प्रकाशितवाक्य अध्याय-4, भाग-1 (Revelation, Chapter Four #1)

revelation chapter 4 hindi message

revelation chapter 4 hindi message

प्रकाशितवाक्य अध्याय-4, भाग-1

जैफरसनविले, इन्डियाना यू. एस. ए.

60-1231

1….मैं खुद ऐसा सोचता हूँ, कि ठीक ऐसी ही बहुत से लोगों की मनोस्थिति होती है। युवा बहन आप जो वहाँ पर हैं, वह अन्तिम पद बहुत बढ़िया था। मैं यकीनन उसकी सराहना करता हूँ। और हम नव वर्ष की पूर्व संध्या में प्रवेश कर रहे। हैं, और मैं नहीं सोचता हूँ,कि आप उससे बेहतर कुछ और गा सकते हैं; इस रात के लिए उससे उपयुक्त कुछ और गा सकते हैं।ऐसा दिखाई पड़ता है, कि मानो हम वर्ष की समाप्ति का आगास बहुत अच्छे से कर रहे हैं; और बाहर अच्छी खासी बर्फ पड़ी हुई है और बाहर फिसलन हुई पड़ी है। वर्ष के इस समय पर बिलकुल इन्डियाना जैसा मौसम हुआ पड़ा है। अतः आप लोग जो जार्जिया से हैं; और ओहियो से हैं; मैं आपको यहाँ पर देखता हूँ….अब, भाई डाऊच; आप और बहन डाऊच जानती हैं, कि यह क्या है; जैसा कि ओहियो में भी बिलकुल ठीक ऐसा सा ही मौसम होता है। और….परन्तु हम एक ऐसे देश में जा रहे हैं जहाँ ऐसा कुछ नहीं होगा। देखिए, यही मुख्य बात है।2यह नव-वर्ष की पूर्व संध्या है। और सचमुच में हर किसी ने एक वाचा और एक प्रतिज्ञा लिखी हुई है जिसे आप नव-वर्ष के लिए निभाने जा रहे हैं। इसके बाद….कल के एक दिन के बाद ही वे सारी की सारी टूट जायेंगी। और अतः आप जानते हैं, कि आप हर साल एक नया पेज़ पलटते हैं और अगली सुबह ही आप फिर से उसी पुराने चलन पर लौट आते हैं, आप उसे ही फिर से कर डालते हैं।परन्तु केवल एक बात है जो…जो मैं कहना चाहूँगा, और वह यह है….यह वही बात है जो प्रेरित पौलुस ने कही थी, “मैं पिछली बातों को, अपनी सारी गलतियों को और उस सब को जो मैंने किया है, भूलकर मसीह में होने वाली उच्च बुलाहट के निशाने की ओर दौड़ता चला जाता हूँ।” और एक मात्र दुख और अफसोस जो मुझे है, वह मुझे अपनी उन गलतियों पर है, जो मैंने पिछले साल कीं, और जो मैंने अपने बीते जीवन में कीं। और मैं तो केवल नम्रतापूर्वक अनुग्रह के लिए अनुनय कर रहा हूँ, ताकि मैं उस उच्च बुलाहट के निशाने की ओर दौड़ता हुआ चला जाऊँ। मैं सुनिश्चित हूँ, कि हम सब की ऐसी ही गवाही होगी, हम सब ऐसा ही महसूस करते होंगे।3माफ करना यह एक बुरी रात है; और..और लोगों को आने के लिए जगह नहीं मिल पायी। और मैंने भाई नेविल को फोन किया था; मैं यह भी नहीं जानता हूँ, कि वो यहाँ पर आ सकते हैं या नहीं। और भाई शैगस आये हैं; और वो यहाँ पर सुदूर कन्टैकी से आये हैं, जहाँ पर तीन फुट या उससे ज्यादा बर्फ गिरी हुई है; और ऐसी ही है, या लगभग ऐसा ही है; अतः उनके पास एक किसान है जो उन्हें कई बार बाहर निकाल कर ले जाता है, और वह उन्हें ट्रक्टर से पहाड़ पर लेकर जाता है। और अतः मैंने सोचा, “ठीक है, यदि यहाँ पर यह सिर्फ दो या तीन इंची ही रहती है, तो हम इस पर ध्यान नहीं देंगे, जब तक कि यह इस तरह की है। परन्तु सड़के ऐसी ही हैं, कि आवागमन किया जा सकता है और हर कोई आ जा रहा है।”4अब, आज की रात सचमुच में एक ऐसी रात है जहाँ हम विभिन्न किस्म के प्रचारक गणों से जो अंदर आते हैं, सुनते हैं। और शायद वे आज रात मध्य रात्रि तक विभिन्न भागों से आ रहे होंगे। मैं सोचता हूँ, कि वे बैठेगे और नव-वर्ष के जाने की…नव-वर्ष के आगमन की और पुराने वर्ष के बीत जाने की प्रतीक्षा करेंगे। और आम तौर से वे लोगों को वेदी के चौगिर्द बुलाते हैं और प्रार्थना करते हैं..और….और परमेश्वर से अपनी वाचाएं बाँधते हैं, और अपनी अपनी वाचाओं को फिर से नये सिरे से बाँधते हैं।मैंने भाई नेविल को बताया था…और मैंने उन्हें इसके लिए फोन किया था, कि मालूम करूं कि वो आ रहे हैं; मैंने कहा था, “यदि वो नहीं आते हैं, तो मैं यथासम्भव प्रयास करूंगा, कि मैं आ सकें।” और इसके बाद यदि वो सुबह को यहाँ पर नहीं आ पाते हैं, तो मैं वह सब करना ज़ारी रखूगा जो मैं कर सकता हूँ, जबकि वो होते हैं…वो यहाँ पर नहीं होते हैं। और मैंने उन्हें बताया था, कि मैं आज रात्रि कोशिश करूँगा…..मैं आज रात्रि लगभग पन्द्रह मिनट का सन्देश या ऐसा ही कुछ देने की सोच रहा हूँ। और खैर, मैं देखता हूँ, कि आपके पास दूसरे कई प्रचारक-गण हैं जो यहाँ बैठे हुए इन्तज़ार कर रहे हैं।अतः मैंने सोचा, कि मैं प्रकाशनों की इस पुस्तक पर प्रचार करूंगा और इसी पर प्रचार करना ज़ारी रखेंगा ….मैं बस आगे तक जाऊँगा…और अब मैं चौथा अध्याय लेकर उसी पर प्रचार करना शुरू करूंगा। और अगर हम इसे इस समय पर समाप्त नहीं करते हैं, तो हम अगली बार इसी पर प्रचार करना ज़ारी रखेंगे। इसके बाद हम पाँचवे और छठवें अध्याय पर आयेंगे और हम इसका ठीक वैसे ही अध्ययन करते चले जायेंगे जैसे जैसे प्रभु हमारी इनका अध्ययन करने में सहायता करता चला जाता है।5इससे पहले कि हम शुरूआत करें, मैं यह कहना चाहता हूँ, कि वहाँ ऐसा था…मैंने थोड़ी देर पहले ही भाई ड्रममोन्ट थोमस से और उनकी पत्नी से मुलाकात की थी। ये उनकी माँ और पिता हैं जो आज रात्रि यहाँ पर बैठे हुए हैं। और वो अभी हाल ही मैं अफ्रिका से वहाँ से लौटकर आये हैं जहाँ उनकी प्राणों को जीतने वाली बड़ी जबरदस्त संभाएं और दिव्य चंगाई वाली संभाएं चल रही थीं। यह बेचारी महिला उसे ले गई थी…मेरा मानना है, कि वह किसी दूसरे दिन उन्हें अपनी दादी की जगह ले गई थी, और वहाँ पर उनकी बंदीगृह वाली सभा हुई और पापी लोग प्रभु के पास आते हैं, तथा ऐसा ही सब कुछ होता है; यह एक बड़ी ही शानदार बात थी, कि परमेश्वर इस युवा दम्पत्ति का कैसे उपयोग कर रहा था। इस समय वे यहाँ पर अमेरिका में कुछ समय के लिए हैं, ताकि प्रचार-सम्बंधी कुछ काम करें।यदि आप पास्टरों में से कोई…मैं भाई ड्रममोन्ट को एक पत्र लिखना चाहता हूँ…ड्रममोन्ट, अब, मैं उस नाम में घपला कर देता हूँ। क्यों क्या वह एक अंग्रेजी का एक अच्छा सा नाम नहीं रख सकता है, और उसके बारे में भूल जाता है? आइये हम बस उसे एक नम्बर दे दें; आप क्या कहते हैं; क्योंकि मैं उसे ठीक से नहीं बोल सकता हैं। जी नहीं….मैं नहीं सोचता हूँ, कि हम में से आधे भी उसे ठीक से ले सकते हो। ड्रममोन्ट; मैं सोचता हूँ, कि यही सही तरीका है जिससे आप इसका उच्चारण करते हैं; और बहन चार्लोटी….यदि आप में से कोई उन्हें अपने पास बुलाना चाहता है, तो मै यकीनन उनके बारे में सुनना चाहता हूँ, कि वे आपकी कलीसिया में आयें।6वह महिला..वह बहन चार्लोटी…वह बस एक बच्ची सी है। वह थोड़ी देर पहले ही मैडा को अपने उस अनुभव की गवाही बता रही थी जो उन्हें अफ्रिका में हुआ; और मैं आपको बताता हूँ, कि यह था….बिली, इसने पुराने समयों को फिर से तरोताज़ा कर दिया था; ऐसा लग रहा था, कि हम अफ्रिकनो से बताचीत कर रहे हों। और अतः वहाँ पर ठीक वैसे ही संघर्ष ज़ारी है, ठीक जैसे यहाँ पर है।यदि कोई भी यह चाहेगा, कि भाई ड्रममोन्ट और बहन चार्लोटी उनकी कलीसिया में एक अभियान के लिए हो; यदि आप ऐसा करना चाहते हैं, तो आप सिर्फ भाई टोनी जैबल को मेलरोज़ में 7-3945 नम्बर पर फोन करके बात करें। आप सेवादारों में से…यदि आप इसे लिख लेना चाहते हैं…मैं निश्चित रूप से भाई की…सिफारिश करूंगा….

क्योंकि वह एक बढ़िया प्रचारक है; एक ऐसा सत्यानिष्ठ लड़का है जिसे सचमुच में एक शुरूआत की जरूरत है—एक ऐसी शुरूआत की जरूरत है, कि काम करना शुरू कर दे। और वह निर्भय और अच्छा लड़का है; मैं उसे बहुत पसंद करता हूँ। अब, आप मेलरोज़ 7-3945 याद रखें।और मैं इस छोटे से कार्ड को यहीं पर छोड़ देंगा, जिससे अगर आप चाहे…यह उन्हीं का कार्ड है; और यदि ऐसा होता है, कि आप इस नम्बर को नहीं लिख पाते हैं, तो ठीक है, आप आकर इसे उठा लें, या आज रात्रि विभिन्न सभाओं के बीच होने वाले अल्पकालिक मध्यांतर के बाद किसी भी समय ले लें। और अगर आप उन्हें अपनी कलीसियाओं में से किसी में सभा के लिए बुलाना चाहते हैं, या आप किसी ऐसी कलीसिया को जानते हैं जो उन्हें अपने यहाँ चाहेगी, तो आप उनका फोन नम्बर ले लें और उन्हें फोन करें, क्योंकि वे अमेरिका में चारों ओर क्रूस की गाथा के प्रचार पर हैं।क्या यह कोई बात नहीं है? अफ्रिका को यहाँ अमेरिका के पास मिशनरी भेजने होते हैं। यह वह जगह है जहाँ लोगों को जरूरत है—ठीक यहाँ पर इसकी जरूरत है, क्योंकि इसकी हालत उससे भी कहीं बदत्तर है जितनी कि वहाँ पर है।7अतः कितने लोग इस बात से आनन्दित और प्रसन्न हैं, कि प्रभु ने आपको एक और साल जीने के लिए प्रदान किया है?और अब हम यहाँ पर इस साल के अंत की ओर अग्रसर हो रहे हैं। और मैं प्रार्थना करता हूँ, कि परमेश्वर हमारे सारे पापों को और हमारी सारी गलतियों-कमियों को क्षमा करे।अब, इससे पहले कि मैं शुरूआत करूं, मैं यह कहना चाहता हूँ; मैं आप सब में से हर एक को उस सर्वाधिक सफलता और आशीषों से भरे और सेहत-तंदरूस्ती से भरे नव-वर्ष की शुभकमनाएं देता हूँ जो कि मैं आपको दे सकता हूँ। परमेश्वर, आपके साथ हो। होने पाये आप शारीरिक, आत्मिक, आर्थिक रूप से और धन सम्पदा में फलवंत हो। मैं प्रार्थना करता हूँ, कि हर एक वह आशीष जो वह आपको दे सकता है, वह आपको दे।8अब, मैं खुद एक नये साल का सामना कर रहा हूँ, केवल परमेश्वर ही जानता है, कि भविष्य में क्या रखा हुआ है। और हमें अपने निर्णयों को शीघ्र ही लेना है। हमने अपना सारा बिस्तर-बोरियाँ तैयार किया हुआ है; भाई जिम वहाँ पर हैं….अब, हमने अपना समान अन्तराष्ट्रीय और विश्वस्तरीय और दूर-दराज से आये आमन्त्रणों के लिए तैयार रखा है, कि देखें, कि प्रभु हमारी कहाँ अगुवाई करेगा। और मैं निश्चय ही आप लोग से यह नम्र निवेदन करता हूँ, कि आप लोग अपने सम्पूर्ण हृदय से प्रार्थना करें, कि परमेश्वर मुझे कभी भी गुमराह न होने दे। मैं…मैं..किसी भी बात में सत्यनिष्ठ रहना चाहता हूँ, और यह चाहता हूँ, कि मैं गुमराह न होऊँ।और अब, एक अच्छा साल हो..9और बहुत सी बार लोग गलत समझ लेते हैं। और जब वे कहते हैं, “भाई ब्रन्हम, आप….आप….आप…..जगह बा जगह वैसे नहीं जाते हैं जैसे आप जाया करते थे, और जैसे ये दूसरे प्रचारक गण जाते हैं, और उन सब को करते हैं…..” मैंने…मैंने एक बात सीखी है; मैंने अपनी बाइबिल से और अपने प्रभु से एक नसीयत सीखी है, कि यीशु कोई दिखावा करने वाला(शोमैन) इंसान नहीं था; उसमें इस बात का आभाव पाया जाता था; उसमें दिखावा करने वाली बिलकुल भी बात नहीं थी। देखिए, वह बिलकुल भी शोमैन नहीं था। और मैं….मैं यह यकीन नहीं करता हूँ, कि उसके चेले दिखावा करने वाले लोग हैं। उन्होंने कभी भी स्वयं को ऐसा पेश नहीं किया था, कि वे दिखावा करने वाले थे।मैं सोचता हूँ, यही है वह जहाँ हम असली मकसद से बहुत ज्यादा चूक जाते हैं(हो सकता है, कि यह बस सिर्फ मेरा ही विचार हो)…कि जब हम सारी बातों के बारे में बड़े बड़े दिखावे-तड़क भड़क वाले काम करते हैं….आप जानते हैं, क्यों…मैं सोचाता हूँ, कि यह पवित्रताई के बजाये एक दिखावा ज्यादा लगता है।10क्या आपने प्रभु के आगमन के मामले पर ध्यान दिया है, जिन्होंने उसे सचमुच में ग्रहण किया था … वह शिमौन था…..शिमौन के बारे में कभी किसी ने कुछ नहीं सुना था; परन्तु वह प्रभु के आगमन की बाट जोह रहा था; मन्दिर में अंधी हन्ना थी; जंगल में यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला था। और वे..यूहन्ना नौ साल की अवस्था में ही जंगल में चला गया था और तब तक फिर कभी नहीं दिखाई दिया था जब तक कि वह तीस साल का नहीं हो गया था; वह जंगल में ही रहा था। और वे लोग जो गुप्त रूप से विश्वास करते थे और दीन-नम्र बने रहे थे; वे प्रभु के आगमन की बाट जोह रहे थे। और उन्होंने कभी भी अपनी सभाओं का तड़क-भड़क से भरा दिखावा नहीं किया था और बड़े बड़े इश्तहार( किस घड़ी, किस समय वह आ रहा है) नहीं लगाये थे, और….और उनका प्रसारण तथा ऐसा ही सब कुछ नहीं किया था। वे जो वैसा करना चाहते हैं उनके लिए यह बिलकुल ठीक है, परन्तु मुझे वह मसीह-समान नहीं लगता है।11मैं जानता हूँ, एक बार उसके भाइयों ने उससे कहा था, “तू इन आश्चर्यकर्मों को तथा इन कामों को करता है, क्यों नहीं तू यहाँ ऊपर यरूशलेम जाता है? और हम फसह के पर्व के लिए जा रहे हैं; हम महायाजक कैफा को तथा उन सब को बुलायें और वे जान लें। इसे उनके सामने उस तरह करना जिससे वे तेरे कामों को देख लें। और …और तू क्या मछुवारों के झुंड़ तथा ऐसे ही लोगों के साथ, तथा उन निम्न स्तरीय लोगों के साथ पागलपन किये चला जा रहा है? क्या…क्यों नहीं तू (समझे?)यहाँ ऊपर आता है, और यह हो, कि संसार इसे देखे?” समझे?यीशु ने कहा, “तुम्हारा समय हमेशा है, मेरा समय नहीं आया है।”12एक बार को यूहन्ना था….यूहना बपतिस्मा देने वाले को देखिए; पवित्रशास्त्रों ने उसके आगमन के बारे में कहा था; और बोला था, कि जब वह आएगा, तो…क्यों, यशायाह ने उसके उसके बारे में उसके जन्म से लगभग 712 वर्ष पहले ही कह दिया था, “जंगल में पुकारने वाले का एक शब्द हो रहा है।” और कहा, “सारे पहाड़ों ने नन्हें नन्हें मेमनों के जैसे उछाले मारीं। सारे पत्तों ने अपने हाथों से ताली बजायीं; ऊँचे स्थान नीचे किये गये; नीचे स्थान ऊँचे किये गये; उसके बारे में इसी तरह की भविष्यवाणियाँ की गई थीं।आप क्या सोचते हैं, कि उस समय के प्रचारकगणों ने…जब उन्होंने उसे लिया होगा, तो उन्होंने अवश्य ही यह कहा होगा, “जब वह महान भविष्यद्वक्ता आएगा, तो हर कोई उसे जान जाएगा। परमेश्वर आकाश की छतरियों को बस पीछे को फैला देगा; आकाश के गलियारे लुढ़क कर नीचे को आ जायेंगे; अग्निमय रथ नीचे को दौड़ा आएगा; स्वर्गदूत का गायन-दल गीत गाते हुए उसे पृथ्वी पर लेकर आएगा।”जब वह आता है, तो वह एक बूढ़ा सा-रूखे चेहरे वाला रोमिल प्रचारक था जिसने अपने चारों ओर भेड़ की खाल ओढ़े हुई थी जो चमड़े की एक बेल्ट से कसी हुई थी। शायद वह तीन या चार महीने में भी कभी ना नहाता हो। वह वहाँ जंगल में से बाहर निकलकर आता, वह उस कीचड़ में जो उसके घुटने तक होती थी, और वह खड़ा हो जाता, और प्रचार करके कहता, “मन फिराओ; क्योंकि परमेश्वर का राज्य निकट है।” वह कभी भी शहरों में नहीं गया। अगर कोई उसे सुनना चाहता था, तो वो उसे सुनने के लिए यरदन पर आता था; जो उसे सुनना चाहते, वे यरदन पर आते। उसने क्या किया था? उसने देश को हिलाकर रख दिया था; उसने जगत को हिलाकर रख दिया था।13वहाँ पर एक झंझोड़ा जाना चल रहा था जिसके बारे में लोग कुछ नहीं जानते थे। जब यीशु आया, तो उसने अपने आप को बड़े बड़े उच्च पदासीन लोगों के मध्य में कदापि नहीं दिखाया। वह अपनों के पास आता है, वह उनके पास आता है जो उसकी बाट जोह रहे थे। यही है वह जहाँ पर झंझोड़ा जाना आता है। बिलकुल ठीक यही काम वह आज करता है। पवित्र आत्मा उनके पास आता है जिन्हें परमेश्वर ने बुलाया है। चुने हुओं के मध्य एक बड़ा ही जबरदस्त झंझोड़ा जाना चल रहा है;

