अनुग्रह का स्थल……यहेजकेल और यूहन्ना दोनों ने ही ठीक एक सी ही बातों को देखा था। अब, ध्यान दीजिए! अब, बस हम थोड़ी देर में लगभग समाप्ति पर आने वाले हैं। अब, यह है वह जहाँ मैं आप से चाहता हूँ, कि आप कोई बात समझ लें। ओह, मेहरबानी करके आप इससे ना चूकें। अब, कितने लोग इस बात को जानते हैं, कि वे करूबे पशु नहीं थे, वे तो जीवित जीवधारी थे? वे एक— एक उच्च श्रेणी के थे।अब देखिए, क्या एक स्वर्गदूत मनुष्य से एक ऊँची श्रेणी का या मनुष्य से एक निचली श्रेणी का होता है? बिलकुल ठीक है, श्रीमान! कौन बड़ा है, परमेश्वर का पुत्र या स्वर्गदूत? परमेश्वर का पुत्र! वह किसकी बात को ज्यादा महत्ता देकर सुनेगा, क्या स्वर्गदूत की बात को जो उसके सामने खड़ा हुआ किसी बात के लिए अनुनय कर रहा हो; या अपने सारे पुत्रों में से किसी उस पुत्र की बात को सुनेगा। जो कि उससे अनुनय कर रहा हो? आप सब में से किसी एक की! समझे? क्योंकि आप तो पुत्र और पुत्रियाँ हैं। वे तो दास- सेवक हैं। समझे? वे तो दास-सेवक हैं, और आप तो पुत्र और पुत्रियाँ हों; अतः आप देखिएगा, कि आपके पास क्या अधिकार है, आप तो बस उसका उपयोग करने से डरते हैं।133अब, मैं चाहता हूँ, कि आप इस पर ध्यान दें; यह सुन्दर है। ओह, मेरे परमेश्वर! मैं इस पर आ जाऊँ, और इस में से कुछ को छोड़ दें, जिससे के मैं इस पर आ जाऊँ। आप अपनी पेंन्सिलें बाहर निकाल लें; यह वह है जिसे मैं सचमुच में चाहता हूँ, कि आप इसे चित्रित कर लें। ( भाई ब्रन्हम श्यामपट पर तस्वीर बनाते हैं-सम्पा.) शायद मेरे लिए यही उचित है कि मैं इसे थोड़ा छोटा करके बनाऊँ।अब देखिए, जब इस्राएल अपनी यात्रा पर था, तो उन्होंने तम्बू में डेरा डाला था…….अब, आप इस पर ध्यानपूर्वक दृष्टि करें। उन्होंने ने तम्बू में डेरा किया थाः उन्होंने एक, दो, तीन, चार तम्बू लगाये थे। (नहीं, मैंने इसे गलत बना दिया है) एक, दो, तीन,; एक दो, तीन; एक, दो, तीन…उन्होंने इस प्रकार से अनुग्रह के स्थल-प्रायश्चित के ढ़क्कन के चारों ओर तम्बू लगाकर डेरा किया था। अब, और आप सब यह जानते हैं, आपने इस पर दृष्टि की है…….आपने इसे पुराने नियम में पढ़ा है।134अब देखिएँ, पूर्व की ओर, पूर्वी ओर-ठीक यहाँ पर …….मैं इसे चित्रित कर देंगा ताकि आप इसे समझने में सुनिश्चित हो जायें। पूरब को देखिएं, पूर्वी ओर हमेशा ही यहूदा रहता था। यह फाटक है, यह य-हू-दा……यहूदा है। और यहूदा उन तीन गोत्रों का प्रधान था जो अपने अपने ध्वज लिये हुए थे, तीनों गोत्र अपने अपने ध्वज लिये हुए थे; यहूदा अपना ध्वज लिये हए था।आपको स्मरण है.. कितनों ने “टैन कमांडमेन्टस्”—सिसिल डीमिली की ”टैन कमांडमेन्टस“ फीचर फिल्म देखी है? बिलकुल ठीक है! देखिए, आप इसे यहाँ पर पवित्रशास्त्र में पढ़ते हैं; बल्कि आप इसे वहाँ पर पवित्र शास्त्र में पढ़ते हैं, कि वहाँ पर यहूदा पूर्व की ओर था। यह बिलकुल ठीक बात है।यहाँ नीचे पश्चिम की ओर……(अब, यदि आप इसे लिख लेना चाहते हैं, आप यदि इसे लिखना चाहें, तो आप इसे निर्गमन तथा और दूसरी जगहों में पढ़ सकते हैं, जबकि वे बाहर निकलकर आते हैं)…एप्रैम था। और उसके पास तीन गोत्र अपना अपना ध्वज लिये हुए थे। यह बिलकुल ठीक है, कि एप्रेम….. अब देखिए, और दक्षिण की ओर रूबेन…….रू-बे-न था, रूबेन के साथ तीन गोत्र थे जो अपना अपना ध्वज लिये हुए थे। और उत्तर की ओर दान थाः दान के साथ तीन गोत्र थे; और वे तीनों गोत्र अपना अपना ध्वज लिये हुए थे। यह बिलकुल ठीक बात है।135अब देखिए, उसी प्रकार से ही उन्होंने अपने डेरे डाले हुए थे। अब आइये हम ठीक इस समय वचन का लेख पढ़ें जिससे हम इसे बिलकुल ठीक ठीक समझ जायें। मैं इसे पीछे से सातवें पद से ही पढ़ना आरम्भ करूंगा।और….पहला प्राणी सिंह के समान हैं,….और दूसरा प्राणी……बछड़े के (या एक जवान बैल के) समान है, तीसरा प्राणी का मुंह मनुष्य का सा है,….और चौथा उकाब के समान है।और चारों प्राणियों के छः छः पंख हैं, और चारों ओर, और भीतर आँखें ही आँखें हैं; और वे रात दिन बिना विश्राम किये यह कहते रहते हैं, कि पवित्र, पवित्र, पवित्र प्रभु परमेश्वर, सर्वशक्तिमान, जो था, और जो है, और जो आनेवाला है।और जब वे प्राणी उसको जो सिंहासन पर बैठा है, और जो युगानुयुग जीवता है, महिमा और आदर और धन्यवाद करेंगे।तब चौबीसों प्राचीन सिंहासन पर बैठने वाले के साम्हने गिर पड़ेंगे, और उसे जो युगानुयुग जीवता है प्रणाम करेंगे; और अपने अपने मुकुट उस के साम्हने यह कहते हुए डाल देंगेकि हे हमारे प्रभु, और परमेश्वर, तू ही महिमा, और आदर, और सामर्थ के योग्य है; क्योंकि तू ने ही सब वस्तुएँ सृजी और वे तेरी ही इच्छा से थीं, और सृजी गई।136अब, अब आप दृष्टि डालें। पूर्व की ओर……..पूर्व की ओर उसने किस प्रकार का मुंह देखा था? क्या आप ने ध्यान दिया,यह सिंह था; यह सिं-ह (L-1-O-N) था, और यही उसका ध्वज था। यही यहूदा का मुख्य ध्वज था। क्योंकि वह है…… यीशु उसी से ही आता है….यह सच है। और वही यहूदा के गोत्र का सिंह है।अब, आप में से कितनों ने राशि-चक देखा है? कितने लोग जानते हैं, कि यह क्या होता हैः सितारे! समझे? यही परमेश्वर की प्रथम बाइबिल थी। अब देखिए, इसका आरम्भ किससे होता है; राशि चक्र में पहला अंक; पहली आकृति क्या है? यह कन्या (कुंवारी) है। क्या यह सही है? और अन्तिम वाला क्या है? लियो अर्थात् सिंह है। यही यीशु का पहला और दूसरा आगमन है। इन सब से आगे बढ़ने पर उन्हें क्रॉस कैन्सर मिलता है…….