एक बड़ा ही जबरदस्त काम चल रहा है; पर संसार इसके बारे में कुछ नहीं जानता है।लोग सोचते हैं; फूलों से सजी-धजी ये बड़ी बड़ी चीजें तथा संसार में चौहदिशाओं में होने वाला रेडियो प्रसारण तथा टेलीविज़न प्रसारण, और दसयों लाख डॉलरों वाली आलीशान इमारतें तथा ऐसी ही और दूसरी चीजे…बड़ी महान व श्रेष्ठ चीजें हैं। पर खुदा की नज़र में वह मूर्खता है। परमेश्वर तो उन बड़ी बड़ी चीजों पर निगाह भी नहीं डालता है। जिसे इंसान महान कहता है, परमेश्वर उसे मूर्खता कहता है। जिसे इंसान मूर्खता कहता है, परमेश्वर उसे ही महान कहता है। उसे यही भाया, कि वह मूर्खता के प्रचार के द्वारा उनका उद्धार करे जो नाश हुए पड़े थे।“14अब, यूहन्ना को देखिए….आप क्या सोचते हैं, कि उन्होंने क्या कहा होगा? “वहाँ बाहर एक पुराना सनकी-झककी है; वहाँ बाहर एक बूढ़ा सा गलमुच्छों से भरे रूखे से चेहरे वाला एक इंसान है जो अपने चारों ओर भेड़ की खाल लपेटे हुए जंगल से बाहर निकलकर आता है। क्यों, वह तो नंगे पैर ही यरदन के एक छोर पर खड़ा हो जाता है, और वहाँ पर प्रचार कर रहा होता है? क्या कभी किसी ने ऐसी बात सुनी है?”जब यीशु आता है, तो वे कहते हैं, “क्या वह एक मसीही है; वह तो वहाँ घुड़साल में भूसे के ढेर पर पैदा हुआ था…और दुधारू जानवार वहाँ चारों ओर रम्भा रहे थे। और…और तुम्हारा मतलब है, कि वह उस माँ से जो…वह नाज़ायज बालक है, जिसका पिता ऐसा था, कि….उसकी माँ तो उससे पहले ही माँ बन गई थी, इससे पहले कि कभी उनका विवाह होता; क्योंकि वह तो पवित्र वैवाहिक बंधन से बाहर ही पैदा हुआ था। और क्या वही इंसान?” ओह मेरे खुदा! समझे? परन्तु यह एक बड़ी ही महान घटना थी; वे बस इसे नहीं जानते थे। समझे? वे इसे नहीं जानते थे।और ठीक वैसे ही आज सुसमाचार महान है। और सुसमाचार ही इस तरह से झंझोड़ रहा है जैसे उसने पहले कभी नहीं झंझोड़ा था, परन्तु यह झंझोड़ा जाना शेष बचे हुओं में हो रहा है, वह उन्हें तैयार कर रहा है। यह सही बात है। 31.15वह अपनों के पास आया, और उसके अपनों ने ही उसे ग्रहण नहीं किया। उसने अपने चेलों को बताया, “तुम मार्ग में अन्याजातियों के पास न जाना, परन्तु इस्राएल की खोई हुई भेड़ों के पास ही जाना। और जब तुम जाते हो, तो जो तुम्हें ग्रहण करता है, वह मुझे ग्रहण करता है। और जब तुम नगर में जाते हो और लोग तुम्हें ग्रहण न करें, तो तुम अपने पाँव की धूल झाड़ना, और वहाँ से निकल जाना। और मैं तुम से सच कहता हूँ, कि न्याय के दिन उस नगर की दशा सदोम और अमोरा से कहीं ज्यादा असहनीय होगी।”और हर एक वह नगर जिसने उन पुरूषों को ठुकरा दिया था आज खाक में पड़े हुए हैं। हर एक वह नगर जिसने उन्हें ग्रहण किया इस घड़ी पर अभी भी विधमान हैं। यह सच है। समझे? परमेश्वर उत्तर देने में बहुत समय लेता है, पर वह उत्तर देता है। चिन्ता न करें। मैं उस पर शुरूआत नहीं करूंगा। ओह ऐसे तो मैं प्रकाशितवाक्य पर ही कदापि न आ पाऊँगा।ओह, मैं उसे देखना चाहता हूँ, मैं उसके मुख को निहारना चाहता हूँगीतों में उसके उद्धार कराने वाले अनुग्रह का बखान करूंगाओह महिमा के मार्गों पर ऊँची आवाज़ में गीत गाऊँगाजब सारी चिन्ताऐ मिट जायेंगी,और आखिर में मैं अपने घर पहुँचूँगाऔर आनन्द से भर कर अनुग्रह के गीत गाऊँगा।16मुझे वह पसंद है। आइये हम बस अपने सिरों को झुकाएं……परन्तु इससे पहले कि आप यह करें, क्या आप खड़ा होना चाहेंगे? मैं..मैं सोचता हूँ…..बाइबिल कहती है, जब तुम खड़े होते हो, प्रार्थना करते हो, माफी चाहते हो। कितने ऐसे होंगे जिनके पास निवेदन है जिसे वे अपना हाथ ऊपर उठा कर विदित कराना चाहेंगे? याद रखें, परमेश्वर इसे देखता है, वह इसके बारे में सब कुछ जानता है।17हमारे स्वर्गीय पिता, हम आपकी दिव्य पवित्राई में प्रभु यीशु के नाम में आपके पास आ रह हैं, यह वह पूर्ण-पर्याप्त नाम है जो लोगों के मध्य में दिया गया था, यह वह नाम है जो आकाश के सारे कुल और पृथ्वी के सारे कुल को दिया गया है, वह नाम यीशु है।प्रभु, और हम प्रार्थना करते हैं, कि आप हमारे धन्यवाद की भेंटों को ग्रहण करेंगे। सबसे पहले सभा आरम्भ करने के लिए हम इस खत्म हो रहे वर्ष का परमेश्वर की स्तुति करते हुए और धन्यवाद देते हुए, अध्ययन करते हुए समापन कर रहे हैं, और हम यह जानते हैं, कि “यहोवा यूँ फरमाता है का क्या अर्थ होता है। कितनी ही बातों को पेपर पर लिखा जा सकता है जिनके लिए धन्यवाद दिया जायेःइस वर्ष में हम कई बार बाल बाल बचे, जहाँ शैतान ने हमारे जीवनों को चकनाचूर दिया होता, परन्तु आप ने हमारे साथ ऐसा अभी नहीं होने दिया। अतः हम अभी भी आगे बढ़े चले जा रहे हैं। प्रभु, हम विश्वास करते हैं, कि हमारे जन्म और हमारा बढ़ना इस संसार में केवल इसी लिए हुआ है, ताकि हम आपको आदर और महिमा पहुँचायें।और पिता, हम प्रार्थना करते हैं, कि आप हमें हमारे उन सारों अपराधों और गलतियों के लिए क्षमा करें जो हमनी अपनी यात्रा पर की हैं। अब आज रात्रि हम अपनी गलतियों को भूल जायें, जैसा कि हम उनका अंगीकार करते हैं, जैसा कि हम उन्हें यीशु मसीह के नाम से हमेशा के लिए “भूल जाने वाले समुद्र में दफना रहे हैंकि उन्हें फिर कभी भी खोद कर बाहर न निकालें ; परन्तु अब इस निशाने की ओरअर्थात् उस सिद्ध मनुष्य की ओर जो कि यीशु मसीह है, दौड़े चले जायें।पिता, आज रात यह प्रदान करें।18जबकि आपके दास बोलते हैं, तो यह होने पाये, कि आप उन में से हर एक को जीवन के आत्मा से अभिषिक्त करें, और होने पाये, कि वे ऐसे प्रचार करें और आज रात्रि कलीसिया में सन्देशों को ऐसे लेकर आयें जैसा उन्होंने ऐसा पहले कभी न किया हो।और हम इस छोटे से छत के तले इकट्ठा हुए हैं, प्रभु हम इसके लिए आभारी हैं। हम इस आग के लिए जिसके चारों ओर हम बैठ सकते हैं, उस छत के लिए जो हमारे सिर के ऊपर है, तथा उन सारी जरूरतों के सामान के लिए हम आपके धन्यवादित हैं। क्योंकि हमारे खज़ाने इस जगत में नहीं हैं; वह तो उस जगत में है जो आने वाला है। परमेश्वर, हम उसे वहाँ पर रख रहे हैं जहाँ चोर उसे सेंध लगाकर चुरा नहीं सकते हैं, और ना ही कीड़े उसे नाश कर सकते हैं, क्योंकि हमारा खज़ाना तो अनन्त जीवन है। और पिता, हम प्रार्थना करते हैं, कि आप हमें हमारे जीवन के सारे दिनों में आनन्द प्रदान करेंगे।हमें योग्य दास बनायें। प्रभु, हम में से सारी बुराई दूर कर दीजिए, सारे अतीत को दूर कर दीजिए। यह होने पाये…होने पाये मन मुटाव और कड़वाहट की सारी जड़े हमारे जीवनों से ले ली जायें, ताकि हम आपके सम्मुख नम्र और मधुर हों। प्रभु, यह प्रदान कीजिए। होने पाये कि इस आगामी वर्ष हमें वह सबसे महान वर्ष मिले जो हमें अभी तक नहीं मिला हो। यह प्रदान कीजिए। हमें आज रात्रि अपना वचन प्रदान करें जबकि हम आगे को आपके सुसमाचारों की बाट जोहते हैं। हम इस प्रार्थना को यीशु के नाम में माँगते है। आमीन! (कृपया बैठ जायें)19अब, वहाँ जो आस पास घड़ी है, मेरे लिए उस पर एक प्रकार से दृष्टि लगाये रखना कठिन है, और मैं अपने भाइयों से इन्तज़ार नहीं करवाना चाहता हूँ; अतः मैं जितना जल्दी हो सकेगा उतना जल्दी करने की कोशिश करूँगा और इस भाग को पूरा करने की कोशिश करूंगा। और यदि हम आज समाप्त नहीं कर पाते हैं, तो यदि प्रभु ने चाहा, तो हो सकता है, कि हम कल सुबह इसी पर प्रचार करना ज़ारी करने का प्रयास करेंगे। और तब यदि भाई नेविल नहीं पहुँचते हैं, या कुछ भी होता है, तो ठीक है, अगर प्रभु ने चाहा, तो मैं यहाँ पर आने की कोशिश करूंगा और यहाँ सन्डे स्कूल की सभा को ज़ारी रखने की कोशिश करूंगा।20अब, यह न भलें।करो प्रार्थना, करो प्रार्थनाहै यही केवल एक तरीका पहुँचे जो ऊँचे मुकामों परकरो प्रार्थना, करो प्रार्थना, करो विश्वास की प्रार्थनालायेगी यही खुदा की बरकतों कोकेवल यही एक ऐसा तरीका है जिससे कभी तुम ऐसा कर पाओगे। आइये हम इसे एक साथ मिलकर गायें। अब यह नया साल है। हमारे पास काफी समय हैं।आओ करो प्रार्थना, करो प्रार्थना करो प्रार्थना,करो प्रार्थना है यही केवल एक तरीकापहुँचे जो ऊँचे मुकामों पर करो प्रार्थना,करो प्रार्थना, करो विश्वास की प्रार्थनालायेगी यही खुदा की बरकतों कोअतः यदि विश्वास की प्रार्थना परमेश्वर की आशीषों को नीचे लेकर आती है, तो आइये हम प्रार्थना करना ज़ारी रखें। अतः हम आज रात्रि इस बात के लिए आनन्दित हैं, कि परमेश्वर के राज्य में वे नये चेहरे हैं जो पिछले साल अंदर नहीं थे। और मैं बस यह लगातार प्रार्थना कर रहा हूँ, कि सभी समय और भी लोग जुड़ते चले जायें। और अभी तक तो यह आधा भी कदाचित नहीं बताया गया है, कि दूसरे छोर पर क्या क्या होगा।21अब, हम प्रकाशितवाक्य के चौथे को निकालेंगे, मैं सोचता हूँ, प्रकाशितवाक्य।क्या किसी को एक बाइबिल चाहिए? यदि आप हमारे साथ साथ पढ़ना चाहते हैं, तो यहाँ ऊपर हमारे पास कुछ बाइबिलें हैं। बिलकुल ठीक है, द्वारपालकों में से कोई यहाँ पर आगे आ जाये। अब, हमारे पास यहाँ पर बाइबिल का एक ढेर है। ट्रस्टियों में से या द्वारपालकों में से या ऐसा ही कोई जन यहाँ पर ऊपर आ जाये। भाई ज़ेबल, कोई एक और भी आ जाये। यदि आप दोनों तरफ ले जाना चाहते हैं, तो ले जाये, और हम गलियारे में लेकर जायेंगे। और यदि कोई हमारे साथ साथ बाइबिल पढ़ना चाहता है, तो क्यों, तो आप उन्हें (उन बाइबिलों को) आप ठीक नीचे ले जायें, और उस किसी को भी दे दें जिन्हें इसकी जरूरत है।22और अब हम चाहते हैं, कि आप प्रकाशितवाक्य का चौथा अध्याय निकाल लें। और अब, आप जो पीछे बैठे हुए हैं, और यदि चलकर यहाँ आगे आना चाहते हैं, तो आज रात्रि हमारे पास काफी जगह हैं, कि आप आगे आ जायें और अपने आपको आरामदेह महसूस करें, और आप बस सीधे ही पाठ में चलें और इसे पढ़ने में मेरी सहायता करें ; और इसका अध्ययन करें जबकि हम एक साथ मिलकर इसका अध्यापन करते हैं। यहाँ ऊपर सीटें हैं। मैं देखता हूँ, कि एक जोड़ा आ रहा है। और यहाँ पर एक सीट एक अकेले व्यक्ति के लिए है। ठीक यहाँ पीछे….ठीक यहाँ पर कुछ सीटें हैं। मैं सोचता हूँ, कि गर्म हवा फेकने वाली मशीनें यूनिवर्सल कम्पनी की जैसी ही है।और अब कितनों ने हमारे उस पाठ का अर्थात् सात कलीसियायी कालों पर जो आठ दिन का पाठ हुआ है…उसका आनन्द लिया है? आपका धन्यवाद! इससे मुझे अच्छा सा लगता है; क्योंकि खुद मुझे सचमुच में उन से एक बड़ी आशीष मिली23अब, आज रात्रि हम चौथे अध्याय पर हैं, अब हम इसे उस पर छोड़ रहे हैं जहाँ यूहन्ना ने लौदीकियायी कलीसियायी काल के बारे में कहा था। और इस लौदीकियायी कलीसियायी काल में ऐसा था, कि यही एक ऐसा काल था जिसमें उन सारे बाकियों से सब से ज्यादा घपलेबाज़ी थी।और लौदीकियायी कलीसियायी काल के अन्तिम भाग में हमें एक सबसे ज्यादा दयनीय बात देखने को मिली; कि यीशु अपनी ही कलीसिया से बाहर खड़ा हुआ था जहाँ उसे बाहर निकाल दिया गया था; वह द्वार खटखटा रहा है और वापस अंदर आने का प्रयास कर रहा है। क्या यह पाप भरी बात नहीं है? मैं सोचता हूँ, कि यह उन सर्वाधिक दयनीय वचन के लेखों में से एक लेख है जो मैंने कभी पढ़ा है: यीशु अपने ही द्वार से बाहर है;

और उसकी अपनी ही कलीसिया ने उसे बाहर कर दिया था; और वह वापस अंदर आने का प्रयास कर रहा था, ताकि वह सिर्फ उनका उद्धार करे। जो कोई द्वार खोलेगा, कि मैं अपने भवन में आ जाऊँ। मैं उसके साथ भोजन करूंगा और वह मेरे साथ।“ क्या वह नहीं है…..क्या वह दयनीय बात नहीं है? स्वर्ग के परमेश्वर को उसकी अपनी कलीसिया ने अपने धार्मिक मतो—नामधारी संगठनों के द्वारा बाहर किया हुआ है; और जिस प्रकार से वे कार्य कलाप किये चले जा रहे हैं। उन्होंने उसके द्वारा उसे कलीसिया से बाहर निकाल दिया….उन्होंने अपने अपने धार्मिक मत-सिद्धांत अपना लिये।24यह बिलकुल ठीक वैसा ही है जैसा उस दिन था जब यीशु को क्रूस पर चढ़ाकर मार डाला गया था। और ऐसा तब हुआ था जब उन्होंने बरब्बा को , एक हत्यारे को अपनाया था और यीशु को कूस पर चढ़ाकर मार डाला थाः लोगों ने एक हत्यारे को, उस हत्यारे को जो कि एक हत्यारा साबित हो गया था अपने बीच में आज़ाद छोड़ दिया था, और उसे ग्रहण कर लिया था…और उन्होंने यीशु को ….उस एक ऐसे कोजो उन्हें जीवन दे सकता था, ठुकरा दिया था। और आज बिलकुल ठीक वैसा ही काम हर एक नामधारी कलीसिया ने और पिन्तेकोस्तल कलीसिया ने किया है। वे देखते हैं, कि ज्यों ही वे नामधारी कलीसियाएं संस्थागत हुई, त्यों ही वे मर गईं। इतिहास के पन्नों में एक भी कदाचित कभी ऐसी नहीं रही जो कभी संस्थागत हुई या ऐसा ही कुछ किया और जिन्दा रही, वरन वह तो तुरन्त ही मर गई थी। ज्यों ही उन्होंने नामधारी कलीसिया बनायी, त्यों ही सारे चिन्ह, आश्चर्यकर्म तथा वरदान उन्हें छोड़ कर चले गये। और बजाये इसके कि वे प्रभु यीशु को, जो कि उन्हें जीवन देता है, ग्रहण करते, वे सीधे ही वापस गये और उन्होंने बरब्बा को अपने बीच में फिर से आज़ाद छोड़ दिया। क्या यह कोई भंयकर बात नहीं है? इसमें कोई आश्चर्य नहीं है, कि अन्तिम कलीसियायी काल में परमेश्वर को ही उसकी कलीसिया में से बाहर कर दिया गया, और वह बाहर खड़ा हुआ द्वार खटखटा रहा है; और फिर से अंदर आने का प्रयास कर रहा है।25अब, हमें मालूम होता है, कि प्रकाशितवाक्य की पुस्तक तीन भागों में बंटी हुई है। प्रथम भाग में पहले तीन अध्याय हैं, जिनका सम्बंध कलीसिया से, कलीसिया के संदेश, कलीसिया के दूत—कलीसिया के सुसमाचारदूतों से है। और…से…और वह ठीक तीसरे अध्याय में ही ओझल हो जाती है, और तब तक फिर से नहीं दिखाई देती है जब तक कि 19 वाँ अध्याय नहीं आ जाता है; 19 वें अध्याय में वह वापस लौट कर आती है। इस समय अन्तराल में परमेश्वर यहूदियों से व्यवहार कर रहा होता है। तब से..अन्त समय पर….उस बीच में महान नगर यरूशलेम का आना और इस्राएल के लोगों पर मोहर होना तथा ऐसे ही और दूसरे काम होते हैं।26अब, अतः आज रात्रि हम छोड़ेंगे…..इसके तुरन्त बाद ही यूहन्ना ने देखा था…. पितमुस टापू पर…. कितनों को याद है, कि पितमुस किनारे से कितनी दूर था? वह कितनी दूरी पर था? वह समुद्र तट से लगभग तीस मील दूर था(यह सही बात है)। और पितमुस कितनी परिधि में था? आप जो भूगोल के ज्ञाता हैं, क्या आप में से किसी को यह याद है? वह लगभग पंद्रह मील के घेरे में था। और रोमन लोग इस का उपयोग काले पानी की सज़ा देने के लिए किया करते थे, वे कैदियों को वहाँ पर छोड़ दिया करते थे। और यूहन्ना वहाँ पर किस कारण से था? उसने ऐसा क्या किया था? क्या उसने….क्या उसने कुछ चुराया था? जी नहीं! क्या उसने…क्या उन्होंने उसे वहाँ पर इसलिए छोड़ दिया था, क्योंकि वह लोगों को परेशान कर रहा था और कोई बुरा काम कर रहा था? जी नहीं! उसे वहाँ पर किस लिए छोड़ गया था? परमेश्वर के वचन और उसकी गवाही देने के कारण(जी हाँ!) सुसमाचार का प्रचार करने के कारण।।27और क्या किसी सच्चे विश्वासी के साथ बिना किसी भलाई के कुछ हो सकता है? जी नहीं, बिलकुल नहीं! अतः परमेश्वर ने उसे वहाँ पर उस टापू पर किस लिए अकेले छुड़वाया था? ताकि हमें प्रकाशितवाक्य की यह पुस्तक दे। देखिए, परमेश्वर जब चाहे शैतान की आँखों पर एक गहरा परदा डाल सकता है, क्या वह ऐसा नहीं कर सकता है? वह तो ऐसा बड़ी ही आसानी से कर सकता है। मैं बस उससे प्रेम करता हूँ।क्योंकि मुझे तेज़ तर्रार नहीं बनना है—समझे? मैं..मैं..अगर मैं तेज़-तर्रार होता, तो मुझे इसके बारे में सब कुछ भूल जाना होता, क्योंकि मैं जानता हूँ, कि कोई भी उतना तेज़-तर्रार नहीं हो सकता है जितना कि वह है। और अतः मैं….मैं तो सिर्फ…जो कुछ भी मेरे पास है..मैं स्वयं अपने आप को उसे समर्पित करता हूँ, और केवल वही करता हूँ जो वह करने के लिए कहता है। यही सारी बात है। कभी कभी तो यह उससे बिलकुल विपरीत होता है जैसा कि मैं इसके बारे में सोचता हूँ। परन्तु मैं जानता हूँ, अगर वही अगुवाई कर रहा है…वह तेज़-तर्रार है। वह जानता है, कि वह क्या कर रहा है; मैं नहीं जानता हूँ। अतः मैं तो बस उसे ही इसे करने देता हूँ(समझे आप?), और उसके बाद यह बिलकुल ठीक होता है। समझे? मैं बस उसे ही इसे करने देता हूँ। भाई नेविल, ऐसी ही बात है। जी हाँ, श्रीमान! उसे ही इसे करने दें। वही एक ऐसा है जो यह जानता है, कि वह क्या कर रहा है; मैं नहीं जानता हूँ। समझे? यही कारण है, कि मैं इस बात की कोशिश नहीं करता हूँ, कि मेरे पास बड़े बड़े फूल-पुष्प तथा ऐसी ही चीजें हों; और मैं तो अपने आप को दीन-हीन बनाता हूँ और कहता हूँ, “पिता, ये रहा मैं; जब भी आप मुझे चाहें।” अतः मैं बस इसी तरह से आगे बढ़ता चला जाता हूँ और इससे हमेशा ही सही परिणाम निकलकर आता है।28अतः यूहन्ना को देखिए, अगर ऐसा यूहन्ना के साथ न हुआ होता, और यूहन्ना पितमुस टापू पर न गया होता, तो हमें प्रकाशितवाक्य की पुस्तक न मिली होती। यह परमेश्वर का हमें प्रकाशितवाक्य की पुस्तक देने का तरीका था। मैं सोचता हूँ, कि वह वहाँ पर लगभग तीन साल के लिए था, और उसने प्रकाशितवाक्य की पुस्तक लिखी थी।अब, हमने उसे तीसरे अध्याय के २२वें पद पर छोड़ा था, जहाँ कहा गया था, जिसके कान हो, वह सुन ले, कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है।“29अब, आइये हम चौथा अध्याय पढ़ना शुरू करें।इन बातों के बाद जो मैंने दृष्टि की, तो क्या देखता हूँ, कि स्वर्ग में द्वारा खुला हुआ है…..और वह पहला शब्द जिसे मैंने सुना था….जिसको मैंने अपनेक साथ तुरही के से शब्द से बातें करते सुना था, वही यह कहता है, कि यहाँ ऊपर आ जा; और मैं वे बातें तुझे दिखाऊँगा, जिन का इन बातों के बाद पूरा होना अवश्य है।हम इसे पद दर पद लेने जा रहे हैं। और मेरे पास यहाँ पर वचन के कई लेख लिखे हुए हैं, उनकी एक किताब ही लिखी हुई हैं, और मैं नहीं जानता हूँ, कि हम इसका कितना ज्यादा अध्ययन कर सकते हैं। होने पाये, प्रभु ही हमारी अगुवाई करे।अब, देखिए, ये रहा वचनः इन बातों के बाद….(कलीसियायी काल के बाद)…. यहाँ से जो भी बातें होनी हैं, उनका सम्बंध होगा—से—वे कलीसिया के स्वर्ग पर उठाये लिये जाने के बाद होंगी। देखिए, ये स्वर्ग पर उठाये जाने के बाद ही होंगी। यह इस्राएल को फिर से ऊपर उठायेगा। कलीसियायी काल के बाद, कलीसियायी कालों के बाद, और वे…..कलीसिया फिर से तब तक नहीं दिखाई देती है जब तक कि वह प्रकाशितवाक्य के उन्नीस वें अध्याय में अपने दुल्हे के साथ फिर से वापस आती है। विवाह के लिए परमेश्वर की महिमा होवे!30आइये हम बस इसे पढ़े। क्या आप इन वचन के लेखों का अध्ययन करना चाहेंगे, जैसे जैसे हम इसका अध्ययन करते चले जाते हैं ? बिलकुल ठीक है। आइये हम प्रकाशितवाक्य का १९ वाँ अध्याय निकालें। बिलकुल ठीक है, श्रीमान, प्रकाशितवाक्य १९! आइये हम प्रकाशितवाक्य १९ को 7वें पद से ही पढ़ना आरम्भ करें। यह तब का वर्णन है जब कलीसिया फिर से दृष्टिगोचर होती है, वह १९ वे अध्याय तक कभी नहीं दिखाई पड़ती है।आओ, हम आनन्दित और मगन हों, और उसकी स्तुति करें…क्योंकि मेमने का विवाह आ पहुँचा; और उसकी पत्नी ने अपने आप को तैयार कर लिया है।ओह, मैं-मैं इस पर मध्य रात्रि तक प्रचार कर सकता हूँ, और फिर भी इसके बारे में आधा भी नहीं बतला सकता हूँ। देखिए, “उसकी पत्नी ने अपने आप को तैयार कर लिया है।”31(चार्ली, नैली, रॉडनी, तथा आप सब, देखो, यही वह बात है जिस पर हम किसी और दिन वहाँ पर चर्चा कर रहे थे….समझे) जब एलीशा ने एलिय्याह को अपनी चादर उढ़ायी….या एलिय्याह ने उसे एलीशा को उढ़ाया; वह वापस पहुँचा और उसे फिर से उतारा; स्वयं उसे ओढ़ा और उसे ओढ़े हुए तब तक चलता रहा जब तक उस ने यरदन पार न कर ली, और वह पहाड़ पर गया, और रथ पर सवार होकर गया; और उसने उसे नीचे फेंक दिया। जब एक मसीही का पहले पहल उद्धार होता है, तो उसका मुख मसीह की ओर लगा रहता है, इसके बाद खुद उसे कुछ करना होता है। अगला काम उसे यह करना होता है, कि उसे अपने आप को सारी गंदी आदतों से शुद्ध करना होता है; उसको हर एक बोझ को एक तरफ अलग हटा कर रख देना होता है; उसे अपने आप को तैयार करना होता है। दुल्हन ने अपने आप को तैयार कर लिया है।32यह बात मुझे एक छोटी सी गाथा स्मरण दिलाती है। इससे पहले कि हम आगे बढ़े, मुझे इसे अवश्य ही बता देना चाहिए। कुछ समय पहले…कई वर्षों पहले यहाँ बाहर पश्चिम में “आरमर एंड़ स्फिट पैंकिग” नाम की एक बहुत बड़ी कम्पनी थी। वे कैसे करते हैं, वे वहाँ बाहर आते हैं; और मवेशियों को खरीदते हैं और घास के बड़े बड़े मैदान खरीदते हैं। और उनकी कीमते बहुत ज्यादा रूपया-पैसा है; और वे उन सारे छोटे छोटे घास के मैदानों को खरीदते हैं; और इस प्रकार से उन के पास दसयों लाखों एकड़ के घास के बड़े बड़े मैदान हैं; और यहाँ पर इन भागों में हेयरफोड़े मवेशियों को चराया जाता है….उनके पास मवेशियों को लाने-ले जाने वाली मोटरगाड़ियाँ तथा वे सारे सुविधा के साधन हैं जिनसे उन मवेशियों को एक चारागाह से दूसरे चारागाह लाया-ले जाया जाता है।और “आर्मर एंड स्फेिट कम्पनी का एक बहुत बड़ा घास का मैदान था, और एक दिन वहाँ पर …उस बड़े घास का फोरमैन या सुपरिडेन्ट था, और उसकी लगभग चार या पाँच लड़कियाँ थीं। और उन्हें मालूम हुआ, कि आर्मर एंड कम्पनी के बंधुओं में से कोई एक आ रहा है, या भाइयों में से नहीं, वरन लड़कों में से कोई एक आ रहा था…वह उस घास के मैदान पर आ रहा था। और वह एक युवक और कुँवारा था। और ये सारी लड़कियाँ इतनी सुनिश्चित थी, कि जैसे ही वह लड़का आता है वैसे ही वे उसे मंत्रमुग्ध कर लेंगी। और अतः वे सब तैयार हो रही थीं और उसके लिए सब तरह की तैयारी कर रही थीं।33जब वह वहाँ आया, तो वे उससे मुलाकात करने जा रही थीं। उन्होंने खास दिन पर पहने जाने वाली पुरानी “फरटियर ड्रेस पहनीं…वे छोटी छोटी पोशाके पहनी जिनमें उनकी झालरें लगी होती हैं, और कमर पर ”चवालीस वाला कपड़ा पहना, और आप जानते हैं, कि उन्होंने अपने अपने सिर पर टोप पहना। और उन में से हर एक परम्परागत पश्चिमी स्थानीय लड़की लगने जा रही थी, ताकि कर ले….उन में से कोई एक लड़की इस लड़के को पाने जा रही थी।और वहीं पर उनके पास उनकी एक चचेरी या ममेरी बहन थी जिसकी माँ और बाप मर चुके थे। वह चचेरी या ममेरी बहन थी; और वह उन सबके लिए जो वहाँ पर थीं लगभग एक गुलाम के जैसी सी थी, और सारे गंदे काम उसी को करने होते थे; उसे सारे गंदे बर्तन-भांड़े तथा ऐसी ही सारी चीजें धोनी पड़ती थीं। और उसके पास कोई कपड़े नहीं थे। उसे तो खुद अपने लिए कपड़े बुनने होते थे।34और जब वह समय आया, कि जब उस लड़के को आना था; तो वे सब अपनी अपनी घोड़ागाड़ियों में बैठे, और वे उसे लाने के लिए-उसे ग्रहण करने के लिए स्टेशन पहुंचे। और वे बंदूक की गोलियाँ हवा में छोड़ रहे थे, और घोड़े हिनहिना रहे थे, और ऐसा ही सब कुछ हो रहा था। और वे उसे लेकर रैन्च पर आये। और उस रात उनका बड़ी धूमधाम के साथ एक बड़ा उत्सव जैसा चल रहा था। और वे बाहर वहाँ पर पहुँचें जहाँ भूसे के बड़े बड़े ढेर और कॉरल वाली (Corral) चारदीवारी थी; और उन्होंने..उन्होंने गीत गाये और वे नाँचे और उनकी सारी रात भर मौज़-मस्ती चलती रही। वह वहाँ पर दो या तीन दिनों के लिए था।35यह बेचारी छोटी चचेरी बहन….अब, मैं इसकी तुलना किसी बात से करने जा रहा हूँ। अब जो हमारी चचेरी बहने हैं, वे बड़ी बड़ी मीनारों से और आलीशान गिरजों से सुसज्जित हैं, और ऐसा दिखाई पड़ता है, कि अगर कोई बहुत बुरा नाम है, तो वह पिन्तेकोस्तलों को दिया जाना है; और जो कोई भी गलत बात है, वह उनके मत्थे मढ़ी जानी है। वे भी गलत गलत काम करते हैं, पर इसके बारे में कभी नहीं सुना जाता है। समझे आप? वे तो एक प्रकार की उच्च कोटि की हैं, अतः वे उसके बारे में ऐसा नहीं सुनते हैं। परन्तु किसी पिन्तेकोस्तल प्रचारक भाई को एक बार कोई एक गलती कर दीजिए, और भाई, मैं आपको बता रहा हूँ, कि देश भर में जितने भी अखबार हैं, वे उन में से हर एक में इसकी भर्त्सना करेंगे। जी हाँ, श्रीमान! किसी पिन्तेकोस्तल भाई को किसी बच्चे के लिए दुआ करने दीजिए, और वह बच्चा मर जाये, तो देश का हर एक अखबार इसकी भर्त्सना करके कहेगा, “दिव्य चंगाई तो सनकीपना है।”ठीक है, तो फिर क्यों नहीं वे उस हर एक मामले की भत्र्सना अखबार में करते जिन्हें डॉक्टर गवां देता है? “जो बात किसी एक के लिए हो, वही बात दूसरे के लिए। भी हो।” समझे? अतः यदि उन से ऐसा हो जाता है, तो उनके पास समाचार-पत्र के कॉलम में इतनी भी जगह नहीं होगी, कि वे उन सारे मरे हुओं के बारे में लिखें। अगर में यहाँ बाहर कगिब्रस्तान में जाऊँ और कहूँ, “हर एक वह व्यक्ति जो दिव्य चंगाई के तहत कभी मरा खड़ा हो जाये”, और इसके बाद कहूँ, “हर एक वह व्यक्ति जो कभी चिकित्सा-उपचार के दौरान मरा खड़ा हो जाये, तो उनकी संख्या उन एक के मुकाबले दस लाख होगी। और यह बिलकुल ठीक बात है। अतः यदि वे एक की भर्त्सना करने जा रहे हैं, तो उन्हें दूसरे की भी भर्त्सना करनी चाहिए। यह सही बात है। परन्तु वे तो हर साल दवाओं और ऑपरेशनों के द्वारा दसयों लाखों लोगों को जान से मार डालते हैं, और आप इसके बारे में कभी भी एक भी शब्द नहीं सुनते हैं। समझे?36अतः इस छोटी लड़की को देखिए, उसे सारे ऐसे काम करने पड़ते थे जिनमें गंदा होना पड़ता है। अतः जब एकाएक वह लड़का….