यह यहाँ पर क्रॉस वाला काल है जहाँ यह क्रॉस अर्थात् आड़ी तिरछी मिछलियाँ हैं; जो कि कैन्सर वाला काल है; और यही वह काल है जिससे होकर हम जीवन व्यतीत कर रहे हैं।137और उस पिरामिड़ पर ध्यान दीजिए, जब उसने इसे हनोक के समय में बनाया था; उसका हरएक पत्थर उसमें था। वे उन बातों को बिलकुल ठीक ठीक नापतौल सकते थे तथा युद्धों और ऐसी ही और दूसरी बातों के विषय में बता सकते थे। उसमें हर एक चीज पूरी थी, पर उसमें चोटी का पत्थर नहीं है। क्यों? क्या आपने एक डॉलर के नोट पर दृष्टि डालकर ध्यान से देखा है? आप उसे बाहर निकाल लें, और उस पर निगाह डालें; और उस पर चोटी नहीं है। उस पर चोटी नहीं है। क्यों? क्योंकि उस पर कभी भी चोटी का पत्थर नहीं रखा गया था। मसीह ही वह चोटी का पत्थर था जिसे ठुकरा दिया गया था; उसे अर्थात् चोटी के पत्थर को ठुकरा दिया गया था । वह अति शीघ्र ही वापस आ रहा है।आप उस कलीसिया पर नज़र डालें, जो पूर्व समय में यहाँ पर लूथर के काल में थी; वह निचले सिरे पर चौड़ी है; इसके बाद यह छोटी होती चली जाती है; यह और भी छोटी होती चली जाती है जब तक कि यह आगे को नहीं आती चली जाती है। इसके बाद यह पिन्तेकोस्तल काल को छोड़कर आगे बढ़ती है; तो यह उस स्थिति पर आती है, कि हर एक पत्थर उसके अंदर फिट होता चला जाता है……..यह एक ऐसी कलीसिया बनती चली जाती है जो यीशु को लेकर आती है जो कि कल, आज, और युगानुयुग एक सा है। यह उतनी सिद्ध है जितनी कि यह सिद्ध हो सकती है।अब, देखिए वह यहूदा के गोत्र का सिंह है।138अब, कोई भी वह जिसने कभी बाइबिल पढ़ी है वह जानता है, कि वहाँ पर दान-दान का क्या अंक था……ओह, मेरा अभिप्राय है, कि दान क्या था? उसका ……वह एक उकाब था। यह सच है। वह एक उकाब था। कोई बाइबिल पढ़ रहा है। वह एक उकाब था।अब देखिए, रूबेन एक मनुष्य था। वह पहला जन था; वह झुड़ का सबसे कमजोर जन था। क्या याकूब ने उत्पत्ति ४९ में ऐसा नहीं कहा था? “हे स्बेन, तू मेरा जेठा , मेरा बल है, तू जो जल की नाई उबलनेवाला है; तू मेरी खाट पर चढ़ा और तू ने मेरे बिछौने को अशुद्ध किया है।” और वह अपने पिता की रखैल के संग रहा था। समझे? यह मनुष्य की अनैतिकताएँ हैं। समझे? जानवर की ऐसी अनैतिकताऐं नहीं होती हैं……सिंह….उनमें से कोई भी इस प्रकार का नहीं होता है। परन्तु मनष्य ही ऐसा करता है, वह अपने किसी पास के रहने वाले पुरूष की पत्नी के साथ भाग जाता है, तथा इसी प्रकार के और दूसरे कार्य-कलाप करता है। ऐसे ही बस….ठीक ऐसी ही बात ….हर एक बात पूरी हुई है।अब, यहाँ पर यह……यह दान उकाब था। और यह रूबेन मनुष्य के मुँह के जैसा था। और एप्रैम एक बैल है। अब, क्या आपको वहाँ पर इसकी तस्वीर मिल गयी है? एप्रेम……बाइबिल में ऐसा ही पाया जाता है, कि उन्होंने इस प्रकार से डेरे डाले हुए थे।139अब, यदि आप ध्यान दें, तो आप देखेंगे, कि दान तीन गोत्रों का प्रधान है; यहूदा तीन गोत्रों का प्रधान है; रूबेन तीन गोत्रों का प्रधान है; और एप्रैम तीन गोत्रों का प्रधान था। तीन गुना चार बारह होता है। इस्राएल के बारह गोत्र थे। देखिए उनमें से हर एक अपना अपना ध्वज लिये हुए था; और यहूदा का ध्वज सिंह था; रूबेन का ध्वज मनुष्य था; एप्रेम का ध्वज बैल था; दान का—का ध्वज एक उकाब था।अब वापस पीछे मुड़कर देखिएं कि यहाँ पर यूहन्ना ने क्या कहा था, “और एक का मुँह …..था….” आइये हम इसे यहाँ पर पढ़ें, और यह दखें कि क्या बिलकुल ठीक ऐसा ही स्वर्ग में नहीं था।पहला प्राणी सिंह के समान था…….(यहूदा)….और दूसरा प्राणी बछड़े के (जवान बैल के) समान था…..तीसरे प्राणी का मुंह मनुष्य का सा है, और चौथा प्राणी उड़ते हुए उकाब के समान है।यह बिलकुल ठीक वैसा ही है जैसा कि इस्राएल डेरे डाले हुए, चौकसी कर रहा था—जैसाकि उस संदूक के वे पृथ्वी वाले सुरक्षाकर्मी थे। हाल्लिय्याह! क्या आप इसे नहीं देखते हैं?
140यहाँ देखिएं, अनुग्रह…..अ-नु-ग्र-ह का स्-थ-ल या प्रायश्चित के ढ़क्कन के पास चारों ओर कभी भी कोई भी उन गोत्रों को पार किये बगैर नहीं आ सकता था। उन्हें क्या पार करना होता था? सिंह को पार करना होता था; मनुष्य को पार करना होता था, मनुष्य की बुद्धिमत्ता को पार करना होता है। और उन्हें बैल के कठिन परिश्रम को पार करना होता है; उन्हें उकाब की तेजी-चपलता को पार करना होता है। समझे? आप देखते हैं, कि आकाश में, पृथ्वी पर, बीच में, चारों ओर…….वे पहरी थे। और इसके ऊपर आग का खम्भा होता था। भाई, कोई भी उस अनुग्रह के स्थल को—प्रायश्चित के ढ़क्कन को……तक पहुँचे बगैर स्पर्श नहीं कर सकता था।और एक मात्र चीज जिसके द्वारा वे उसके पास पहुँच सकते थे, वह लोहू था। हारून वर्ष में एक बार लोहू लिये हुए वहाँ अन्दर जाता था। अब, क्या आप इसे समझ गये हैं?अब, देखिए, पुराने नियम में…….उन प्रत्येक तीन तीन गोत्रों के प्रधान अनुग्रह के स्थल की, प्रायश्चित के ढ़क्कन की चौकसी कर रहे थे…….अब, क्या हर एक ने इसे उतार लिया है? अब, भाई, यहाँ पर एकदम बिलकुल नई बात है। इसपर कान लगाइयें, इसके बाद हम आगे चलेंगे। अब, स्मरण रखिए, कि वे पुराने नियम के सुरक्षाकर्मी थे। कितनों ने बाइबिल पढ़ी है, आप जो यह जानते हैं, कि यह सही है? देखिए, वे तो पुराने नियम के प्रहरी हैं।141अब, हम किसी दूसरे काल मे रह रहे हैं। महिमा होवे! ओह, मझे इस काल से प्रेम है। क्या आपको नहीं है?अब, आज परमेश्वर के पास अनुग्रह का स्थल है जिसकी चौकसी होनी है। क्या आप इसका विश्वास करते हैं? वह अनुग्रह का स्थल कहाँ पाया जाता है? मनुष्य के हृदय में! वह कहाँ से-कब से मनुष्य के ह्रदय में आया? पिन्तेकुस्त के दिन जब पवित्र आत्मा (जो कि परमेश्वर ही है) मनुष्य के ह्रदय के अंदर आता है। क्या यह ठीक है? अब, आइये हम इसे लिख लें, और यदि आप चाहते हैं, तो हम इसे चित्रित करने के लिए तैयार हो जायें। मैं इसे पिन्तेकुस्त; पि-न्ते…पिन्तेकुस्त लिख दूंगा…..