एक रात जब रात्रिभोज हो चुका था, और वे नाँच कर चुके थे, आप जानते हैं, कि उन लड़कियों ने अपने आप को सुंदर बनाया हुआ था। और इस बेचारी गरीब लड़की को छोटे पुराने चिथेड़े पहनने होते थे। और एक रात जब रात्रिभोज हो चुका था, तो वह भोजन-कक्ष में बैठी हुई थी, वह बर्तन धो रही थीं, और वह बर्तन का गंदा पानी फेंकने के लिए पीछे आँगन में से होकर बाहर आयी। वह…जब वह कॉरल वाली चारदीवारी की तरफ मुड़ी, तो वहाँ पर वह लड़का कॉल वाली चारदीवारी का सहारा लिये हुए खड़ा था; वह बोला, “हैलो।”वह बहुत ज्यादा लजायी, क्योंकि वह तो सुपरिडेन्ट का लड़का था, वह तो रैन्च के मालिक का लड़का था। उसने बर्तन नीचे को कर लिया—केतली नीचे को कर ली, ताकि वह लड़का इस बात पर ध्यान न दे, कि उसने फटे पुराने कपड़े पहने हुए हैं, और वह ऐसे किये हुए ही नंगे पैर पीछे को चली, वह इस प्रकार से पीछे देखती जा रही थी।और वह उसके पास तक चलकर गया, और बोला, “मुझ से मत डरो।” बोला, “मैं तुम्हें कुछ बताना चाहता हूँ।” वह बोला, “मैं यहाँ पर एक उद्देश्य से आया हूँ, मैं एक पत्नी ढूंढने के लिए आया हूँ।” और बोला, “मैं सभी जगह निगाह डाल रहा था।” बोला, “मैं उन लड़कियों में से किसी से भी विवाह नहीं करना चाहता हूँ जो शहर में हैं। मैं तो वह चाहता हूँ जो मैं सोचता हूँ , कि एक असली पत्नी होती है।” और बोला, “मैं यहाँ चारों ओर तुम पर ध्यान दे रहा था, और उस सब में मैंने देखा है, और मैंने कुछ जरियों के द्वारा जाना है, कि तुम एक चचेरी बहन हो।”वह बोली, “यह बिलकुल ठीक बात है, श्रीमान!”बोला, “मैं तुम से कुछ पूछना चाहता हूँ। क्या तुम मुझ से शादी करोगी?क्यों, वह नहीं जानती थी, कि क्या करे। वह इतनी स्तब्ध हो गई थी; वह नहीं ….वह नहीं जानती थी, कि उस पुरूष को किस तरह से उत्तर दे।37ओह, मैं बस इसके बारे में कल्पना कर सकता हूँ, कि उसने कैसा अनुभव किया था; क्या आप कल्पना नहीं कर सकते हैं? जब मैं एक बार को पापी था; मुझ में कोई भलाई नहीं थी; मैं तो एक शराबी-पियक्कड़ का एक बच्चा था; यीशु मसीह ने मुझ से कहा, “मैं तुझे अपने लिए चाहता हूँ।” वह कैसे कभी मुझ जैसे इंसान के पास आ सकता था? कैसे वह कभी ऐसा कह सकता था, “मैं तुझे स्वर्ग में एक घर दूंगा? वह कैसे कभी कह सकता था, ”मैं तेरा उद्धार करूंगा? जैसा कि मैं अभागा-कंगाल हूँ, ऐसा कैसे कभी हो सकता था? परन्तु उसने ऐसा किया था।38वह बोली, “श्रीमान, मैं..मैं नहीं हैं…मैं—मैं योग्य नहीं हूँ। मैं आप जैसे पुरूष की पत्नी कैसे बन सकती हैं, क्योंकि आप तो बड़ी बड़ी चीजों के आदी हैं। और मैं उनके बारे में कुछ नहीं जानती हूँ। मैं गरीब कंगाल हूँ।”वह बोला, “लेकिन तुम मेरी पसंद हो।”और क्या यह एक शानदार बात नहीं थी, जब यीशु ने ऐसा आप से कहा था, कि….तुम जानते थे, कि तुम एक मसीही होने के योग्य नहीं थे। कुछ भी ऐसा नहीं था जो तुम कभी कर सकते होते, लेकिन उसने…ये कोई काम नहीं थे…उसने—उसने तो बस आपको चुन लिया; देखिए, वह..यह उसकी भलाई है, उसकी दया-करूणा है। जो उसने आपको चुना; तुम जानते हो, कि तुम ने उसने नहीं चुना; उसने ही तुम्हें चुना है। यह सही बात है।वह बोली, “मैं..मैं नहीं हूँ…”.वह बोली….बोला, “तुम अपने कपड़ों को मत देखो। मैं तुम्हारे कपड़ों को नहीं देखता हूँ; मैं तो वह देखता हूँ जो तुम हूँ।”

वह बोला, “क्या तुम मुझ से शादी करोगी?” और आखिरकार एक सुलाहनामा हुआ। वह बोला, “इस दिन से एक साल के बाद मैं लौटकर आऊँगा। तुम तैयार रहना। तुम विवाह के वस्त्र पहने हुए होना, क्योंकि मैं वापस लौटकर आऊँगा, और तुम से ठीक यहीं पर इन मैदानों पर विवाह करूंगा। मैं तुम्हें शिकागो में आऊटडोर ड्राइव पर लेकर जाऊँगा-यही वह जगह है जहाँ तुम्हारे लिए एक महल होगा, जिसमें तुम रहो। तब इन सारे बर्तनों का धोना बंद हो जाएगा, और ये सारे काम खत्म हो जायेंगे।”39जब उसकी बहनों ने-उसकी चचेरी बहनों ने उसके बारे में सुना, तो वे बोली, तुम बेचारी-कंगाल, छोटी अनभिज्ञ मूर्ख, क्यों; तुम जानती हो, कि उस पुरूष का वह मतलब नहीं था।और क्या यह बिलकुल ठीक वह बात नहीं है जो वे आज कहते हैं? कैसे पवित्र-पाखंड़ियों का-हो हल्ला मचाने वाले पवित्र कहलाने वाले लोगों का एक झुंड, ऐसे लोगों का झुंड जो बामुश्किल अपना नाम भी नहीं लिख सकते हैं, कैसे कभी एक कलीसिया होगा? कैसे कभी वैसा झुड़ ऐसा होगा?“ परन्तु यह बिलकुल ठीक वही बात है, जब हम वाचा में जुड़ गये, और हमने अपने हृदयों पर यीशु मसीह का हृदयस्पर्शी चुम्बन महसूस कर लिया, कि हमारे पापों को दूर कर दे; तो कोई चीज हमें बताती है, कि वह फिर से आ रहा है, जैसे…?…किसी दिन वह वापस लौटकर आएगा।40सारे साल भर उसने काम किया; वह गुलामी कर रही थी, उसने अपने ज़राज़रा से पिछत्तर सैन्ट बचाकर जमा किये; वे लोग जो यहाँ पर उसे उसका एक दिन की मज़दूरी के लिए देते थे, उसने उसे बचाया। और वह अपना पैसा अपने लिए विवाह का एक वस्त्र खरीदने के लिए बचाकर जमा कर रही थी, ताकि सब कुछ तैयार करे। ओह, उसके विचारों में यह बात रची-बसी हुई थी, और वह अपने आप को तैयार कर रही थी। और उस लड़के ने…(उसने अपने आप को तैयार कर लिया है) उसने अपने वस्त्र तैयार किये; जबकि उसकी चचेरी बहनें उस पर हंसती थीं, और उसका मज़ाक उड़ाती थीं।आखिरकार वह आखिरी दिन आ जाता है। उसने विवाह का वस्त्र पहनकर अपने आपको तैयार किया ..(ओह!)..वह पूरी तरह से तैयार हुई, और वह नहायीधोई। और उसकी चचेरी बहने उसके पास आयीं और उसका मज़ाक उड़ाते हुए उसे दंड़वत् करके कहा, “अच्छा, तू मूर्ख लड़की। क्यों, तू तो जानती ही है, कि उसका मतलब वह नहीं था। वह तुझ जैसी लड़की से बात नहीं करेगा…तुझ जैसी लड़की से विवाह नहीं करेगा।” परन्तु कैसे भी हो उसने अपने आप को तैयार किया।41अतः सांझ के समय में देर हो चली, और वे उसकी हंसी उड़ाने लगीं, और उसका ठट्टा उड़ाने लगीं। कैसे भी हो, वह द्वार पर खड़ी हुई इंतज़ार करती रही। और अतः वह…उसने कहा, “उसने किस समय के लिए कहा था, कि वह यहाँ पर होगा?”बोली, उसने यह नहीं बताया था। पर बोली, “उसने बताया…उसने मुझे वह रात बतायी थी जिस रात वह विवाह करेगा—उसने मुझे सगाई की अंगूठी दी थी। उसने कहा था…उसने मुझे बताया था, कि ऐसा अब से लगभग एक साल बाद होगा। इसलिए मेरे पास एक घंटा ही बाकी रहा है। आमीन! बस इंतज़ार करते रहें। ”मेरे पास एक घंटा ही बचा रहा है, तीस मिनट ही बचे रहे हैं, दस मिनट ही बचे रहे हैं।“ और वे उस पर हंसी और उसका मज़ाक उड़ाया, और उसे सब कुछ कहा।परन्तु आखिरकार, ठीक निर्णायक घड़ी में उन्होंने पहियों के तले रेत के उड़ने की, घोड़ों के आने की आवाजें सुनीं। यह क्या ही बात थी, कि उस छोटी सी दुल्हन को जिसने अपने आप को तैयार कर लिया था, देखा जाए; वह द्वार से बाहर कूदी और बाहर गुलाबों से ढकी जाँफरी से होकर दौड़ी चली गई,ताकि उस पुरूष की बांहों में उड़कर चली जाये जिससे उसने प्रेम किया और जो उसका पति होने जा रहा था, कि वह उसे इस प्रकार से ऊपर उठा ले; और वह उससे विवाह कर ले और उसके साथ सवार होकर दूर चली जाए।42भाइयों, इन दिनों में से किसी एक दिन ऐसा होगा, कि वे लोग जो हमारा मज़ाक उड़ा रहे हैं, और कह रहे हैं, “पवित्र-पाखंड़ियों और पिन्तेकोस्तलों, और इसी प्रकार की बातें कह रहे हैं….हम तो बाट जोह रहे हैं; हमारे पास अभी भी थोड़ा सा समय है। वे कहते हैं, ”ओह, जो कभी रहा था, उसमें और इसमें कोई अंतर नहीं है।“ चिन्ता मत करो, हमारे पास थोड़ा सा समय बाकी रहा है। और फिर जिस क्षण उसने आने की प्रतिज्ञा की है, वह उसी क्षण यहाँ पर होगा। और इन दिनों में से किसी एक दिन हम उड़ान भरेंगे और चले जायेंगे। बस तैयार रहो। विवाह का वस्त्र पहने रहो। दुष्टता की सारी बातों को अपने हृदय से निकाल बाहर करो। वह सब कुछ जो….43सुनिए, पवित्र वचन का यह लेख यहाँ पर किस प्रकार पढ़ता है।आओ, हम आनन्दित और मगन हों, और उसकी स्तुति करें, क्योंकि मेमने का ब्याह आ पहुँचा है, और उसकी पत्नी ने अपने आप को तैयार कर लिया है। (क्या आप इसे समझ गये हैं?)और उसको शुद्ध और चमकदार महीन मलमल पहिनने का अधिकार दिया गया, क्योंकि उस महीन मलमल का अर्थ पवित्र लोगों के धर्म के काम हैं। (परमेश्वर की तारिफ होवे!)और उसने मुझ से कहा; यह लिख, कि धन्य वे हैं, जो मेमने के विवाह भोज में बुलाये गये हैं; फिर उसने मुझ से कहा, ये परमेश्वर के सत्य वचन हैं।अतः इन दिनों में से किसी एक दिन हवा में उस मधुर अलविदा में एक मिलाप होगा। बस तैयार रहें। अपने आप को तैयार रखें। अपने हृदयों को तमाम बुरे विचारों से शुद्ध करें। परमेश्वर पर विश्वास रखें, इससे कोई मतलब नहीं है, कि कितना अंधकार दिखाई देता है, और आप पर कितना हंसा जाता है और आपका कितना मज़ाक उड़ाया जाता है; और कहा जाता है, कि तुम ने गलती की है। बस पवित्रताई का जीवन व्यतीत करें और परमेश्वर के लिए जीवन व्यतीत करें। आगे को बढ़ते रहें; वह घड़ी आ जायेगी।44अतः आप देखते हैं, कि वह प्रकाशितवाक्य १९ में दृष्टिगोचर होती है।इन बातों के बाद जो मैंने दृष्टि की,.. (जब वह कलीसियायी काल देख चुका, तो उसके बाद)… तो क्या देखता हूँ, कि स्वर्ग में एक द्वार खुला हुआ है….अब, स्मरण रखिए, कि यूहन्ना अभी भी पतमुस पर ही था। और जब वह कलीसियायी कालों को सिलसिलेवार देख चुका, तो उसके बाद ऐसा हुआः…मैंने दृष्टि की, तो क्या देखता हूँ, कि स्वर्ग में एक द्वार खुला हुआ है…..“एक द्वार! द्वार क्या है? प्रकाशितवाक्य ३:८ में….प्रकाशितवाक्य के तीसरे अध्याय के आठवें पद में कहा गया है, ”मैं तेरे कामों को जानता हूँ। देख, मैंने तेरे साम्हने एक खुला द्वार रखा है, जिसे कोई बंद नहीं कर सकता है—जिसे ना तो कोई बंद कर सकता है और ना ही कोई खोल सकता है। वही द्वार है, द्वार….मसीह ही द्वार है। उसने संत यूहन्ना १० में कहा था, “मैं भेड़शाला का द्वार हैं।”और प्राचीन देशों में आपको यह मालूम होता है, कि एक चरवाहा अपनी भेड़ों को अंदर दौड़ाता है। जब वह उन्हें गिन लेता है और देख लेता है, कि वे सब अंदर हैं, तो उसके बाद वह द्वार पर ही लेट जाता है। उस पर चढ़े बगैर भेड़िया अंदर नहीं आ सकता है, या उस पर चढ़े बगैर कोई भेड़ बाहर नहीं जा सकती है। ओह, भेड़ कितना सुरक्षित महसूस करती है, क्योंकि चरवाह द्वार के अंदर लेटा हुआ होता है।पुराने नियम में नूह द्वार पर खड़ा हुआ था। ओह, सुनिएं, मैं कोई बात कहने जा रहा हूँ। उसने द्वार में खड़े होकर उन लोगों पर प्रायश्चित और धार्मिकता का प्रचार किया था जिन्होंने उसकी खिल्ली उड़ायी थी। और ठीक उसी द्वार में जिस में वह खड़ा हुआ था; उसी एक द्वार के बगैर कोई भी व्यक्ति अंदर नहीं आ सकता था। नाव में और कोई नहीं, वरन एक ही द्वार था।45और वहाँ केवल एक ही मार्ग है। भाई स्ट्राइकर, यह बिलकुल ठीक बात है। केवल एक ही मार्ग है जो मसीह की देह के अंदर जाता है। जीवते परमेश्वर की कलीसिया के अंदर आने के लिए केवल एक ही द्वार है, और यीशु ही वह द्वार है। “मैं ही द्वार हूँ, मैं ही मार्ग हूँ।” वही तो एक ऐसी राह है जो द्वार तक लेकर जाती है। “मैं भेड़शाला का द्वार हूँ।”उसने इस कलीसियायी काल से कहा था, “मैंने तेरे साम्हने एक खुला द्वार रखा है।” उसने ऐसा मैथोडिस्ट कलीसियायी काल से कहा था; वे इसे ठुकरा कर इससे दूर हो गए थे; वे संस्था के अंदर चले गये थे। “पर मैंने तेरे साम्हने एक खुला द्वार रखा है।” अब, जब वे पवित्रीकरण ग्रहण कर चुके, तो उसके बाद उसने कहा था, “मैं एक खुला द्वार रबँगा; जो कि पवित्र आत्मा है। एक ही आत्मा के द्वारा हम सब का…(कैसे हुआ है?)….एक ही दहे में, जो कि मसीह है, बपतिस्मा हुआ है। उसने उस सन्देश को मैथोडिस्ट कलीसिया के सामने रखा, और वे उससे अलग होकर दूर हो गये थे। वे पवित्रीकरण तक तो चलकर आये थे, और उन्होंने पवित्र आत्मा को ठुकरा दिया था। क्या आपको यह याद है? वह खुला द्वार…हम मसीह में कैसे आते हैं? “एक ही आत्मा अर्थात् पवित्र आत्मा के द्वारा, जो कि मसीह का ही आत्मा है; उसी के द्वारा ही।” हम इसके अंदर हाथ मिलाने के द्वारा नहीं आते हैं, जल-छिड़काव के द्वारा नहीं आते हैं, “परन्तु हम सभों का एक ही आत्मा के द्वारा एक ही देह में बपतिस्मा हुआ है और हमें उस देह का सहभागी बनाया गया है। उस द्वार के अंदर प्रवेश करने के लिए एक ही पवित्र आत्मा का बपतिस्मा46वह द्वार…वह द्वार स्वर्ग में धरा हुआ था, जब उसने उस पर दृष्टि डाली, तो उसने प्रभु यीशु को देखा। आप ज़रा इसके अगले पद पर दृष्टि लगाये रखेः वह जो द्वार है, वह यीशु मसीह है।इन बातों के बाद जो मैंने दृष्टि की, तो क्या देखता हूँ, कि स्वर्ग में एक द्वार खुला हुआ है; और जिसको मैंने पहले तुरही के से शब्द से अपने साथ बातें करते सुना था….अब, दृश्य बदल रहा है। यूहन्ना पतमुस टापू देख रहा होता है, और अब वह अपनी दृष्टि ऊपर की ओर लगाता है। क्यों? वह उस किसी बात को देखता है जो यहाँ पृथ्वी पर हुई( उसने इन कलीसियायी कालों को देखा) उसने यहाँ पर पाये जाने वाले उन सारे सातों कलीसियायी कालों को देखा, और जब वह इन कलीसियायी कालों को देख चुका; जब ये कलीसियायी काल पूरे हो चुके, तो उसके बाद उसने एक शब्द सुना। और उसने आकाश की ओर दृष्टि करके देखा और उसने एक द्वार खुला हुआ देखा; और जो पहला शब्द हुआ वह तुरही के शब्द के जैसा हुआ। यह बिलकुल ठीक बात है, कि दृश्य पतमुस से स्वर्ग की ओर बदला।47यह शब्द बिलकुल ठीक वही शब्द था जो उन सोने के सात चिरागदानों के बीच चलता-फिरता था; यह ठीक वहीं शब्द था; वह शब्द नहीं बदला। जब उसने उस शब्द को पहले पहल सुना था, तो उसने इसे कहाँ पर सुना था? कितनों को यह याद है, कि उसने इसे पहले कलीसियायी काल में कहाँ पर सुना था? अपने पीछे। “प्रभु के दिन मैं आत्मा में था।” यह प्रकाशितवाक्य १-१:१० है। अतः वह…..“आत्मा में….यदि आप इसे लिख लेना चाहते हैं, तो यह प्रकाशितवाक्य १:१० और १३ है। मैं प्रभु के दिन आत्मा में था, और मैंने अपने पीछे तुरही का सा शब्द सुना और उसकी आवाज़ बहुत से जल के जैसी थी। और जब मैं देखने के लिए मुड़ा, तो मैंने सोने के सात चिरागदानों के बीच ”एक“ को खड़े देखा।अब, जब वह उसे सोने के उन सात चिरागदानों के सारे भेद बता चुका, (वह जो सात सितारे लिये हुए था और श्वेत बालों वाला विग पहने हुए था; तथा ऐसी ही और दूसरी बातें होती हैं, और जिसके पांव पीतल के से और जिसकी आँखे आग की सी थीं; ये सारे प्रतीक थे)…जब वह उसे इन सब के बारे में बता चुका,…(देखिए)…तो उसके बाद उसने ठीक उसी शब्द को आसमान से बोलते हुए सुना। और उसने ऊपर दृष्टि डाली और उसने एक खुला द्वार देखा(ओह!)…उसने स्वर्ग में प्रवेश करने का एक खुला द्वार देखा। हम इसके अंदर कैसे आते हैं? मसीह यीशु के द्वार…..वही द्वार है, वही एक मार्ग है, कोई और दूसरा मार्ग नहीं है।48वह कोई भी जो किसी और ही मार्ग से ऊपर चढ़ आता है, वह चोर और लुटेरा है। और उस दृष्टांत में जो एक व्यक्ति विवाह का वस्त्र पहने बगैर ही ऊपर चढ़ आया था, वह दोषी पाया गया था; और उसे बाँधा गया था

और उसे बाहर अंधकार में फेंक दिया गया था। मेरा मानना है, कि अधिक समय नहीं हुआ है जब मैंने यहीं पर इस पर प्रचार किया था।जहाँ कहीं भी दुल्हा…..प्रचीन(पूर्वी ) देश में जब किसी पुरूष का विवाह हुआ—जब किसी पुरूष का विवाह होता है, तो उसे खुद अपने आप ही आमन्त्रण पत्र देने होते हैं, उसे खुद ही वस्त्र सिलवा कर तैयार करवाने होते हैं। अतः जब उसने वहाँ पर इस व्यक्ति से मुलाकात की, वह व्यक्ति भोज की मेज़ पर बैठा हुआ था….कितनों को वह दृष्टांत याद है? आप जो बाइबिल पढ़ते हैं, यकीनन, आपको यह याद है। और उसने एक व्यक्ति को भोज की मेज़ पर विवाह के वस्त्र पहने बगैर ही बेठे हुए पाया।49यह क्या है? दुल्हा ही द्वार पर खड़ा होता है, और जो आते हैं, वे सब एक आमन्त्रण पत्र लिये हुए आते हैं। “बिना मेरे कोई भी पिता के पास नहीं आ सकता। जितनों को पिता ने मुझे दिया है, या जितनों को आमन्त्रित किया गया है, वे सब मेरे पास आयेंगे।” यहाँ पर वे आते हैं, वे अपना अपना आमन्त्रण-पत्र दुल्हे को देते हैं, जिससे हर कोई एक जैसा ही लगे…..यही पुराने समय वाले, पवित्र आत्मा वाले धर्म के बारे में एक अच्छी बात थी; वह उन सब को ऐसा बना देता है, कि वे एक से ही दिखाई पड़ते हैं। चाहे वे आमीर हो या गरीब, बंधुवा हो या आज़ाद, काले हो या गोरे, नर हो या नारी; वे सब के सब मसीह यीशु में एक होते हैं।और दुल्हा ही द्वार पर खड़ा हुआ; और उसने ही आमन्त्रण-पत्र लिया; और इस वाले व्यक्ति को वस्त्र पहनाया; अतः अमीर और गरीब सारे के सारे एक जैसे ही दिखाई देते थे। ठीक इसी प्रकार से ही परमेश्वर के राज्य में होता है; वहाँ पर ना तो कोई बड़ा और ना कोई छोटा है; वहाँ तो सारे के सारे एक ही हैं; मसीह में सारे के सारे एक ही हैं।50अब, आप क्या सोचते हैं; जब दुल्हा वापस आता है, और इस व्यक्ति को वहाँ पर विवाह का वस्त्र पहने बगैर बैठे हुए पाता है, तो वह क्या करता है? वह बोला, मित्र, तुम यहाँ अंदर कैसे आये हो?“ और वह निरूत्तर खड़ा था; और ये यही दिखाता था, कि वह द्वार से अंदर ना आ कर किसी और ज़रिये से ही आया है। वह खिड़की से अंदर आता है; वह पिछले द्वार से अंदर आता है। और वह उसे ”मित्र“ कहता है, जो ये दिखाता है, कि वह कलीसिया का सदस्य था; बोला, ”मित्र, तू विवाह का वस्त्र पहने बगैर यहाँ अंदर कैसे आया?“अब, खुद यीशु ने ही यह कहा था। और उसने द्वारपाल को बुलाया; वह बोला, “उसके हाथ और पाँव बाँध दो।” और उसे वहाँ बाहर अंधकार में डाल दिया गया, जहाँ रोना, करहाना, और दांतों का पीसना होगा। ये मसीह के अपने वचन हैं। यह सच है, उसे बाहर डाल दिया गया; क्योंकि ये यही साबित करता है, कि वह विवाह का वस्त्र पहने बगैर ही द्वार से अंदर आने की बजाये किसी और ज़रिये से अंदर आ गया था। यदि वह द्वार अंदर आया होता, तो उसने विवाह का वस्त्र पाया होता।51ओह, इस बात पर कान लगाइये! यदि पवित्र आत्मा का बपतिस्मा ही विवाह का वस्त्र है, तो आप किसी और ज़रिये के द्वारा कैसे पेश होने जा रहे हैं? यदि पहले कलीसियायी काल को द्वार के द्वारा, मसीह यीशु के द्वारा….यीशु मसीह के नाम में बपतिस्मा लेकर पवित्र आत्मा का बपतिस्मा पाना था, ताकि विवाह का वस्त्र पहन लें, तो फिर हम किसी और ज़रिये के द्वारा कैसे आने जा रहे हैं? यदि आप मैथोडिस्ट के द्वारा, या पिन्तेकोस्तल के द्वारा, या किसी और नामधारी कलीसिया के द्वारा आते हैं, तो आपको बाँध दिया जाएगा और बाहर अंधकार में फेंक दिया जाएगा। आपको तो मसीह यीशु के द्वारा, मार्ग के द्वारा, द्वार के द्वारा, सत्य के द्वारा, जीवन के द्वारा आना होता है। आमीन!52बिलकुल ठीक बात है, ठीक वह शब्द जो प्रकाशितवाक्य २१…..या प्रकाशितवाक्य १:१० और १३ में था….और मैं आप से चाहता हूँ, कि आप ध्यान दें; उसने जो शब्द अपने से बातें करते हुए सुना, उस में तुरही के शब्द जैसी स्पष्टता थी। आप जानते ही हैं, कि तुरही का शब्द कैसा होता है, वह एक तीक्ष्ण कर्णभेदी शब्द होता है। बाइबिल में तुरही या नरसींगे का क्या अर्थ होता है? युद्ध! जब कभी आप युद्ध में…बाइबिल के समय में तुरही फेंकते हुए देखते हैं, तो उसके शब्द देने का अर्थ एक युद्ध होता है; या प्रकाशन होता है, या यह होता है, कि कुछ घटित होने जा रहा है।53अब, वह…जब कलीसियायी काल समाप्त हो गये थे; और सब कुछ तैयार हो कर आ गया था; जब यहाँ पर चौथे अध्याय के हो जाने के लिए सब कुछ तैयार हो गया था, तो कलीसियायी काल खत्म हो गये थे। वह पृथ्वी को छोड़ चुका था। समझे आप? स्मरण रखिए, जो शब्द उससे उसके पीछे बोला था, वही सोने के सात चिरागदानों के बीच अपना काम पूरा कर चुका था। और अब ठीक वही शब्द आकाश में बोल रहा था। यह क्या था? वह अपने लोगों को छुड़ा चुका था। पृथ्वी पर का उसका काम पूरा हो गया था; और वह महिमा में था; वह यूहन्ना को बुलाकर कह रहा था, “यहाँ ऊपर आ जा।” आमीन! यह मुझसे ऐसा महसूस करवाता है, कि नव वर्ष की पूर्वसंध्या पर ज़ोर ज़ोर से जयजयकार करूं। ओह, मेरे खुदा! ऐसा ही है। देखिए, इस बात की तैयारी की जाती है, कि “यहाँ ऊपर आ जा।” युद्ध!यह एक बड़े युद्ध की पृष्ठभूमि का तैयार होना है….वे लोग जिन्होंने…..जिन्होंने परमेश्वर के सुसमाचार को ठुकराया, पवित्र आत्मा को, जो कि सातों कलीसियाओं का संदेशवाहक है, ठुकराया…वे जिन्होंने उसके अनुग्रह के इस संदेश को ठुकराया, उनके लिए कुछ भी बाकी नहीं रहता है पर न्याय ही तैयार रहता है। यह बिलकुल ठीक बात है। वह इस समय पृथ्वी पर विपत्तियों के उड़ेले जाने की तैयारी कर रहा है। “यहाँ ऊपर आ जा, मैं तुझे वे बातें दिखाऊँगा, जो होनी हैं। वे जिन्होंने मसीह को ठुकराया, वे जो अधर्मी पापी हैं, मैं उन पर अपनी जलजलाहट उड़ेलने जा रहा हूँ।”54इसकी पृष्ठभूमि को देखते रहिए। ओह, आज रात जैसे जैसे हम अध्ययन करते चले जाते हैं, आपको सारे समय इसके बारे में और भी मालूम होता चला जाएगा। हम सारी बातों को यहीं पर नहीं ले सकते हैं; हमें जगह बा जगह हवाले देते रहने हैं। यह उनके लिए कैसी भंयकर बात होगी, जब वह अन्तिम तुरही फेंकती है; और अन्तिम युद्ध लड़ा जाता है, जब आखिरी उपदेश का प्रचार हो जाता है; जब आखिरी गाना गाया जा चुका होता है; और हम मसीह के न्याय के सिंहासन पर खड़े होते हैं। तुम से पूछा जाएगा, “तुम ने इसे क्यों ग्रहण नहीं किया? तुम ने उस जीवन के साथ क्या किया था जो तुम्हें दिया गया था?” तुम्हें कारण बताने के लिए कहा जाएगा। तब क्या होगा?तुमने मुझे वह गीत गाते हुए सुना है, या इसे गाने की कोशिश करते हुए सुनातब क्या होगा? तब क्या होगा?जब वह बड़ी पुस्तक खोली जाएगी, तब क्या होगा?उन से जिन्होंने संदेश को ठुकराया कारणबताने के लिए पूछा जाएगा, तब क्या होगा? तब क्या होगा?आपको वहाँ पर खड़ा होना होगा, यह बात वैसी ही सुनिश्चित है जैसी यह पुस्तक लिखी हुई है। आप होंगे….आपको वहाँ पर खड़ा होना होगा, और आप से कारण पूछा जाएगा। ओह, मेरे भाई, बहन, ओह, इसका दाम चुकाना पड़ता है। यह हमें परमेश्वर के पुत्र और पुत्रियों के रूप में इस बात के लिए चिताता है, कि हम दिन के हर घंटे अपने आप को जाँचते-परखते रहें। पौलुस ने कहा था, “मैं हर रोज़ मरता हूँ; फिर भी मैं जीवित रहता हूँ, मैं नहीं, वरन मसीह मुझ में जीवित रहता है।” समझे? अपने आप को जाँचते-परखते रहें; क्योंकि आप नहीं जानते हैं, कि आपको किस घड़ी उत्तर देने के लिए ऊपर जाना होगा।55अब देखिए, “तुरही का सा शब्द सुना।” यह बिलकुल ठीक बात है। अब, इस पर ध्यान दें, इस पर गौर करें, कि यूहन्ना ने यहाँ पर पहले अध्याय के अन्तिम भाग में क्या कहा था।जिसको मैंने पहिले तुरही के से शब्द से अपने साथ बातें करते सुना था, वही कहता है, कि यहाँ ऊपर आ जा…. “यहाँ ऊपर आ जा। मैं तुझे पृथ्वी पर कलीसियायी काल दिखा चुका हूँ; अब, यहाँ ऊपर आ जा। मैं तुझे यहाँ ऊपर कुछ वे बातें दिखाने जा रहा हूँ जो घटित होने वाली हैं।”देखिए, तब मसीह पृथ्वी को छोड़कर जा चुका था; वह महिमा में जा चुका था। कलीसियायी काल पूरा हो चुका था, यह दिखाया जा चुका था, कि यहाँ पर उसके आत्मा का काम खत्म हो चुका था। और वह महिमा में जा चुका था और वह यूहन्ना को ऊपर बुला रहा था; और उसने उसे उन बाकी बातों को दिखाया जो घटित होने जा रही थीं। “यहाँ ऊपर आ जा।”56अब, हम दूसरे अध्याय के…..दूसरे पद में यूहन्ना पर ध्यान देते हैं। ध्यान दीजिए, तुरन्त ही यूहन्ना ने यह भी कहाःऔर तुरन्त मैं…(आमीन!)ओह, अगर मैं विचित्र सा व्यवहार करता हूँ, क्योंकि मैं बस अच्छा सा अनुभव करता हूँ। यूहन्ना ने यह भी कहाः..और तुरन्त मैं आत्मा में आ गया….जब आप परमेश्वर की आवाज़ को अपने से बातें करते हुए सुनते हैं, तो कुछ घटित होता है। आमीन! ओह, क्या ऐसा ही आपके साथ हुआ था? मेरे साथ तो ऐसा 31वर्ष पहले हुआ था, और तब से मैं पहले जैसा नहीं रहा हूँ। ओह, उसने कहा था, हे सब परिश्रम करने वालों और भारी बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा।“ इसने मुझे बदल दिया था।57यूहन्ना ने कहा थाःतुरन्त मैं आत्मा में आ गया…(कैसी आत्मा में? पवित्र आत्मा में। ओह!) —— मैं आत्मा में आ गया, और क्या देखता हूँ, कि एक सिंहासन स्वर्ग में धरा हुआ है, और उस सिंहासन पर कोई बैठा है।देखिए, अब यूहन्ना पृथ्वी को छोड़ कर चला जाता है; मसीह पवित्र आत्मा के रूप में पृथ्वी को छोड़कर जा चुका था; और वह फिर से देह में लौट चुका था। आज वहाँ पर देह एक स्मृति के रूप में; एक बलिदान के रूप में विद्यमान है। हम ठीक यहाँ पर इसका एक पाठ के ज़रिये पूरा-पूरा अध्ययन कर चुके हैं। परन्तु मसीह का आत्मा कलीसिया के अंदर रहने के लिए; हमारे अंदर रहने के लिए वापस लौट कर आता है।58अब, ज्यों ही उसने कलीसियायी काल में अपने काम का समापन दिखा दिया, त्यों ही उसके तुरन्त बाद ही वह ऊपर आकाश में चला गया, और बोला, “मैं तुझे वह दिखाऊँगा, जो इसके बाद…जो कलीसियायी कालों के बाद घटित होने जा रहा है। उसने कहा, ”यूहन्ना, मैं तुझ से वहाँ नीचे और ज्यादा बातें नहीं कर सकता हैं, क्योंकि मैं वहाँ नीचे से वापस आ चुका हूँ। मैं और भी ऊँचे पर आ गया हूँ। तू मेरे पास यहाँ ऊपर आ जा।“ आमीन! ”और मैं तुझे वे बातें दिखाऊँगा जो इसके बाद घटित होने जा रही हैं।“ ओह, मेरे खुदा! वह दर्शन में ऊपर उठा लिया गया, वह महिमा में ऊपर उठा लिया गया।उसका अनुभव अवश्य ही कुछ वैसा सा ही रहा होगा जैसा अनुभव पौलुस का था, जिसका वर्णन दूसरे कुरिन्थियों १२:२ और ४ में है। यदि आप इसे लिख रहे हैं, यह दूसरा कुरिन्थियों…२ से ४ तक है। पौलुस को भी एक दिन दर्शन में ऊपर उठा लिया गया था। क्या आप यह जानते थे? और उसने उन बातों को देखा था जिनके बारे में बोलना उसके लिए उचित तक न था; इस बात को चौदह साल हो चुके थे; पर उसने इसका कदापि खुलकर उल्लेख नहीं किया। समझे? परन्तु आप उस अंतर पर कान लगायें जो इनके बीच था।जो कुछ पौलुस ने देखा था, उससे उसके बारे में बोलने के लिए मना किया गया था, अथवा सार्वजनिक रूप से लोगों के बीच में उसके बारे में बोलने के लिए मना किया गया था।