यह अनुग्रह का स्थल है, यह पवित्र आत्मा है। यहाँ पर इसे बना लें …… आइये मैं आपको बताता हूँ, आइये हम इसे और भी उपयुक्त बना डालें, आइये हम इसे यहाँ पर एक पिन्डुक बना डालें, जिसका अर्थ एक चिड़िया होता है। समझे? यह बिलकुल ठीक है, कि वे अनुग्रह के स्थल की चौकसी कर रहे हैं……अब क्या परमेश्वर के पास आज अनुग्रह के स्थल की चौकसी करने के लिए पहरूवे हैं? अब ऐसा है…..अब देखिए, कि इसे कितनी सुंदरता से चित्रित किया गया है।142किसी दूसरे दिन मैं बैठा हुआ था, और मैंने इसे देखा, तो मैं बस ऊपर उछल पड़ा और “परमेश्वर की महिमा होवे, महिमा होवे, महिमा होवे, महिमा होवे, महिमा होवे’, कहता हुआ कुर्सी के चारों ओर गोल गोल वृत्ताकार चक्कर काटता रहा था। चार्ली, मैंने उस प्रकार का व्यवहार किया जिस प्रकार का मैं कभी कभी जंगल में करता हूँ। बहन नैली, मेरा अनुमान है, कि यदि मैं उस प्रकार से आचार-व्यवहार करूंगा, तो आप मुझे अपने घर से बाहर निकाल देगी? ओह, बस मेरा एक शानदार समय रहा था। अब, देखिए, यह क्या था जो परमेश्वर ने मुझे दिया था।अब देखिए, पिन्तेकुस्त….पिन्तेकुस्त के बाद कौन सी पुस्तक लिखी गयी? पवित्र आत्मा के काम की पुस्तक—प्रेरितों के काम (क-T-म) की पुस्तक ? क्या यह सही है? प्रेरितों के काम का आरम्भ (पवित्र आत्मा के काम का आरम्भ) किस से हुआ—वह पहला कार्य क्या है जिससे उद्धार के कार्य के अन्दर प्रवेश किया जाता है? प्रेरितों के काम २:३८! कौन सा अन्तिम वाला था जो…..क्या यह सही बात है?जब वे पवित्र आत्मा से भर गये, तो वे अन्यान्य भाषाएँ बोलने लगे।और पतरस ऊपर खड़ा हुआ, और उसने उन्हें एक उपदेश प्रचारा। उन्होंने पूछा, “हम क्या कर सकते हैं? हम उसके अन्दर कैसे प्रवेश करने जा रहे हैं?”उसने प्रेरितों के काम २:३८ को बोला, उसने कहा, “मन फिराओ, और तुम में से हर एक यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले।”143अब, स्मरण रखिए, कि परमेश्वर के पास उसकी चौकसी करने के लिए-अनुग्रह के स्थल की चौकसी करने के लिए कुछ पहरूवे हैं। अनुग्रह के स्थल की चौकसी करने के लिए कौन पहरूवे हैं? बिलकुल ठीक है! म-त्ती…पूर्व की ओर मत्ती है; लूका ..लूका है, मरकुस है, और यूहन्ना है। उनके वे चारो सुसमाचार प्रेरितों के काम की पुस्तक के आने के विषय में प्रमाण देते हैं। वे उसकी उस किसी भी तरफ चौकसी करते हैं, जहाँ भी आप इस पर दृष्टि करना चाहते हैं।आइये हम एक को— हम बस एक को ही लें, हमारे पास समय नहीं है। मेरे पास बीस और पेज़ हैं या मैं ने इससे भी अधिक यहाँ पर लिखे हुए हैं, मगर आइये हम उद्धार के लिए इस विषय पर केवल एक को ही लें। क्या हमारे पास प्रार्थना करने के लिए समय होगा? जी नहीं, एक बज चुका है, अतः मेरा अन्दाजा है, कि हम इसे तब तक नहीं कर सकते हैं जब तक कि आप सब यह न चाहे कि हम बीमारों के लिए प्रार्थना करें। अब, मेरे पास है—मेरे पास है; जी हाँ, मेरे पास काफी सारा समय है। समझे? (एक भाई कहता है, “भाई, आप सारे दिन भर ही ठहरे रह सकते हैं.) यह बिलकुल ठीक है।144अब, आप इस पर ध्यान दें। मत्ती, मरकुस, लूका, यूहन्ना, यह क्या है? इन सुसमाचारों का पृथ्वी वाला अंक चार है। यह बिलकुल ठीक बात है, आप ध्यानअब आप मत्ती २८:१९ पर, मत्ती के २८ वें अध्याय पर ध्यान दें। अब, यही है वह जहाँ आप त्रिएकता के माननेवाले भाई बात करते हैं, यह मत्ती २८:१९ ही है। यह बिलकुल ठीक है, मत्ती इस अध्याय के अन्तिम भाग में कहता है, इसलिए तुम सारे जगत में जाओ, और सारी जाति के लोगों को शिक्षा दो, और उन्हें पिता, पुत्र, और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो।“ परन्तु जब यहाँ पर पिन्तेकुस्त आ जाता है, तो पतरस बोलता है, ”मन फिराओ, और यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा लो।“कहीं कुछ गड़बड़ है। “मत्ती, क्या तुम ही पूर्वी फाटक के पहरी हो?”कौन द्वार है- कौन फाटक है? फाटक क्या है? यीशु! यीशु ने कहा था, “सकेत है फाटक।” क्या यह ठीक है? क्या इसका अक्षरविन्यास यही है……इसका अक्षरविन्यस कैसे लिया जाता है, “स-के-त” या “सी-धी”? “सकेत” का अर्थ जल“ होता है, जल फाटक है। आप किस प्रकार से अन्दर आते हैं? ”तुम में से हर एक मन फिरायें, और यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले।“ वह फाटकों के तालों को खोलता है!वाह! “परन्तु ओह, भाई ब्रन्हम, आपने तो वहाँ पर इसके लिए मत्ती २८:१९ का हवाला दिया था?”यह बात बिलकुल ठीक है।“पर मत्ती, क्या तुम इसकी चौकसी करने के लिए फाटक हो?”निश्चय ही, मैं इसकी पूरी पूरी चौकसी करता हूँ।“145अब, आप मत्ती १:१८ निकालें, और देखिए कि यह क्या कहता है, देखिए, क्या यह इसकी चौकसी….चौकसी करता है। देखिए क्या मत्ती १:१८ चौकसी कर रहा है, मत्ती १……..२८ और प्रेरितों के काम २:२८ चौकसी कर रहा है। देखिए, क्या यह इसकी चौकसी कर रहा है। अब देखिएः।अब, यीशु का जन्म इस प्रकार से हुआ…लोग यह कहने की चेष्टा करते है, “यहाँ पर पिता परमेश्वर है, पुत्र परमेश्वर है, पवित्र आत्मा परमेश्वर है।”…….यीशु का जन्म इस प्रकार से हुआ, कि जब ……उस की माता मरियम की मंगनी यूसुफ के साथ हो गयी, तो उनके इकड़े होने से पहले वह पवित्र आत्मा से गर्भवती पाई गई।