ओह, मेरे खुदा! मैं यह यकीन नहीं करता हूँ, कि वह ऐसा कर सकता था। (क्यों, मैंने तो एक दिन ऐसा ही एक छोटा सा दौरा किया था; मैं उस पर कभी भी काबिज़ नहीं हुआ हूँ, और ना कभी होऊँगा।) देखिए, उसने कुछ ऐसी बातें देखी थीं जिनके बारे में वह बोल नहीं सकता क्था। मेरा अन्दाज़ा है, कि उसके पास उनके लिए शब्द नहीं थे। हालांकि उसे तीसरे आसमान में ऊपर उठा लिया गया था..(समझे?)…उसे तीसरे आसमान में ऊपर उठा लिया गया था।59यह उससे कितना अलग है जब यूहन्ना को ऊपर उठा लिया गया था, और उसने यीशु को देखा था। उसने…उससे कहा गया था, जो कुछ तू ने देखा है, उसे एक पुस्तक में लिख ले और उसे जाकर वापस दे दे; उसे कलीसियाओं के पास भेज दे। पौलुस से बोलने के लिए मना किया गया था, और जबकि यूहन्ना से कहा गया था, कि वह उसे पुस्तक में लिख डाले, ताकि यह सारे ज़मानों सेआगे बढ़ती रहे। ओह, मेरे खुदा! अब, इसका खुलासा हो गया है; इन अंत के दिनों में इसका खुलासा हो गया है। इसका खुलासा उसके दिनों में नहीं हुआ था; इसका खुलासा तो इस समय होता है, जैसा कि हम इसका अध्ययन करते चले जाते हैं।60और, ओह, ध्यान दीजिए, ज्यों ही कलीसियायी काल खत्म हो गये थे, उसके तुरन्त बाद ही यूहन्ना को ऊपर उठा लिया गया था; वह स्वर्ग पर ऊपर उठायी जाने वाली कलीसिया की प्रतिछाया था। जब यह कलीसियायी काल खत्म हो जाता है, जब यह लौदीकियायी काल खत्म हो जाता है, तो उसके तुरन्त बाद ही स्वर्ग पर उठाया जाना होता है। कलीसिया ठीक वैसे ही ऊपर चली जाती है जैसे यूहन्ना परमेश्वर की उपस्थिति में चला गया था। ओह, इससे मेरा प्राण झूम उठता है। कलीसिया को ऊपर उठा लिया जाता है, उसका स्वर्ग में ऊपर उठाया जाना होता है। और यह कहा गया था…..कलीसियायी काल के अंत पर इस जगह पर प्रकाशितवाक्य की पुस्तक लिखी गई थी।61अब, मैं यहाँ पर किसी उस छोटी सी बात को किसी उस बाबत स्पष्ट करना चाहता हूँ जो बहुत से मसीहियों के बीच एक काफी अरसे से एक पुरानी फांस बनी रही है। और आज जब मैं अध्ययन कर रहा था, वचन के लेखों को ढूंढ-ढांड़ कर लिख रहा था; और नामों और विभिन्न रंगों तथा और बातों की, और मेघधनुषों और प्रतीकों तथा ऐसी ही और दूसरी बातों की खोजबीन कर रहा था; तो मैंने सोचा था, कि हम थोड़ी देर बाद इसका अध्ययन करेंगे।मैं वचन के इन लेखों को यहाँ पर इसलिए लिख रहा था जिससे मैं उन पर बाद में निगाह डाल सकें और उनका हवाला दे सकें, यदि मैं…जैसे जैसे हम इसका अध्ययन करते चले जाते हैं। क्योंकि अक्सर ऐसा होता है, अगर मैं इस प्रकार की किसी बात पर बोलने जा रहा था, तो मैं होऊँगा…यह एक अलग ही बात होगी। मैं इसे अपने दिल से जानने की कोशिश करूंगा। परन्तु इस तरह से जब आपके पास थोड़ा सा समय होता है, तो मैं इसका हवाला देना चाहूँगा, क्योंकि इसका उल्लेख पवित्र वचन के शास्त्रों में आगे पीछे सब जगह पाया जाता है।62अब, यह बात हमें मत्ती १६:१३ में देखने को मिलती है, यदि आप इसे लिख रहे हैं, तो आप इसे लिख लें। मत्ती….यदि आप लौटना चाहते हैं….यदि आप इसे निकालना चाहते हैं, तो यह बिलकुल ठीक है, मत्ती १६:१३…यह है…हम वापस जा सकते हैं और इसे पढ़ सकते हैं, और इसके बाद यकीनन हम इसे समझ जायेंगे। मत्ती का १६ वा अध्याय और १३ पद । अब आप इसे बड़े ही ध्यानपूर्वक सुनें जबकि हम इसे पढ़ते हैं। मत्ती १६:१३, “जब पतरस आया…’ या…यीशु कैसरिया फिलिप्पी के देश में आकर अपने चेलो से पूछने लगा, कि लोग मनुष्य के पुत्र को क्या कहते हैं?उन्होने कहा, कितने तो यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला कहते हैं और कितने एलिय्याह, और कितने यिर्मयाह या भविष्यद्वक्ताओं में से कोई एक कहते हैं।उसने उन से कहा, परन्तु तुम मुझे क्या कहते हो? शिमौन पतरस ने उत्तर दिया, कि तू जीवते परमेश्वर का पुत्र मसीह है।यीशु ने उसको उत्तर दिया, कि हे शिमौन योना के पुत्र, तू धन्य है; क्योंकि मांस और लोहू ने नहीं;

परन्तु मेरे पिता ने जो स्वर्ग में है, यह बात तुझ पर प्रकट की है।और मैं भी तुझ से कहता हूँ, कि तू पतरस है; और मैं इस पत्थर पर अपनी कलीसिया बनाऊँगा, और अधोलोक के फाटक उस पर प्रबल न होंगे।मैं तुझे स्वर्ग राज्य की कुँजियाँ दूंगाः और जो कुछ तू पृथ्वी पर बाँधेगा, वह स्वर्ग में बन्धेगा; और जो कुछ तू पृथ्वी पर खोलेगा, वह स्वर्ग में खुलेगा।तब उसने चेलो को चिताया, कि किसी से न कहना, कि मैं मसीह हूँ।63अब ध्यानपूर्वक सुनिए। बिलकुल ठीक है! क्योंकि उस समय से ही जब से…उस समय से जब से उस ने..मैं एक और बात लेना चाहता हूँ, आप इसे इससे आगे पढ़ सकते हैं। मैं यहाँ पर २८वाँ पद लँगा, क्योंकि आप इसके बाकी को तब पढ़ सकते हैं जब आप अपने घर जाते हैं।मैं तुम से सच कहता हूँ, कि जो यहाँ पर खड़े हैं, उनमें से कितने ऐसे हैं; कि जब तक मनुष्य के पुत्र को उसके राज्य में आते हुए न देख लेंगे, तब तक मृत्यु का स्वाद कभी न चखेंगे।ओह, ज़रा इसके बारे में सोचिए! “यहाँ पर कितने ऐसे खड़े हैं…यहाँ पर कितने ऐसे खड़े हैं जो मृत्यु का स्वाद न चखेंगे, जब तक कि मनुष्य के पुत्र को उसकी महिमा में आते हुए न देख लें। यह क्या ही वक्तवय था। आलोचक इसे कैसे लेना पसंद करता है, और ये यही दिखाता है, कि वह कितना मूढ़ है। समझे? वह उस बात को कैसे लेना चाहता है; और यह बात घटित हो चुकी है और उन्होंने इसके बारे में कुछ नहीं जाना था। समझे? यह बिलकुल ठीक बात है।64जब पतरस वह चट्टान सरीखा अंगीकार कर चुका था…जिसके लिए हम जानते हैं, कि उसका अंगीकार ऐसा ही है…..मसीह अपनी कलीसिया ठीक इसी चट्टान पर बनाएगा। वह इसे पतरस पर नहीं बनाएगा, जो कि एक छोटी चट्टान है, जैसाकि रोमन कैथोलिक इसे कहने की चेष्टा करते हैं। परन्तु पतरस ने प्रकाशन पर जो अंगीकार किया था, उसी पर…..ऐसी ही तो कलीसिया है। परमेश्वर इसे प्रकट करेगा; इस पुरूष के अंगीकार पर नहीं…..क्योंकि वह आगे चलकर विश्वास में पिछड़ गया था। ना इस बात के अंगीकार पर, कि वह परमेश्वर का पुत्र है, क्योंकि वे जानते थे, कि वह परमेश्वर का पुत्र था; पतरस ने तो बस इसे कह दिया था। परन्तु यह क्या था—यह वह प्रकशन था जो स्वर्ग से प्रकट किया गया था, कि वह परमेश्वर का पुत्र है। बोला, “मांस और लोहू ने तुझे यह बात कभी नहीं सिखायी, परन्तु मेरे पिता ने जो स्वर्ग में है, यह बात तुझ पर प्रकट की है। और इस पत्थर पर- चट्टान सरीखे इस अंगीकार पर, मैं अपनी कलीसिया बनाऊँगा और अधोलोक के फाटकों का उस पर कोई प्रभाव न पड़ेगा….अधोलोक के फाटक उस पर प्रबल न होंगे।”65मैं आशा करता हूँ, कि अब हम यहाँ पर जल्दी से समय ऐसे समाप्त नहीं कर रहे हैं, कि हम ठीक इसका अध्ययन न करें। और हम चाहते हैं, कि आप यह देख लें, कि यह मनुष्य में किस प्रकार आगे बढ़ता चला जाता है। यह एक बड़ी ही सुंदर गाथा है, अगर हम बस इसका अध्ययन कर सकते हैं। यह बिलकुल ठीक बात है। यह चट्टान सरीखा अंगीकार ही था जो पतरस ने किया था……वह अपनी कलीसिया का निर्माण पतरस के अंगीकार पर करेगा। उसने कहा था, “यहाँ पर कितने ऐसे खड़े हैं जो तब तक मृत्यु का स्वाद ने चखेंगे, जब तक कि वे परमेश्वर के पुत्र को उसके राज्य में आते हुए न देख लेंगे।”अब, स्मरण रखिए, उसने कहा था, “कितने”; जो कि “एक से ज्यादा था; क्या ऐसा नहीं था? जो ”कितने हैं, वे “कई” होते हैं, कितने एक से ज्यादा होते हैं। परन्तु अब देखिए; वहाँ पर उसके सारे चेले खड़े हुए थे, और वह उन में से हर एक से पूछा रहा था, “तुम इसके बारे में क्या सोचते हो? तुम उसके बारे में क्या सोचते हो?” परन्तु वह बोला, “यहाँ पर कितने ऐसे खड़े हैं….यहाँ पर कुछ ऐसे खड़े हैं, जो तब तक मृत्यु का स्वाद न चखेंगे जब तक कि वे मनुष्य के पुत्र को उसके राज्य में आते हुए न देख लें।” ओह, क्या ही वक्तवय था। सोचिए, दो हजार वर्ष पहले ही इसे कह दिया गया था। खैर, यह बोला गया था।66क्या परमेश्वर का वचन अचूक है? क्या हर एक वह वचन जो उसने बोला पूरा होगा?अब, यदि हम पलटना चाहते हैं, तो हम मत्ती का १७वाँ अध्याय पलट कर निकाल लें, यह इससे अगला ही है। जब वह ले गया था….इन बातों के कुछ दिनों के बाद वह पतरस…पतरस, याकूब, और यूहन्ना को अपने साथ एक पहाड़ पर ले कर गया; ताकि वे गवाह होंः पतरस, याकूब, और यूहन्ना। और उन्होंने परमेश्वर के राज्य को सामर्थ में आते हुए देखा; और उन्होंने परमेश्वर के राज्य के आने का पूर्वाभ्यास देखा। आमीन! उनके दृश्य-पटल पर परमेश्वर के राज्य का पूर्वाभ्यास को लाया गया, ताकि वे उसे देखे जैसाकि वह आता है, जैसाकि वह आगे बढ़ता हुआ सहस्राब्दि को लेकर आता है। उन्होंने इसका पूर्वाभ्यास देखा।67कुछ समय पहले प्रचारकगणों के एक दल ने ऐसा ही किया था; ऑरल रोबटर्स उनमें से एक था। सिसिल बी. डीमिली ने जब यह “टेन कमान्डमेन्ट” लिखी, तो उसने भाई शेकरियन, भाई रोबटर्स तथा देश भर के कई प्रचारकगणों को बुलाया था; उसने उस किसी भी प्रचारक को बुलाया था जो आ सकता था; और इससे पहले कि उसकी यह फिल्म कभी परदे पर दिखाई जाती, उसने उन्हें स्टोडियो में आने के लिए न्यौता दिया; और इससे पहले कि उसे कभी बाहर सिनेमाघरों में दिखाया जाये, वे आकर उसका पूर्वाभ्यास देखें, जबकि वे उसके एक टिकट के लिए पच्चीस डॉलर ले रहे थे। परन्तु वह…उन्होंने उसका पूर्वाभ्यास देखा, जिससे वे उस पर अपनी राय बयान कर सके, या बता सकें, कि क्या उसके बारे में कोई अलोचना है, या उसके बारे में जो कुछ भी कहा जा सकता था, वे उसे बतायें तथा ऐसी ही और दूसरी बातें बतायें। इससे पहले कि पब्लिक उसे देखती, उन्होंने उसे देखा।68और यीशु ने कहा था, “यहाँ पर तुम में से कितने ऐसे खड़े हैं, जो तब तक मृत्यु का स्वाद न चाखेंगे, जब तक कि वे परमेश्वर के राज्य को सामर्थ में आते हुए न देख लें; या ”मनुष्य के पुत्र को उसके राज्य में आते हुए न देख लें; बल्कि “मनुष्य के पुत्र को उसके राज्य में आते हुए न देख लें। इसके कुछ दिनों के बाद ही उसने पतरस, याकूब और यूहन्ना को लिया और उन्हें लेकर एक ऊँचे पहाड़ पर चला गया, और वहाँ पर उनके सामने ही उसका रूपांतरण हुआ। जो वस्त्र उसने पहना हुआ था वह ऐसा उजला था, कि चमचमाता हुआ सूर्य भी वैसा न होगा। इसे एक दृष्टांत में जानने के लिए हम कितनी ही बार बाइबिल के द्वारा इसका अध्ययन कर चुके हैं।69आप वचन का कोई एक लेख ले सकते हैं और उसे सम्पूर्ण बाइबिल से एक साथ मिलाते चले जा सकते हैं। जी हाँ, श्रीमान! कहीं भी कोई गुंज़ाइश नहीं है। यह तो परमेश्वर की सामर्थ से कूट कूट कर भरी हुई है। शैतान चाह कर भी इसे मोड़-तरोड़ कर बिगाड़ नहीं सकता है। यह सही बात है। वह उन संत लोगों में नहीं घुस सका था जिन्होंने अपनी गवाही दी और परमेश्वर के राज्य पर विश्वास किया। परमेश्वर ने वचन के हर एक लेख को लिया और उसे पवित्र आत्मा की सामर्थ से चारों ओर से कूट कूट कर भर दिया; उसे लोहू से धोया। संसार उसमें घूस नहीं सकता है; शैतान उस में घूस नहीं सकता है। वे मरे हुए हैं, और परमेश्वर की मोहर के द्वारा, पवित्र आत्मा के द्वारा उनका जीवन मसीह में छिपा हुआ है। शैतान उन्हें कैसे परेशान कर सकता है? वे तो इस समय वहाँ पर इस दशा में हैं।70तब उसने इस स्थान पर इसका आगमन देखा, या इसका पूर्वाभ्यास देखा।और वह पहली क्या चीज थी जो उसने सबसे पहले देखी थी? सबसे पहले उसने मूसा को आते हुए देखाः उसने उन मरे हुए संतों को दर्शाया था जिनका पुनरूत्थान होगा। एलिय्याह भी वहीं पर खड़ा था।ओह, मैं चाहता हूँ, कि आप ध्यान दें। क्या घटित होगा? सबसे पहले वहाँ पर मूसा था; उसने उन सभों को दर्शाया था जो इन छः कालों—इन छः कलीसियायी कालों में सो गए थे। केवल वही नहीं, बल्कि एलिय्याह भी वहाँ पर था; वह अन्तिम दिन का सुसमाचारदूत है, जो अपने लोगों के साथ है, या जिनका रूपांतरण हो जाना है, जो स्वर्ग पर उठा लिये जाते हैं। आमीन! अब, भविष्य में इसके होने की बाट जोह रहे हैं….उन सभों ने क्या किया….वे सब उसके साथ इकट्ठा हुए। ओह, मेरे खुदा! यह क्या था? जो उसने पतरस, याकूब, और यूहन्ना से वायदा किया था, वह पूरा हुआ था। यह सही बात है, क्योंकि उसने कहा था, “यहाँ पर तुम में से कितने ऐसे खड़े हैं जो तब तक मृत्यु का स्वाद न चखेंगे, जब तक कि वे मनुष्य के पुत्र को उसके राज्य में आते हुए न देख लें”; और उन्होंने इसका पूर्वाभ्यास देखा था। इसके बाद पुनरूत्थान के बाद….71एक और बात है जिस पर मैं आपका ध्यान लाना चाहूँगा, जो कि संत यूहन्ना २१:२० में है; यह तब की बात है, जब यीशु मर गया था, और उसके बाद दफनाया गया था। आरम्भिक दिनों में ही कुछ आलोचकों ने इस बात को कहना शुरू कर दिया था। अब, जबकि हम ठीक इसी पाठ पर हैं, तो आइये हम इसे स्पष्ट कर लें। संत यूहन्ना २०:२१ में यीशु ने अपने चेलों से मुलाकात की; उन्हें आग पर से भूनी मछली और रोटी लेकर खिलाईं; और जैसा कि वे नदी के तट पर चलकर गये, यूहन्ना उसकी छाती की ओर झुका हुआ था, और पतरस ने यह प्रश्न पूछते हुए कहा, “इस पुरूष का क्या होगा?” यीशु ने यूहन्ना से प्रेम किया था। यूहन्ना प्रेम का पुरूष था। और वह बोला, इस पुरूष का क्या होगा? इसकी हालत क्या होगी? इसका भविष्य क्या होगा?“और यीशु ने उससे कहा, “तुम्हें इससे क्या, यदि वह मेरे आने तक रूका रहे; वह तब तक रूका रहे जब तक कि मैं वापस लौटकर नहीं आ जाता हूँ। तुम्हें क्या?”और चेलों ने एक गलती की; उन्होंने कहा था, कि यीशु ने कहा था, कि ..कि….कि, वह तब तक जीयेगा जब तक कि उसका आगमन नहीं हो जाता है।पर यीशु ने कोई गलती नहीं की थी। ठीक यहाँ पर प्रकाशितवाक्य में…..प्रकाशितवाक्य के चौथे अध्याय में मसीह ने अपना वचन पूरा किया था। उसने यूहन्ना को आसमान में ऊपर बुलाया, और उसके सामने सारी बातों का पूर्वाभ्यास दिखाया। महिमा होवे! उसने…उसने पूर्व-चित्रण देखा था। उस ने इसे ऐसा तब देखा था, जैसे मानो वह पृथ्वी पर ही रह रहा हो, और उसने सारे कलीसियायी कालों से लेकर प्रभु के आगमन तक को देखा; उसने प्रकाशितवाक्य की सम्पूर्ण पुस्तक को देखा। ओह, मेरे खुदा!72देखिए, उसके वायदे कैसे अचूक हैं? अब, आपका..याकूब के साथ ऐसा नहीं हुआ था; यूहन्ना के छोड़ उन बाकियों के साथ ऐसा नहीं हुआ था; यहाँ तक कि पौलुस को भी इसे नहीं देखने दिया गया; उसे इसके बारे में कुछ भी नहीं बताया गया।उसने कहा था, “तुम्हें इससे क्या, यदि वह तब तक रूका रहे, जब तक कि मैं नहीं आ जाता हूँ?” ।और चूंकि उन्होंने यह बात यूहन्ना के लिए कही थी, अतः उसने सिर्फ यूहन्ना को चुना, और उसे ऊपर ले गया, और उसे सारी बातों को दिखाया इससे पहले कि वह कभी मरता; उसने उसे उन सारी बातों को ऐसे दिखाया जैसे मानो वह सारी बातों को जीते-जी होते हुए देख रहा हो; उसने उसे वह दिखाया जो घटित होगा। (भाई पैट, क्या यह शानदार बात नहीं है?) ओह देखिए, उसे ऊपर उठा लिया गया। क्यों, यह बात तों यहाँ पर है; प्रकाशितवाक्य का चौथा अध्याय और दूसरा पद इसे प्रमाणित करता है। उसने उसे वे बाते दिखायीं जो थीं, जो हैं, और जो होंगी।“ उसने उसे कलीसियायी काल, यहूदियों का आना, विपत्तियों या मरियों का उंडेला जाना, स्वर्ग पर उठाया जाना, फिर आना, और सहस्राब्दि का होना, और उसके उद्धार पाये हुए लोगों का अनन्तकालीन घर दिखाया। उसने उन सब बातों को ऐसे देखा मानो वह जीता-जागता उन सब को हू-बा-हू होते हुए देख रहा हो; उस ने इस सब को होते हुए देखा। समझे?उसने बस उसे ऊपर उठा लिया, और उसे वह फिल्म दिखाई जो वह चलाने वाला था; उसने उसे सम्पूर्ण बात का पूवाभ्यास देखने दिया था। ओह, मेरे खुदा!73प्रकाशितवाक्य ४:२ में उसे ऊपर उठा लिया गया था और उसने अपना वायदा पूरा किया था। इससे पहले कि वह मरता उसे आत्मा में ऊपर उठा लिया गया, और उस ने उन बातों को ऐसे देखा मानो वह उन्हें देखने के लिए जिन्दा रहा हो। उस ने इस सब का पूर्वाभ्यास देखा। अतः उसने दर्शन में बिलकुल ठीक ठीक वह देखा जो पृथ्वी पर उस समय से लकर प्रभु के आगमन तक होती हैं; उसे यह सब दर्शन में दिखाया गया।अतः इसके बाद चेले….या उन में से किसी ने भी ऐसा नहीं कहा था, कि उसने कहा था, कि वह उस आने वाले युग में आएगा। उसने तो कहा था, “तुम्हें इससे क्या, यदि वह तब तक रूका रहे, जब तक कि मैं आ नहीं जाता हूँ? इसके बाद उसे ऊपर उठा लिया गया, और उसे बस सारी बातों का पूर्वाभ्यास दिखाया और उसे वह दिखाया जो घटित होने जा रहा था। ओह, मुझे यह बात अच्छी लगती है। ओह, मेरे खुदा!74अब ध्यान दीजिए; आइये हम देखें, कि यह क्या था।और तुरन्त मैं आत्मा में आ गया; और क्या देखता हूँ, कि एक सिंहासन स्वर्ग में धरा है, और उस सिंहासन पर कोई बैठा हुआ है।वहाँ पर एक शब्द था जिसने उसे बुलाया। ओह, वह शब्द! ओह मैं उस से-उस आवाज़ के शब्द से जो उसके पीछे हुआ था, अलग नहीं हट सकता हैं। इसके बाद उसने वहाँ पर चारों ओर दृष्टि डाली; और उस ने उसे सारे कलीसियायी काल दिखाये; क्योंकि वह कलीसियायी कालों के बीच में….सोने के उन सात चिरागदानों के बीच में खड़ा हुआ था। जब कलीसियायी काल खत्म हो गए, तो उसने ठीक वही शब्द सुना; और उसने ठीक वही शब्द सुना जो शब्द पृथ्वी को छोड़कर ऊपर चला गया था। जब वह महिमा में चला गया, तो उसने उसे यह कहते हुए सुना, “यहाँ ऊपर आ जा। मैं तुझे वह दिखाने जा रहा हूँ जो बातें इसके बाद होने वाली हैं।”75वह शब्द!आइये हम उस शब्द पर आज रात बोलें। मैंने यहाँ पर वचन के कुछ लेख लिखकर रखे हुए हैं। आइये हम पहले थिस्सुलुनीकियों के चौथे अध्याय में चलें और हम बस उसे सुने जो यह शब्द कहने जा रहा है। ओह, हम सब जानते हैं, कि वह क्या कहने जा रहा है, इससे पहले कि हम इसे पढ़े… क्या हम नहीं जानते हैं? हम जानते हैं, कि क्या घटित होने जा रहा है। परमेश्वर की तुरही फेंकी जायेगी, और जो मसीह में मरे हुए हैं, वे जी उठेगे। क्या यह सही है? आप जो इसे लिखकर उतार रहे हैं, यह पहला थिस्सलुनीकियों ४:१६ और १७ है। वह शब्द! वह शब्द मसीह का ही शब्द था। क्या यह ठीक है? यह मसीह का ही शब्द है।…. और परमेश्वर की तुरही फंकी जाएगी, और जो मसीह में मरे हैं, वे पहले जी उठेगे।…तब हम जो जीवित और बचे रहेंगे, उन के साथ बादलों पर उठा लिये जायेंगे, कि हवा में प्रभु से मिलें, और इस रीति से हम सदा प्रभु के साथ रहेंगे।76ठीक जिस शब्द ने यूहन्ना को आवाज़ देकर बुलाया था, और कहा था, ऊपर आ जा; ठीक जिस शब्द ने यूहन्ना से यह कहा था, ऊपर आ जा; ठीक वही शब्द है। जो किसी दिन कलीसिया को आवाज़ देकर बुलाता है(आमीन!), वही कलीसिया को आवाज़ देकर बुलाता है।ठीक जिस शब्द ने यूहन्ना को आवाज़ देकर ऊपर बुलाया था, ठीक उस शब्द ने मरे हुए लाज़र को आवाज़ देकर कब्र में से बाहर निकाला था, ठीक वही शब्द बलीदूत का शब्द है। मसीह ही बलीदूत का शब्द है, “बलीदूत का शब्द”! समझे? ओह, मसीह के ही तुरही वाले शब्द ने यूहन्ना को आवाज़ देकर ऊपर बुलाया था,

ठीक उसी शब्द ने लाज़र को आवाज़ देकर बुलाया था। क्या आप ने ध्यान दिया था, कि लाज़र की कब्र पर उसने ऊँचे शब्द से बोलकर कहा था। (उसने बस यह नहीं कहा था, “लाज़र, बाहर निकल आ।”) (भाई ब्रन्हम निर्बलता का प्रदर्शन करके दिखाते हैं-सम्पा.) “लाज़र बाहर निकल आ! इस ने उसे मरे हुओं में से आवाज़ देकर बुलाया था।और उसने उत्तर देकर कहा, “ये रहा मैं!” और वह मरे हुओं में से बाहर निकलकर आया, जबकि वह मर चुका था और उसकी देह सड़गल चुकी थी।77ठीक उसी आवाज़ के शब्द ने यूहन्ना से कहा था, “यहाँ ऊपर आ जा; मैं तुझे कुछ वे बातें दिखाऊँगा जो घटित होंगी।”ठीक वही शब्द तब आवाज़ देगा, जब वे जो मसीह में मरे हैं जी उठेंगे, क्योंकि तुरही फेंकी“…. तुरही….तुरही का शब्द क्या है? वह मसीह का शब्द है, यह ठीक उसी का शब्द है जिसने उसे आवाज़ देकर ऊपर बुलाया था। उसने तुरही का सा एक शब्द सुना था, और उस शब्द ने कहा था, ”यहाँ ऊपर आ जा।“ देखिए, कि कैसे पुनरूत्थान होगा? यह क्षण भर में हो जाएगा, यह पलक झपकते ही हो जायेगा। वह स्पष्ट सुनाई देने वाला शब्द है, और मसीह ही कलीसिया को आवाज़ देकर बुलाएगा, कि ”इस में से बाहर निकल आ।“ वह आवाज़ देकर बुलाने वाला एक बड़ा शब्द है, परमेश्वर, मेरी सहायता करना, कि उस दिन मैं उस शब्द को सुन सकें।78जैसा कि मैंने अक्सर कहा है….रॉडनी, एक मरनहार होने के कारण मैं जानता हूँ, मैं जानता हूँ, कि एक अंधकारयुक्त बड़ा द्वार मेरे सामने धरा है जो कि मृत्यु कहलाता है। हर बार मेरा ह्रदय धड़कता है, और मैं उस द्वार के एक धड़कन और करीब आ जाता हैं। इन दिनों में से किसी एक दिन मुझे उसके अंदर जाना है। परन्तु मैं उस के अंदर एक कायर के जैसे रोते-चिल्लाते हुए नहीं जाना चाहता हूँ। मैं तो उसके अंदर धार्मिकता का वस्त्र अपने चारों ओर लपेटे हुए और यह जानते हुए जाना चाहता हूँ, कि मैं उसे उसकी पुनरूत्थान की सामर्थ में जानता हूँ, कि जब किसी दिन वह आवाज़ देकर बुलाता है, तो मैं मरे हुओं में से बाहर निकल आऊँगा, जब वह मुझे ऊँचे पर आ जाने के लिए आवाज़ देकर बुलाता है, जब परमेश्वर की तुरही फेंकी जाएगी, तो जो मसीह में मरे हैं वे जी उठेगे।अगर मैं जिन्दा रहूँगा, तो मैं क्षण भर में, पलक झपकते ही बदल जाऊँगा, और उन बाकियों के साथ प्रभु से हवा में मिलने के लिए जाऊँगा। तुरही का वह शब्द ज़ोर से होता है, वह एक स्पष्ट व ज़ोर का शब्द होता है। ओह, वह ठीक वैसा ही होगा, उसके आगमन पर वह ठीक वैसा ही होगा।79इसके बारे में कोई अस्पष्ट शब्द नहीं है। इसके बार में कोई अस्पष्टता नहीं थी जब यूहन्ना ने उस शब्द को आवाज़ देकर यह कहते हुए सुना था, “ऊपर आ जा”। और वह ऊपर आ जाता है। आमीन!जब लाज़र मरे हुओं में था, कब्र में था, और उसका प्राण चार दिन की यात्रा पर कहीं पर गया हुआ था…..मैं नहीं जानता हूँ, कि वह कहाँ पर था, मैं सोचता हूँ, कि हम में से कोई भी यह नहीं जानता है। वह चाहे जहाँ कहीं भी था, इससे लेशमात्र भी फर्क नहीं पड़ता है। वह तो उस इंसान को जिसकी देह को खाल को नाश करने वाले कीड़े खा चुके थे, जो कब्र में सड़गल कर बदबू दे रहा था, आवाज़ देकर बुलाता है। तुरही के से स्पष्ट शब्द ने आवाज़ देकर कहा, लाज़र, “बाहर निकल आ!” वहाँ पर एक मनुष्य जो मरा हुआ था और सड़गल चुका था, अपने आप को हिलाता है और कब्र में से चलता हुआ बाहर निकल आता है। इसके बार में कोई अस्पष्टता नहीं है, भाई, क्या है? वहाँ कोई अस्पष्टता नहीं होती है।80बिलकुल ठीक वही बात आज रात होती है, जब एक साफ-सुथरा, स्पष्ट शब्द कहता है, “पापी प्रायश्चित कर, मैं तुझे अनन्त जीवन दूंगा। तुम में से हर एक प्रायश्चित कर, और अपने अपने पापों की क्षमा के लिए यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले, और तुम पवित्र आत्मा का दान पाओगे।” वह शब्द आवाज़ देकर ऐसा ही कहता है। इसके बारे में कोई अस्पष्टता नहीं है।मैं इस बात का गवाह हूँ, कि यह सच है। और दूसरे लोग भी इस बात के गवाह हैं, आज संसार भर में लाखों लाख लोग हैं जो इस बात के गवाह हैं, कि यह सच है। जब बाइबिल की बात आती है, तो परमेश्वर के वचन, परमेश्वर के हर एक वचन एक तुरही ही हैं। वचन का हर एक शब्द एक तुरही ही है, सुसमाचार एक तुरही ही है। और जब यह शब्द करता है, तो वह सच ही होता है।जब यह कहता है, कि “यीशु मसीह कल, आज और युगानुयुग एक सा है,” तो इसके बारे में कोई अस्पष्टता नहीं है। वह एक सा है। जी हाँ, श्रीमान!81“मन फिराओ, और यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा लो, और तुम पवित्र आत्मा का दान पाओगे।” इसके बारे में कोई अस्पष्ट बात नहीं है।“वह जो मेरा वचन सुनता है, और मेरे भेजने वाले की प्रतीति करता है, अनन्त जीवन उसका है। वह जो मुझे पर विश्वास करता है, यदि मर भी जाये, तौभी जीवित रहेगा। वह जो जीवित है और मुझ पर विश्वास करता है, कभी नहीं मरेगा; क्या तू इसका विश्वास करती है?” इसके बारे में कोई अस्पष्ट बात नहीं है, कि “वह जीयेगा।” “वह जो मेरा मांस खाता है और मेरा लोहू पीता है, उसके पास अनन्त जीवन है, और मैं उसे अन्तिम दिन जिला उठाऊँगा।” इसके बारे में कोई अस्पष्ट बात नहीं है, इसके बारे में बिलकुल भी कोई अस्पष्ट बात नहीं है, यह तो एक स्पष्ट शब्द है।।ओह, मैं इसे जानता हूँ, मैंने इसे अपने बेचारे आइरिश हृदय में एक दिन आवाज़ देते हुए सुना था, मैं जो एक बेचारा, पुराना पापी था, मैं ने इसे सुना था। यह कैसे कभी मेरे हो सकता था? परन्तु मैं ने विश्वास किया, कि यह एक स्पष्ट शब्द था; मैंने इसे स्वीकार किया। मैं इस बात का गवाह हूँ, कि यह सच है।किसी दिन वह फिर से आवाज़ देकर बुलाएगा; हम संसार के बाहर निकलकर चले जायेंगे। क्योंकि उस तुरही के शब्द के बारे में कोई अस्पष्ट बात नहीं है। जी हाँ, श्रीमान! जी हाँ, श्रीमान, उसका किसी भी समय कोई अस्पष्ट शब्द नहीं होता है। 166. वह आज भी शब्द देता है, जब वह हमें बुलाता है; यह बिलकुल ठीक वैसा ही होता है जब वह हमें कोई बात बताता है।82अब, आइये हम पीछे चलकर उस पद को देखें।…और देखो, स्वर्ग में एक सिंहासन धरा हुआ है….(यह दूसरा पद है)…और….उस सिंहासन पर कोई बैठा हुआ था।“सिंहासन पर ध्यान दीजिए। वह सिंहासन पर बैठा हुआ था। अब वह पृथ्वी पर उन चिरागदानों के बीच में नहीं था। स्वर्ग पर उठाया जाना हो चुका था। वह महिमा में सिंहासन पर बैठा हुआ था। मैं चाहता हूँ, कि आप इस पर ध्यान दें, यहाँ तक कि हम इसे पाँचवें अध्याय में भी देखेंगे, कि यह अनुग्रह का सिंहासन नहीं था। यह और ज्यादा अनुग्रह का सिंहासन नहीं था; यह तो न्याय का सिंहासन था। यह करूणा-दया का सिंहासन नहीं था। यह न्याय का सिंहासन था, क्योंकि उस से आग और बिजलियाँ और गर्जनाएं निकल रही थीं, वहाँ पर बिलकुल भी करूणा-दया नहीं थी; कलीसियायी काल खत्म हो चुका था। ”वह जो दुष्ट है वह दुष्ट रहे; वह जो धर्मी है वह धर्मी रहे; वह जो पवित्र है वह पवित्र रहे; वहाँ पर वह अनुग्रह का सिंहासन बिलकुल भी नहीं रहता है।83आज रात्रि वह लोहू उस सिंहासन पर पाया जाता है, और वह उस हर एक पापी के लिए अनुग्रह का सिंहासन है जो अनुग्रह की खोज कर रहा है। परन्तु उस दिन वह अनुग्रह का सिंहासन बिलकुल भी नहीं रहेगा, वह तो न्याय का सिंहासन होगा जिस पर एक क्रुद्ध परमेश्वर बैठा हुआ होगा। जहाँ….अगर धर्मी जन का उद्धार ही मुश्किल से होगा, तो पापी और अधर्मी का क्या ठिकाना? जब वह अपनी महिमा में बादल पर सवार होकर आएगा, तब यहाँ तक होगा, कि पहाड़ भी छिपने का स्थान ढूंढेगे। तब हम कहाँ पर ठिकाना पाने जा रहे होंगे?