कौन सा वाला उसका पिता है? इससे तो वे दोनों ही एक हो जाते हैं। और यह सब इसलिए हुआ……देखो…..सो उसके पति यूसुफ ने जो धर्मी था और उसको बदनाम नहीं करना चाहता था, उसे चपुके से त्याग देने की मनसा की। जब वह इन बातों के सोच ही में थातो प्रभु का स्वर्गदूत उसे स्वप्न में दिखाई देकर कहने लगा…(आप जानते हैं)…., हे यूसुफ, दाऊद की संतान, तू अपनी पत्नी मरियम को अपने यहाँ ले आने से मत डर; क्योंकि जो उसके गर्भ में है, वह पवित्र आत्मा की ओर से है। (समझे?)और वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्धार करेगा।यह सब इसलिए हुआ, कि जो वचन प्रभु ने भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा था, पूरा हो,कि देखो, एक कुंवारी गर्भवती होगी…(यशायाह 9:6) और वह पुत्र जनेगी, और उसका नाम रखा जायेगा……..(सभा कहती है, “इम्मानुवल”-सम्पा.)क्या वह चौकसी करता है? “पिता, पुत्र, और पवित्र आत्मा”; ये पिता, पुत्र, पवित्र आत्मा-यह ऐसा है, कि ये उपाधियाँ उसी एक नाम के लिए हैं। अतः वह पहरूवा उसका समर्थन करने के लिए ठीक वहीं पर खड़ा रहता है। क्या आप इसे समझ गये हैं? ओह, मेरे परमेश्वर! अब, कितने लोग इस बात को जानते हैं? ये रही वह बात, वह एक पहरूवा है।146अब, आइये हम बस……मैं मेरे पास उद्धार से सम्बन्धित और दूसरी बहुत सी बातें हैं, आइये मैं इन दूसरी बातों को लें। 343. परन्त अब यदि हम बस एक मिनट प्रार्थना पंक्ति बनवाने जा रहे हैं, तो आइये हम यहाँ पर अगले इस मिनट के लिए किसी और बात पर चरचा करें। आइये अब हम वचन के कुछ लेख लें। मैंने उन्हें कहाँ लिखा है? ये रहे वे! यह बिलकुल ठीक है।अब, आइये हम देखें, कि क्या मत्ती यहाँ पर इसकी दिव्य-चंगाई के लिए चौकसी करेगा? आप अपनी पेन्सिलें और चीजों बाहर निकाल लें, क्या आप इन्हें उतार रहे हैं? बिलकुल ठीक है। आइये देखें, क्या मत्ती इसके टुकड़े करता है— इसे—या विभाजित करता है—या इसकी चौकसी करेगा। आइये हम मत्ती १०:१ लें।आइये हम लें और देखें, कि क्या यूहन्ना……बस एक ,दो हवाले लेते हैं, आइये हम उन में से प्रत्येक के दो, एक या दो हवाले लें, हम यूहन्ना १४:१२ और १५:७ लें। देखें कि क्या वे उस सिंहासन के चारों ओर दिव्य चंगाई की चौकसी कर रहे थे। मरकुस १६, मरकुस ११:२१ और २२ लीजिए। लूका १०:१ से १२ तक और लूका ११:२९ से ३१ तक लीजिए। आइये हम उनमें से कुछ की चरचा करें, देखें कि क्या वे दिव्य चंगाई की ठीक वैसे ही चौकसी कर रहे है ठीक जैसे कि वे यीशु नाम के बपतिस्मे के लिए फाटक की चौकसी करते हैं। हम इस बात को उन में से हर एक के ज़रिये देख सकते हैं। यह सही बात है।147अब, आइये हम वापस पीछे चले, और मत्ती १०:१ को देखें। अब बस हम वापस पीछे चलें जिससे कि हम…..यदि प्रभु ने चाहा, तो इसके बाद हम लगभग पाँच मिनट में, या ज्यादा से ज्यादा दस मिनट हम समापन करने जा रहे हैं। बिलकुल ठीक है, आइये हम मत्ती १० लें, आइये हम देखें कि क्या मत्ती १० प्रेरितों के काम की चौकसी करता है।क्या आप सोचते हैं कि —कि परमेश्वर अपने वचन के चौगिर्द पहरूवे नहीं रखता है? यहाँ पर तो वह बैल, सिंह, मनुष्य और उकाब है। क्या उसने ठीक इस समय उन्हें उन फाटकों पर तैनात करकें नहीं रखा हुआ है? वे सुसमाचार हैं, वे चार सुसमाचार हैं। और आपने ध्यान दिया हैं कि जहाँ कहीं वे जाते थे वे सीधे सीधे ही आगे चलकर जाते थे। वे एक दूसरे से विरोधाभास नहीं रखते हैं, वे एक दूसरे की सहमति में ही रहते हैं। समझे?एक तो मनुष्य की चपलता में आगे बढ़ता है, दूसरा वाला उकाब की तेजी के साथ आगे बढ़ता है, दूसरा वाला एक याजक है…..एक तो प्रचारक है, कि प्रचारक के जैसे उड़े। समझे? एक तो याजक है, दूसरा चपल है, दूसरा तेज-तर्रार है। देखिए, वे हर दिशा में चौकसी कर रहे हैं, परमेश्वर ही पवित्र आत्मा वाले इस सुसमाचार की चौकसी कर रहा है। भाई, आप इसका विश्वास करें। यह बिलकुल ठीक बात है।148आइये हम मत्ती 10:1 लें।फिर उसने अपने बारह चेलों को पास बुलाकर……..अधिकार दिया।वे ऊपर की कोठरी में जमा थे,उसके नाम में दुआ कर रहे थेउन्होंने पवित्र आत्मा का बपतिस्मा पायासेवा करने का बल उन्होंने पाया।जो किया उसने उनके लिएउन दिनों में ठीक वही वह करेगा तुम्हारे लिए।मैं खुश हूँ कि मैं कह सकता हूँ कि मैं उनमें से एक हैं।ओह, अब छोटे बच्चे एक मिनट के लिए खमोश रहें। बस कान लगायें, ध्यान से सुनें।……और उन्हें अशुद्ध आत्माओं पर अधिकार दिया….बहुतेरे ऐसे चरवाहे हैं जो अपनी कलीसिया में अशुद्ध आत्माओं को मौजूद रहने देते हैं; स्त्रियाँ ऐसे कपड़े पहनती हैं, और आचार-व्यवहार करती है …..और उनकी ताश की पार्टियाँ चलती हैं, वे बैंको गेम्स खेलते हैं, नाँचते हैं, उनके सूप भोज होते हैं।…… उन्हें अशुद्ध आत्माओं पर अधिकार दिया, कि उन्हें निकालें और सब प्रकार की बीमारियों और सब प्रकार की दुर्बलताओं को दूर करें।देखिए, क्या वह पहरूवा वहाँ उस फाटक पर तैनात रहता है? सुसमाचार पवित्र आत्मा के कामों की उस पुस्तक की चौकसी करने के लिए जो लिखी गयी थी…… चौकसी करने के लिए तैनात रहता है…149अब, अधिक समय नहीं हुआ है, कि मैं एक बड़े शिक्षक की बात सुनी थी, उसने कहा था…….वह एक महान व्यक्ति….एक बड़ा आदमी, एक भला सज्जन है, वह एक बढ़िया भाई है, मैंने उससे हाथ मिलाया था, उसने कहा था, “परन्तु प्रेरितों के काम तो कलीसिया के लिए मात्र ढांचा ही है।” हूँ। दूसरे शब्दों में तो यह है, कि उसने खुद ही यहाँ पर एक ढ़ांचा अपनाया हुआ है। समझे? जब प्रेरितों के काम की पुस्तक अंदर थी, तो ये सुसमाचार इसे एक साथ समायोजित रखने के लिए और इसकी सुरक्षा करने के लिए एक ढांचे के समान तैनात रहते हैं। देखिए, मनुष्य का दिमाग किस..किस प्रकार से कुछ भी कर सकता है। मैंने सोचा था कि क्या ठीक ऐसी ही बात उस के लिए नहीं थी। समझे?ढांचा…पिन्तेकुस्त सुसमाचार का ढाचा नहीं था। ये तो चारों सुसमाचार है। जो ढाचा है, ताकि पिन्तेकुस्त को सम्भाले रहें। जब यह ढांचा हो गया था, इसके बाद ही पिन्तेकुस्त अस्तित्व में आया। क्या यह सही है ?किसे पहले लिखा गया था प्रेरितों के काम की पुस्तक को, या प्रेरितों द्वारा लिखी पुस्तक को? प्रेरितों द्वारा लिखी पुस्तक को! यीशु काम करता हुआ आगे बढ़ता चला जा रहा था, और आने वाली बातों की भविष्यवाणी करता चला जा रहा था, और मत्ती, मरकुस, लूका, और यूहन्ना ये वे चारों प्रहरी है जो आते हैं, और वे उन सब बातों को लिख रहे थे जो उनके देखते हुए घटित हो रही थीं; वे इसे बिलकुल ठीक वैसे ही बता रहे हैं जैसे यह है, कि यह कैसे होने जा रही है, और क्या घटित होने जा रहा है – वे इस सब को बता रहे हैं। इसके बाद एकाएक वे इसे एक साकार रूप में ढाल देते हैं और ये रहा वह साकार रूप! आमीन!मत्ती, मरकुस, लूका, और यूहन्ना ढांचा है, या वह चौकसी करने वाला काम है जो मुख्य मन्दिर की, सिंहासन की, पिन्तेकुस्त वाली आशीषों की सुरक्षा करता है।150भाइयों, बहनों, यह कोई पिन्तेकोस्तल नामधारी कलीसिया नहीं है; वे तो सम्पूर्ण बात से ही बाहर निकले हुए हैं, वे तो किसी भी दूसरी कलीसियाओं से सबसे अधिक दूर हैं।वे तो उससे भी कहीं अधिक दूर है जितनी कि लूथरन कलीसिया दूर थी; लूथरों ने तो उससे अधिक पालन किया जितना कि उन्होंने किया है— उन्होंने तो इससे अधिक किया था। यह सही बात है। जैने, यह बिलकुल ठीक बात है, क्योंकि…..अब, क्या आपको यीशु मसीह लूथरन कलीसिया से बाहर खड़ा हुआ और उसके अन्दर आने का प्रयास करते हुए नहीं दिखाई देता है; परन्त वह यत्न कर रहा है…….क्योंकि मैं सोचता हूँ, कि सबसे पहली बात तो यह है, कि वह ऐसी जगह अन्दर था ही नहीं…?…वह पिन्तेकोस्तल कलीसिया के अन्दर था; और उसे बाहर निकाल दिया गया था। यह सच है। अब, आप मत्ती 10:1….151अब आइये, हम यहाँ पर यूहन्ना १४:१२ में चलें, और देखें कि क्या…. क्या…. क्या यूहन्ना पिन्तेकुस्त की मूल्यवान बातों का समर्थन और चौकसी करता है। यूहन्ना के १४ वें अध्याय के १२ वें पद में यीशु यह कह रहा है..मैं तुम से सच सच कहता हूँ, कि जो मुझ पर विश्वास रखता है, ये काम जो मैं करता हूँ वह भी करेगा, वरन इन से भी बड़े बड़े काम करेगा, क्योंकि मैं पिता के पास जाता हूँ।ओह, भाई, वहाँ पर वह फाटक था जिसपर उकाब तैनात था; क्योंकि वह प्रचार कार्य सम्बन्धी सेवकाई है, आप जानते हैं, यह उकाब के जैसे ही उड़ान भर रही होती है। वह अपनी चपलता के द्वारा ऊपर भविष्यवाणी के देश में उड़कर जाता है, (समझे आप?)और आनेवाली बातों को पहले से ही देखता है, और उन बातों को बताता है जो थीं, और जो हैं, और जो आने वाली हैं। समझे? वह वहाँ बैठा हुआ इस कही बात की चौकसी करता रहता है, “ये काम जो मैं करता हूँ! वह उकाब उसकी चौकसी करता है। समझे?यहाँ पर यह सिंह है; वह दास-सेवक हैं। यीशु ने उन्हें अधिकार दिया था। और वह इसकी रक्षा करता है; वह प्रेरितों के काम २:३८ की रक्षा करता है। वह अर्थात् वह सिंह उसका ठीक वहाँ पर समर्थन करता है।और यहाँ पर इस उकाब के साथ सुसमाचार की चपलता आती है, जहाँ यह कहा गया है, “ये काम जो मैं करता हूँ, उन्हें तुम भी करोगे; तुम इनसे भी अधिक करोगे”; वह संसार भर में इसे लिये हुए चारों ओर उड़ता है। यह ठीक वैसा ही है जैसे एक पिन्डुक की गर्दन मरोड़ दी जाती थी, और दूसरे वाले को उसके लोहू में डुबा दिया जाता है, लोहू उस पर छिड़क दिया जाता है, और वह पुकार कर यह कहता चला जाता है, “पवित्र, पवित्र, पवित्र, प्रभु!” यह कोढ़ी को शुद्ध करता है। जी हाँ!152अब, मेरे पास इसी पर ही वचन का एक और लेख है, यह यूहन्ना १५:७ है। आइये हम यूहन्ना का १५ वाँ अध्याय और ७ वाँ पद निकाल लें।यदि तुम मुझ में बने रहो, ….(अब)…और मेरी बातें…….(सैमनेरी की बातें नहीं)…..और मेरी बातें तुम में बनी रहें, तो जो चाहो मांगो और वह तुम्हारे लिए हो जायेगा।क्या यह सही है? फिर तो उस सुसमाचार की ठीक वहाँ पर चौकसी होती है। इस पिन्तेकुस्त वाली आशीषों की और उसके सुसमाचार की यूहन्ना और उसके सुसमाचार के द्वारा चौकसी होती है। मत्ती उसके सुसमाचार की चौकसी करता है।153अब, आइये हम अगले वाले सुसमाचार पर अर्थात् मरकुस पर, मरकुस के १६ वें अध्याय पर चलें, और देखें कि क्या मरकुस पिन्तेकुस्त वाली इस आशीष की चौकसी करता है। आइये हम यहाँ पर मरकुस के १६ वें अध्याय से पढ़ना आरम्भ करें……..यहाँ पर यह इसके विषय में बताता है जब उसका पुनरूत्थान हो चुका था। अब आइये हम मरकुस के16वें अध्याय से इसे लें, और हम इसे लगभग १४ वें पद से ही पढ़ना आरम्भ करेंगे।पीछे वह उन ग्यारहों को भी, जब वे भोजन करने बैठे थे दिखाई दिया, और उनके अविश्वास और मन की कठोरता पर उलहाना दिया, क्योंकि जिन्होंने उसके जी उठने के बाद उसे देखा था, इन्होंने उनकी प्रतीति नहीं की थी।उन्होंने उन लोगों का विश्वास नहीं किया था जो उन्हे संदेश बताने का प्रयास कर रहे थे। देखिए, बिलकुल ठीक ऐसा ही यह आज है। वे लोग जिनके पास पवित्र आत्मा की गवाही है; उनके लिए लोग कहते हैं, “बकवास; वे तो पवित्र पाखंड़ियों का एक झुंड़ ही हैं।” और उसने उन्हें उनकी मन की कठोरता के लिए और अविश्वास के लिए उलहाना दिया; कि उन्हें जान लेना चाहिए था कि वह मरे हुओं में से जी उठा है।154और उन से कहा, तुम सारे जगत में जाकर सारी सृष्टि के लोगों को सुसमाचार प्रचार करो।क्या करें? इसका प्रचार करें! केवल यही एक सुसमाचार है; उसके चार पहरूवे हैं। “इस सुसमाचार का प्रचार हर एक प्राणी को करो।” अब, स्मरण रखिएँ, वह उन दोंनों में—उन चारों पहरूवों के जरिये-मत्ती, मरकुस, लूका और यूहन्ना के ज़रिये कह रहा है, “सारे जीवधारियों को सुसमाचार का प्रचार करो।”जो विश्वास करे और बपतिस्मा ले उसी का उद्धार होगा; परन्तु जो विश्वास न करेगा वह दोषी ठहराया जायेगा। (देखिए, आपको तो यहाँ पर इस बपतिस्मे के अन्दर प्रवेश करना होता है।)वह जो विश्वास करे और बपतिस्मा ले उसी का उद्धार होगा;….. परन्तु जो विश्वास न करेगा वह दोषी ठहराया जायेगा। (ओह, भाई, मेहरबानी करके, आप विश्वास करें।)और (यह “और” एक शब्द संयोजक है, जो बाकी वाक्यों को आपस में एक साथ जोड़ता है) जो विश्वास करते हैं—विश्वास करने वालों के ये चिन्ह होंगे…155ठीक है, आइये अब हम देखें, कि मैथोडिस्ट क्या कहते हैं? वे कहते हैं, यदि आप जयजयकार कर सकते है-आप चीख चिल्ला सकते हैं, तो आप एक अच्छा जीवन व्यतीत कर सकते हैं।“ बैपटिस्ट कहते हैं, ”बस विश्वास करो और बपतिस्मा लो।“ ऐपीस्कोपेलियन कहते हैं, ”एक एस्कोपेलियन के जैसे इस प्रकार से खड़े रहो, और सिज़दा किये खड़े रहो जबकि जाप किया जाता है।“ और कैथोलिक कहता है, ”प्रणाम मरिया कहो।“ पिन्तेकोस्तल कहता है, ”हमारी नामधारी कलीसिया में शामिल हो जाओ। पिता, पुत्र, और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा लो।“ आप ऐसी ही स्थिति में है। समझे?और विश्वास करनेवालों में ये चिन्ह होंगे कि वे मेरे नाम से……(इसके विषय में कोई पिता, पुत्र, और पवित्र आत्मा नहीं है)….वे मेरे नाम से दुष्टात्माओं को निकालेंगे। नई नई भाषाएँ बोलेंगे;वे सांपों को उठा लेंगे, …..और यदि वे नाशक वस्तु भी पी जायें तौभी उनकी कोई हानि न होगी; वे बीमारों पर हाथ रखेंगे, और वे चंगे हो जायेंगे। (आमीन! ओह, भाई!)
156अब, आइये हम ११ वें अध्याय की ओर चलें, और उसके बाद हम समापन करने के लिए लगभग तैयार हो जायेंगे। मत्ती ११, और मैंने २० और २१ पद निकाला हुआ है, यहाँ पर यीशु बोल रहा है। अब, ये वे सब बातें हैं जो यीशु ही कह रहा है, यह उनमें से कोई नहीं, वरन यह यीशु ही है जो बोल रहा है, यह हर एक बात वही कह रहा है।और वह उन्हें छोड़कर नगर के बाहर…… बैतनिय्याह को आया, उसे भूख लगीःऔर अंजीर का पेड़ देखकर…….यही है वह जब उसने अंजीर के को स्राप दिया था, यह मत्ती का २१ वाँ अध्याय है। मैंने……निकाल लिया था…. १२. मुझे क्षमा करना। यह मरकुस ११:२१ और २२ है।पतरस को वह बात स्मरण आयी, और उस ने उस से कहा, हे रब्बी, देख, यह अंजीर का पेड़ जिसे तू ने स्राप दिया था सूख गया है।और यीशु ने उस को उत्तर दिया, कि परमेश्वर पर विश्वास रखो। (समझे?वह जो सचमुच में अंदर है, उससे)….मैं तुम से सच सच कहता हूँ, कि..(वह जो सचमुच में अंदर है)..जो कोई इस पहाड़ से कहे; कि तू उखड़ जा और समुद्र में जा लग, और अपने मन में संदेह न करे, वरन प्रतीति करे, कि जो कहता हूँ वह हो जाएगा, तो उसके लिए वह हो जाएगा। उसे वह मिल सकता है…जो वह कहता है।लड़के, दक्षिणी फाटक की चौकसी बैल करता है। उत्तरी फाटक की चौकसी सिंह करता है; उत्तरी फाटक….मेरा अभिप्राय है कि पूर्वी फाटक की चौकसी सिंह करता है। और उत्तरी फाटक की चौकसी उड़ते हुए उकाब के द्वारा, यूहन्ना के द्वारा, प्रचारक के द्वारा की जाती है। इसके बाद वह वैध, लूका, अर्थात् मनुष्य इस ओर है।157अब, आइये हम देखें कि लूका क्या कहता है। आइये हम लूका का पहला अध्याय लें……मैं सोचता हूँ, कि हमें लूका का १० वाँ अध्याय और १ से १२ पद तक लेना है। सचमुच में यह तो कार्य-भार (या आज्ञा) है। आप सब जानते हैं, कि यह क्या है, लेकिन……लूका का १० वाँ अध्याय और १ से १२ पद तक! यह बिलकुल ठीक है, कि हम आगे तक जा सकते हैं और इस सारे के सारे को पढ़ सकते हैं, पर हमारे पास ऐसा करने के लिए समय नहीं होगा। “अपने मार्गों पर जाओ……”.मैं तीसरे पद से पढ़ना आरम्भ करूंगा।अपने मार्गों पर जाओ; देखो, मैं तुम्हें भेड़ की नाई भेड़ियों के बीच में भेजता हूँ।इसलिए तुम न तो बटुवा, न झोली अपने साथ ले जाना….(समझे? किसी नामधारी कलीसिया के नाम में मत जाना; तुम वैसे ही जाना जैसा कि मैं तुम्हें भेजता हूँ। समझे? तुम इस आश्वासन के साथ मत जाना, कि तुम्हें इस जागृति सभा के लिए दस लाख डॉलर मिल जायेंगे; यदि तुम ऐसा नहीं कर सकते हो, तो तुम मत जाना। समझे आप? अपने अभियानों को तय मत करो, और उसने कहा था, “वहीं जाना जहाँ मैं तुम्हें भेजता हूँ।” समझे)……न तो बटुवा, न झोली, न जूते लो; और न मार्ग में किसी को नमस्कार करो।……कहीं किनारे पर रोकर यह न कहना, “मैं आगे जाऊँगा और देखूगा कि वे कैसे हैं……ये कैसे होने जा रहा है, ये कैसे……“ तुम सीधे ही वहाँ जाना जहाँ मैं तुम्हें भेजता हूँ। किसी पर कोई ध्यान न देना….और जिस किसी घर में जाओ, पहिले कहो……….कि इस घर पर कल्याण हो।…..यदि वहाँ पर कोई कल्याण के योग्य(शान्ति या मेल का पुत्र..Son of peace) होगा, तो तुम्हारा कल्याण उस पर ठहरेगा, नहीं तो तुम्हारे पास लौट आएगा।और उसी घर में रहो, ….(बल्कि)……रहो, और जो कुछ उन से खाने और पीने को मिले, वहीं खाओ,……(अब, ओह मेरे खुदा, कहा जाता है, इन सारी भोजन साम्रगी को नहीं खाता हूँ, यह मांस नहीं खाता हूँ“, तथा इसी प्रकार की और दूसरी बातें की जाती हैं। समझे? )..क्योंकि मज़दूर को अपनी मज़दूरी मिलनी चाहिएः घर घर न फिरना।……..( ऐसा न करना कि आज तो जोन्स के संग रात्रि भोज खाने के लिए जाओ, और कल किसी और युग्ल के संग जाओं, और उससे अगले दिन किसी और युग्ल के संग जाओ। तुम वहीं पर ही टिके रहना।)..आप जानते हैं, कि ऐसा ही मैं तब करता हूँ जब मैं एक सभा में जाता हूँ, यही कारण है, कि मैं होटल में ठहरता हूँ, और मैं वहीं पर ही ठहरा रहता हूँ, यही वह जगह है जहाँ मुझे शान्ति मिलती है। समझे? तुम घर घर मत जाते फिरना।और जिस नगर में जाओ, और वहाँ के लोग तुम्हें उतारें, तो जो कुछ भी तुम्हारे साम्हने रखा जाये वही खाओ।वहाँ के बीमारों को चंगा करो, और उन से कहो, कि परमेश्वर का राज्य तुम्हारे निकट आ पहुँचा है।158परन्तु अब आइये मैं इससे अगले पद को पढ़ता हूँ ।परन्तु जिस नगर में जाओ, और वहाँ के लोग तुम्हें ग्रहण न करें, तो उसी दिन उस नगर से निकल कर उसके बाज़ारों में जा कर कहो…….कि तुम्हारे नगर की धूल भी, जो हमारे पांवों में लगी है, हम……( आइये हम दृष्टि डालें)…… तुम्हारे नगर की धूल भी, जो हमारे पांवों में लगी है, हम तुम्हारे साम्हने झाड़ देते हैं, तौभी यह जान लो, कि परमेश्वर का राज्य तुम्हारे निकट आ पहुँचा है।मैं तुम से कहता हूँ, कि उस दिन उस नगर की दशा से सदोम की दशा अधिक सहने योग्य होगी।ओह भाई, आप उसी आशीषित आश्वासन के साथ जायें। यदि वे दृष्टि न डालें, यदि वे आपको ग्रहण न करें, तो बस आप बढ़े, और कहें, “ठीक है, यदि तुम मुझे नहीं चाहते हो, तो मैं बस अपने जूतों से धूल झाड़ता हूँ, और बस आगे बढ़ चलता हूँ।” दूसरे शब्दों में आप कहते हैं, “मैंने कभी तुम से कुछ नहीं लिया है; यदि मैंने कुछ खाया भी है तो मैं उसका दाम चुकाऊँगा।” और बस आप आगे बढ़ते जायें। उसने कहा था, “सच कहता हूँ……” और हर एक वह नगर जहाँ वे गये और जिस ने उन्हें ग्रहण नहीं किया, और उन में से हर एक डुबा हुआ है, और वह आज नाश हो चुका है। और हर एक वह नगर —नगर जिसने उन्हें ग्रहण किया, वह अभी भी विद्यमान है। आप ऐसी ही स्थिति में हैं।159अब, एक और वाक्यांश है, इसके बाद हम समाप्त करने जा रहे हैं। आइये हम देखें हमने १० वाँ अध्याय ले लिया है। हमारे पास लूका ११:२९ से लेकर ३१ तक है, इसके बाद हम समापन करेंगे। ओह, मुझे यह अच्छा लगता है।…….जब भीड़ इकट्ठी होती जाती थी….आइये हम देखें कि क्या मुझे यह मिल गया है….क्या यह लूका—लूका ११:२९ है? जी हाँ, मेरे अन्द्राजा है, कि यही वह होगा। जी हाँ! ।और जब भीड़ इकट्ठी हो जाती थी, तो वह कहने लगा; कि इस युग के लोग बुरे हैं; वे चिन्ह ढूंढते हैं; पर युनस के चिन्ह(योना नबी के चिन्ह) को छोड़ कोई और चिन्ह उन्हें न दिया जाएगा।जैसे यूनस नीनवे के लोगों के लिए चिन्ह ठहरा था, वैसे ही मनुष्य का पुत्र भी इस युग के लोगों के लिए ठहरेगा।दक्खिन की रानी न्याय के दिन इस समय के मनुष्यों के साथ उठकर, उन्हें दोषी ठहराएगी, क्योंकि वह सुलैमान का ज्ञान सुनने को पृथ्वी के छोर से आयी, और देखो, यहाँ वह है जो सुलैमान से भी बड़ानीनवे के लोग न्याय के दिन इस समय के लोगों के साथ खड़े होकर, उन्हें दोषी ठहराऐंगे; क्योंकि उन्होंने यूनस का प्रचार सुनकर मन फिराया और देखो; यहाँ पर वह है जो यूनस से भी बड़ा है।160अब मैं क्या कह रहा हूँ? मैं समापन कर रहा हूँ; मुझे इसकी शेष बातों को छोड़ देना होगा। मैं यह वाली बात इसलिए कह देना चाहता हूँ, क्योंकि मैंने आपको बहुत अधिक देर तक रोंक कर रखा है। वह यहाँ पर क्या कह रहा है? “एक ऐसा दिन आएगा……( अब आप इसे स्मरण रखें)…….जब दुष्ट और व्यभिचारी पीढ़ी चिन्ह ढूंढेगी।” और वह दुष्ट और व्यभिचारी पीढ़ी यही है।और उसने कहा था, उस पीढ़ी को एक चिन्ह मिलेगा।“ योना वाला एक ऐसा चिन्ह है, जो सम्पूर्ण बाइबिल के साथ मेल खाता है। जैसे यूनस-योना तीन दिन और तीन रात तक मछली के पेट में रहा, वैसे ही मनुष्य का पुत्र भी तीन दिन और तीन रात पृथ्वी के पेट में रहेगा।” यह क्या होगा? यही पुनरूत्थान का चिन्ह होगा। समझे ?पुनरूत्थान का चिन्ह दुष्ट और व्यभिचारी पीढ़ी में ही दिखाया गया था; और यह प्रेरितों के काम की पुस्तक में दिखाया गया था। और यीशु मरे हुओं में से जी उठा था, और पतरस, और याकूब और यूहन्ना तथा प्रेरितों के पास आया; और उन्होंने ठीक ऐसा ही प्रेरितों के काम की पुस्तक में किया था। ये प्रेरितों के काम नहीं थे, ये तो पवित्र आत्मा के ही काम थे जो प्रेरितों माध्यम से हो रहे थे।161आज यह कोई मनुष्य नहीं है; यह तो पवित्र आत्मा ही है जो एक मनुष्य, या मनुष्यों ….(समझे?)……के ज़रिये कार्य कर रहा है। यह मनुष्य नहीं है; मनुष्य तो बस एक पात्र मात्र ही है…(समझे?)….परन्तु पवित्र आत्मा तो वह तेल है जो उस पात्र के अन्दर होता है। समझे?और देखिए, उन्होंने क्या किया था; आप उन चिन्हों पर दृष्टि करें जो उन्होंने यीशु के दिखाये थे। लोगों को तो उनके ऊपर ध्यान देना ही था, क्योंकि वे……वे…..वे अज्ञानी और अनपढ़ थे; पतरय और यूहन्ना ऐसे ही थे। परन्तु लोगों को तो उन पर ध्यान देना ही था; वे यीशु के साथ रहे थे। उन्होंने उन कामों को किया था जो उसने किये थे।अतः आप देखते हैं, बाइबिल में प्रत्येक पुस्तक; हर एक…..चार पुस्तकें; चार सुसमाचार पिन्तेकुस्त वाली आशीष को उन प्रत्येक वचन के लेख के द्वारा जो उन्होंने कहा था समर्थन करते हैं। और आज प्रेरितों के काम उन चार सुसमाचारों के साथ मिलकर यह प्रमाणित करते हैं, कि यीशु मसीह कल, आज, और युगानुयुग एक सा है। क्या आप उससे प्रेम करते हैं?162वे ऊपर की कोठरी में जमा थेसारे के सारे उसके नाम से दुआ कर रहे थेउन्होंने पवित्र आत्मा का बपतिस्मा पाया,सेवा करने का बल उन्होंने पायाजो उसने उनके लिए उस दिन में कियाठीक वही आज वह तुम्हारे लिए करेगा।मैं खुश हूँ, कि मैं कह सकता हूँ,मैं उनमें से एक हूँ, मैं उन में से एक हैं।चलिएँ मैं इसे गाऊँ:वे ऊपर की कोठरी में जमा थेसारे के सारे उसके नाम से दुआ कर रहे थे,उन्होंने पवित्र आत्मा का बपतिस्मा पाया,उन्होंने सेवा करने का बल पायायही है वह जिसकी हमें आज आवश्यकता है।जो उसने उस दिन उनके लिए किया,ठीक वही आज वह तुम्हारे लिए करेगा।मैं खुश हूं कि मैं कह सकता हूँमैं उन में से एक हैं, मैं उनमें से एक हैं।चाहे ये लोग पढ़े लिखे न हों….( ना हों….ये ठीक वैसे ही हों जैसे पतरस, याकूब, और यूहन्ना थे)या ये दुनिया के यश से फूले हुएन हों पर ये सारे के सारे अपनापिन्तकुस्त पा चुके यीशु के नाम से बपतिस्मा ले चुके…..और अब बता रहे हैं दूर और पासउसकी सामर्थ अभी भी है एक समान……यह वैसी है जैसे यह तब थीमैं खुश हूँ, कि मैं कह सकता हूँ,मैं उनमें से एक हूँ, मैं उन में से एक हैं।163(टेप में रिक्त स्थान -सम्पा.) यह उनमें से बहुतेरे लोगों को भरमाता है। हैं…..बहुतेरे लोग यहाँ बाहर सड़कों पर ऐसे हैं जो गिरजे जाते हैं, जो नामधारी कलीसियाओं में शामिल हैं, पर वे वैसे ही धोखा खाये हुए हैं जैसे हव्वा ने आरम्भ में धोखा खाया था। वे कोई अन्तर नहीं जानते हैं।ओह, आप जीवन के वृक्ष के पास आ जायें। अब, बजाये इसके कि करूबे…..अब, मैं आप से कुछ कहना चाहता हूँ। वे करूबे बजाये इसके कि इस सिंहासन की चौकसी करें वे यहाँ बाहर ढूंढ़ -ढांड़ कर रहे हैं; वे लोगों को फाटक के जरिये फिर से वापस जीवन के वृक्ष के पास लाने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि वे इसे ग्रहण लें। यीशु ने कहा था, “मैं ही वह जीवन की रोटी हूँ, जो परमेश्वर न्याय और अनुग्रह का सिंहासन के पास से स्वर्ग से उतरी है। वह जो मेरा मांस खता है, और मेरा लोहू पीता है। उसके पास अनन्त जीवन है; और मैं उसे अन्तिम दिन जिला उठाऊँगा।” यह सच है। ओह, मैं बहुत आनन्दित हूँ।164यहाँ कमरे में कितने ऐसे हैं जो बीमार हैं? आइये हम आपके हाथ देखें, आप अपना हाथ ऊपर उठायें। कितनों के पास है…..क्या वह है……क्या—क्या मैं बिली की बात समझता हूँ? वह कहाँ है? क्या उसने प्रार्थना कार्ड बांट दिये थे? क्या…….(टेप में रिक्त स्थान-सम्पा.)….बिलकुल ठीक है….किसको मिला है……..(टेप में रिक्त स्थान-सम्पा.)अब, आप इस ओर दृष्टि करें। यह वैसा ही है जैसे यह यहाँ पर महिमा के तले आ जाता है। देखा, समझे, देखा? उन्होंने लिया…..यह प्रकाश है जो यहाँ पर है। आप यहाँ पर चल फिर रहे हैं। क्या आप देखते हैं? अब देखिए, यह तो है……यह तो बस एक प्रतिबिम्बन ही है, यह तो बस एक प्रतिबिम्बन ही है। समझे? यह वह प्रकाश नहीं है। ठीक यहाँ पर ये रहा वह प्रकाश जो ठहरा हुआ है……वह ठीक यहाँ पर इस महिला पर ठहरा हुआ है। ऐसा हुआ कि मैंने इसे अभी हाल ही में पकड़ा और मैंने सोचा था, कि यह किसी और पर था।165अब, आप एक को देख रहे हैं, और मैं दो को देख रहा हूँ। उनमें से एक तो कुदरती है और दूसरा वाला परम आलौकिक है। अब यहाँ पर बाहर की ओर एक पुरूष बैठा हुआ है…..वह इस पंक्ति के तले इस ओर उस प्रकाश पर दृष्टि कर रहा है। इसने उसे छूआ है। वह सियेमोर, इन्डियाना से है। और आपको झटके की…..झटके लगने की तकलीफ है। श्रीमान, यदि आप विश्वास करेंगे, तो परमेश्वर आपको उस झटके की तकलीफ से चंगा कर देगा। आमीन! अब आप विश्वास करें।क्या आप अपने सम्पूर्ण ह्रदय से विश्वास करती हैं? इसके बाद यदि प्रभु परमेश्वर, आकाश और पृथ्वी का सृष्टिकर्ता, मुझसे कुछ ऐसा करवाने देता है, कि आप पर यह प्रमाणित हो, कि वही परमेश्वर है, तो फिर क्या आप अपने सम्पूर्ण ह्रदय से विश्वास करेंगी? आपको नसों की……..नसों की तकलीफ है जो मासिकधर्म के कारण आपको हई है। क्या आप विश्वास करती हैं, कि परमेश्वर आपको चंगा कर देगा? आप भी यहाँ की रहने वाली नहीं हैं।166(टेप में रिक्त स्थान-सम्पा.) आपकी परेशानी क्या है? और, वैसा करने से क्या वह आपको चंगा कर देगा? (टेप में रिक्त स्थान-सम्पा.)…आपको भला चंगा कर सकता है, क्योंकि ये आप नहीं हैं जो यह चाह रही हो, कि भला-चंगा किया जाये, यह आपका बेटा है। समझे? वह वरजिना में है। क्या आप विश्वास करती हैं, कि मैं परमेश्वर की मदद से आपको बता सकता हूँ, कि उसके साथ क्या गड़बड़ है? उसे अल्सर है। यह सच है। और एक बात और है जो उसके साथ गड़बड़ है, वह उद्धार पाया हुआ नहीं है। और आप उसके लिए दुआ कर रही है। अब, श्रीमती बेकर, आप सोमरसेट वापस जायें, और अपने सारे मन से विश्वास करें; यीशु मसीह उसे भल-चंगा कर देगा।(टेप में रिक्त स्थान-सम्पा.)वह आपको चंगा करेगा, क्या आप उसे अपना चंगा करनेवाला करें ग्रहण करते हैं? यदि आप ऐसा कर सकते हैं…(टेप में रिक्त स्थान-सम्पा.)पौलुस ने एक बार कहा था….(टेप में रिक्त स्थान-सम्पा.)ये श्रोतागण जिन्होंने यहाँ पर दिन के अब तक के समय तक बड़े ही ध्यान से सुना है, प्रभु…अब, हे खुदावंद खुदा, मैं प्रार्थना करता हूँ, आपकी भलाइयाँ और करूणा लोगों पर आकर ठहरें।शैतान, मैं तुझे यीशु मसीह के नाम में ललकार कर कहता हूँ, कि तू इन लोगों में से बाहर निकल आ। वे सुसमाचार सुनने के लिए रूके रहे हैं। तू उन्हें और ज्यादा जकड़ कर नहीं रख सकता है। होने पाये शैतान की वह ताकत जिसने इन लोगों को जकड़ कर रखा हुआ है, छोड़ कर चली जाये….