ओह, क्या ही अमूल्य है वह लोह की धाराजो बनाती है मुझे हिम सा सारा का सारानहीं जानता हूँ, मैं कोई और सोताछोड़ उसको जो यीशु के लोहू से हैं बहता।84ओह, मेरे खुदा! क्या ही पाठ है। इसके बारे में कोई अस्पष्ट शब्द नहीं है। और उसका सिंहासन “…और वह सिंहासन पर बैठा है।” (वह यहाँ पर बिलकुल भी नहीं है)…अब, यह एक और बात है, यह इस बात का प्रमाण है, कि उस बड़ी पीड़ा से पहले ही कलीसिया को ऊपर उठा लिया जाता है। समझे? क्यों? क्योंकि वह यहाँ पर महिमा में सिंहासन पर बैठा हुआ है, और कलीसिया जा चुकी है, और उसके बाद ही वह पीड़ा आती है। जैसा कि मैंने हमेशा ही कहा है, जैसा कि नूह के दिनों में हुआ था; इससे पहले कि बारिश की एक भी बूंद गिरती नूह नाव में था। इससे पहले कि आग बरसती लूत सदोम से बाहर था। इससे पहले कि आणविक बम्ब गिरें, कलीसिया महिमा में चली जायेगी। यह सच है, कि इससे पहले कि अणुविक बम्ब गिरे कलीसिया चली जायेगी।आप कहते हैं, “उस पहली वाली के बारे में क्या बात है?” वह मूर्तिपूजकों पर आयी थी, ना कि मसीहियों पर।85अब ध्यान दीजिए। ओह, उस ने अपना पृथ्वी पर का काम खत्म कर लिया, और उसने अपनी कलीसिया को लिया, और अब वह अपना न्याय भेजता है। जगत ने उसे ठुकरा दिया था, और वह अपना न्याय भेजता है। वह और उसकी कलीसिया महिमा में जा चुके होते हैं।यहून्ना जो कि वहाँ पतमुस टापू पर…पतमुस पर था, जो कि कलीसिया के लिए प्रकाशितवाक्य को कलमबद्ध करनेवाला था, वह उस कलीसिया की प्रतिछाया था जो महिमा में ऊपर उठा ली जाती है, उससे कहा गया था, “यहाँ ऊपर आ जा।” उसे दिखाया जा रहा था….आप कहते हैं, “क्याउसने कलीसिया को दर्शाया था?”हर एक वह व्यक्ति जो इस वचन को सुनता है, यूहन्ना ने उसको दर्शाया था। आमीन! यूहन्ना तो यीशु मसीह के लोहू का प्रतिनिधि और वचन का एक गवाह था। वह पवित्र आत्मा के बपतिस्मे का, मसीह के साथ व्यक्तिगत तौर पर होने वाली संगति का एक गवाह था, और उसने सम्पूर्ण कलीसिया का प्रतिचित्रण किया था; कि हर एक वह पुरूष, और स्त्री, लड़का या लड़की जिसने कभी मसीह पर विश्वास किया और मसीह को ठीक उन्हीं आधारों पर ग्रहण किया, उसे किसी दिन आवाज़ देकर बुलाया जायेगा, “यहाँ ऊपर आ जा।” और वह बड़ी पीड़ा के आने से पहले ही ऊपर उठा लिया जाएगा। याद रखिए, उस बड़ी पीड़ा का समय अभी शुरू नहीं हुआ है।यह वह समय है जब सिंहासन घरा हुआ है। अब यूहन्ना को यह दिखाया जा रहा है, कि उस के बाद क्या क्या होता है जब कलीसियायी काल खत्म हो जाता है। समझे? यह ऐसा ही था।86अब, आप फिर से तीसरे या दूसरे पद पर ध्यान दीजिए, स्वर्ग में एक सिंहासन धरा हुआ है, और उस पर कोई बैठा हुआ है। अब, वह आत्मा जो पृथ्वी पर था, वह पृथ्वी को छोड़कर महिमा में जा चुका था, और बैठा हुआ था…..ठीक वही यीशु जो आज रात्रि अनुग्रह में होकर हमारे संग है महिमा में चला गया था और सिंहासन पर बैठा हुआ था।और जो सिंहासन पर बैठा है, वह यशब और मानिक सा दिखाई पड़ता है, और उसके सिंहासन के चारों ओर मरकत का सा मेघधनुष दिखाई देता है।87मैं समाप्त करने जा रहा हूँ, क्योंकि और दूसरे भई भी हैं जिन्हें प्रचार करना है। हो सकता है, कि मैं इसे ठीक यहीं पर सुबह लो। और अतः देखिए, “वह मरकत का सा दिखाई पड़ता था।” ओह, मेरे खुदा!लगभग सारी जगह ऐसे हैं लोग जलती हैजिनके मन में हरदम लौं(क्या आपको यह पसन्द है?)…पिन्तेकुस्त पर उतरी थी यहीलौ किया उसने उन्हें पाक और साफओह, अब जलती है मेरे मन में भी वहीलौ मुबारक हो उसका नाम!मैं खुश हूँ, मैं कह सकता हूँ, मैं उन में से एक हैं।88प्रभु यीशु के द्वारा यूहन्ना को आवाज़ देकर ऊपर बुलाया गया था; बीते समय में परमेश्वर के द्वारा उससे प्रतिज्ञा की गई थी, कि वह मनुष्य के पुत्र को आते हुए देखा। जब यीशु ने इन बातों को उन से कहा था, तो पतरस, याकूब और यूहन्ना वहीं पर खड़े हुए थे, और यीशु ने कहा था, “यहाँ पर कितने ऐसे खड़े हैं जो तब तक मृत्यु का स्वाद न चखेंगे, जब तक कि वे मनुष्य के पुत्र को आते हुए न देख लें।” उसने यह कभी नहीं कहा था, जो यहाँ “सारे खड़े हुए हैं, पर उसने तो कहा था, ”कितने“। और इसके कुछ दिनों बाद ही वे गये और उन्होंने पुनरूत्थान के क्रम का और प्रभु के आगमन का पूर्वाभ्यास देखा।एलिय्याह ने मेरे हुए पवित्र लोगों को दर्शाया था,….मेरा तात्पर्य है, कि मूसा ने उन्हें दर्शाया था, जिनका पुर्नात्थान होता है। एलिय्याह ने उन्हें दर्शाया था जो बदल जाते हैं। परन्तु स्मरण रखिए, पहले मूसा और फिर उसके बाद एलिय्याह! एलिय्याह को तो अन्तिम दिन का सन्देशवाहक होना था, ताकि वह और उसका समूह पुनरूत्थान में आये; वे आयेंगे….ठीक है, मेरा मतलब है, कि स्वर्ग पर उठाया जाना होगा। मूसा उन को अंदर लेकर आएगा जो मरे हुओं में से जी उठते हैं, और एलिय्याह उन्हें अंदर लेकर आएगा जिन्हें स्वर्ग पर ऊपर उठाया जाता है। और ठीक वहाँ पर उन दोनों को ही दर्शाया गया था।89और कुछ देर तक जब उन्होंने इस देख लिया था, …..जब उन्होंने इसे देख लिया था, तो उसके बाद पतरस बोला, “आओ हम तीन मड़प बनाये।” हम में से कुछ तो व्यवस्था के अधीन हो ले, कुछ एलिय्याह के तहत हो ले, और हम में से कुछ इस ओर हो लें।और जबकि वे यह बोल ही रहे थे, एक शब्द ने आवाज़ देकर कहा, “यह मेरा प्रिय पुत्र है, तुम उसकी सुनो।’ और जब उन्होंने दृष्टि डाली, तो उन्होंने केवल यीशु को ही देखा, हर एक बात उसी एक में जाकर सिमट गई थीं। ओह, और वही ज्योति, सत्य, मार्ग, द्वार, मेघधनुष था।90प्रभु ने चाहा, तो कल हमारे पास एक महान पाठ होगा। कल हम न्यायों (Judgements) को लेगें; हम सारदीन पत्थर को लेंगे, और देखेंगे, कि वह क्या दर्शाता था, वह क्या भूमिका अदा करता था। और हम मानिक तथा और दूसरे पत्थरों का अध्ययन करेंगे; हम इनका यहेजकेल से लेकर पीछे उत्पत्ति से लेकर प्रकाशितवाक्य तक अध्ययन करेंगे, इसका अध्ययन करते हुए इसे बाइबिल के मध्य तक लेकर आयेंगे, और इसे एक साथ समायोजित करेंगे, इस प्रकार हम इन विभिन्न पत्थरों और रंगों तथा ऐसी ही और दूसरी चीजों का अध्ययन करेंगे। और इसके बाद हम इसे ठीक उसी पर फिर से लेकर आयेंगे और देखेंगे, कि क्या वह सही है। समझे? हम देखेंगे, कि क्या यह बिलकुल ठीक वही रंग नहीं है, और ठीक वैसी ही सारी बातें नहीं हैं, क्या यह बिलकुल ठीक वैसी ही बात नहीं है। और ठीक वही पवित्र आत्मा, ठीक वही परमेश्वर ठीक उन्हीं चिन्हों को, ठीक उन्हीं आश्चर्यकर्मो को दिखा रहा है, ठीक उन्हीं कामों को कर रहा है जिनका उसने वायदा किया था….91उसने पतरस, याकूब और यूहन्ना को तथा उनको को जो वहाँ पर खड़े हुए थे, अपने उन सारे चेलों को जो वहाँ पर खड़े हुए थे,बताया था, “तुम में से कितने ऐसे हैं, जो तब तक मृत्यु को न देखेंगे, जब तक कि वे मनुष्य के पुत्र को उसके राज्य में आते हुए न देख लें।”यूहन्ना से कहा था, बोला….पतरस बोला, “तू इसके साथ क्या करने जा रहा है?” वह बोला…“इस मनुष्य का क्या होगा?”वह बोला, “तुझे इससे क्या, यदि वह मेरे आगमन को देखे?” और उसने उसे इसे देखने के लिए जिन्दा रहने दिया। जब उन में से वे शेष बचे हुए मरे चुके थे और गुज़र चुके थे, तो उसके बाद भी यूहन्ना ने प्रभु के आगमन के सामर्थ में आने का पूर्वाभ्यास देखने के लिए जिन्दा रहा, और सारा दृश्य उसके समय से लेकर तब तक के लिए लगा हुआ था जब तक कि न्याय नहीं आ जाता है, जब तक कि सहस्राब्दि नहीं आ जाता है। यूहन्ना ने उसमें से हर एक बात को देखा था, और उसने सहस्रब्दि का समाप्त होना, और राज्य वाले काल का आरम्भ होना देखा था। अतः वह अपना वचन निभाता है, क्या वह नहीं निभाता है?92हम इसे दूसरे पद पर रेखांकित कर लेंगे। प्रभु ने चाहा, तो सुबह हम इसे तीसरे पद से आरम्भ करेंगे।आइये हम अपने सिरों को झुकाएं।मेरे भाई, मेरी बहन, आज रात्रि इस कलीसिया में कितने ऐसे हैं जो यह जानते हैं, कि किसी दिन आपको आवाज़ देकर ऊपर बुलाया जायेगा, चाहे आप इसके तैयार हो या ना हो? चाहे आप तैयार हो या ना हो, आपको परमेश्वर से मुलाकत करने के लिए आवाज़ देकर ऊपर बुलाया जाएगा। तुरही फूकी जायेगी, और जब वह फूकेगी, तो या तो वह आपके दंड़ के लिए होगी,

कि आप वहाँ पर फिर कभी जीवित नहीं रहेंगे, और हो सकता है कि आप शैतान की नरक के गड्ढ़ों में लाखें लाख साल तक सताये जाते रहें, या आपको आवाज़ देकर ऊपर बुलाया जाएगा, ताकि आप ऊँचे पर महिमा से भरे हुए संत लोगों से भेंट करें।93यह बिलकुल वैसे ही सुनिश्चित बात है जैसे परमेश्वर ने अपना वायदा पतरस, याकूब और यूहन्ना के साथ निभाया था; यह बिलकुल ठीक वैसे ही सुनिश्चित है जैसे परमेश्वर ने अपना वायदा यूहन्ना जो कि उसका प्रिय था, जो कि प्रकाशितवाक्य का कलमबद्ध करनेवाला है, के साथ निभाया था; यह तो ठीक वैसे ही सुनिश्चित है जैसे उसने अपना वायदा कलीसियायी कालों के साथ निभाया है; यह सुनिश्चित है, कि उसने इन अंत के दिनों के लिए प्रतिज्ञा की है, कि वह पिछली बारिश को भेजेगा, और ठीक उसी आत्मा को फिर से वापस लेकर आएगा जो यहाँ पृथ्वी पर उस के अंदर था; सांझ के समय में उजियाला होगा, और ठीक उसी सामर्थ, ठीक उन्हीं चिन्हों को दिखायेगा और हर एक वह काम जो उसने अपने दिनों में किये उन्हें फिर से अन्तिम दिन में इस खुले द्वार में दिखायेगा।ये रहा वह! ठीक इस समय हमारे साथ पवित्र आत्मा है, वह यीशु मसीह जो कल, आज, और युगानुयुग एक सा है, हमारे साथ है। आप हैं…वह आपको प्रचार कर रहा है, वह आपको शिक्षा दे रहा है, वह इस बात का प्रयास कर रहा है, कि आप देख लें, कि क्या सही है और क्या गलत है। यह तो स्वयं पवित्र आत्मा ही है जो मानवीय होठों से होकर बोल रहा है, लोगों के बीच काम कर रहा है, और दया और अनुग्रह दिखाने का यत्न कर रहा है।और आप जिन्होंने उसेक अभी तक ग्रहण नहीं किया है, क्या आप नव-वर्ष की इस पूर्व संध्या पर अपने हाथ परमेश्वर की ओर उठाना चाहेंगे और यह कहना चाहेंगे, “परमेश्वर, होने पाये मैं ठीक उसी सामर्थ को हासिल करूँ जो सामर्थ यूहन्नापर थी, जो कि प्रकाशितवाक्य को कलमबद्ध करने वाला था, कि जब मुझे ऊपर आवाज़ देकर बुलाया जाता है, कि मैं आपके सम्मुख हाज़िर होऊँ, तो मैं वैसे ही शान्ति में रहूँ जैसे वह शान्ति में था” ? अपना हाथ ऊपर उठायें। परमेश्वर आपको आशीष दे। परमेश्वर आपको आशीष दे। गिरजे में सभी जगह हाथ ऊपर उठे हुए हैं। परमेश्वर आपको आशीष दे।“ होने पाये कि जब मुझे आवाज़ देकर बुलाया जाता है, तो मैं उत्तर देने के लिए तैयार रहूँ।”94हमारे स्वर्गीय पिता, जैसा कि यह नव-वर्ष की पूर्व संध्या है, अब से लगभग दो घन्टे के बाद यह साल खत्म हो जाएगा, और फिर एक नया साल होगा। जो कुछ इस साल हमने किया, वह तो हमने किया ही है…और बहुत से काम मैं ने ऐसे किये जिनके लिए मैं खुद अपने आप पर शर्मिन्दा हूँ; प्रभु, मैं उनके लिए प्रायश्चित करता हूँ।और बहुत से ऐसे काम हैं जो मैंने किये हैं जिन्हें मेरे कई भाई-बंधुओं ने नहीं समझा। मेरे बहुत से भाई जो प्रचार कार्य के क्षेत्र में हैं, वे नहीं समझते हैं, कि मैंने उन्हें क्यों किया। लेकिन पिता, मैंने उन्हें इसीलिए किया, क्योंकि उन्हें करने के लिए मेरी अगुवाई की गई थी। पिता, मैं प्रार्थना करता हूँ, कि आप मुझे उस अगुवाई के कारण कभी भी शर्मिन्दा नहीं होने देंगे। प्रभु, पर आप मेरी अगुवाई करें, कि मैं वैसा ही करता रहूँ जैसा करने के लिए मेरी अगुवाई होती है। परमेश्वर, मेरी सहायता कीजिए, क्योंकि मैं आपकी इच्छा जानने के लिए सत्यनिष्ठापूर्वक ढूंढढांड़ करता हूँ, ताकि मैं जगत के लोगों के लिए जीवन की रोटी लाने के लिए इसे करूँ(जैसाकि आपने मुझे कई साल पहले दिखाया था जब मैं इस गिरजे को छोड़कर गया था)…और मैंने रोटी के उस बड़े पहाड़ को देखा था, और देखा था पृथ्वी पर से सभी जगह से श्वेत वस्त्र पहने हुए पवित्र लोग जीवन की उस रोटी को खाने के लिए आ रहे थे। हे परमेश्वर, ऐसा होने दे…हे परमेश्वर, ऐसा होने दे, कि मैं लोगों को जीवन की रोटी खिलाने से कभी भी न चूकें।95अब आप इन भूखे प्राणों को जो यहाँ पर हैं, जिन्होंने अपने हाथों को ऊपर उठाया था, आशीष दीजिए। वे और भी ज्यादा जीवन के लिए अनुनय कर रहे हैं। प्रभु, मैं प्रार्थना करता हूँ, कि आप उन में से हर एक को पवित्र आत्मा से भर दें। परमेश्वर, यह प्रदान कीजिए। उन्हें आशीर्षे दीजिए। सब जगह हमारे भाइयों की सहायता कीजिए।हमारे इन प्रचारक भाइयों को आशीष दीजिए, जो अब फिर से ऊपर आने के तैयारी कर रहे हैं, जो अब कुछ ही मिनटों में ऊपर आयेंगे, तथा उन दूसरों को भी आशीष दें, जो बोलेंगे। पिता, हम प्रार्थना करते हैं, कि वे आज रात हमें जीवन की रोटी दें, जब कि हम सत्यनिष्ठापूर्वक तथा ध्यानपूर्वक शब्द की आवाज़ सुनते हैं। यह प्रदान कीजिए।हमें आशीष दीजिए। और प्रभु, होने पाये, कि यह नया साल नई आशाओं को लेकर आये, यह नये विचारों को, नये प्रकाशनों को, नई समार्थ को, ओह, सब कुछ नया लेकर आ रहा हों। प्रभु, होने पाये, कि यह हमें आपकी आशीषे तथा प्रतिज्ञाएँ एक नये सिरे से फिर से प्रदान करे। हम अपनी प्रार्थाना के साथ खुद अपने को आपके हाथों में अर्पित करते हैं। हम यह यीशु मसीह के नाम में माँगते हैं। आमीन।मेरे भाइयों, बहनों, आपका धन्यवाद! धन्यवाद!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights